दूल्हे को गोद में उठाकर रस्में, नाव से लाए दुल्हन:लखीमपुर के गांव में बाढ़ के बीच हुईं शादियां; दूल्हा बोला-हमारे रिश्ते हमेशा चलेंगे

दूल्हे को गोद में उठाकर रस्में, नाव से लाए दुल्हन:लखीमपुर के गांव में बाढ़ के बीच हुईं शादियां; दूल्हा बोला-हमारे रिश्ते हमेशा चलेंगे

लखीमपुर में कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। घरों में घुटनों तक पानी भरा है। शादियों की लग्न भी चल रही हैं। बाढ़ के बीच शादी करना बड़ी चुनौती है। ऐसे में गांव के लोगों ने अनोखी तरकीब निकाली। लोगों ने बाढ़ के पानी के बीच शादी की सारी रस्में निभाईं। घर में पानी भरा होने से दूल्हे को रिश्तेदारों ने गोद में उठा लिया। इसके बाद मंडप के फेरे लिए। फिर दूल्हे को कंधे पर बैठाकर गांव से बाहर लाया गया। यहां से बारात बहराइच रवाना हुई। दूसरे गांव में भी इसी तरह शादी की रस्में निभाई गईं। दुल्हन के यहां पहुंचने पर दूल्हे को नाव पर बैठाकर जनवासे तक लाया गया। दूल्हों ने कहा- ये पल भर की मुश्किलें हैं। बाढ़ जैसे हालात हमेशा नहीं रहेंगे, पर रिश्ते हमेशा चलेंगे। पहली बारात: 1 KM तक गोद में उठाकर निभाईं रस्में
बिजुआ के गांव बेल्हा सिकटिहा के रहने वाले दुर्गेश के बेटे रामनिवास की शादी बहराइच के शहगुलवा गांव की रहने वाली सुमन से एक महीने पहले तय हुई थी। 9 जुलाई को बारात जानी थी, लेकिन एक हफ्ते से बेल्हा समेत कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं।​​​ मंगलवार को​​ जब​​ दूल्हा सज-धज कर तैयार हो गया। तभी लोगों ने उसके बहनोई बहनोई से पूछा कि दूल्हे को कैसे गाड़ी तक ले जाएंगे? इस पर बहनोई ने जवाब दिया- जो हमारा फर्ज है, उसे करेंगे। गोद में उठाकर अभी तक कई रस्मों में करीब 1 किमी तक का सफर दूल्हे को करवा चुके हैं। अब उसे गोद में ही उठाकर गाड़ी तक ले जाएंगे। जब दूल्हे से उन पलों के बारे में पूछा गया, तो उसने कहा- जहां से मैं दुल्हन लेने जा रहा हूं, वहां तो हमारे यहां से ज्यादा बाढ़ है। इसलिए हम दोनों पक्षों का हिसाब-किताब बराबर है। घरों में दो फीट तक भर चुका है पानी
नदी किनारे बसे गांव में पानी घुस चुका है। घरों में दो फीट तक पानी भरा है। ऐसे में मंगलवार को दुर्गेश को शादी के दिन सारी रस्में पानी के बीच ही निभानी पड़ीं। दूल्हे को कभी गोद में, तो कभी कंधे पर बैठाकर रिश्तेदारों ने सारी रस्में निभाईं। कंधे पर ही शादी का सामान रखकर बाहर लाया गया। इसके बाद बारात दुल्हन लेने बहराइच रवाना हुई। दूसरी बारात: 5 चक्कर में नाव से जनवासे तक पहुंचे बाराती
दूसरी बारात शिव कुमार की बिजुआ क्षेत्र के रेवतीपुरवा गांव पहुंची। बारात जब पीलीभीत के पूरनपुर से आई, तो यहां दूल्हे पक्ष के लोग बाढ़ का नजारा देखकर परेशान हो गए। गांव में नाव चलती देख बैंड-बाजा वाले भी लौट गए। इसके बाद नाव से 5 चक्कर में 40-40 बारातियों को जनवासे तक ले जाया गया। कुछ बाराती गांव के बाहर ही रुक गए। उनका कहना था कि रात में वहां से आने में दिक्कत होगी। इसके बाद उनके लिए लड़की वालों ने वहीं नाश्ते-पानी और खाने की व्यवस्था की। दूल्हा बोला- मेरा सौभाग्य है, नाव से दुल्हन ले जा रहा
पूरनपुर के गांव सेमरिया के रहने वाले शिव कुमार की शादी रेवतीपुरवा निवासी बद्री की बेटी कल्पना से तय हुई थी। शिव ने कहा- यह मेरा सौभाग्य है कि मैं नाव से दुल्हन लेकर जा रहा हूं। दुल्हन को जिंदगी तो हमारे यहां बितानी है। बाढ़ जैसे हालात हमेशा नहीं रहेंगे, लेकिन रिश्ते हमेशा चलेंगे। लखीमपुर में बाढ़ जैसे हालात
शारदा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद लखीमपुर के करीब 150 गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। पलिया, धौरहरा, फूलबेहड़, निघासन आदि क्षेत्रों में गांव के घरों में पानी घुसने से लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जिन लोगों के यहां शादी-ब्याह होने थे, उन्हें कठिनाई के साथ रस्म अदायगी करनी पड़ रही है। यह खबर भी पढ़ें ड्रोन से देखिए यूपी के 500 गांवों में बाढ़:पानी में NDRF, आसमान से सेना ने संभाली कमान यूपी में लगातार बारिश से शारदा, देहवा, ट्रांस और राप्ती नदी उफान पर हैं। बलरामपुर, पीलीभीत और लखीमपुर के करीब 500 गांवों में बाढ़ आ गई है। शहरों में भी पानी घुस गया है। 20 लाख की आबादी प्रभावित है। यहां पढ़ें पूरी खबर लखीमपुर में कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। घरों में घुटनों तक पानी भरा है। शादियों की लग्न भी चल रही हैं। बाढ़ के बीच शादी करना बड़ी चुनौती है। ऐसे में गांव के लोगों ने अनोखी तरकीब निकाली। लोगों ने बाढ़ के पानी के बीच शादी की सारी रस्में निभाईं। घर में पानी भरा होने से दूल्हे को रिश्तेदारों ने गोद में उठा लिया। इसके बाद मंडप के फेरे लिए। फिर दूल्हे को कंधे पर बैठाकर गांव से बाहर लाया गया। यहां से बारात बहराइच रवाना हुई। दूसरे गांव में भी इसी तरह शादी की रस्में निभाई गईं। दुल्हन के यहां पहुंचने पर दूल्हे को नाव पर बैठाकर जनवासे तक लाया गया। दूल्हों ने कहा- ये पल भर की मुश्किलें हैं। बाढ़ जैसे हालात हमेशा नहीं रहेंगे, पर रिश्ते हमेशा चलेंगे। पहली बारात: 1 KM तक गोद में उठाकर निभाईं रस्में
बिजुआ के गांव बेल्हा सिकटिहा के रहने वाले दुर्गेश के बेटे रामनिवास की शादी बहराइच के शहगुलवा गांव की रहने वाली सुमन से एक महीने पहले तय हुई थी। 9 जुलाई को बारात जानी थी, लेकिन एक हफ्ते से बेल्हा समेत कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं।​​​ मंगलवार को​​ जब​​ दूल्हा सज-धज कर तैयार हो गया। तभी लोगों ने उसके बहनोई बहनोई से पूछा कि दूल्हे को कैसे गाड़ी तक ले जाएंगे? इस पर बहनोई ने जवाब दिया- जो हमारा फर्ज है, उसे करेंगे। गोद में उठाकर अभी तक कई रस्मों में करीब 1 किमी तक का सफर दूल्हे को करवा चुके हैं। अब उसे गोद में ही उठाकर गाड़ी तक ले जाएंगे। जब दूल्हे से उन पलों के बारे में पूछा गया, तो उसने कहा- जहां से मैं दुल्हन लेने जा रहा हूं, वहां तो हमारे यहां से ज्यादा बाढ़ है। इसलिए हम दोनों पक्षों का हिसाब-किताब बराबर है। घरों में दो फीट तक भर चुका है पानी
नदी किनारे बसे गांव में पानी घुस चुका है। घरों में दो फीट तक पानी भरा है। ऐसे में मंगलवार को दुर्गेश को शादी के दिन सारी रस्में पानी के बीच ही निभानी पड़ीं। दूल्हे को कभी गोद में, तो कभी कंधे पर बैठाकर रिश्तेदारों ने सारी रस्में निभाईं। कंधे पर ही शादी का सामान रखकर बाहर लाया गया। इसके बाद बारात दुल्हन लेने बहराइच रवाना हुई। दूसरी बारात: 5 चक्कर में नाव से जनवासे तक पहुंचे बाराती
दूसरी बारात शिव कुमार की बिजुआ क्षेत्र के रेवतीपुरवा गांव पहुंची। बारात जब पीलीभीत के पूरनपुर से आई, तो यहां दूल्हे पक्ष के लोग बाढ़ का नजारा देखकर परेशान हो गए। गांव में नाव चलती देख बैंड-बाजा वाले भी लौट गए। इसके बाद नाव से 5 चक्कर में 40-40 बारातियों को जनवासे तक ले जाया गया। कुछ बाराती गांव के बाहर ही रुक गए। उनका कहना था कि रात में वहां से आने में दिक्कत होगी। इसके बाद उनके लिए लड़की वालों ने वहीं नाश्ते-पानी और खाने की व्यवस्था की। दूल्हा बोला- मेरा सौभाग्य है, नाव से दुल्हन ले जा रहा
पूरनपुर के गांव सेमरिया के रहने वाले शिव कुमार की शादी रेवतीपुरवा निवासी बद्री की बेटी कल्पना से तय हुई थी। शिव ने कहा- यह मेरा सौभाग्य है कि मैं नाव से दुल्हन लेकर जा रहा हूं। दुल्हन को जिंदगी तो हमारे यहां बितानी है। बाढ़ जैसे हालात हमेशा नहीं रहेंगे, लेकिन रिश्ते हमेशा चलेंगे। लखीमपुर में बाढ़ जैसे हालात
शारदा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद लखीमपुर के करीब 150 गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। पलिया, धौरहरा, फूलबेहड़, निघासन आदि क्षेत्रों में गांव के घरों में पानी घुसने से लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जिन लोगों के यहां शादी-ब्याह होने थे, उन्हें कठिनाई के साथ रस्म अदायगी करनी पड़ रही है। यह खबर भी पढ़ें ड्रोन से देखिए यूपी के 500 गांवों में बाढ़:पानी में NDRF, आसमान से सेना ने संभाली कमान यूपी में लगातार बारिश से शारदा, देहवा, ट्रांस और राप्ती नदी उफान पर हैं। बलरामपुर, पीलीभीत और लखीमपुर के करीब 500 गांवों में बाढ़ आ गई है। शहरों में भी पानी घुस गया है। 20 लाख की आबादी प्रभावित है। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर