हरियाणा के करनाल में नगला मेघा गांव के पास करनाल-मेरठ रोड पर बीती देर रात एक युवक का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला है। मृतक के शरीर पर चोटों के निशान भी हैं। युवक चार दिन पहले अपने घर से वृंदावन के लिए निकला था। परिजनों ने अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। सचिन के रूप में हुई पहचान मृतक की पहचान 19 वर्षीय सचिन के रूप में हुई है। सचिन परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी तीन बहनें और एक भाई था। सचिन मजदूरी करता था। मृतक की बहन प्रवीणा ने बताया कि उसका भाई घर से वृंदावन के लिए निकला था, लेकिन वह वृंदावन नहीं पहुंचा। दो दिन बाद फोन भी किया था, उसने बताया था कि वह करनाल के आसपास ही है। जिसके बाद हमें नगला मेघा के पास रात ढाई बजे अर्धनग्न हालत में उसका शव मिला है। उसके पास उसका बैग भी नहीं था। उसका भाई नगला में ही काम किया करता था। फूट-फूटकर रोए परिजन मृतक के परिजन गमगीन हैं। मृतक की मां ने बताया कि वह लापता था। उसका फोन भी बंद था। वह वृंदावन के लिए निकला था, लेकिन उसे कौन ले गया, यह हमें नहीं पता। रात तीन बजे पुलिस ने उसका फोटो भेजा, हमने उसकी पहचान की। किसी ने मेरे बेटे की हत्या कर दी है। मारपीट कर की गई हत्या वहीं, मृतक के चचेरे भाई राहुल ने बताया कि कुछ युवकों ने सचिन के साथ मारपीट की है। वे कौन थे इसके बारे में कुछ भी नहीं पता चल पाया है। उसकी शरीर पर चोट के निशान है। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया है। पुलिस जुटी जांच में सदर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि रात ढ़ाई बजे सचिन का शव मिला है। पोस्टमार्टम के बाद ही असली कारणों का पता चल पाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। शिकायत के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा के करनाल में नगला मेघा गांव के पास करनाल-मेरठ रोड पर बीती देर रात एक युवक का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला है। मृतक के शरीर पर चोटों के निशान भी हैं। युवक चार दिन पहले अपने घर से वृंदावन के लिए निकला था। परिजनों ने अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दोपहर बाद पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। सचिन के रूप में हुई पहचान मृतक की पहचान 19 वर्षीय सचिन के रूप में हुई है। सचिन परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी तीन बहनें और एक भाई था। सचिन मजदूरी करता था। मृतक की बहन प्रवीणा ने बताया कि उसका भाई घर से वृंदावन के लिए निकला था, लेकिन वह वृंदावन नहीं पहुंचा। दो दिन बाद फोन भी किया था, उसने बताया था कि वह करनाल के आसपास ही है। जिसके बाद हमें नगला मेघा के पास रात ढाई बजे अर्धनग्न हालत में उसका शव मिला है। उसके पास उसका बैग भी नहीं था। उसका भाई नगला में ही काम किया करता था। फूट-फूटकर रोए परिजन मृतक के परिजन गमगीन हैं। मृतक की मां ने बताया कि वह लापता था। उसका फोन भी बंद था। वह वृंदावन के लिए निकला था, लेकिन उसे कौन ले गया, यह हमें नहीं पता। रात तीन बजे पुलिस ने उसका फोटो भेजा, हमने उसकी पहचान की। किसी ने मेरे बेटे की हत्या कर दी है। मारपीट कर की गई हत्या वहीं, मृतक के चचेरे भाई राहुल ने बताया कि कुछ युवकों ने सचिन के साथ मारपीट की है। वे कौन थे इसके बारे में कुछ भी नहीं पता चल पाया है। उसकी शरीर पर चोट के निशान है। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया है। पुलिस जुटी जांच में सदर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि रात ढ़ाई बजे सचिन का शव मिला है। पोस्टमार्टम के बाद ही असली कारणों का पता चल पाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। शिकायत के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में AAP से गठबंधन चाहते थे राहुल गांधी:MP राघव चड्ढा का खुलासा; बोले- लोकल यूनिट ने नहीं होने दिया, हुड्डा-सुरजेवाला विरोध में थे हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन को लेकर आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी AAP के साथ गठबंधन करना चाहते थे। इसको लेकर मेरी उनसे कई बार बात हुई। मेरे नेता अरविंद केजरीवाल उस समय उपलब्ध नहीं थे, इस कारण से मुझे उनसे इस मामले को लेकर संवाद करने का मौका मिला, लेकिन चुनाव में हरियाणा की लोकल यूनिट के नेताओं की यह मंशा थी कि हम गठबंधन न करके अकेले चुनाव लड़ें और उन्होंने चुनाव साथ नहीं लड़ा। इसके बाद राघव चड्ढा ने गठबंधन को लेकर एक शायरी भी पढ़ी। उन्होंने कहा, “हमारी आरजू का ख्याल रखते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत की फिक्र होती तो, कुछ और बात होगी। आज वह भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।” राहुल गांधी ने बनाया गठबंधन का प्लान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से गठबंधन की पहल की गई थी। राहुल ने AAP से बातचीत के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इसमें पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी रखा गया था। चूंकि उस समय आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, इसलिए पार्टी की ओर से गठबंधन की बात के लिए राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को जिम्मेदारी दी गई थी। हरियाणा में गठबंधन की ये थी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अगले साल 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को साधना चाहते थे। दिल्ली में कांग्रेस ने 1998 से लेकर 2013 तक सरकार बनाई थी। इसके बाद 2013 और 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन हो जाता है, तो कांग्रेस अगले साल दिल्ली में गठबंधन का दबाव बना सकती थी। हालांकि दिल्ली चुनाव को लेकर अभी दोनों पार्टियों की ओर से गठबंधन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है। गठबंधन नहीं होने की ये रहीं वजहें… 1. AAP को कांग्रेस का 4+1 फॉर्मूला नहीं समझ आया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से AAP को 4+1 फॉर्मूला यानी 5 सीट का ऑफर दिया गया था। इनमें जींद, कलायत, पानीपत (ग्रामीण), गुरुग्राम और पिहोवा सीट शामिल है। हालांकि, AAP ओल्ड फरीदाबाद सहित 10 सीटों की मांग कर रही थी। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया, जिसके कारण दोनों पार्टियों में गठबंधन नहीं हो पाया। 2. इन 4 सीटों पर भी AAP ने ठोंका था दावा लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस के जॉइंट कैंडिडेट डॉ. सुशील गुप्ता ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट के अंतर्गत 9 विधानसभा आती हैं। गुप्ता यह चुनाव तो नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस सीट के अंतर्गत आने वाली 4 सीट (गुहला चीका, पिहोवा, शाहाबाद और कलायत) पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस यह चारों सीट भी AAP को दे सकती है। 3. हुड्डा-सुरजेवाला ने किया था विरोध चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा के दो बड़े नेता विरोध में थे। इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल था। गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा बनाई गई कमेटी में इन्होंने गठबंधन नहीं किए जाने की बात कही थी।
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हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल
हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल हरियाणा में कांग्रेस हार के मंथन के साथ-साथ हार के सबूत भी तलाश रही है। इसके लिए आज (9 नवंबर) को दिल्ली में कांग्रेस की हार के कारण जानने के लिए बनाई गई 8 मेंबरी कमेटी की मीटिंग होगी। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा हेराफेरी, धन-बल के इस्तेमाल और सरकारी तंत्र की मदद के कारण चुनाव जीती है। पार्टी ने नतीजे सामने आने के बाद चुनाव आयोग से भी गुहार लगाई थी मगर आयोग ने उलटा कांग्रेस को ही आइना दिखा दिया, जिससे खफा होकर कांग्रेस कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। इसी केस को दायर करने के लिए वह सबूत एकत्रित कर रही है। कांग्रेस ने इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव में हारे हुए सभी 53 नेताओं को दोपहर 12 बजे बुलाया है। इन नेताओं के पास मैसेज पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने हार के बाद पहले फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट हाईकमान के पास पेंडिंग है। इसके बाद हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सहप्रभारी से मुलाकात के बाद 8 मेंबर कमेटी बनाई। घोड़ेला बोले- मेरे पास लंबी लिस्ट, खुलासे करूंगा
वहीं मीटिंग में जाने को लेकर पूछे गए सवाल में नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल मान ने कहा कि वह दिल्ली में बैठक में नहीं जाएंगे। उनको कोई निजी काम है हालांकि मीटिंग के लिए उनके पास मैसेज व कॉल आई थी। वहीं बरवाला से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने बताया कि मीटिंग में वह जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास एक लंबी सूची है। मीटिंग में अगर पूछा जाएगा तो मैं इन नामों का खुलासा भी करूंगा जिनके कारण हम हारे। घोड़ेला ने बताया कि सांसद के चुनाव में 53 हजार वोट सांसद को मिलते हैं मगर 3 महीने बाद चुनाव में मुझे 40 हजार वोट मिलते हैं। ऐसे में सवाल तो उठते हैं। मीटिंग में कमेटी के 8 मेंबर के अलावा प्रदेशाध्यक्ष भी रहेंगे… राठौर बोले- भाजपा की कैबिनेट ही चुनाव हार गई
कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौर ने भाजपा के पक्ष में आए चुनावी नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कैबिनेट ने अच्छा काम किया होता तो अनिल विज को छोड़कर सभी कैबिनेट मंत्री क्यों चुनाव हारते? अगर विधायकों ने काम अच्छा काम किया होता तो 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त न होती। भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी और 89 में से 10 कैबिनेट मंत्री चुनाव हारे और 11 लोगों की जमानत जब्त हो गई। फिर बचीं 69 सीटें। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसी कौन सी आंधी भाजपा की चल रही थी कि 69 में से 48 सीटें भाजपा जीत गई? आज भी लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी सौंप चुकी हाईकमान को रिपोर्ट बता दें कि राहुल गांधी की समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की दो सदस्यीय फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टू वन बात की। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।