हरियाणा के सिरसा में पंचायत भवन में शुक्रवार को हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक हंगामेदार रही। जिसमें मंत्री के आगे ही सिरसा के भाजपा नेताओं के बीच की फूट खुलकर सामने आ गई। इस बैठक की शुरुआत राज्यमंत्री बिशम्बर सिंह ने माफी मांगते हुए की, क्योंकि वे बैठक में 54 मिनट देरी से पहुंचे थे। सभी अधिकारी व शिकायतकर्ता तय समय पर पहुंच गए और राज्यमंत्री का इंतजार करते-करते थक गए। बैठक में शिकायत नंबर 11 की बारी आते ही हंगामा होने लगा। ये शिकायत गांव कालुआना के ग्रामीणों की ओर से की गई थी। शिकायत पर गोरीवाला चौकी इंचार्ज ने अपना पक्ष रखा और बताया कि इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक शख्स की गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने मंत्री को बताया कि इस मामले में बेकसूर युवाओं को फंसाया जा रहा है और जो असल दोषी हैं, उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही। इस मामले में सरपंच ने साथियों के साथ मिलकर वन विभाग की जमीन पर लगे पेड़ काट लिए। मामला सुर्खियां बना तो इसकी शिकायत कष्ट निवारण समिति में आ गई। उस वक्त तत्कालीन कृषि मंत्री समिति के चेयरमैन थे। उन्होंने पुलिस को FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों की जगह शिकायत करने वालों के खिलाफ ही केस दर्ज कर दिया। ग्रामीणों की पैरवी में आए आदित्य देवीलाल चौटाला इस मीटिंग के बाद इतने नाराज हुए कि उन्होंने कह दिया कि नेताओं के पल्ले कुछ नहीं है। आने वाले विधानसभा चुनाव में DC और SP को ही टिकट दे देना। मंत्री ने पहले जांच अधिकारी को सस्पेंड, SHO को हटाने को कहा
राज्यमंत्री बिशम्बर सिंह ने ग्रामीणों की शिकायत सुनकर SP दीप्ति गर्ग से कहा कि जांच अधिकारी को सस्पेंड कर दो और चौकी इंचार्ज को हटा दो। इसके बाद डबवाली एसपी ने पक्ष रखा और DC आरके सिंह ने राज्यमंत्री को मामले के संबंध में कुछ बताया। जिसके बाद मंत्री ने जांच अधिकारी और एसएचओ पर कार्रवाई का फैसला वापस ले लिया। जिसके बाद मंत्री बिशम्बर सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए कष्ट निवारण समिति के सदस्य एवं हरियाणा बीज विकास निगम के चेयरमैन देव कुमार शर्मा व बीजेपी नेता सतीश जग्गा को नियुक्त किया जाता है। ये दोनों जांच कर 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट देंगे। मंत्री की बात सुन चेयरमैन आदित्य चौटाला भड़के
राज्यमंत्री की ये बात सुनकर मंच पर बैठे बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल ने कहा कि मंत्री जी न्याय करो,आप प्रशासन की मदद कर रहे हो। आप प्रशासन की बात सुन रहे और ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं कर रहे। इसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। ग्रामीण बोले कि हमें इंसाफ चाहिए। मंत्री ने आदित्य से पूछा- आपको इन पर विश्वास नहीं क्या
राज्य मंत्री बिशम्बर सिंह ने आदित्य देवीलाल से कहा कि आपको विश्वास नहीं है क्या भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष देव कुमार शर्मा व बीजेपी नेता सतीश जग्गा पर?। जवाब देते हुए आदित्य देवीलाल ने कहा कि मुझे इन पर विश्वास नहीं है। आदित्य देवीलाल की यह बात सुनकर हर कोई हैरान रह गया। ग्रामीण मांग करने लगे की आदित्य देवीलाल से जांच करवाई जाए। इस पर आदित्य देवीलाल ने कहा कि जब राज्य मंत्री कुछ नहीं कर पा रहे, फैसला नहीं कर पा रहे तो मैं क्या कर सकता हूं। इसके बाद राज्य मंत्री बिशम्बर सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच कर रिपोर्ट जल्द दी जाए। इस फैसले से आदित्य देवीलाल व ग्रामीण नाखुश नजर आए। बैठक में राज्यमंत्री बिशम्बर सिंह के साथ वरिष्ठ बीजेपी नेता गोविंद कांडा, जिला अध्यक्ष बीजेपी निताशा सिहाग, डीसी आरके सिंह, एसपी सिरसा विक्रांत भूषण व एसपी डबवाली दीप्ति गर्ग उपस्थित थे। देवीलाल खुलकर विरोध में आए, बोले- सुनवाई नहीं हो रही
इस मीटिंग के बाद चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला खुलकर सरकार के विरोध में आ गए हैं। चौटाला ने कष्ट निवारण समिति की बैठक समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने आज तक कष्ट निवारण समितियों की बैठकों में न्याय होते हुए देखा है। पहली बार किसी बैठक में ऐसा देखने को मिला है कि लोग न्याय के लिए चिल्ला रहे थे। अपना दुख बता रहे थे। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। ऐसे हालात तब है जब दो दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि अफसर लोगों को चक्कर न कटवाए, वरना मैं उन्हें चक्कर कटवा दूंगा। दरबार वे लगा रहे, जिनसे जनता दुखी
आदित्य ने कहा- 2 दिन बाद हो रही कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोग परेशान है। दरबार वो लगा रहे है जिनसे जनता दुखी है। यह केवल गांव कालुआना का मामला नहीं है। हर गांव में ऐसा ही देखने को मिल रहा है। शिकायत करने वाले को उसी की शिकायत में मुजरिम बना दिया जाता है। यह कैसा न्याय है। आदित्य चौटाला ने कहा कि मेरा तो कहना है कि विधानसभा चुनावों की टिकट डीसी और एसपी को दे और वह चुनाव लड़े। नेताओं के पल्ले कुछ नहीं, अफसर हावी
आज नेताओं के पल्ले कुछ नहीं है। अफसरशाही हावी है। भाजपा का कार्यकर्ता चीखें मार रहा है। जब कार्यकर्ता तंग होता है तो हमें बोलना ही होगा। हमारी भी जिम्मेदारी बनी है। अगर हालात नहीं सुधरे तो इस सिस्टम पर जनता अपने वोट से लगाम लगाएगी। उन्होंने कहा कि एफआईआर नंबर 213 में शिकायतकर्ता को ही मुजरिम बना दिया। जबकि पूर्व बैठक में मंत्री जेपी दलाल ने वन दरोगा को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए थे। 8 माह में शिकायतकर्ता को मुजरिम बना दिया जाता है। पूरा गांव एक साल से चक्कर काट रहा है। बड़े दुख की बात है कि जनता को न्याय नहीं मिल रहा है। डीसी और एसपी के जनता का दर्द सुन रहे है। हरियाणा के सिरसा में पंचायत भवन में शुक्रवार को हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक हंगामेदार रही। जिसमें मंत्री के आगे ही सिरसा के भाजपा नेताओं के बीच की फूट खुलकर सामने आ गई। इस बैठक की शुरुआत राज्यमंत्री बिशम्बर सिंह ने माफी मांगते हुए की, क्योंकि वे बैठक में 54 मिनट देरी से पहुंचे थे। सभी अधिकारी व शिकायतकर्ता तय समय पर पहुंच गए और राज्यमंत्री का इंतजार करते-करते थक गए। बैठक में शिकायत नंबर 11 की बारी आते ही हंगामा होने लगा। ये शिकायत गांव कालुआना के ग्रामीणों की ओर से की गई थी। शिकायत पर गोरीवाला चौकी इंचार्ज ने अपना पक्ष रखा और बताया कि इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक शख्स की गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने मंत्री को बताया कि इस मामले में बेकसूर युवाओं को फंसाया जा रहा है और जो असल दोषी हैं, उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही। इस मामले में सरपंच ने साथियों के साथ मिलकर वन विभाग की जमीन पर लगे पेड़ काट लिए। मामला सुर्खियां बना तो इसकी शिकायत कष्ट निवारण समिति में आ गई। उस वक्त तत्कालीन कृषि मंत्री समिति के चेयरमैन थे। उन्होंने पुलिस को FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों की जगह शिकायत करने वालों के खिलाफ ही केस दर्ज कर दिया। ग्रामीणों की पैरवी में आए आदित्य देवीलाल चौटाला इस मीटिंग के बाद इतने नाराज हुए कि उन्होंने कह दिया कि नेताओं के पल्ले कुछ नहीं है। आने वाले विधानसभा चुनाव में DC और SP को ही टिकट दे देना। मंत्री ने पहले जांच अधिकारी को सस्पेंड, SHO को हटाने को कहा
राज्यमंत्री बिशम्बर सिंह ने ग्रामीणों की शिकायत सुनकर SP दीप्ति गर्ग से कहा कि जांच अधिकारी को सस्पेंड कर दो और चौकी इंचार्ज को हटा दो। इसके बाद डबवाली एसपी ने पक्ष रखा और DC आरके सिंह ने राज्यमंत्री को मामले के संबंध में कुछ बताया। जिसके बाद मंत्री ने जांच अधिकारी और एसएचओ पर कार्रवाई का फैसला वापस ले लिया। जिसके बाद मंत्री बिशम्बर सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए कष्ट निवारण समिति के सदस्य एवं हरियाणा बीज विकास निगम के चेयरमैन देव कुमार शर्मा व बीजेपी नेता सतीश जग्गा को नियुक्त किया जाता है। ये दोनों जांच कर 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट देंगे। मंत्री की बात सुन चेयरमैन आदित्य चौटाला भड़के
राज्यमंत्री की ये बात सुनकर मंच पर बैठे बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन आदित्य देवीलाल ने कहा कि मंत्री जी न्याय करो,आप प्रशासन की मदद कर रहे हो। आप प्रशासन की बात सुन रहे और ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं कर रहे। इसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। ग्रामीण बोले कि हमें इंसाफ चाहिए। मंत्री ने आदित्य से पूछा- आपको इन पर विश्वास नहीं क्या
राज्य मंत्री बिशम्बर सिंह ने आदित्य देवीलाल से कहा कि आपको विश्वास नहीं है क्या भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष देव कुमार शर्मा व बीजेपी नेता सतीश जग्गा पर?। जवाब देते हुए आदित्य देवीलाल ने कहा कि मुझे इन पर विश्वास नहीं है। आदित्य देवीलाल की यह बात सुनकर हर कोई हैरान रह गया। ग्रामीण मांग करने लगे की आदित्य देवीलाल से जांच करवाई जाए। इस पर आदित्य देवीलाल ने कहा कि जब राज्य मंत्री कुछ नहीं कर पा रहे, फैसला नहीं कर पा रहे तो मैं क्या कर सकता हूं। इसके बाद राज्य मंत्री बिशम्बर सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच कर रिपोर्ट जल्द दी जाए। इस फैसले से आदित्य देवीलाल व ग्रामीण नाखुश नजर आए। बैठक में राज्यमंत्री बिशम्बर सिंह के साथ वरिष्ठ बीजेपी नेता गोविंद कांडा, जिला अध्यक्ष बीजेपी निताशा सिहाग, डीसी आरके सिंह, एसपी सिरसा विक्रांत भूषण व एसपी डबवाली दीप्ति गर्ग उपस्थित थे। देवीलाल खुलकर विरोध में आए, बोले- सुनवाई नहीं हो रही
इस मीटिंग के बाद चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला खुलकर सरकार के विरोध में आ गए हैं। चौटाला ने कष्ट निवारण समिति की बैठक समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने आज तक कष्ट निवारण समितियों की बैठकों में न्याय होते हुए देखा है। पहली बार किसी बैठक में ऐसा देखने को मिला है कि लोग न्याय के लिए चिल्ला रहे थे। अपना दुख बता रहे थे। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। ऐसे हालात तब है जब दो दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि अफसर लोगों को चक्कर न कटवाए, वरना मैं उन्हें चक्कर कटवा दूंगा। दरबार वे लगा रहे, जिनसे जनता दुखी
आदित्य ने कहा- 2 दिन बाद हो रही कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोग परेशान है। दरबार वो लगा रहे है जिनसे जनता दुखी है। यह केवल गांव कालुआना का मामला नहीं है। हर गांव में ऐसा ही देखने को मिल रहा है। शिकायत करने वाले को उसी की शिकायत में मुजरिम बना दिया जाता है। यह कैसा न्याय है। आदित्य चौटाला ने कहा कि मेरा तो कहना है कि विधानसभा चुनावों की टिकट डीसी और एसपी को दे और वह चुनाव लड़े। नेताओं के पल्ले कुछ नहीं, अफसर हावी
आज नेताओं के पल्ले कुछ नहीं है। अफसरशाही हावी है। भाजपा का कार्यकर्ता चीखें मार रहा है। जब कार्यकर्ता तंग होता है तो हमें बोलना ही होगा। हमारी भी जिम्मेदारी बनी है। अगर हालात नहीं सुधरे तो इस सिस्टम पर जनता अपने वोट से लगाम लगाएगी। उन्होंने कहा कि एफआईआर नंबर 213 में शिकायतकर्ता को ही मुजरिम बना दिया। जबकि पूर्व बैठक में मंत्री जेपी दलाल ने वन दरोगा को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए थे। 8 माह में शिकायतकर्ता को मुजरिम बना दिया जाता है। पूरा गांव एक साल से चक्कर काट रहा है। बड़े दुख की बात है कि जनता को न्याय नहीं मिल रहा है। डीसी और एसपी के जनता का दर्द सुन रहे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर