पंजाब के बठिंडा में डाक्टर से दो करोड़ रुपयों की फिरौती मांगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस साजिश को रचने वाले दो युवक विदेश में बैठकर डॉक्टर से दो करोड़ रुपए की फिरौती की मांग कर रहे थे। एसएसपी बठिंडा दीपक पारिक ने जानकारी देते हुए बताया कि बठिंडा के मौर मंडी कस्बा निवासी एक डॉक्टर को लगातार विदेशी नंबर से फोन आ रहे थे और दो करोड़ की फिरौती मांगी जा रही थी। पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया था। पकड़े गए युवकों की पहचान मनिंदर सिंह उर्फ अमन निवासी मेहरो जिला शहीद भगत सिंह नगर, मनप्रीत सिंह उर्फ मनी गांव कोट रांझा जिला शहीद भगत सिंह नगर और जसकरण सिंह उर्फ लिखारी निवासी बहाबलपुर जिला होशियारपुर के रुप में हुई है। आई-20 कार की जब्त एसएसपी बठिंडा ने बताया कि इन तीनों युवकों को आई-20 कार के साथ गिरफ्तार किया गया है। पूरी घटना में पुलिस ने दो साजिशकर्ताओं की पहचान की है, जिनमें से एक आईईएलटीएस कर विदेश गया था और डॉक्टर के परिवार से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने गुप्त सूचना और टेक्निकल तकनीक के जरिए गिरफ्तार किए गए तीनों युवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफतार युवकों के खिलाफ पहले कोई मामला दर्ज नहीं है। सुरक्षा कारणों से डॉक्टर की पहचान गुप्त रखी गई है। पंजाब के बठिंडा में डाक्टर से दो करोड़ रुपयों की फिरौती मांगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस साजिश को रचने वाले दो युवक विदेश में बैठकर डॉक्टर से दो करोड़ रुपए की फिरौती की मांग कर रहे थे। एसएसपी बठिंडा दीपक पारिक ने जानकारी देते हुए बताया कि बठिंडा के मौर मंडी कस्बा निवासी एक डॉक्टर को लगातार विदेशी नंबर से फोन आ रहे थे और दो करोड़ की फिरौती मांगी जा रही थी। पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया था। पकड़े गए युवकों की पहचान मनिंदर सिंह उर्फ अमन निवासी मेहरो जिला शहीद भगत सिंह नगर, मनप्रीत सिंह उर्फ मनी गांव कोट रांझा जिला शहीद भगत सिंह नगर और जसकरण सिंह उर्फ लिखारी निवासी बहाबलपुर जिला होशियारपुर के रुप में हुई है। आई-20 कार की जब्त एसएसपी बठिंडा ने बताया कि इन तीनों युवकों को आई-20 कार के साथ गिरफ्तार किया गया है। पूरी घटना में पुलिस ने दो साजिशकर्ताओं की पहचान की है, जिनमें से एक आईईएलटीएस कर विदेश गया था और डॉक्टर के परिवार से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने गुप्त सूचना और टेक्निकल तकनीक के जरिए गिरफ्तार किए गए तीनों युवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफतार युवकों के खिलाफ पहले कोई मामला दर्ज नहीं है। सुरक्षा कारणों से डॉक्टर की पहचान गुप्त रखी गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में घर के अंदर ब्लास्ट:फगवाड़ा में पोटाश पीसते समय हादसे की आशंका; 2 बच्चे गंभीर रूप से घायल
पंजाब में घर के अंदर ब्लास्ट:फगवाड़ा में पोटाश पीसते समय हादसे की आशंका; 2 बच्चे गंभीर रूप से घायल पंजाब के फगवाड़ा में शाम नगर के शिवपुरी के पास एक मकान की छत पर जोरदार धमाका होने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। घटना में दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि धमाका पोटाश (पटाखों में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ) की वजह से हुआ। फगवाड़ा पुलिस मामले की जांच कर रही है। फगवाड़ा से जालंधर, जालंधर से चंडीगढ़ पीजीआई किया रेफर इलाका निवासियों के सहयोग से फगवाड़ा के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां से ज़ख्मी हुए बच्चों की हालत गंभीर को देखते हुए उन्हें जालंधर के निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। मगर स्थिति में कोई सुधार न होने के चलते जालंधर से दोनों बच्चों को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया है। फिलहाल बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। थाना सिटी फगवाड़ा के एसएचओ अमनदीप नाहर ने कहा- जांच के बाद ही कुछ पता चल पाएगा कि उक्त ब्लास्ट क्यों हुआ था। लोहे की रॉड से चलने वाले बम से हुआ ब्लास्ट मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को क्राइम सीन से लोहे की रॉड से चलने वाले बम की सामग्री बरामद हुई है। साथ ही पोटाश और अन्य सामान भी क्राइम सीन से मिला है। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। प्राथमिक जांच में ब्लास्ट का कारण लोहे की रॉड वाला बम को बताया गया है। लोहे की रॉड में पड़ने पड़ने वाली पोटाश को पीसते समय ये हादसा होने की आशंका है। पुलिस मान कर चल रही है कि बच्चे उक्त पोटाश को पीस रहे थे तो हादसा हो गया। घटना में दोनों बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। एसएचओ अमनदीप नाहर ने कहा- क्राइम सीन से कुछ संदिग्ध सामान कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।
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जालंधर में शराब लोड करने का वीडियो वायरल:वोटिंग से एक दिन पहले 15 पेटी बरामद, वीडियो में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी दिख रहे पंजाब के जालंधर में हलका नकोदर के पास का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ व्यक्ति शराब बांटते हुए नजर आ रहे हैं। इसे लेकर थाना नूरमहल की पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की पहचान दलजिंदर सिंह पुत्र जसविंदर सिंह निवासी लिद्दड़ां गांव, नकोदर सदर के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार ये एफआईआर एक्साइज विभाग के सर्किल इंस्पेक्टर साहिल रंगा के बयानों पर दर्ज किया गया है। चुनाव के बीच शराब की लोडिंग अपने बयानों में नकोदर हलके में तैनात इंस्पेक्टर साहिल रंगा ने कहा- उन्हें एसडीएफ ऑफिस से सूचना दी गई कि नूरमहल के गांव संघा जागीर के पास एक गाड़ी में शराब लोड की जा रही है। सूचना के आधार पर तुरंत टीम कार्रवाई के लिए पहुंच गई थी। पुलिस ने नकोदर में स्थित एक घर पर रेड की और घर के बाथरूम से शराब बरामद की। पुलिस ने मौके से आरोपी दलजिंदर सिंह को उसकी स्कॉर्पियो गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। कुल 15 पेटी शराब पुलिस ने बरामद की है। पुलिस ने बरामद की गई शराब के बारे में दलजिंदर से पूछताछ भी की, मगर कुछ नहीं पता चला और ना ही उसके पास से कोई परमिट बरामद किया गया। बता दें कि वायरल हुई वीडियो में नकोदर हलके के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी नजर आ रहे हैं। हालांकि उन पर पुलिस या एक्साइज द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पंजाब में अकाली दल बचाओ लहर की तैयारियां शुरू:2022 जैसे हालात पैदा; बागी गुट ने दोहराया- सुखबीर बादल को पद से हटना चाहिए
पंजाब में अकाली दल बचाओ लहर की तैयारियां शुरू:2022 जैसे हालात पैदा; बागी गुट ने दोहराया- सुखबीर बादल को पद से हटना चाहिए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (SAD) की हार के बाद असंतोष पैदा हो गया है। एक तरफ पार्टी में वरिष्ठ नेतृत्व है, जिसमें वो बड़े नेता और परिवार शामिल हैं, जिनके बिना अकाली दल अधूरा है। वहीं दूसरी तरफ पार्टी कार्यसमिति और जिला पदाधिकारी हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में हार के बाद भी सुखबीर सिंह बादल के प्रति संतोष जताया है। अकाली दल के विद्रोही समूह ने एक संयुक्त संवाददाता प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक धार्मिक और राजनीतिक व्यक्तित्व को अपनी परंपराओं के अनुरूप शिरोमणि अकाली दल का नेतृत्व करना चाहिए। सुखबीर बादल को इस्तीफा देना चाहिए। प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने यह भी कहा कि उनमें से कोई भी अकाली दल का अध्यक्ष नहीं बनना चाहता। जो भी पार्टी अध्यक्ष बनेगा उसे पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं होना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद हो गया है। बागी गुट ने अकाली दल बचाओ लहर शुरू कर दी है। कल जालंधर में बैठक कर सुखबीर बादल को अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव लिया गया। बुधवार को जालंधर में हुई पांच घंटे की बैठक के बाद सुखबीर सिंह बादल से पार्टी प्रधान पद से हटने की मांग की गई। बैठक में शामिल नेताओं में सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला शामिल थे। 2022 में भी पैदा हुए थे यही हालात 2017 विधानसभा, 2019 लोकसभा और 2022 विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी ने हार की समीक्षा करने के लिए कमेटी का गठन किया था। ये कमेटी इकबाल सिंह झूंदा की अध्यक्षता में बनी। 2022 की हार के बाद विरोध शुरू हुआ और अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल को बदलने की आवाज उठने लगी। इसी बीच 2022 में झूंदा रिपोर्ट बनकर तैयार थी। लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। ये कह कर रिपोर्ट को दबा दिया गया कि झूंदा रिपोर्ट में कहीं भी पार्टी प्रधान बदलने की बात नहीं की गई है। जबकि उसमें ये जरूर लिखा गया था कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होना चाहिए। लेकिन, सुखबीर बादल के दोबारा प्रधान चुने जाने के बाद ये रिपोर्ट अकाली 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ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। शिरोमणि अकाली दल बचाओ आंदोलन की होगी शुरुआत जालंधर में हुई बैठक के बाद बागी नेताओं ने ऐलान किया कि 1 जुलाई से शिरोमणि अकाली दल बचाओ आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। बागी नेताओं ने मांग की कि पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझते हुए त्याग की भावना दिखानी चाहिए और किसी ऐसे नेता के हाथ में पार्टी की कमान सौंपनी चाहिए जो अकाली दल को मजबूत कर सके और धर्म और राजनीति के बीच संतुलन भी कायम कर सके। अकाली दल के बागी नेताओं की बैठक में पार्टी का प्रधान पद संत समाज से जुड़े किसी बड़े चेहरे को देने पर भी विचार किया गया है। जाने कब बना अकाली दल 14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह चार साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4,000 लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। बहुमत सुखबीर बादल के साथ एक तरफ विद्रोह तेज हो रहा है, लेकिन दूसरी तरफ सुखबीर अभी भी मजबूती के साथ खड़े हैं। अकाली दल कोर कमेटी व जिला इकाइयों ने प्रस्तावों में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के स्पष्टवादी, दूरदर्शी और दृढ़ नेतृत्व की पार्टी की ओर से पूरे दिल से सराहना की है और उसमें विश्वास जताया गया। पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना की। इन 33 जिला अध्यक्षों में से 28 ने वास्तव में बैठक में भाग लिया, जबकि जो पांच उपस्थित नहीं हो सके, उन्होंने कुछ पारिवारिक कारणों से उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त करते हुए लिखित रूप में अध्यक्ष के लिए अपने समर्थन की पार्टी को सूचित किया था।