चंडीगढ़ के निलंबित इंस्पेक्टर की एक और शिकायत:2020 का है मामला, करोड़ों की ठगी के आरोपी रणजीत सिंह; DGP को की मेल

चंडीगढ़ के निलंबित इंस्पेक्टर की एक और शिकायत:2020 का है मामला, करोड़ों की ठगी के आरोपी रणजीत सिंह; DGP को की मेल

करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में निलंबित चल रहे इंस्पेक्टर रणजीत सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मनीमाजरा निवासी युवक ने डीजीपी को ई-मेल करके उसके खिलाफ शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी ने उसकी शिकायत पर फरवरी 2020 में रणजीत सिंह व अन्य के खिलाफ विभागीय जांच और आपराधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। मगर चार साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी आज तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब युवक ने डीजीपी को ई-मेल भेजकर फिर से कार्रवाई की मांग की है। निष्पक्ष छवि देखकर भेजी ई-मेल विनीत वर्मा ने बताया कि इंस्पेक्टर रणजीत सिंह व अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्होंने कई अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए। मगर किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की। वह भी थक हारकर चुप बैठ गया था। मगर चंडीगढ़ के नए डीजीपी की छवि ईमानदार और निष्पक्ष है। उन्होंने कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। अब उम्मीद जगी है कि देर से ही सही उसको भी न्याय मिलेगा। यह है मामला मनीमाजरा निवासी पीड़ित विनित वर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में उसने चंडीगढ़ और पंचकूला के क्लबों में हुक्का बार चलने की शिकायत दी थी। इस शिकायत को वापस लेने के लिए उस समय के मनीमाजरा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रणजीत सिंह ने उस पर दबाव बनाया था। जब वह नहीं माना तो उसके खिलाफ मारपीट का झूठा केस दर्ज कर उसे थाने में ले जाकर बेरहमी के साथ पीटा गया। इस मामले की शिकायत उसने चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी से की थी। अथॉरिटी के चेयरमैन जस्टिस (रि.) महावीर एस. चौहान थे। उनके अलावा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी किरण अग्रवाल, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एवं राजस्थान के पूर्व डीजीपी अमरजोत सिंह गिल शामिल थे। सुनवाई के दौरान उन्होंने मनीमाजरा थाने के तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह, सब इंस्पेक्टर विद्यानंद और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राज सिंह को दोषी पाया था। 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी में आरोपित को छोड़ा था 100 करोड़ से ज्यादा की साइबर ठगी के एक अंतरराष्ट्रीय मामले में आरोपियों के साथ मिलीभगत कर सबूतों को छिपाने और दबाने के मामले में पूर्व साइबर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह को एक जुलाई को निलंबित किया गया है। उनके साथ एक सब इंस्पेक्टर और दो हैड कांस्टेबल को भी निलंबित कर किया गया था। करीब दो साल पहले चीनी गिरोह ने चंडीगढ़ और देश के अन्य शहरों करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में निलंबित चल रहे इंस्पेक्टर रणजीत सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मनीमाजरा निवासी युवक ने डीजीपी को ई-मेल करके उसके खिलाफ शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी ने उसकी शिकायत पर फरवरी 2020 में रणजीत सिंह व अन्य के खिलाफ विभागीय जांच और आपराधिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। मगर चार साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी आज तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब युवक ने डीजीपी को ई-मेल भेजकर फिर से कार्रवाई की मांग की है। निष्पक्ष छवि देखकर भेजी ई-मेल विनीत वर्मा ने बताया कि इंस्पेक्टर रणजीत सिंह व अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्होंने कई अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए। मगर किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की। वह भी थक हारकर चुप बैठ गया था। मगर चंडीगढ़ के नए डीजीपी की छवि ईमानदार और निष्पक्ष है। उन्होंने कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। अब उम्मीद जगी है कि देर से ही सही उसको भी न्याय मिलेगा। यह है मामला मनीमाजरा निवासी पीड़ित विनित वर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में उसने चंडीगढ़ और पंचकूला के क्लबों में हुक्का बार चलने की शिकायत दी थी। इस शिकायत को वापस लेने के लिए उस समय के मनीमाजरा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रणजीत सिंह ने उस पर दबाव बनाया था। जब वह नहीं माना तो उसके खिलाफ मारपीट का झूठा केस दर्ज कर उसे थाने में ले जाकर बेरहमी के साथ पीटा गया। इस मामले की शिकायत उसने चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी से की थी। अथॉरिटी के चेयरमैन जस्टिस (रि.) महावीर एस. चौहान थे। उनके अलावा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी किरण अग्रवाल, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एवं राजस्थान के पूर्व डीजीपी अमरजोत सिंह गिल शामिल थे। सुनवाई के दौरान उन्होंने मनीमाजरा थाने के तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह, सब इंस्पेक्टर विद्यानंद और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राज सिंह को दोषी पाया था। 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी में आरोपित को छोड़ा था 100 करोड़ से ज्यादा की साइबर ठगी के एक अंतरराष्ट्रीय मामले में आरोपियों के साथ मिलीभगत कर सबूतों को छिपाने और दबाने के मामले में पूर्व साइबर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह को एक जुलाई को निलंबित किया गया है। उनके साथ एक सब इंस्पेक्टर और दो हैड कांस्टेबल को भी निलंबित कर किया गया था। करीब दो साल पहले चीनी गिरोह ने चंडीगढ़ और देश के अन्य शहरों   हरियाणा | दैनिक भास्कर