हाल ही में नूंह जिले के मेवली गांव में एक पुलिस इंस्पेक्टर राधे श्याम की अगुवाई में गांव की महिला के घर में घुसकर अन्य पुलिस कर्मियों की कथित बर्बरता करने के आरोप का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। नूंह विधायक आफताब अहमद ने मामले में पुलिस कप्तान नूंह, आईजी रेवाड़ी और डीजीपी हरियाणा से बैठक व बात कर आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कहा है। पीड़ित परिवार ने विधायक से लगाई गुहार स्थानीय ग्रामीणों और पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस इंस्पेक्टर ने बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के अन्य पुलिस कर्मियों संग एक महिला के घर में घुसकर उनसे मारपीट कर थाने ले गए। महिला को जेल अधिकारियों ने उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा। जिससे आरोप लग रहा है कि पुलिस ने पीड़िता संग बर्बरता की है। इलाके में इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन के प्रति रोष है। पीड़ित परिवार ने शनिवार को स्थानीय नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। कांग्रेस विधायक ने रेंज आईजी से की बात जिसके बाद कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने रेवाड़ी रेंज आईजी से बात कर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग व दोषी पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा है। रविवार सुबह विधायक आफताब अहमद ने नूंह पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारणिया आईपीएस से मिलकर इस मामले में आरोपी के खिलाफ कड़ी करवाई करने के लिए कहा है। पुलिस कप्तान से इस इंस्पेक्टर के पुराने मामलों को भी खोल कर रखा गया है जिसमें मेवली के अलावा तावडू के धुलावट निवासी खूबी पुत्र रफीक ने भी राधे श्याम के खिलाफ रिश्वत ना देने पर बर्बरता करने का आरोप लगाया है। विधायक आफताब अहमद से मुलाकात के बाद पुलिस कप्तान ने अतिरिक्त पुलिस कप्तान की अध्यक्षता में 5 दिन के अंदर जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल विधायक आफताब अहमद ने कहा कि इस तरह की बर्बरता करने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी क़ानूनी करवाई अमल में लाई जाय, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती फिर चाहे वो पुलिस हो या शरारती तत्व। विधायक आफताब अहमद ने हाल ही में नूंह जिले में पुलिस की मौजूदगी में गौ रक्षकों व संदिग्ध तस्करों के बीच गोलीबारी के मामले को उठाकर पुलिस की विफलता पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि जिले से बाहर के लोग जिले में आकर गोलीबारी कर इलाके के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं और पुलिस विफल साबित हो रही है। डीजीपी ने दिया आश्वासन डीजीपी हरियाणा पुलिस ने भी विधायक आफताब अहमद को आश्वासन दिया है कि जांच कर कानूनी कार्रवाई तुरंत अमल में लाई जाएगी और मामले में पूर्ण न्याय किया जाएगा। पुलिस कप्तान संग बैठक के बाद विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मामले में न्याय दिलाया जाएगा और जो भी जरूरी होगा संघर्ष किया जाएगा, पूर्ण न्याय नहीं मिला तो मामला चंडीगढ़ में भी उठाया जायगा। विधायक ने कहा कि बीजेपी राज में पुलिस बर्बरता चर्म पर है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़ित को न्याय और आरोपी को सजा मिले। हाल ही में नूंह जिले के मेवली गांव में एक पुलिस इंस्पेक्टर राधे श्याम की अगुवाई में गांव की महिला के घर में घुसकर अन्य पुलिस कर्मियों की कथित बर्बरता करने के आरोप का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। नूंह विधायक आफताब अहमद ने मामले में पुलिस कप्तान नूंह, आईजी रेवाड़ी और डीजीपी हरियाणा से बैठक व बात कर आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कहा है। पीड़ित परिवार ने विधायक से लगाई गुहार स्थानीय ग्रामीणों और पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस इंस्पेक्टर ने बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के अन्य पुलिस कर्मियों संग एक महिला के घर में घुसकर उनसे मारपीट कर थाने ले गए। महिला को जेल अधिकारियों ने उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा। जिससे आरोप लग रहा है कि पुलिस ने पीड़िता संग बर्बरता की है। इलाके में इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन के प्रति रोष है। पीड़ित परिवार ने शनिवार को स्थानीय नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। कांग्रेस विधायक ने रेंज आईजी से की बात जिसके बाद कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने रेवाड़ी रेंज आईजी से बात कर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग व दोषी पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा है। रविवार सुबह विधायक आफताब अहमद ने नूंह पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारणिया आईपीएस से मिलकर इस मामले में आरोपी के खिलाफ कड़ी करवाई करने के लिए कहा है। पुलिस कप्तान से इस इंस्पेक्टर के पुराने मामलों को भी खोल कर रखा गया है जिसमें मेवली के अलावा तावडू के धुलावट निवासी खूबी पुत्र रफीक ने भी राधे श्याम के खिलाफ रिश्वत ना देने पर बर्बरता करने का आरोप लगाया है। विधायक आफताब अहमद से मुलाकात के बाद पुलिस कप्तान ने अतिरिक्त पुलिस कप्तान की अध्यक्षता में 5 दिन के अंदर जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल विधायक आफताब अहमद ने कहा कि इस तरह की बर्बरता करने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी क़ानूनी करवाई अमल में लाई जाय, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती फिर चाहे वो पुलिस हो या शरारती तत्व। विधायक आफताब अहमद ने हाल ही में नूंह जिले में पुलिस की मौजूदगी में गौ रक्षकों व संदिग्ध तस्करों के बीच गोलीबारी के मामले को उठाकर पुलिस की विफलता पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि जिले से बाहर के लोग जिले में आकर गोलीबारी कर इलाके के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं और पुलिस विफल साबित हो रही है। डीजीपी ने दिया आश्वासन डीजीपी हरियाणा पुलिस ने भी विधायक आफताब अहमद को आश्वासन दिया है कि जांच कर कानूनी कार्रवाई तुरंत अमल में लाई जाएगी और मामले में पूर्ण न्याय किया जाएगा। पुलिस कप्तान संग बैठक के बाद विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मामले में न्याय दिलाया जाएगा और जो भी जरूरी होगा संघर्ष किया जाएगा, पूर्ण न्याय नहीं मिला तो मामला चंडीगढ़ में भी उठाया जायगा। विधायक ने कहा कि बीजेपी राज में पुलिस बर्बरता चर्म पर है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़ित को न्याय और आरोपी को सजा मिले। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में पुरानी टीम के साथ मनोहर लाल हुए एक्टिव:बिना संगठन कैसे होगी सुमिता सिंह की नैया पार, गुटबाजी से भीतरघात का खतारा हरियाणा में करनाल विधानसभा चुनाव में एक बार पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर एक्टिव हो चुके है। ऐसे मे कांग्रेस प्रत्याशी सुमिता सिंह अब राह आसान नहीं है। क्योंकि पूर्व सीएम मनोहर लाल अब पूरे संगठन व पुरानी टीम के साथ करनाल विधासभा चुनाव में जगमोहन आनंद के प्रचार में उतर चुके है। वहीं अगर हम बात करे तो कांग्रेस पिछले 10 साल से अपना संगठन भी नहीं बना पाई है। करनाल कांग्रेस में कोई हुड्डा गुट से है तो कोई सैलजा-सुरजेवाला गुट से। टीम भी बिखरी पड़ी है। ऐसे में बिना संगठन सुमिता सिंह की नैया कैसे पार होगी? यह अपने आप में बड़ा सवाल है। दूसरी ओर, बीजेपी मजबूत संगठन के सहारे मैदान में है। बीजेपी पन्ना प्रमुख तक उतार चुकी है। भीतरघात का भी कांग्रेस को खतरा करनाल की राजनीति में अच्छी समझ रखने वाले DAV कॉलेज के प्राचार्य आर.पी सैनी की मांने तो इस बार सिर्फ संगठन ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भीतरघात का शिकार भी होती नजर आ रही है। क्योंकि कई कांग्रेस के नेता मंचों पर तो दिख रहे है, लेकिन उनके मन में आज भी टिकट कटने की टिस है। अंदरूनी कलह कांग्रेस की प्रत्याशी के लिए बड़ी चुनौती है। इसके अतिरिक्त संगठन को लेकर कांग्रेस गंभीर भी नहीं दिख रही। चुनाव प्रचार के दौरान संगठन एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है। पंजाबी वोटर का दबदबा करनाल विधानसभा की अगर हम बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा वोटर पंजाबी समाज से आते है, उसके बाद वैश्य समाज फिर जाट और जट सिख है। सैनी का मानना है कि पूर्व विधायक सुमिता सिंह लंबे समय तक लोगों के बीच से गायब रही, लेकिन चुनावों से पहले एक्टिव हो गई। जिससे लोगों में भी नाराजगी जरूर दिखी। कांग्रेस की नजर पंजाबी वोटर पर है और पंजाबी वोटर साधने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास में जुटी हुई है। दूसरी ओर, बीजेपी के करनाल सांसद एवं कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल भी एक्टिव हो चुके है, हालांकि पिछले दिनों पंजाबी समाज ने कांग्रेस का समर्थन करने का ऐलान किया था, लेकिन मनोहर लाल पंजाबी तबके को अपने पक्ष में करने में जुटे हुए है। कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मुश्किलें बढ़ रही है। करनाल में बीजेपी के पूर्व सीएम एक्टिव है, जबकि कांग्रेस की तरफ से ऐसा कोई चेहरा नजर नहीं आ रहा कि वह पंजाबी वोटर को साध सके। तरलोचन सिंह भी मैदान में नजर तो आ रहे है, लेकिन अंदर से इनको भी टिकट कटने का दर्द है। पूर्व मेयर को मानने में कायब रही भाजपा सैनी ने कहा कि दूसरी ओर, बीजेपी पूर्व मेयर को मनाने में भी कामयाब हो चुकी है और उनके पति बृज गुप्ता को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त करके राजनीति पैतरा फेंका है। इससे मेयर की नाराजगी तो दूर हुई, साथ ही उन्होंने भी बीजेपी को मजबूत करने के लिए प्रचार शुरू कर दिया। बीजेपी कांग्रेस को घेरने के लिए लगी हुई है। जिन पार्षदों ने अपने कार्यकाल में काम नहीं करवाए, और वे अब बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में जा रहे है, ऐसे पार्षदों से भी करनाल की जनता नाराज दिख रही है। ऐसे में दस साल से प्रदेश में कांग्रेस अपना संगठन नहीं बना पाई। दूसरा, पार्टी अलग-अलग धड़ों में बंटी है और गुटबाजी हावी है और तीसरा दिग्गज नेताओं के एक-दूसरे के क्षेत्र में मदद करने की संभावना कम नजर आ रही है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनावी राह आसान नहीं है और यह 8 अक्तूबर को पता चलेगा कि लोग किसके पक्ष में वोट करते है।
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