हरियाणा में BJP बूथ स्तर पर संगठन होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में 49% बूथों पर हार गई। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 19,812 बूथ थे। इन बूथों में से भाजपा 9,740 बूथ ही जीत पाई है। बाकी बचे 10,072 बूथ पर कांग्रेस सहित अन्य दलों ने जीते। हालांकि भाजपा से अधिक बूथ बिना संगठन वाली कांग्रेस ने जीते। लोकसभा चुनाव में भाजपा 10 में से 5 ही सीटें जीत सकी। इसी कारण से BJP चिंतित है और 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर पर तैयारी में जुट गई है। यह बात इसलिए भी अहम है कि फिलहाल भाजपा ही इकलौती पार्टी है, जिसके पास प्रदेश में सबसे मजबूत संगठन है। कांग्रेस संगठन के बगैर चल रही है। वहीं जजपा और इनेलो जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का राज्य के कुछ जिलों ही आधार है। भाजपा ने कराई बूथों की ग्रेडेशन
हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए BJP ने 19,812 बूथों पर ग्रेडेशन करवाई है। बूथ की A,B और C ग्रेड दिया गया है। लोकसभा चुनाव में हार-जीत के हिसाब से 51% बूथ C ग्रेड के हैं। इनमें भाजपा की हार हुई। भाजपा विधानसभा चुनाव में इन्हें C से B ग्रेड में लाने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा ने इसके लिए विधानसभा और मंडल वाइज संयोजक नियुक्त कर दिए हैं। जो यहां वर्करों को एक्टिव करेंगे। भाजपा ने A ग्रेड में उन बूथों को शामिल किया है। जिसमें भाजपा को अच्छे अंतर से जीत मिली। B ग्रेड वाले बूथों पर रिजल्ट बराबरी या कम अंतर से जीत वाले हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ज्यादा बूथ जीते
भाजपा ने 2019 के विधानसभा की तुलना में इस बार लोकसभा में ज्यादा बूथ जीते हैं। पिछली लोकसभा में भाजपा ने 19,481 बूथ में से 8,528 बूथ जीते थे तो वहीं कांग्रेस 5934 बूथ ही जीत पाई थी। इस बार भाजपा ने 9740 बूथ जीते हैं। इससे भाजपा ने जरूर अपने लिए राहत माना है। पन्ना प्रमुखों की कारगुजारी से हुआ नुकसान
बता दें कि हरियाणा में BJP ऐसी पार्टी है जिसके पास पन्ना प्रमुख स्तर का संगठन है। यह संगठन लोकसभा चुनाव में ज्यादा काम नहीं कर पाया। इसका विश्लेषण जब पार्टी ने किया तो पता चला कि कागजों में ही अधिकतर नियुक्ति है, मगर यह लोग फील्ड में नहीं उतरे। संगठन बढ़ाने के लिए कई जिलाध्यक्षों ने लिस्ट तैयार कर संगठन को दी। मगर यह लोग सक्रिय नहीं हुए और कुछ सक्रिय हुए तो वह फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रहे। लोगों के बीच जाकर अधिकांश ने काम ही नहीं किया। लोकसभा में 5 सीटें हारने की ये 7 वजहें आई थीं सामने… हरियाणा में BJP बूथ स्तर पर संगठन होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में 49% बूथों पर हार गई। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 19,812 बूथ थे। इन बूथों में से भाजपा 9,740 बूथ ही जीत पाई है। बाकी बचे 10,072 बूथ पर कांग्रेस सहित अन्य दलों ने जीते। हालांकि भाजपा से अधिक बूथ बिना संगठन वाली कांग्रेस ने जीते। लोकसभा चुनाव में भाजपा 10 में से 5 ही सीटें जीत सकी। इसी कारण से BJP चिंतित है और 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर पर तैयारी में जुट गई है। यह बात इसलिए भी अहम है कि फिलहाल भाजपा ही इकलौती पार्टी है, जिसके पास प्रदेश में सबसे मजबूत संगठन है। कांग्रेस संगठन के बगैर चल रही है। वहीं जजपा और इनेलो जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का राज्य के कुछ जिलों ही आधार है। भाजपा ने कराई बूथों की ग्रेडेशन
हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए BJP ने 19,812 बूथों पर ग्रेडेशन करवाई है। बूथ की A,B और C ग्रेड दिया गया है। लोकसभा चुनाव में हार-जीत के हिसाब से 51% बूथ C ग्रेड के हैं। इनमें भाजपा की हार हुई। भाजपा विधानसभा चुनाव में इन्हें C से B ग्रेड में लाने की तैयारी में जुट गई है। भाजपा ने इसके लिए विधानसभा और मंडल वाइज संयोजक नियुक्त कर दिए हैं। जो यहां वर्करों को एक्टिव करेंगे। भाजपा ने A ग्रेड में उन बूथों को शामिल किया है। जिसमें भाजपा को अच्छे अंतर से जीत मिली। B ग्रेड वाले बूथों पर रिजल्ट बराबरी या कम अंतर से जीत वाले हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ज्यादा बूथ जीते
भाजपा ने 2019 के विधानसभा की तुलना में इस बार लोकसभा में ज्यादा बूथ जीते हैं। पिछली लोकसभा में भाजपा ने 19,481 बूथ में से 8,528 बूथ जीते थे तो वहीं कांग्रेस 5934 बूथ ही जीत पाई थी। इस बार भाजपा ने 9740 बूथ जीते हैं। इससे भाजपा ने जरूर अपने लिए राहत माना है। पन्ना प्रमुखों की कारगुजारी से हुआ नुकसान
बता दें कि हरियाणा में BJP ऐसी पार्टी है जिसके पास पन्ना प्रमुख स्तर का संगठन है। यह संगठन लोकसभा चुनाव में ज्यादा काम नहीं कर पाया। इसका विश्लेषण जब पार्टी ने किया तो पता चला कि कागजों में ही अधिकतर नियुक्ति है, मगर यह लोग फील्ड में नहीं उतरे। संगठन बढ़ाने के लिए कई जिलाध्यक्षों ने लिस्ट तैयार कर संगठन को दी। मगर यह लोग सक्रिय नहीं हुए और कुछ सक्रिय हुए तो वह फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रहे। लोगों के बीच जाकर अधिकांश ने काम ही नहीं किया। लोकसभा में 5 सीटें हारने की ये 7 वजहें आई थीं सामने… हरियाणा | दैनिक भास्कर