हाथरस हादसे को चार दिन बीत चुके हैं। भगदड़ में मारे गए 123 लोगों का अंतिम संस्कार हो गया। सरकार की ओर से मुआवजे का ऐलान भी कर दिया गया। लेकिन, जिस भोले बाबा उर्फ सूरज पाल की वजह से बेगुनाहों की मौत हुई, वह अब तक सामने नहीं आया। आखिर बाबा कहां है, क्यों इतनी मौतों पर भी वह इतने दिनों से चुप है? इन सवालों के बीच बाबा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह आगे आए। दैनिक भास्कर ने बाबा का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया। हमने एपी सिंह से घटना से जुड़े हर पहलु पर बात की। पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश… सवाल- बाबा कहां है?
जवाब- बाबा भारत में ही हैं। कहीं भागे नहीं हैं। वह कहीं एयरपोर्ट पर नहीं मिलेंगे, कहीं दाढ़ी बढ़ाए हुए नहीं मिलेंगे, वह किसी घर या फिर किसी होटल में नहीं मिलेंगे। लेकिन, जब भी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी उन्हें बुलाएगी, वह अपना पक्ष रखने के लिए वहां पहुंच जाएंगे। सवाल- 123 मौतों के जिम्मेदार सिर्फ आयोजक, बाबा क्यों नहीं?
जवाब- मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का आयोजन समय-समय पर अलग-अलग प्रदेशों में होता रहा है। इस बार चुनाव के चलते फरवरी से जून तक कोई आयोजन नहीं हो पाया। क्योंकि आचार संहिता लगी थी। चुनाव में नारायण साकार हरि न किसी के लिए वोट मांगते हैं न किसी के पक्ष में बात करते हैं। जुलाई में जैसे ही आयोजन हुआ, अचानक भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ में कुछ अराजक तत्व शामिल हो गए, जिन्होंने धक्का देकर लोगों को गिराया। यह सब एक साजिश के तहत करवाया गया। सवाल- भगदड़ के बीच बाबा गाड़ी में बैठकर निकल गए, रुके क्यों नहीं?
जवाब- नारायण साकार हरि घटना होने के आधे घंटे पहले वहां से निकल चुके थे। उनके पास कोई मोबाइल फोन नहीं है। कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है। घटना दुखद है, इसलिए भोले बाबा ने मरने वालों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। यूपी सरकार का धन्यवाद, जो उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। सवाल- प्रशासन तो कह रहा लोग चरणों की धूल लेने आगे बढ़े थे?
जवाब- ऐसा उन साजिशकर्ताओं ने बोला है, जबकि हकीकत यह है कि नारायण हरि गाड़ी से मंच के पास पहुंचते हैं और सत्संग खत्म होने के बाद मंच के ही पास लगी गाड़ी में बैठकर वापस चले जाते हैं। चरणों की धूल लेने का सवाल ही नहीं। सवाल- कार्यक्रम बाबा का था तो क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती?
जवाब- कार्यक्रम आयोजकों का था और आयोजक गलत फंसे। क्या सनातन धर्म का कार्यक्रम करना गलत है? मक्का मदीना में पिछले दिनों 1 हजार से ज्यादा लोग मर गए। क्या इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया गया, जबकि वहां तो लोग रजिस्टर्ड होकर जाते हैं। क्या दुनिया में किसी ने बोला, क्या मीडिया में डिबेट चली? सवाल- 80 हजार लोगों की परमिशन, ढाई लाख पहुंचे, प्रशासन की गलती नहीं?
जवाब- प्रशासन वहां मौजूद था। कार्यक्रम के दौरान वहां कोई अफरा-तफरी नहीं थी। भोले बाबा के जाने के बाद स्थिति बिगड़ी, क्योंकि भीड़ के बीच अराजक तत्व शामिल हो गए। सवाल- क्या बाबा की आर्मी ने पुलिस को अंदर जाने से रोका?
जवाब- कौन आर्मी? एटा, अलीगढ़ और हाथरस पुलिस के रहते क्या यहां कोई आर्मी चल सकती है। सब सेवादार हैं, उनका सिर्फ नाम आर्मी दे दिया गया है। असली आर्मी तो हमारे देश की सीमा पर है। सेवादारों में महिलाएं और पुरुष हैं। सवाल- आप इस घटना में किसकी गलती मानते हैं?
जवाब- हम आप सबसे अनुरोध करते हैं, नारायण हरि के करोड़ों समर्थकों से, सरकार से अनुरोध करते हैं। हमें थोड़ा मौका दें, हम कहीं भी दोषी को बचाने के लिए बेल नहीं लगाने जा रहे। हमने तो सत्य का साथ दिया है। हमने मानव मंगल समागम करके कोई अपराध नहीं किया है। सवाल- अगर बाबा जी सही हैं तो फिर सामने क्यों नहीं आते?
जवाब- हमारी सबसे पहले प्राथमिकता थी कि सारी लाशें अपने घर पहुंच जाएं। दूसरी प्राथमिकता में वे हैं, जो घायल हैं। किसी को खून की कमी, किसी को वाहन की कमी, किसी को पैसे की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। नारायण साकार हरि ने सारी जिला कमेटी को अलर्ट किया है कि जितने भी मृतक हैं, उनके परिवार की देखरेख और जो घायल हैं उनकी देखरेख तन-मन-धन से की जाए। सवाल- बाबा ने अपने आगे के सारे प्रोग्राम कैंसिल कर दिए?
जवाब- बिल्कुल हमने सारे प्रोग्राम कैंसिल कर दिए। नारायण साकार हरि इस वक्त उस मनोदशा में नहीं हैं कि प्रोग्राम करें। उन्हें उन लोगों के दर्द को देखना है, जो मर चुके हैं। वो हमारे शरीर के अंग थे, समझिए अंग कट गया। वो कुछ बोल नहीं पाए, कुछ कह नहीं पाए, उनकी लाशें बिछ गईं। सवाल- क्या आयोजकों पर लगे मुकदमों को भी आप देखेंगे?
जवाब- हां, हम उनका भी मुकदमा देख रहे हैं। मैं दैनिक भास्कर के जरिए सरकार से अपील करना चाहता हूं कि मौत के बाद हार्ड कोर अपराधियों को भी तेरहवीं करने का अवसर मिलता है। आयोजनकर्ता मधुकर कोई हार्डकोर अपराधी नहीं है। वह तो इंजीनियर है, पढ़ा लिखा है। सवाल- बाबा के पास क्या 100 करोड़ की संपत्ति है?
जवाब- अगर नारायण साकार हरि के पास 100 करोड़ की संपत्ति होगी तो मैं उनका वकील होने के नाते पूरी संपत्ति दान करने का ऐलान करता हूं। उनके पास जिले स्तर की कमेटियां हैं, उन्हीं का आश्रम है, उन्हीं की फाइनेंशियल व्यवस्था है। वही आयोजन करते हैं। नारायण साकार हरि न कोई पैसा लेते हैं और न ही किसी को एक पैसा देते हैं। अपने वीआरएस की पेंशन से जीविका चलाते हैं। आज खबर चलाई जा रही कि बाबा के आश्रम में जल से अमृत निकलता है। मैं पूछना चाहूंगा कि क्या जल अमृत नहीं है। सवाल- आपने इस केस में कैसे एंट्री ली? क्या बाबा से बात हुई?
जवाब- कोई मुझे जहां बुलाता है, मैं वहां चला जाता हूं। कर्तव्य पथ पर जो मिला वो भी सही, ये भी सही। हमारी बाबा से बात हुई है, 123 लाशें निकली हैं। क्या किसी में देखने-सुनने की क्षमता है। जो जीवन देने गया था, वह जीवन चला गया। लोग एक लाश नहीं देख पाते, नारायण साकार हरि ने अपने सगे लोगों की 123 लाशें देखीं। ये भी पढ़ें: हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट कर लिया गया है। उसने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। इस बात की पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील ने की है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख इनाम घोषित किया था…(पढ़ें पूरी खबर) भोले बाबा की आर्मी पुलिस से भी नहीं डरती:100 ब्लैक कमांडो इशारा मिलते ही मरने-मारने को तैयार सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। उस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए। फिर भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र किया…(पढ़ें पूरी खबर) हाथरस हादसे को चार दिन बीत चुके हैं। भगदड़ में मारे गए 123 लोगों का अंतिम संस्कार हो गया। सरकार की ओर से मुआवजे का ऐलान भी कर दिया गया। लेकिन, जिस भोले बाबा उर्फ सूरज पाल की वजह से बेगुनाहों की मौत हुई, वह अब तक सामने नहीं आया। आखिर बाबा कहां है, क्यों इतनी मौतों पर भी वह इतने दिनों से चुप है? इन सवालों के बीच बाबा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह आगे आए। दैनिक भास्कर ने बाबा का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया। हमने एपी सिंह से घटना से जुड़े हर पहलु पर बात की। पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश… सवाल- बाबा कहां है?
जवाब- बाबा भारत में ही हैं। कहीं भागे नहीं हैं। वह कहीं एयरपोर्ट पर नहीं मिलेंगे, कहीं दाढ़ी बढ़ाए हुए नहीं मिलेंगे, वह किसी घर या फिर किसी होटल में नहीं मिलेंगे। लेकिन, जब भी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी उन्हें बुलाएगी, वह अपना पक्ष रखने के लिए वहां पहुंच जाएंगे। सवाल- 123 मौतों के जिम्मेदार सिर्फ आयोजक, बाबा क्यों नहीं?
जवाब- मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का आयोजन समय-समय पर अलग-अलग प्रदेशों में होता रहा है। इस बार चुनाव के चलते फरवरी से जून तक कोई आयोजन नहीं हो पाया। क्योंकि आचार संहिता लगी थी। चुनाव में नारायण साकार हरि न किसी के लिए वोट मांगते हैं न किसी के पक्ष में बात करते हैं। जुलाई में जैसे ही आयोजन हुआ, अचानक भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ में कुछ अराजक तत्व शामिल हो गए, जिन्होंने धक्का देकर लोगों को गिराया। यह सब एक साजिश के तहत करवाया गया। सवाल- भगदड़ के बीच बाबा गाड़ी में बैठकर निकल गए, रुके क्यों नहीं?
जवाब- नारायण साकार हरि घटना होने के आधे घंटे पहले वहां से निकल चुके थे। उनके पास कोई मोबाइल फोन नहीं है। कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है। घटना दुखद है, इसलिए भोले बाबा ने मरने वालों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। यूपी सरकार का धन्यवाद, जो उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। सवाल- प्रशासन तो कह रहा लोग चरणों की धूल लेने आगे बढ़े थे?
जवाब- ऐसा उन साजिशकर्ताओं ने बोला है, जबकि हकीकत यह है कि नारायण हरि गाड़ी से मंच के पास पहुंचते हैं और सत्संग खत्म होने के बाद मंच के ही पास लगी गाड़ी में बैठकर वापस चले जाते हैं। चरणों की धूल लेने का सवाल ही नहीं। सवाल- कार्यक्रम बाबा का था तो क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती?
जवाब- कार्यक्रम आयोजकों का था और आयोजक गलत फंसे। क्या सनातन धर्म का कार्यक्रम करना गलत है? मक्का मदीना में पिछले दिनों 1 हजार से ज्यादा लोग मर गए। क्या इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया गया, जबकि वहां तो लोग रजिस्टर्ड होकर जाते हैं। क्या दुनिया में किसी ने बोला, क्या मीडिया में डिबेट चली? सवाल- 80 हजार लोगों की परमिशन, ढाई लाख पहुंचे, प्रशासन की गलती नहीं?
जवाब- प्रशासन वहां मौजूद था। कार्यक्रम के दौरान वहां कोई अफरा-तफरी नहीं थी। भोले बाबा के जाने के बाद स्थिति बिगड़ी, क्योंकि भीड़ के बीच अराजक तत्व शामिल हो गए। सवाल- क्या बाबा की आर्मी ने पुलिस को अंदर जाने से रोका?
जवाब- कौन आर्मी? एटा, अलीगढ़ और हाथरस पुलिस के रहते क्या यहां कोई आर्मी चल सकती है। सब सेवादार हैं, उनका सिर्फ नाम आर्मी दे दिया गया है। असली आर्मी तो हमारे देश की सीमा पर है। सेवादारों में महिलाएं और पुरुष हैं। सवाल- आप इस घटना में किसकी गलती मानते हैं?
जवाब- हम आप सबसे अनुरोध करते हैं, नारायण हरि के करोड़ों समर्थकों से, सरकार से अनुरोध करते हैं। हमें थोड़ा मौका दें, हम कहीं भी दोषी को बचाने के लिए बेल नहीं लगाने जा रहे। हमने तो सत्य का साथ दिया है। हमने मानव मंगल समागम करके कोई अपराध नहीं किया है। सवाल- अगर बाबा जी सही हैं तो फिर सामने क्यों नहीं आते?
जवाब- हमारी सबसे पहले प्राथमिकता थी कि सारी लाशें अपने घर पहुंच जाएं। दूसरी प्राथमिकता में वे हैं, जो घायल हैं। किसी को खून की कमी, किसी को वाहन की कमी, किसी को पैसे की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। नारायण साकार हरि ने सारी जिला कमेटी को अलर्ट किया है कि जितने भी मृतक हैं, उनके परिवार की देखरेख और जो घायल हैं उनकी देखरेख तन-मन-धन से की जाए। सवाल- बाबा ने अपने आगे के सारे प्रोग्राम कैंसिल कर दिए?
जवाब- बिल्कुल हमने सारे प्रोग्राम कैंसिल कर दिए। नारायण साकार हरि इस वक्त उस मनोदशा में नहीं हैं कि प्रोग्राम करें। उन्हें उन लोगों के दर्द को देखना है, जो मर चुके हैं। वो हमारे शरीर के अंग थे, समझिए अंग कट गया। वो कुछ बोल नहीं पाए, कुछ कह नहीं पाए, उनकी लाशें बिछ गईं। सवाल- क्या आयोजकों पर लगे मुकदमों को भी आप देखेंगे?
जवाब- हां, हम उनका भी मुकदमा देख रहे हैं। मैं दैनिक भास्कर के जरिए सरकार से अपील करना चाहता हूं कि मौत के बाद हार्ड कोर अपराधियों को भी तेरहवीं करने का अवसर मिलता है। आयोजनकर्ता मधुकर कोई हार्डकोर अपराधी नहीं है। वह तो इंजीनियर है, पढ़ा लिखा है। सवाल- बाबा के पास क्या 100 करोड़ की संपत्ति है?
जवाब- अगर नारायण साकार हरि के पास 100 करोड़ की संपत्ति होगी तो मैं उनका वकील होने के नाते पूरी संपत्ति दान करने का ऐलान करता हूं। उनके पास जिले स्तर की कमेटियां हैं, उन्हीं का आश्रम है, उन्हीं की फाइनेंशियल व्यवस्था है। वही आयोजन करते हैं। नारायण साकार हरि न कोई पैसा लेते हैं और न ही किसी को एक पैसा देते हैं। अपने वीआरएस की पेंशन से जीविका चलाते हैं। आज खबर चलाई जा रही कि बाबा के आश्रम में जल से अमृत निकलता है। मैं पूछना चाहूंगा कि क्या जल अमृत नहीं है। सवाल- आपने इस केस में कैसे एंट्री ली? क्या बाबा से बात हुई?
जवाब- कोई मुझे जहां बुलाता है, मैं वहां चला जाता हूं। कर्तव्य पथ पर जो मिला वो भी सही, ये भी सही। हमारी बाबा से बात हुई है, 123 लाशें निकली हैं। क्या किसी में देखने-सुनने की क्षमता है। जो जीवन देने गया था, वह जीवन चला गया। लोग एक लाश नहीं देख पाते, नारायण साकार हरि ने अपने सगे लोगों की 123 लाशें देखीं। ये भी पढ़ें: हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट कर लिया गया है। उसने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। इस बात की पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील ने की है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख इनाम घोषित किया था…(पढ़ें पूरी खबर) भोले बाबा की आर्मी पुलिस से भी नहीं डरती:100 ब्लैक कमांडो इशारा मिलते ही मरने-मारने को तैयार सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। उस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए। फिर भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र किया…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर