लखनऊ में फिर टूटेंगे 500 मकान:अकबरनगर के बाद अबरारनगर में चलेगा बुलडोजर; LDA ने दिया 3 दिन का अल्टीमेटम

लखनऊ में फिर टूटेंगे 500 मकान:अकबरनगर के बाद अबरारनगर में चलेगा बुलडोजर; LDA ने दिया 3 दिन का अल्टीमेटम

लखनऊ में अकबरनगर की तरह अब अबरारनगर में बने करीब 500 अवैध मकानों को तोड़ने की तैयारी की जा चुकी है। LDA की टीम ने प्लानिंग कर ली है। यहां रहने वालों को तीन दिन में मकान खाली करने का अल्टीमेटम भी दे दिया गया है। LDA का कहना है कि ये मकान कुकरैल नदी एरिया में अवैध तरीके से बनाए गए हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम वहां की हकीकत जानने पहुंची। शनिवार शाम करीब 4 बजे अबरारनगर की गलियों में कुछ बच्चे खेलते दिखे। लेकिन जैसे ही उन्होंने कैमरा और माइक देखा, अपने-अपने घरों की तरफ जाने लगे। करीब 20 मिनट तक पैदल चलने के बाद कुछ लोग बैठे दिखाई दिए। वे बात करने के लिए तैयार तो हुए लेकिन कैमरा बंद करने का आग्रह किया। उनकी दलील थी कि हम मीडिया में दिखेंगे तो सबसे पहले हमारे मकान गिराए जाएंगे। अकबरनगर में भी जो लोग ज्यादा मुखर थे, प्रशासन ने पहले उन्हीं के घरों पर बुलडोजर चलाया। सबसे पहले अबरारनगर को जानते हैं…
खुर्रमनगर से कुकरैल की तरफ जाने सड़क पर 50 मीटर बाद ही अबरारनगर इलाका शुरू हो जाता है। यहां नदी (जिसे अभी नाला कहा जाता है) की चौड़ाई 40 फीट से भी कम है। इसी के दोनों तरफ मकान बना लिए गए हैं। यहीं बीच से एक नाला भी गुजरता पर जिस पर अतिक्रमण करके कई मकान बने हैं। नाले के बाईं तरफ करीब 1500 मीटर तक 50 मीटर की चौड़ाई में करीब 350 से ज्यादा मकान हैं, जिनका टूटना तय है। जबकि दाईं तरफ भी 1500 मकान बनाए गए हैं। उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। नदी के किनारे कई नए मकान भी बने हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। तीन करोड़ तक की लागत से बने हैं मकान स्थानीय लोगों ने दैनिक भास्कर को बताया- कई मकान ऐसे हैं, जिन्हें बनाने में 50 लाख से लेकर 3 करोड़ रुपए तक का खर्च हुए हैं। कुछ मकान 40 से 50 साल पुराने हैं। यहां रहने वाली एक महिला सरकार से बेहद नाराज दिखीं। नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने कहा कि सरकार के लोग हमारी तरह गरीब होते तो मकान टूटने का दर्द समझते? अबरारनगर में हाईकोर्ट के वकील-रिटायर्ड जज भी रहते हैं
स्थानीय निवासी बिलाल बताते हैं कि यहां रहने वालों में हाईकोर्ट के वकील और कई रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस और कई PCS अधिकारियों ने भी यहां मकान बना रखा है। बहुत से लोगों के पास जमीन रजिस्ट्री के कागजात हैं। लोगों ने बताया कि LDA की टीम ने यहां आकर महज 3 दिन में घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। हालांकि, अभी तक किसी को नोटिस भी नहीं मिला है। लोगों को नोटिस का इंतजार है। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई पर विचार करेंगे। लोगों का कहना है कि हम चुप नहीं बैठेंगे और हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात करेंगे। 3 मस्जिद और एक मदरसा टूटेगा
यहां पर भी 3 मस्जिद और एक मदरसा बना है। उसके अलावा करीब 200 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी जमीन और निर्माण की कीमत जोड़ी जाए तो वह कम से कम 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है। LDA की टीम सर्वे करने पहुंची थी 20 जून को यहां LDA की टीम सर्वे करने पहुंची थी। अबरारनगर सहित पंतनगर में 500 से ज्यादा घरों को गिराए जाने की बात सामने आई। जब LDA की टीम पहुंची तो लोगों की भीड़ जमा हो गई और इसकी वजह से LDA ​​​​​​ अधिकारियों को बिना कुछ किए वापस लौटना पड़ा। वहीं LDA ​​​​​​ अधिकारियों का दावा है कि पूरे इलाके का सर्वे हो चुका है। कौन सा हिस्सा गिरेगा? इसकी भी प्लानिंग कर ली गई है। पूरे इलाके में ड्रोन शूट पहले ही कराया जा चुका है। जानें कैसी है अबरार नगर की बसावट
अबरार नगर में करीब 800 से ज्यादा मकान हैं। जिन घरों को गिराया जाना है, उनमें 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी लागत और प्रापर्टी की कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि यहां भी ज्यादातर मकान कुकरैल नदी की जमीन पर बने हैं। हालांकि कई मकान दो से तीन दशक पुराने हैं। मौजूदा समय यहां जमीन का रेट 5000 हजार रुपए वर्ग फीट से ज्यादा है। लखनऊ में अकबरनगर की तरह अब अबरारनगर में बने करीब 500 अवैध मकानों को तोड़ने की तैयारी की जा चुकी है। LDA की टीम ने प्लानिंग कर ली है। यहां रहने वालों को तीन दिन में मकान खाली करने का अल्टीमेटम भी दे दिया गया है। LDA का कहना है कि ये मकान कुकरैल नदी एरिया में अवैध तरीके से बनाए गए हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम वहां की हकीकत जानने पहुंची। शनिवार शाम करीब 4 बजे अबरारनगर की गलियों में कुछ बच्चे खेलते दिखे। लेकिन जैसे ही उन्होंने कैमरा और माइक देखा, अपने-अपने घरों की तरफ जाने लगे। करीब 20 मिनट तक पैदल चलने के बाद कुछ लोग बैठे दिखाई दिए। वे बात करने के लिए तैयार तो हुए लेकिन कैमरा बंद करने का आग्रह किया। उनकी दलील थी कि हम मीडिया में दिखेंगे तो सबसे पहले हमारे मकान गिराए जाएंगे। अकबरनगर में भी जो लोग ज्यादा मुखर थे, प्रशासन ने पहले उन्हीं के घरों पर बुलडोजर चलाया। सबसे पहले अबरारनगर को जानते हैं…
खुर्रमनगर से कुकरैल की तरफ जाने सड़क पर 50 मीटर बाद ही अबरारनगर इलाका शुरू हो जाता है। यहां नदी (जिसे अभी नाला कहा जाता है) की चौड़ाई 40 फीट से भी कम है। इसी के दोनों तरफ मकान बना लिए गए हैं। यहीं बीच से एक नाला भी गुजरता पर जिस पर अतिक्रमण करके कई मकान बने हैं। नाले के बाईं तरफ करीब 1500 मीटर तक 50 मीटर की चौड़ाई में करीब 350 से ज्यादा मकान हैं, जिनका टूटना तय है। जबकि दाईं तरफ भी 1500 मकान बनाए गए हैं। उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। नदी के किनारे कई नए मकान भी बने हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। तीन करोड़ तक की लागत से बने हैं मकान स्थानीय लोगों ने दैनिक भास्कर को बताया- कई मकान ऐसे हैं, जिन्हें बनाने में 50 लाख से लेकर 3 करोड़ रुपए तक का खर्च हुए हैं। कुछ मकान 40 से 50 साल पुराने हैं। यहां रहने वाली एक महिला सरकार से बेहद नाराज दिखीं। नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने कहा कि सरकार के लोग हमारी तरह गरीब होते तो मकान टूटने का दर्द समझते? अबरारनगर में हाईकोर्ट के वकील-रिटायर्ड जज भी रहते हैं
स्थानीय निवासी बिलाल बताते हैं कि यहां रहने वालों में हाईकोर्ट के वकील और कई रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस और कई PCS अधिकारियों ने भी यहां मकान बना रखा है। बहुत से लोगों के पास जमीन रजिस्ट्री के कागजात हैं। लोगों ने बताया कि LDA की टीम ने यहां आकर महज 3 दिन में घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। हालांकि, अभी तक किसी को नोटिस भी नहीं मिला है। लोगों को नोटिस का इंतजार है। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई पर विचार करेंगे। लोगों का कहना है कि हम चुप नहीं बैठेंगे और हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात करेंगे। 3 मस्जिद और एक मदरसा टूटेगा
यहां पर भी 3 मस्जिद और एक मदरसा बना है। उसके अलावा करीब 200 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी जमीन और निर्माण की कीमत जोड़ी जाए तो वह कम से कम 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है। LDA की टीम सर्वे करने पहुंची थी 20 जून को यहां LDA की टीम सर्वे करने पहुंची थी। अबरारनगर सहित पंतनगर में 500 से ज्यादा घरों को गिराए जाने की बात सामने आई। जब LDA की टीम पहुंची तो लोगों की भीड़ जमा हो गई और इसकी वजह से LDA ​​​​​​ अधिकारियों को बिना कुछ किए वापस लौटना पड़ा। वहीं LDA ​​​​​​ अधिकारियों का दावा है कि पूरे इलाके का सर्वे हो चुका है। कौन सा हिस्सा गिरेगा? इसकी भी प्लानिंग कर ली गई है। पूरे इलाके में ड्रोन शूट पहले ही कराया जा चुका है। जानें कैसी है अबरार नगर की बसावट
अबरार नगर में करीब 800 से ज्यादा मकान हैं। जिन घरों को गिराया जाना है, उनमें 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी लागत और प्रापर्टी की कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि यहां भी ज्यादातर मकान कुकरैल नदी की जमीन पर बने हैं। हालांकि कई मकान दो से तीन दशक पुराने हैं। मौजूदा समय यहां जमीन का रेट 5000 हजार रुपए वर्ग फीट से ज्यादा है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर