यूपी की RO/ARO परीक्षा लीक मामले की दो कहानी हैं। पहली यह कि भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ। दूसरी यह कि प्रयागराज के बिशप जानसन स्कूल से आउट हुआ। दोनों का कनेक्शन राजीव नयन मिश्रा से है। इसमें शामिल सारे किरदार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। लेकिन 3 किरदार ऐसे हैं, जो चर्चा में नहीं हैं। उन्हें एक दिन पहले ही पेपर मिल गया था। इन तीन में एक राजीव नयन की प्रेमिका सुष्मिता और दो दोस्त शामिल हैं। इन तीनों को ही परीक्षा से एक दिन पहले पेपर मिल गया था। दैनिक भास्कर ने RO/ARO परीक्षा मामले की पूरी पड़ताल की। इसमें प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करवाने, होटल में रटवाने, वसूली करने और पकड़े जाने की पूरी कहानी है। पढ़िए पूरी पड़ताल… परीक्षा से 8 दिन पहले ही पेपर मिल गया
यूपी की RO/ARO परीक्षा का पेपर भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस में छपना था। यहां मैकेनिकल इंजीनियर सुनील रघुवंशी काम करता था। RO/ARO परीक्षा लीक के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा के दोस्त विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी 2014 से 2017 तक एक साथ पढ़े और अच्छे दोस्त भी थे। सुनील के प्रिंटिंग प्रेस मे काम करने की बात विशाल ने राजीव नयन मिश्रा को बताई। राजीव ने विशाल को सुनील से और अधिक दोस्ती बढ़ाने को कहा। साथ ही यूपी की किसी प्रतियोगी परीक्षा के पेपर छपने की जानकारी देने को कहा। जैसे ही RO/ARO का पेपर वहां छ्पने के लिए आया तो सुनील ने विशाल और फिर विशाल ने राजीव नयन को बता दिया। इन सब में इनका तीसरा साथी सुभाष प्रकाश भी शामिल था। सुनील 10 लाख रूपए के लालच में प्रिंटिंग प्रेस से पेपर बाहर निकालने को राजी हो गया। 11 फरवरी को RO/ARO की परीक्षा होनी थी। 3 फरवरी को सुनील प्रिंटिंग प्रेस के एक पार्ट की रिपेयरिंग करवाने के लिए बाहर निकला। इसी में एक पेपर छिपा लिया। पेपर मिलने की सूचना सुनील ने विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश को दी। 8 फरवरी को चारों भोपाल के कोमल होटल में मिले। यहां राजीव नयन द्वारा भेजे 8 अभ्यर्थियों को पेपर रटाया गया। इन अभ्यर्थियों से 12-12 लाख में डील की गई थी। 10 लाख में लेकर 20 लाख में डील की
सुनील रघुवंशी की विशाल से पेपर की डील 10 लाख रुपए में तय हुई थी। लेकिन शर्त थी कि पेपर किसी को भेजा नहीं जाएगा। कैंडिडेट को होटल में ही आकर रटना होगा। पहले तो विशाल और सुभाष इस पर तैयार थे, लेकिन पेपर मिलते ही सुभाष ने इसे राजीव नयन मिश्रा को वॉट्सऐप पर भेज दिया। इधर पेपर मिलने के बाद राजीव ने अपने हैंडलर को इसे भेजना शुरू किया। उसने 10 फरवरी की शाम 4 बजे 6 लोगों को पेपर भेजा। सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड सुष्मिता को भेजा। इसके बाद जालौन के अपने साथी केसी गुप्ता, लखनऊ के साथी शैलेंद्र यादव, प्रयागराज के संजय कुशवाहा, सीमा और अपने साथी डॉ शरद पटेल को भेजा। इसके बाद शरद पटेल ने अपने हैंडलर और कैंडिडेट्स को भेजना शुरू किया। राजीव ने अपने हॉस्पिटल में पेपर पढ़वाए
अब हम फिर से राजीव पर लौटते हैं। प्रयागराज के मेजा में राजीव का आरोग्यम हॉस्पिटल है। यहां भी 10 फरवरी की रात करीब 50 अभ्यर्थियों को अलग-अलग समय पर पेपर रटवाया गया। इसमें आधे अभ्यर्थी राजीव से जुड़े थे और आधे लखनऊ में रहने वाले डॉ शरद पटेल और प्रयागराज कोचिंग सेंटर चलाने वाले अमित सिंह से जुड़े थे। इन सभी अभ्यर्थियों से एडवांस में 1 से 3 लाख रुपए लिए गए थे। हर कैंडिडेट से 20 लाख रुपए में डील तय हुई थी। राजीव अपने भरोसेमंद लोगों को ही पेपर भेज रहा था। पैसे की डील तो वह खुद करता था, लेकिन पैसे लेने कैसे हैं और उसका हिसाब कैसे रखना है यह सब कुछ राजीव की दूसरी गर्लफ्रेंड शिवानी देखती थी। शिवानी भोपाल में ही रहती है। एसटीएफ दोनों ही प्रेमिकाओं तक पहुंचने की कड़ियां जोड़ रही है। प्रयागराज से भोपाल तक, कैसे पुलिस ने जोड़ी कड़ियां
11 फरवरी को परीक्षा हुई। परीक्षा से आधे घंटे पहले ही पेपर वाट्सऐप और टेलीग्राम पर वायरल हो गया। लोक सेवा आयोग ने पहले परीक्षा पारदर्शिता के साथ पूरा करवाने की बात कही, लेकिन जैसे ही स्क्रीनशॉट और वीडियो वायरल हुए पुलिस और एसटीएफ एक्टिव हो गई। 15 फरवरी को इस परीक्षा से जुड़ा पहला मामला कौशांबी के मंझनपुर थाने में दर्ज हुआ। कौशांबी क्राइम ब्रांच ने यहां आयुष पांडेय, नवीन सिंह और पुनीत को गिरफ्तार किया। ये सभी RO/ARO परीक्षा में धांधली करने के आरोपी थे। इनके पास से 8.84 लाख रुपए और कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए। इन तीनों ने पूछताछ में बताया कि वह एक ऐसे गिरोह का हिस्सा हैं जो परीक्षाओं में गड़बड़ी करता है। उन्हें पेपर लखनऊ में रहने वाले यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह से मिला था। अरुण मूल रूप से प्रतापगढ़ के अंतू का रहने वाला था। पुलिस ने अरुण को 14 मार्च को लखनऊ से ही गिरफ्तार कर लिया। अरुण के खुलासे के बाद लखनऊ के पारा में स्कूल चलाने वाले सौरभ शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार किया। यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही से मिली लीड
अरुण और सौरभ से पुलिस को बड़ी लीड मिली। अरुण ने एसटीएफ को डॉ. शरद पटेल के बारे में बताया। एसटीएफ ने शरद की खोज शुरू की। अरुण सिंह ने एसटीएफ को डॉ. शरद पटेल और उसके साथी कमलेश पाल उर्फ केके, अर्पित विनीत यशवंत, और अभिषेक शुक्ला के बारे में बताया। अरुण की ही निशानदेही पर पुलिस ने लखनऊ मे कोचिंग चलाने वाले उसके रिश्तेदार गोंडा के रहने वाले अमित सिंह को पकड़ा। अरुण से ही पुलिस को मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के बारे में जानकारी मिली। अब यूपी एसटीएफ को क्लियर हो गया कि भर्ती परीक्षा लीक मामले में राजीव नयन मिश्रा मुख्य आरोपी और डॉ. शरद पटेल दूसरा आरोपी है, लेकिन दोनों फरार थे। राजीव की गिरफ्तारी के लिए धरपकड़ शुरू हो गई। 3 अप्रैल 2024 को मेरठ के कंकरखेड़ा से एसटीएफ ने राजीव को उठा लिया। 20 अप्रैल को लखनऊ से ही डॉ. शरद पटेल, अभिषेक शुक्ला, कमलेश पाल और अर्पित विनीत यशवंत को एक साथ गिरफ्तार किया। राजीव नयन मिश्रा से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले नेक्सस का पता लगाया और जालसाजी की स्क्रिप्ट लिखने से लेकर इसे अंजाम तक पहुंचाने वाले हर मुख्य आरोपी को पकड़ा। दो दिन पहले ही पुलिस ने प्रयागराज से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। 16 गिरफ्तार, अभी इससे ज्यादा फरार
इस पूरे मामले में अभी तक 16 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। अभी कई सारे लोग रडार पर हैं। इसमें राजीव नयन की दोनों गर्लफ्रेंड, उसके जालौन और प्रयागराज वाले दोस्त शामिल हैं। 24 जून को एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसमें उन्होंने तीन लड़कों का नाम लेते हुए कहा कि ये पेपर रटने में शामिल रहे, इसलिए इनकी भी खोज हो रही। ऐसे में यह तय है कि जिन अभ्यर्थियों ने पैसा देकर पेपर पढ़ा व अपने लोगों को भेजा, उनकी खोज भी जारी है। इसमें पैसे देकर पेपर रटने वाले मऊ, बलिया, गोंडा, प्रयागराज, जौनपुर, जालौन, इटावा के तीन दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थी भी शामिल हैं। इन सभी को एसटीएफ चिन्हित करने में लगी हुई है। माना जा रहा कि इनसे गिरोह के फरार लोगों की लीड मिल सकती है। हर पहलू की जांच कर आगे बढ़ रही STF
इस भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच कर रही एसटीएफ हर कदम फूंक-फूंककर आगे बढ़ रही है। पहली गिरफ्तारी 15 फरवरी को किया। मुख्य आरोपी राजीव नयन को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया लेकिन इसके बाद जांच बंद नहीं की। कड़ी से कड़ी मिलाकर गिरफ्तारियां जारी रहीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में स्कूल के प्रबंधक और प्रिंसिपल भी शामिल हैं। यूपी के कौशांबी से शुरू हुआ गिरफ्तारियों का सिलसिला मध्य प्रदेश के भोपाल तक पहुंच गया है। 10 लाख अभ्यर्थियों ने किया था अप्लाई
यूपी लोक सेवा आयोग ने 8 अक्तूबर, 2023 को RO/ARO के 411 खाली पदों के लिए भर्ती निकाली। इसमें 334 पद सचिवालय, पुलिस सेवा आयोग और राजस्व बोर्ड में समीक्षा अधिकारी के रूप में भर्ती किया जाना था। बाकी सीटें सचिवालय में ही सहायक समीक्षा अधिकारी की भरी जानी थी। कुल 10 लाख 76 हजार 4 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया था। 64% अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। आयोग ने इसके लिए 58 जिलों में 2,387 सेंटर बनाए थे। यूपी की RO/ARO परीक्षा लीक मामले की दो कहानी हैं। पहली यह कि भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ। दूसरी यह कि प्रयागराज के बिशप जानसन स्कूल से आउट हुआ। दोनों का कनेक्शन राजीव नयन मिश्रा से है। इसमें शामिल सारे किरदार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। लेकिन 3 किरदार ऐसे हैं, जो चर्चा में नहीं हैं। उन्हें एक दिन पहले ही पेपर मिल गया था। इन तीन में एक राजीव नयन की प्रेमिका सुष्मिता और दो दोस्त शामिल हैं। इन तीनों को ही परीक्षा से एक दिन पहले पेपर मिल गया था। दैनिक भास्कर ने RO/ARO परीक्षा मामले की पूरी पड़ताल की। इसमें प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करवाने, होटल में रटवाने, वसूली करने और पकड़े जाने की पूरी कहानी है। पढ़िए पूरी पड़ताल… परीक्षा से 8 दिन पहले ही पेपर मिल गया
यूपी की RO/ARO परीक्षा का पेपर भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस में छपना था। यहां मैकेनिकल इंजीनियर सुनील रघुवंशी काम करता था। RO/ARO परीक्षा लीक के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा के दोस्त विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी 2014 से 2017 तक एक साथ पढ़े और अच्छे दोस्त भी थे। सुनील के प्रिंटिंग प्रेस मे काम करने की बात विशाल ने राजीव नयन मिश्रा को बताई। राजीव ने विशाल को सुनील से और अधिक दोस्ती बढ़ाने को कहा। साथ ही यूपी की किसी प्रतियोगी परीक्षा के पेपर छपने की जानकारी देने को कहा। जैसे ही RO/ARO का पेपर वहां छ्पने के लिए आया तो सुनील ने विशाल और फिर विशाल ने राजीव नयन को बता दिया। इन सब में इनका तीसरा साथी सुभाष प्रकाश भी शामिल था। सुनील 10 लाख रूपए के लालच में प्रिंटिंग प्रेस से पेपर बाहर निकालने को राजी हो गया। 11 फरवरी को RO/ARO की परीक्षा होनी थी। 3 फरवरी को सुनील प्रिंटिंग प्रेस के एक पार्ट की रिपेयरिंग करवाने के लिए बाहर निकला। इसी में एक पेपर छिपा लिया। पेपर मिलने की सूचना सुनील ने विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश को दी। 8 फरवरी को चारों भोपाल के कोमल होटल में मिले। यहां राजीव नयन द्वारा भेजे 8 अभ्यर्थियों को पेपर रटाया गया। इन अभ्यर्थियों से 12-12 लाख में डील की गई थी। 10 लाख में लेकर 20 लाख में डील की
सुनील रघुवंशी की विशाल से पेपर की डील 10 लाख रुपए में तय हुई थी। लेकिन शर्त थी कि पेपर किसी को भेजा नहीं जाएगा। कैंडिडेट को होटल में ही आकर रटना होगा। पहले तो विशाल और सुभाष इस पर तैयार थे, लेकिन पेपर मिलते ही सुभाष ने इसे राजीव नयन मिश्रा को वॉट्सऐप पर भेज दिया। इधर पेपर मिलने के बाद राजीव ने अपने हैंडलर को इसे भेजना शुरू किया। उसने 10 फरवरी की शाम 4 बजे 6 लोगों को पेपर भेजा। सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड सुष्मिता को भेजा। इसके बाद जालौन के अपने साथी केसी गुप्ता, लखनऊ के साथी शैलेंद्र यादव, प्रयागराज के संजय कुशवाहा, सीमा और अपने साथी डॉ शरद पटेल को भेजा। इसके बाद शरद पटेल ने अपने हैंडलर और कैंडिडेट्स को भेजना शुरू किया। राजीव ने अपने हॉस्पिटल में पेपर पढ़वाए
अब हम फिर से राजीव पर लौटते हैं। प्रयागराज के मेजा में राजीव का आरोग्यम हॉस्पिटल है। यहां भी 10 फरवरी की रात करीब 50 अभ्यर्थियों को अलग-अलग समय पर पेपर रटवाया गया। इसमें आधे अभ्यर्थी राजीव से जुड़े थे और आधे लखनऊ में रहने वाले डॉ शरद पटेल और प्रयागराज कोचिंग सेंटर चलाने वाले अमित सिंह से जुड़े थे। इन सभी अभ्यर्थियों से एडवांस में 1 से 3 लाख रुपए लिए गए थे। हर कैंडिडेट से 20 लाख रुपए में डील तय हुई थी। राजीव अपने भरोसेमंद लोगों को ही पेपर भेज रहा था। पैसे की डील तो वह खुद करता था, लेकिन पैसे लेने कैसे हैं और उसका हिसाब कैसे रखना है यह सब कुछ राजीव की दूसरी गर्लफ्रेंड शिवानी देखती थी। शिवानी भोपाल में ही रहती है। एसटीएफ दोनों ही प्रेमिकाओं तक पहुंचने की कड़ियां जोड़ रही है। प्रयागराज से भोपाल तक, कैसे पुलिस ने जोड़ी कड़ियां
11 फरवरी को परीक्षा हुई। परीक्षा से आधे घंटे पहले ही पेपर वाट्सऐप और टेलीग्राम पर वायरल हो गया। लोक सेवा आयोग ने पहले परीक्षा पारदर्शिता के साथ पूरा करवाने की बात कही, लेकिन जैसे ही स्क्रीनशॉट और वीडियो वायरल हुए पुलिस और एसटीएफ एक्टिव हो गई। 15 फरवरी को इस परीक्षा से जुड़ा पहला मामला कौशांबी के मंझनपुर थाने में दर्ज हुआ। कौशांबी क्राइम ब्रांच ने यहां आयुष पांडेय, नवीन सिंह और पुनीत को गिरफ्तार किया। ये सभी RO/ARO परीक्षा में धांधली करने के आरोपी थे। इनके पास से 8.84 लाख रुपए और कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए। इन तीनों ने पूछताछ में बताया कि वह एक ऐसे गिरोह का हिस्सा हैं जो परीक्षाओं में गड़बड़ी करता है। उन्हें पेपर लखनऊ में रहने वाले यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह से मिला था। अरुण मूल रूप से प्रतापगढ़ के अंतू का रहने वाला था। पुलिस ने अरुण को 14 मार्च को लखनऊ से ही गिरफ्तार कर लिया। अरुण के खुलासे के बाद लखनऊ के पारा में स्कूल चलाने वाले सौरभ शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार किया। यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही से मिली लीड
अरुण और सौरभ से पुलिस को बड़ी लीड मिली। अरुण ने एसटीएफ को डॉ. शरद पटेल के बारे में बताया। एसटीएफ ने शरद की खोज शुरू की। अरुण सिंह ने एसटीएफ को डॉ. शरद पटेल और उसके साथी कमलेश पाल उर्फ केके, अर्पित विनीत यशवंत, और अभिषेक शुक्ला के बारे में बताया। अरुण की ही निशानदेही पर पुलिस ने लखनऊ मे कोचिंग चलाने वाले उसके रिश्तेदार गोंडा के रहने वाले अमित सिंह को पकड़ा। अरुण से ही पुलिस को मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के बारे में जानकारी मिली। अब यूपी एसटीएफ को क्लियर हो गया कि भर्ती परीक्षा लीक मामले में राजीव नयन मिश्रा मुख्य आरोपी और डॉ. शरद पटेल दूसरा आरोपी है, लेकिन दोनों फरार थे। राजीव की गिरफ्तारी के लिए धरपकड़ शुरू हो गई। 3 अप्रैल 2024 को मेरठ के कंकरखेड़ा से एसटीएफ ने राजीव को उठा लिया। 20 अप्रैल को लखनऊ से ही डॉ. शरद पटेल, अभिषेक शुक्ला, कमलेश पाल और अर्पित विनीत यशवंत को एक साथ गिरफ्तार किया। राजीव नयन मिश्रा से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले नेक्सस का पता लगाया और जालसाजी की स्क्रिप्ट लिखने से लेकर इसे अंजाम तक पहुंचाने वाले हर मुख्य आरोपी को पकड़ा। दो दिन पहले ही पुलिस ने प्रयागराज से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। 16 गिरफ्तार, अभी इससे ज्यादा फरार
इस पूरे मामले में अभी तक 16 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। अभी कई सारे लोग रडार पर हैं। इसमें राजीव नयन की दोनों गर्लफ्रेंड, उसके जालौन और प्रयागराज वाले दोस्त शामिल हैं। 24 जून को एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसमें उन्होंने तीन लड़कों का नाम लेते हुए कहा कि ये पेपर रटने में शामिल रहे, इसलिए इनकी भी खोज हो रही। ऐसे में यह तय है कि जिन अभ्यर्थियों ने पैसा देकर पेपर पढ़ा व अपने लोगों को भेजा, उनकी खोज भी जारी है। इसमें पैसे देकर पेपर रटने वाले मऊ, बलिया, गोंडा, प्रयागराज, जौनपुर, जालौन, इटावा के तीन दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थी भी शामिल हैं। इन सभी को एसटीएफ चिन्हित करने में लगी हुई है। माना जा रहा कि इनसे गिरोह के फरार लोगों की लीड मिल सकती है। हर पहलू की जांच कर आगे बढ़ रही STF
इस भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच कर रही एसटीएफ हर कदम फूंक-फूंककर आगे बढ़ रही है। पहली गिरफ्तारी 15 फरवरी को किया। मुख्य आरोपी राजीव नयन को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया लेकिन इसके बाद जांच बंद नहीं की। कड़ी से कड़ी मिलाकर गिरफ्तारियां जारी रहीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में स्कूल के प्रबंधक और प्रिंसिपल भी शामिल हैं। यूपी के कौशांबी से शुरू हुआ गिरफ्तारियों का सिलसिला मध्य प्रदेश के भोपाल तक पहुंच गया है। 10 लाख अभ्यर्थियों ने किया था अप्लाई
यूपी लोक सेवा आयोग ने 8 अक्तूबर, 2023 को RO/ARO के 411 खाली पदों के लिए भर्ती निकाली। इसमें 334 पद सचिवालय, पुलिस सेवा आयोग और राजस्व बोर्ड में समीक्षा अधिकारी के रूप में भर्ती किया जाना था। बाकी सीटें सचिवालय में ही सहायक समीक्षा अधिकारी की भरी जानी थी। कुल 10 लाख 76 हजार 4 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया था। 64% अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। आयोग ने इसके लिए 58 जिलों में 2,387 सेंटर बनाए थे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर