पंजाब के जालंधर में वडाला चौक के पास पॉश इलाके में एक व्यापारी के घर से जंगली छिपकली (विषखोपड़ा) निकल आई। पूरा परिवार करीब 8 घंटे तक दहशत में रहा, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह उक्त जंगली छिपकली को पकड़ा और बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार ने सबसे पहले उक्त जंगली छिपकली को घर की लॉबी में घूमते देखा। जिसके बाद इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई और उक्त जानवर को रेस्क्यू किया गया। परिवार ने बताया- उनके घर के साथ वाला प्लॉट काफी बड़ा है। वहीं से यह जानवर उनके घर में घुस आया। छिपकली को होशियारपुर के जंगल में छोड़ा गया विभाग अधिकारी जसवंत सिंह ने जालंधर रेंज की रेस्क्यू टीम के कर्मचारी प्रदीप शर्मा को मामले की जानकारी दी और उन्हें तुरंत मौके पर जाने के आदेश दिए। प्रदीप ने वहां पहुंचकर आधे घंटे के भीतर उक्त जंगली छिपकली को काबू कर लिया। जिसके बाद उसे मौके पर ही एक डिब्बे में बंद कर दिया गया और तुरंत होशियारपुर के जंगलों में छोड़ दिया गया। आपको बता दें कि इस जानवर को कई नामों से जाना जाता है, जैसे विषखोपड़ा, जंगली छिपकली, मॉनिटर छिपकली और अन्य। परिवार के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले भी घर के अंदर से ऐसी ही लंबी छिपकली निकली थी, लेकिन वह खुद ही घर से बाहर चली गई थी। पंजाब के जालंधर में वडाला चौक के पास पॉश इलाके में एक व्यापारी के घर से जंगली छिपकली (विषखोपड़ा) निकल आई। पूरा परिवार करीब 8 घंटे तक दहशत में रहा, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह उक्त जंगली छिपकली को पकड़ा और बाद में उसे जंगल में छोड़ दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार ने सबसे पहले उक्त जंगली छिपकली को घर की लॉबी में घूमते देखा। जिसके बाद इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई और उक्त जानवर को रेस्क्यू किया गया। परिवार ने बताया- उनके घर के साथ वाला प्लॉट काफी बड़ा है। वहीं से यह जानवर उनके घर में घुस आया। छिपकली को होशियारपुर के जंगल में छोड़ा गया विभाग अधिकारी जसवंत सिंह ने जालंधर रेंज की रेस्क्यू टीम के कर्मचारी प्रदीप शर्मा को मामले की जानकारी दी और उन्हें तुरंत मौके पर जाने के आदेश दिए। प्रदीप ने वहां पहुंचकर आधे घंटे के भीतर उक्त जंगली छिपकली को काबू कर लिया। जिसके बाद उसे मौके पर ही एक डिब्बे में बंद कर दिया गया और तुरंत होशियारपुर के जंगलों में छोड़ दिया गया। आपको बता दें कि इस जानवर को कई नामों से जाना जाता है, जैसे विषखोपड़ा, जंगली छिपकली, मॉनिटर छिपकली और अन्य। परिवार के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले भी घर के अंदर से ऐसी ही लंबी छिपकली निकली थी, लेकिन वह खुद ही घर से बाहर चली गई थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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दिल्ली सिख नरसंहार में टाइटलर पर आरोप तय:पुल बंगश गुरुद्वारे की घटना पर कोर्ट का फैसला; कांग्रेस सरकार में मिली थी क्लीनचिट
दिल्ली सिख नरसंहार में टाइटलर पर आरोप तय:पुल बंगश गुरुद्वारे की घटना पर कोर्ट का फैसला; कांग्रेस सरकार में मिली थी क्लीनचिट दिल्ली की कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली में सिख समुदाय के नरसंहार के 40 साल बाद कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए हैं। जगदीश टाइटलर के खिलाफ पुल बंगश गुरुद्वारे के बाहर ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या का केस चल रहा है। जबकि कांग्रेस सरकार के समय जगदीश टाइटलर को इस मामले में बरी कर दिया गया था। सीनियर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए हैं। उनके खिलाफ IPC 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत चार्ज फ्रेम किए गए। कोर्ट ने कहा कि जगदीश टाइटलर के खिलाफ इन धाराओं के तहत केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय उन्हें बरी कर दिया गया था। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद रिव्यू पटीशन डाली गई थी। 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली में सिख समुदाय के नरसंहार के 40 साल बाद कोर्ट का ये निर्णय आया है। न्याय में देरी सही, लेकिन होता दिख रहा भाजपा के सीनियर नेशनल स्पोक्स्पर्सन आरपी सिंह ने कहा- न्याय देर से ही, पर होता दिख रहा है। 1984 सिख कत्लेआम से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा और तीन सिखों की हत्या का मामले में राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय किए। टाइटलर के खिलाफ IPC 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय किया। क्यों भड़के थे दंगे 1984 ब्लू स्टार ऑपरेशन के बाद 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों बेअंत सिंह व सतवंत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पूरे देश में सिखों को निशाना बनाया जाने लगा। सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए। कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर तब सांसद थे। उन्होंने दंगों में हिंसक भीड़ को सिखों के खिलाफ उकसाया था। पुल बंगश इलाके में 3 लोगों की हत्या हुई। ये बयान सिख दंगों के तत्कालीन गवाहों ने कोर्ट में दिए। इस मामले में चल रही सुनवाई पर सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। ऐसे चश्मदीद गवाह हैं जिन्होंने उसे 1984 के दंगों के दौरान भीड़ को उकसाते हुए देखा था। SGPC प्रधान बोले- न्याय की उम्मीद जगी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने 1984 के सिख नरसंहार से जुड़े एक मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत द्वारा दोष फ्रेम किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है।