तरनतारन के सिटी थाना के इलाके गोकलपुरा मोहल्ले में नशे की ओवरडोज लिए जाने से 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान मनमोहन सिंह उर्फ मनी के रुप में हुई है। बताया जाता है कि नशे का टीका लगाते ही उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, मनी के माता पिता की कई साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी थी। वह अपनी 80 वर्षीय नानी सोमावती के पास रहता था। मजदूरी करता था और जैसे तैसे घर का खर्चा चलता था। मृतक युवक की नानी सोमावती ने बताया कि उसका दोहता मनमोहन सिंह पहले नशा नहीं करता था। कुछ साल पहले ही वह नशे की दलदल में ऐसा फंसा कि उससे बाहर नहीं निकल सका। इसके लिए उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन आखिर मनमोहन सिंह नशे में फंस चुके बाकी युवकों की तरह अपनी जीवनलीला खो बैठा। सोमावती और उसके रिश्तेदारों ने कहा कि उनके इलाके और आसपास के इलाकों में नशा धड़ल्ले से बिकता है। पुलिस कारवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता कर रही है। नशा बेचने वालों के साथ उनके हाथ मिले हुए है। बता दें कि 19 जून को कोट सीवियां के रहने वाले नौजवान हरजीत सिंह (28) की ओवरडोज के कारण मौत हो गई थी। जिसका शव गांव छापा की झाड़ियों में पड़ा मिला था। तरनतारन के सिटी थाना के इलाके गोकलपुरा मोहल्ले में नशे की ओवरडोज लिए जाने से 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान मनमोहन सिंह उर्फ मनी के रुप में हुई है। बताया जाता है कि नशे का टीका लगाते ही उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, मनी के माता पिता की कई साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी थी। वह अपनी 80 वर्षीय नानी सोमावती के पास रहता था। मजदूरी करता था और जैसे तैसे घर का खर्चा चलता था। मृतक युवक की नानी सोमावती ने बताया कि उसका दोहता मनमोहन सिंह पहले नशा नहीं करता था। कुछ साल पहले ही वह नशे की दलदल में ऐसा फंसा कि उससे बाहर नहीं निकल सका। इसके लिए उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन आखिर मनमोहन सिंह नशे में फंस चुके बाकी युवकों की तरह अपनी जीवनलीला खो बैठा। सोमावती और उसके रिश्तेदारों ने कहा कि उनके इलाके और आसपास के इलाकों में नशा धड़ल्ले से बिकता है। पुलिस कारवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता कर रही है। नशा बेचने वालों के साथ उनके हाथ मिले हुए है। बता दें कि 19 जून को कोट सीवियां के रहने वाले नौजवान हरजीत सिंह (28) की ओवरडोज के कारण मौत हो गई थी। जिसका शव गांव छापा की झाड़ियों में पड़ा मिला था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पर्ल ग्रुप के मालिक का दिल्ली में निधन:पंजाब का रहने वाला, 45 हजार करोड़ घोटाले का मास्टरमाइंड; कभी साइकिल पर दूध बेचता था
पर्ल ग्रुप के मालिक का दिल्ली में निधन:पंजाब का रहने वाला, 45 हजार करोड़ घोटाले का मास्टरमाइंड; कभी साइकिल पर दूध बेचता था पंजाब के रहने वाले पर्ल ग्रुप के मालिक व 45 हजार करोड़ घोटाले के मास्टरमाइंड निर्मल सिंह भंगू का रविवार रात दिल्ली में निधन हो गया। उसे जनवरी 2016 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था। रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में लाया गया। शाम 7.50 बजे उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भंगू पर आरोप था कि उसने पोंजी स्कीम्स से करोड़ों का साम्राज्य इकट्ठा किया। भंगू ने 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को ऐसी स्कीम्स में फंसा कर हजारों करोड़ रुपए इकट्ठा किए और उसे विदेश में इन्वेस्ट कर दिया। जांच शुरू हुई तो जनवरी 2016 को CBI ने निर्मल सिंह को पकड़ लिया। इसके बाद जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी की। पर्ल्स ग्रुप का मालिक निर्मल सिंह भंगू पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला था। बताया जाता है कि वह जवानी के दिनों में अपने भाई के साथ साइकिल से दूध बेचता था। इसी दौरान उसने पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन भी की। 1980 में खोली खुद की कंपनी 70 के दशक में भंगू नौकरी की तलाश में कोलकाता चला गया। जहां उसने एक फेमस इन्वेस्टमेंट कंपनी पियरलेस में कुछ साल काम किया। उसके बाद इन्वेस्टर्स से करोड़ों की ठगी करने वाली हरियाणा की कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करने लगा। इस कंपनी के बंद होने के बाद वह बेरोजगार हो गया। इसी कंपनी के काम करने के आइडिया के तहत उसने 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी भी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड की तर्ज पर लोगों से सागौन जैसे पेड़ों के प्लांटेशन पर इन्वेस्टमेंट करा कुछ वक्त बाद अच्छा मुनाफा लौटाने का वादा करती थी। 1996 तक कंपनी ने करोड़ों रुपए जुटा लिए। इनकम टैक्स और दूसरी जांच के चलते कंपनी को बंद कर दिया गया। विदेश में बनाया अपना साम्राज्य इसके बाद उसने पंजाब के बरनाला से एक नई कंपनी पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) की शुरुआत की। ये एक चेन सिस्टम स्कीम्स थी। कंपनी के दिए बड़े मुनाफे के दावों और वादों के लालच में करीब पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसमें पैसा लगा दिया। इसके तहत लोगों से हर महीने मामूली रकम जमा करवाई जाती थी। लोगों से जुटाई गई छोटी-छोटी रकम से उसने देश ही नहीं विदेश में पर्ल्स ग्रुप का एम्पायर खड़ा कर लिया। करोड़ों रुपए को भंगू ने अलग-अलग तरह के कई कारोबार में इन्वेस्ट किया। जब वादे के मुताबिक इन्वेस्टर्स को उनका लगाया पैसा नहीं लौटाया गया तो कंपनी के खिलाफ लोगों शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी। सीएम मान ने प्रॉपर्टी सीज करवानी शुरू की मई 2023 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल ग्रुप की प्रॉपर्टी को सीज कर इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने का वादा किया था। जिसके बाद पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी को सीज करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।