हिमाचल की राजधानी शिमला में रिज पर फिर से जमीन धंसनी शुरू हो गई है। इससे रिज के एक कोने में बने पदमदेव कॉम्प्लेक्स के निकट स्थित कुछ दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए वीरवार को यहां चल रही दुकानें खाली करने को कह दिया गया है। बताया जा रहा है कि रिज पर बने टैंक में भी हल्की दरारें पड़ी हैं। रिज के एक कोने पर दरारें आने के बाद वीरवार की दोपहर बाद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर पहुंचे और यहां चल रही दुकानें एहतियात खाली करने के आदेश दिए। यहां जमीन धंसने के बाद क्षेत्र को अनसेफ घोषित किया जा चुका है। यहां पर लगभग 15 दुकानें हैं। इनमें अधिकांश अवैध तौर पर चल रही है। यदि ज्यादा बारिश होती है तो दुकानें गिरने का खतरा बना हुआ है। यदि दुकानें गिरती है तो रिज पर बने पानी के टैंक को भी खतरा हो सकता है। यह दरारें रिज पर बने टैंक के नीचे नहीं, बल्कि जिस जगह घोड़े खड़े रहते हैं, वहां मौजूद पेड़ से लेकर लक्कड़ बाजार की ओर को आई है। कई सालों से धंस रहा रिज, लक्कड़ बाजार का एरिया रिज से दोनों और करीब 100-100 मीटर का एरिया सालों से चिंता का कारण बना हुआ है। रिज से लक्कड़ बाजार वाला क्षेत्र कई सालों से धंस रहा है। जिस जगह ताजा दरारें आई है, वहां चार से पांच फीट जमीन पहले भी नीचे बैठ चुकी है। इस बरसात में दोबारा से लक्कड़ बाजार सड़क पर पड़ी दरारों ने चिंता बढ़ाई है। रिज को सेफ करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, दरारें पड़ने के बाद क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए हर समय कदम उठाए जाएंगे। इस क्षेत्र को अनसेफ घोषित कर सभी दुकानों को खाली करने को कहा गया है। जल्द यहां पर जियोलॉजिकल सर्वे कराया जाएगा। डीसी बोले-शिमला में तीन महीने टास्क फोर्स आपदा से निपटेगी वहीं डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा, शिमला शहर में संयुक्त टास्क फोर्स किसी भी आपदा से निपटेगी। एनडीआरएफ और गृह रक्षक के सदस्य फोर्स में शामिल किए गए है। यह टास्क फोर्स तीन महीने तक कार्य करेगी। उन्होंने दावा किया कि, टास्क फोर्स अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगी। जिलाधीश अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी की अध्यक्षता में वीरवार को शिमला शहर में आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और गृह रक्षकों के संयुक्त टास्क फोर्स के साथ विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनुपम कश्यप ने कहा, आपदा में राहत कार्यों को तीव्रता से तभी पूरा किया जा सकता है, जब घटना स्थल के बारे पूर्ण जानकारी एकत्रित होगी। जब हमारी टास्क फोर्स मौके पर पहुंच जाए तो प्लान बनाने की बहुत कम आवश्यकता रहें। इसके साथ ही हमारा रिस्पॉन्स समय बहुत ही तेज गति से होना चाहिए। पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि आपदा में फोर्स की ओर से टीम वर्क होना चाहिए। टीम में निपुण सदस्यों को कार्य का बंटवारा किया जाना चाहिए ताकि राहत कार्यों को करने में कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े। हिमाचल की राजधानी शिमला में रिज पर फिर से जमीन धंसनी शुरू हो गई है। इससे रिज के एक कोने में बने पदमदेव कॉम्प्लेक्स के निकट स्थित कुछ दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए वीरवार को यहां चल रही दुकानें खाली करने को कह दिया गया है। बताया जा रहा है कि रिज पर बने टैंक में भी हल्की दरारें पड़ी हैं। रिज के एक कोने पर दरारें आने के बाद वीरवार की दोपहर बाद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर पहुंचे और यहां चल रही दुकानें एहतियात खाली करने के आदेश दिए। यहां जमीन धंसने के बाद क्षेत्र को अनसेफ घोषित किया जा चुका है। यहां पर लगभग 15 दुकानें हैं। इनमें अधिकांश अवैध तौर पर चल रही है। यदि ज्यादा बारिश होती है तो दुकानें गिरने का खतरा बना हुआ है। यदि दुकानें गिरती है तो रिज पर बने पानी के टैंक को भी खतरा हो सकता है। यह दरारें रिज पर बने टैंक के नीचे नहीं, बल्कि जिस जगह घोड़े खड़े रहते हैं, वहां मौजूद पेड़ से लेकर लक्कड़ बाजार की ओर को आई है। कई सालों से धंस रहा रिज, लक्कड़ बाजार का एरिया रिज से दोनों और करीब 100-100 मीटर का एरिया सालों से चिंता का कारण बना हुआ है। रिज से लक्कड़ बाजार वाला क्षेत्र कई सालों से धंस रहा है। जिस जगह ताजा दरारें आई है, वहां चार से पांच फीट जमीन पहले भी नीचे बैठ चुकी है। इस बरसात में दोबारा से लक्कड़ बाजार सड़क पर पड़ी दरारों ने चिंता बढ़ाई है। रिज को सेफ करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, दरारें पड़ने के बाद क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए हर समय कदम उठाए जाएंगे। इस क्षेत्र को अनसेफ घोषित कर सभी दुकानों को खाली करने को कहा गया है। जल्द यहां पर जियोलॉजिकल सर्वे कराया जाएगा। डीसी बोले-शिमला में तीन महीने टास्क फोर्स आपदा से निपटेगी वहीं डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा, शिमला शहर में संयुक्त टास्क फोर्स किसी भी आपदा से निपटेगी। एनडीआरएफ और गृह रक्षक के सदस्य फोर्स में शामिल किए गए है। यह टास्क फोर्स तीन महीने तक कार्य करेगी। उन्होंने दावा किया कि, टास्क फोर्स अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगी। जिलाधीश अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी की अध्यक्षता में वीरवार को शिमला शहर में आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और गृह रक्षकों के संयुक्त टास्क फोर्स के साथ विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनुपम कश्यप ने कहा, आपदा में राहत कार्यों को तीव्रता से तभी पूरा किया जा सकता है, जब घटना स्थल के बारे पूर्ण जानकारी एकत्रित होगी। जब हमारी टास्क फोर्स मौके पर पहुंच जाए तो प्लान बनाने की बहुत कम आवश्यकता रहें। इसके साथ ही हमारा रिस्पॉन्स समय बहुत ही तेज गति से होना चाहिए। पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि आपदा में फोर्स की ओर से टीम वर्क होना चाहिए। टीम में निपुण सदस्यों को कार्य का बंटवारा किया जाना चाहिए ताकि राहत कार्यों को करने में कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में भयंकर ट्रैफिक जाम:रात 3.30 बजे से लोग परेशान; 20 मिनट तक एंबुलेंस भी फंसी, पुलिस बोली-ट्रक खराब होने लगा जाम हिमाचल की राजधानी शिमला के उप नगर ढली-भट्टाकुफर में आज सुबह साढ़े 3 बजे के ट्रैफिक जाम लगा हुआ है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से स्कूली बच्चे आज समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए। नौकरीपेशा भी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच सके। सेब ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टर भी आधी रात से ही परेशान है। रात साढ़े 3 बजे लगा जाम सुबह 11 बजे सामान्य हो सका। बता दें कि सेब सीजन पीक पर है। इससे भट्टाकुफर मंडी में काफी मात्रा में सेब पहुंच रहा है। इस वजह से सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में इजाफा हुआ है और देशभर से बड़े बड़े ट्राले सेब ढुलाई को यहां पहुंच रहे हैं। इससे ट्रैफिक जाम लग रहा है। सुबह पांच बजे भट्टाकुफर से ढली सब्जी मंडी तक गाड़ियों की लाईनें लग गई थी और 10 बजे यह ढली पुलिस थाने से आगे तक लंबा जाम लग गया था। ट्रैफिक जाम के बाद आज सुबह के समय बड़ी संख्या में लोगों ने पैदल सफर किया। स्थानीय लोगों ने सेब सीजन के दृष्टिगत पुलिस से दिन रात जवान तैनात करने का आग्रह किया है, ताकि ट्रैफिक जाम न लग सके। बस छोड़ भट्टाकुफर से पैदल संजौली पहुंचा: अमित भट्टाकुफर निवासी अमित ने कहा सेब मंडी और ढली टनल के बीच ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी रही है। पांच मिनट के सफर में एक घंटा लग रहा है। उन्होंने बताया कि आज ट्रैफिक जाम के कारण बस को छोड़कर भट्टाकुफर से पैदल संजौली आना पड़ा। एंबुलेंस भी फंसी सुबह करीब 4.30 बजे ढली टनल से करीब 200 मीटर दूर प्रभाकर ऑटोमोबाइल के पास काफी देर तक एंबुलेंस भी ट्रैफिक जाम में फंसी रही और हूटर बजाती रही। सुबह 5.30 बजे तक पुलिस ने सड़क को कुछ देर के लिए बहाल कर दिया था। मगर 6 बजे दोबारा जाम लगना शुरू हुआ। ट्रक खराब होने से लगा जाम, पुलिस सतर्क: SP SP शिमला संजीव गांधी ने बताया, पुलिस ने सेब सीजन में ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए सड़कों पर अतिरिक्त जवान तैनात किए है। मगर कई जगहों पर बड़े बड़े ट्रक खराब हो रहे हैं, जिसके कारण मंडी के आस पास कभी-कभी जाम लग रहा है। पुलिस ने खराब ट्राले हटाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से क्रेन मांगी है। उन्होंने बताया कि इस बार पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया है। सेब से लदे बड़े ट्रक वाया सैंज-राजगढ़ देश की मंडियों को भेजे जा रहे है। इससे शिमला में ट्रैफिक जाम से राहत मिली है। ट्रकों के खराब होने से जरूर समस्या आ जाती है।
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात
हिमाचल के 4 जिलों में परसो भारी बारिश का ऑरेंज-अलर्ट:अभी कमजोर पड़ा है मानसून; नॉर्मल से 41% कम बारिश, कई जगह सूखे जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में मानसून बिल्कुल धीमा पड़ा हुआ है। इस बीच मौसम विभाग ने 21 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बीते डेढ़ सप्ताह के दौरान पहली बार ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजारी जारी की गई है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में 19 से 24 जुलाई तक बारिश का पूर्वानुमान है। मगर रविवार के लिए चार जिले चंबा, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी दी गई है। फिलहाल प्रदेश के कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे सेब पर सूखे की मार पड़ रही है और बड़े पैमाने पर ड्रापिंग हो रही है। मक्की के अलावा टमाटर, शिमला मिर्च, फूल गोभी व बंदगोभी जैसी नगदी फसलों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। 2023 में 9 जुलाई को 228MM बारिश, इस साल 18 दिन में 141.8MM बरसात हिमाचल में पिछले साल 9 जुलाई को एक ही दिन में 228.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मगर इस बार जुलाई के पहले 18 दिन में भी 228 मिलीमीटर बारिश नहीं हो पाई। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। पूरे मानसून सीजन में यानी 1 जून से 18 जुलाई तक प्रदेश में औसत 238.4 मिलीमीटर बारिश होती है। मगर इस बार 141.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि नॉर्मल से 41 प्रतिशत कम है। सिरमौर, लाहौल स्पीति और चंबा जिला में सबसे कम बारिश हुई है। कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हुआ प्रदेश में बारिश नहीं होने से तापमान में निरंतर उछाल हो रहा है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 2.9 डिग्री ज्यादा हो गया है। प्रदेश के कई शहरों का तापमान नॉर्मल से 6 डिग्री तक अधिक हो गया है। बिलासपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.5 डिग्री का उछाला आया है। यहां का पारा 37.9 डिग्री सेल्सियस हो गया है। भुंतर का तापमान नॉर्मल की तुलना में 4.8 डिग्री के उछाल के साथ 36.2 डिग्री, हमीरपुर का 4.8 डिग्री अधिक के साथ 36.2, मनाली का पारा 3 डिग्री के उछाल के बाद 28.5 डिग्री, शिमला का 3.2 डिग्री ज्यादा के साथ 26.2 डिग्री और सुंदरनगर का तापमान नॉर्मल से 3.6 डिग्री अधिक के साथ 34.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है।
धर्मशाला का सौर संयंत्र पैदा करेगा 9 लाख यूनिट बिजली:नगर निगम को होगा 30 लाख रुपए का इनकम, 4.2 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
धर्मशाला का सौर संयंत्र पैदा करेगा 9 लाख यूनिट बिजली:नगर निगम को होगा 30 लाख रुपए का इनकम, 4.2 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धर्मशाला अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के साथ स्थिरता की ओर एक बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा अक्षय ऊर्जा को अपनाने से न केवल शहर में कार्बन उत्सर्जन कम होगा, बल्कि वित्तीय बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के साथ, धर्मशाला हिमाचल प्रदेश और देश भर के अन्य शहरों के लिए टिकाऊ शहरी विकास को अपनाने के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद
धर्मशाला वार्ड नंबर 14 के अपर दाड़ी में स्थित यह प्लांट प्रतिदिन 600 किलोवाट बिजली पैदा करेगा, जिससे सालाना कुल नौ लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। 4.2 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस परियोजना से शहर की पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में काफी कमी आने और नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एजीएम इंजीनियर विशाल ने बताया कि नवंबर माह में इसे शुरू कर दिया जाएगा। फाइनल टेस्टिंग और इंस्पेक्शन चल रही है। 28-30 लाख की होगी आमदनी
इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को बेची जाएगी, जिससे नगर निगम को सालाना 28 से 30 लाख रुपए का इनकम होगा। यह आय शहर के बिजली खर्चों की भरपाई करने में भी मदद करेगी, जिसमें स्ट्रीट लाइटिंग पर सालाना खर्च होने वाले 20 लाख रुपए शामिल हैं। इस प्लांट का संचालन नवंबर तक शुरू हो जाएगा। स्मार्ट सिटी पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज्यादा नगर निगम क्षेत्र के कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से कम हो गया है और एक स्वच्छ, ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट
सोलर पैनल से 9 लाख यूनिट बिजली जनरेट की जा सकेगी। कॉर्पोरेशन सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये बेहतर कदम साबित होगा। जिससे नगर निगम धर्मशाला को अच्छी आमदनी होगी और साथ में हर महीने बिजली बिल का खर्च भी बचेगा। सोलर प्लांट से पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा, ना ही कोई जहरीली गैस निकलेगी। इसके अलावा अत्याधुनिक सोलर प्लांट पूरी तरह बैटरी रहित रहेंगे। धर्मशाला का हरित शहर बनने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर
स्मार्ट सिटी पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज़्यादा नगर निगम कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से ही कम हो गया है, और एक स्वच्छ, ज़्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। सौर ऊर्जा की ओर रुख करना धर्मशाला के हरित शहर बनने के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।