हिमाचल में अगले दो-तीन दिन के भीतर मानसून प्रवेश कर सकता है। इस बार प्रदेश में मानसून तीन से चार दिन देरी से पहुंचेगा। मानसून के देरी से प्रवेश करने के तीन कारण हैं। पहला, मई माह में आया चक्रवात ‘रेमल’, दूसरा कारण महासागरों से चलने वाली हवाओं का कम दबाव और तीसरा कारण अल नीनो की स्थिति कमजोर होना। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आमतौर पर प्रदेश में मानसून 22 से 25 जून के बीच पहुंचता है। इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव भी नहीं बन पा रहा है। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। लेकिन अगले दो से तीन दिन में प्रवेश के साथ ही अच्छी बारिश होगी। 3 दिन भारी बारिश होगी: डॉ. पाल डॉ. पाल ने बताया कि मानसून की एंट्री भी अच्छी होगी और जुलाई में भी अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान है। मानसून की एंट्री के बाद 28 से 30 जून तक शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। साल 2002 में 4 जुलाई को पहुंचा मानसून प्रदेश में पहले बी कई बार मानसून देरी से आया है। साल 2002 में चार जुलाई को सबसे देरी से मानसून हिमाचल आया था। बीते साल की बात करें तो 24 जून को मानसून हिमाचल पहुंचा है। साल 2019, 2017 में भी जुलाई महीने में मानसून ने दस्तक दी है। सबसे पहले समझते हैं कि मॉनसून क्या है? मानसून महासागरों की ओर से चलने वाली तेज हवाओं की दिशा में बदलाव को कहा जाता है। मानसून की ये हवाएं देश सहित हिमाचल में भारी बारिश कराती है। ऊना अभी भी 41.4 डिग्री पर तप रहा हिमाचल में मानसून की एंट्री से पहले बीते दो दिन से प्री-मानसून की बारिश कुछेक स्थानों पर हो रही है। मगर आज ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। इससे मैदानी इलाकों में आज भी गर्मी महसूस होगी। फिलहाल अभी ऊना का तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान हिमाचल में अगले दो-तीन दिन के भीतर मानसून प्रवेश कर सकता है। इस बार प्रदेश में मानसून तीन से चार दिन देरी से पहुंचेगा। मानसून के देरी से प्रवेश करने के तीन कारण हैं। पहला, मई माह में आया चक्रवात ‘रेमल’, दूसरा कारण महासागरों से चलने वाली हवाओं का कम दबाव और तीसरा कारण अल नीनो की स्थिति कमजोर होना। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आमतौर पर प्रदेश में मानसून 22 से 25 जून के बीच पहुंचता है। इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव भी नहीं बन पा रहा है। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। लेकिन अगले दो से तीन दिन में प्रवेश के साथ ही अच्छी बारिश होगी। 3 दिन भारी बारिश होगी: डॉ. पाल डॉ. पाल ने बताया कि मानसून की एंट्री भी अच्छी होगी और जुलाई में भी अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान है। मानसून की एंट्री के बाद 28 से 30 जून तक शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। साल 2002 में 4 जुलाई को पहुंचा मानसून प्रदेश में पहले बी कई बार मानसून देरी से आया है। साल 2002 में चार जुलाई को सबसे देरी से मानसून हिमाचल आया था। बीते साल की बात करें तो 24 जून को मानसून हिमाचल पहुंचा है। साल 2019, 2017 में भी जुलाई महीने में मानसून ने दस्तक दी है। सबसे पहले समझते हैं कि मॉनसून क्या है? मानसून महासागरों की ओर से चलने वाली तेज हवाओं की दिशा में बदलाव को कहा जाता है। मानसून की ये हवाएं देश सहित हिमाचल में भारी बारिश कराती है। ऊना अभी भी 41.4 डिग्री पर तप रहा हिमाचल में मानसून की एंट्री से पहले बीते दो दिन से प्री-मानसून की बारिश कुछेक स्थानों पर हो रही है। मगर आज ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। इससे मैदानी इलाकों में आज भी गर्मी महसूस होगी। फिलहाल अभी ऊना का तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान हिमाचल | दैनिक भास्कर
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