200 में बर्थ सर्टिफिकेट, 400 रुपए में आधार कार्ड:UP में बन रहे फर्जी दस्तावेज, नेपाल बॉर्डर से घुसपैठ का खतरा

200 में बर्थ सर्टिफिकेट, 400 रुपए में आधार कार्ड:UP में बन रहे फर्जी दस्तावेज, नेपाल बॉर्डर से घुसपैठ का खतरा

जन्म प्रमाण-पत्र का क्या काम है…सीधा आधार कार्ड बन जाएगा, बैंक जाने की कोई जरूरत नहीं है, बैंक का लड़का घर आकर बना देगा। दो आधार कार्ड बनवाने में 800 रुपए लगेंगे। सरकारी अस्पताल के पास मेरा घर है, वहां बनवा देंगे। ये दावा है एटा के अलीगंज में गांधी चौराहे स्थित जन सेवा केंद्र चलाने वाले सुभाष गुप्ता का। एटा से लेकर भारत-नेपाल बॉर्डर तक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का सिंडिकेट चल रहा है। 200 से 600 रुपए में तैयार किया जा रहा। इससे पड़ोसी देश से घुसपैठ का खतरा बना रहता है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के बाद लोग आसानी से असली आधार कार्ड बनवा लेते हैं। इसके बाद अकाउंट खुलवाने से लेकर जमीन खरीदने तक इन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हैं। इसकी पड़ताल के लिए दैनिक भास्कर की टीम भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा सिद्धार्थनगर की बढ़नी नगर पंचायत पहुंची। हमारी टीम ने फर्जीवाड़ा करने वाले 8 लोगों से बात की। उनसे एक ही नाम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र 4 जगह से जारी करवा लिए। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों ने इन सबका पेमेंट ऑनलाइन लिया। सबसे पहले जानिए इस सिंडिकेट तक कैसे पहुंचा भास्कर रिपोर्टर
हम सबसे पहले एटा जिले के अलीगंज नगरपालिका क्षेत्र में पहुंचे। यहीं से हमारी पड़ताल शुरू हुई। ये एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद और मैनपुरी जनपद का बॉर्डर इलाका है। हम गौतम बुद्ध इंटर कॉलेज नगला पड़ाव अलीगंज स्थित कुलदीप जनसेवा केंद्र पर जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए पहुंचे। वहां हमसे कोई फार्म नहीं भरवाया गया। केवल वॉट्सएप के जरिए आधार कार्ड (पिता और मां) की फोटो मांगी गई। भास्कर रिपोर्टर और जनसेवा केंद्र संचालक के बीच की बातचीत रिपोर्टर: बेटी का जन्म प्रमाण-पत्र बनवाना है।
केंद्र संचालक: किसलिए? रिपोर्टर: आधार कार्ड बनवाना है।
केंद्र संचालक: कहां बनवाओगे। रिपोर्टर: ग्रामीण बैंक, डाकघर कहीं भी बनवा लेंगे।
केंद्र संचालक: यूको बैंक में बनवा लेना, जल्दी बन जाएगा। ग्रामीण और डाकघर वाले सरकारी अस्पताल में मुहर लगवाने के लिए भेजेंगे। रिपोर्टर: क्यों?
केंद्र संचालक: अस्पताल वाले 100 रुपए मांगते हैं। इसलिए यूको बैंक में जाना, मेरा नाम बता देना या बात करवा देना। 8 जनसेवा केंद्र में से 4 पर 2 मिनट में बना फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र इसी तरीके से हम एटा के अलीगंज में 8 जनसेवा केंद्र पर जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने गए। इनमें हम 4 जनसेवा केंद्रों पर फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनवा कर ले आए। कुलदीप जनसेवा केंद्र, नगला पड़ाव, मेन मार्केट में पुरानी तहसील के पास आन्या जनसेवा केंद्र, मैनपुरी रोड स्थित रामविलास जनसेवा केंद्र ने महज 2 मिनट में फर्जी जन्म प्रमाण उपलब्ध करवा दिए। कोतवाली अलीगंज से महज 50 मीटर दूर अंकित जनसेवा केंद्र ने वॉट्सएप के माध्यम से जन्म प्रमाण उपलब्ध करवाया। अलीगंज के मुख्य चौराहे पर SBI की CSP मिनी बैंक के संचालक सुभाष गुप्ता ने कौआटोला में अपने घर में बगैर जन्म प्रमाण-पत्र के आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी ले ली। हमसे 2 आधार कार्ड के लिए 800 रुपए मांगे। जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने अब हम इंडो-नेपाल बॉर्डर पहुंचे… फर्जी कागजात बनाने का सिंडिकेट अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी धड़ल्ले से चल रहा है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। आसान शब्दों में कहें तो नेपाल के रास्ते भारत आकर कोई भी जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के बाद आधार कार्ड हासिल कर सकता है। आधार कार्ड, पैनकार्ड, बैंक अकाउंट हो गया तो जमीन भी खरीद सकता है। अब हम जनपद सिद्धार्थनगर की बढ़नी नगर पंचायत पहुंचे। इस कस्बे से नेपाल का अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर सटा है। स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला फर्जी कागजात बनाने वाले ज्यादातर लोग जनसेवा केंद्र संचालक हैं। यहां हमने खुद को नेपाल में जॉब करने की बात कहकर जन्म प्रमाण-पत्र बनवाया। हम सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास स्थित मुस्कान फोटो स्टूडियो पहुंचे। मुलाकात अकरम से हुई। अकरम के बड़े भाई बढ़नी नगर पंचायत में सभासद हैं। अकरम के भाई ने हमारा जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया। रिपोर्टर: मुझे जन्म प्रमाण-पत्र तत्काल चाहिए।
केंद्र संचालक: दो दिन में बन जाएगा, अगर नहीं बनता है तो बताना बनवा देंगे। रिपोर्टर: हम नेपाल से बार-बार नहीं आ सकते, वहां सीमेंट फैक्ट्री में नौकरी करते हैं।
केंद्र संचालक: आपके पास नंबर है बात कर लेना और पैसे ट्रांसफर कर देना। हम बनवाकर भेज देंगे। इसके बाद हम जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने की जानकारी करते हुए दूसरी दुकान नूर जनसेवा केंद्र शोहरतगढ़ चौराहे पर पहुंचे। केंद्र संचालक: हां बताओ।
रिपोर्टर: जन्म प्रमाण-पत्र बनवाना है। केंद्र संचालक: ब्लॉक से बनेगा।
रिपोर्टर: एटा का बनना है, हम नेपाल में सीमेंट फैक्ट्री में जॉब करते हैं। केंद्र संचालक: किसलिए बनवाना है, किसका बनना है?
रिपोर्टर: मेरी बेटी का, जिसका जन्म 22 जून को हुआ है। आशा को देना है और आधार कार्ड बनवाना है। केंद्र संचालक: मैं बात करके बताता हूं…(फोन लगाते हुए) अभी फोन उठा नहीं है, जैसे ही बात होती है हम बनवा देंगे।
रिपोर्टर: आप जल्दी बनवा दीजिए… मुझे वापस नेपाल जाना है। केंद्र संचालक: आप वापस जाइए, हम वॉट्सएप कर देंगे।
रिपोर्टर: ठीक है। अब रात हो चुकी थी, हम अभी जन्म प्रमाणपत्र का इंतजार कर रहे थे। सुबह हमने वॉट्सएप कॉल के जरिए जनसेवा केंद्र के संचालक नूर से बात की। बात करने के करीब 20 मिनट बाद हमारे वॉट्सएप पर जन्म प्रमाण-पत्र कॉपी की पीडीएफ आ गई। अब हम फिर नूर से मिलने उसकी दुकान पहुंचे। यहां हमें जन्म प्रमाण-पत्र की हार्ड कॉपी भी मिल गई। इनके सामने पुलिस भी नतमस्तक, 9 महीने में नहीं हो पाई जांच
स्थानीय पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसे सिंडिकेट धड़ल्ले से फल-फूल रहे हैं। एटा के थाना राजा का रामपुर में 11 नवंबर, 2023 को अधिशासी अधिकारी ने एक जनसेवा केंद्र संचालक आशीष को फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाते हुए लैपटॉप के साथ धर दबोचा था। थाना कोतवाली में FIR दर्ज हुई थी। हालांकि, आरोपी थाने से ही जमानत पर छूट गया। पूरे मामले में पुलिस अभी तक विवेचना नहीं कर पाई है। ओरिजिनल जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने का ये है प्रोसेस
एटा की अलीगंज तहसील के उप जिलाधिकारी प्रतीत त्रिपाठी ने बताया शिशु के जन्म के बाद आवेदक को CRS पोर्टल पर अप्लाई करना होता है। जांच के बाद जन्म- मृत्यु रजिस्टार प्रमाण-पत्र जारी करता है। पुराने आवेदन में हमारे द्वारा (SDM) बीडीओ या अधिशासी अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी जाती है। विवरण सही होने पर रजिस्ट्रार प्रमाण-पत्र जारी करता है। फर्जी वेबसाइट से जारी होते जन्म-प्रमाणपत्र
जनसेवा केंद्र संचालक एक फर्जी वेबसाइट से ओरिजिनल जैसे लगने वाले फर्जी जन्मप्रमाण पत्र जारी कर देते है। हकीकत में ये जन्म प्रमाण-पत्र फर्जी होते है। जारी किए गए फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र पर एक क्यूआर कोड बना होता है। इस कोड को स्कैन करने के बाद आपको तुरंत एक वेबसाइट के जरिए पीडीएफ मिल जाएगी। दलाल इसी बात का फायदा उठा कर लोगों के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र को ओरिजिनल बताते हैं। इन फर्जी जन्म प्रमाण-पत्रों को अधिकारी भी पहचानने में चूक जाते हैं। फर्जी वेबसाइट: https://crsorgi.gov.in.1ii.dev ये भी पढ़ें: ट्रेनों में रिश्वत देकर लीजिए सीट…कैमरे पर देखिए वसूली:टीटीई और RPF जवान बोला- पैसे दे दो वर्ना जेल जाओगे, भास्कर स्टिंग… आज ट्रेन में DRM और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन जा रहे हैं। तुम्हारा दिन खराब है, जेल जाओगे। तुम्हें कोई नहीं बचा सकता। बचना है तो 5400 रुपए दे दो, एक आदमी को फ्री में ले चलेंगे। यह धमकी है मुंबई-दिल्ली राजधानी ट्रेन के टीटीई और RPF जवान की। देश की कई ट्रेनों में धमकी और फिर वसूली का यह धंधा चल रहा है। इसका खुलासा करने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने स्टिंग किया…(पढ़ें पूरी खबर) जन्म प्रमाण-पत्र का क्या काम है…सीधा आधार कार्ड बन जाएगा, बैंक जाने की कोई जरूरत नहीं है, बैंक का लड़का घर आकर बना देगा। दो आधार कार्ड बनवाने में 800 रुपए लगेंगे। सरकारी अस्पताल के पास मेरा घर है, वहां बनवा देंगे। ये दावा है एटा के अलीगंज में गांधी चौराहे स्थित जन सेवा केंद्र चलाने वाले सुभाष गुप्ता का। एटा से लेकर भारत-नेपाल बॉर्डर तक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का सिंडिकेट चल रहा है। 200 से 600 रुपए में तैयार किया जा रहा। इससे पड़ोसी देश से घुसपैठ का खतरा बना रहता है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के बाद लोग आसानी से असली आधार कार्ड बनवा लेते हैं। इसके बाद अकाउंट खुलवाने से लेकर जमीन खरीदने तक इन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हैं। इसकी पड़ताल के लिए दैनिक भास्कर की टीम भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा सिद्धार्थनगर की बढ़नी नगर पंचायत पहुंची। हमारी टीम ने फर्जीवाड़ा करने वाले 8 लोगों से बात की। उनसे एक ही नाम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र 4 जगह से जारी करवा लिए। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों ने इन सबका पेमेंट ऑनलाइन लिया। सबसे पहले जानिए इस सिंडिकेट तक कैसे पहुंचा भास्कर रिपोर्टर
हम सबसे पहले एटा जिले के अलीगंज नगरपालिका क्षेत्र में पहुंचे। यहीं से हमारी पड़ताल शुरू हुई। ये एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद और मैनपुरी जनपद का बॉर्डर इलाका है। हम गौतम बुद्ध इंटर कॉलेज नगला पड़ाव अलीगंज स्थित कुलदीप जनसेवा केंद्र पर जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए पहुंचे। वहां हमसे कोई फार्म नहीं भरवाया गया। केवल वॉट्सएप के जरिए आधार कार्ड (पिता और मां) की फोटो मांगी गई। भास्कर रिपोर्टर और जनसेवा केंद्र संचालक के बीच की बातचीत रिपोर्टर: बेटी का जन्म प्रमाण-पत्र बनवाना है।
केंद्र संचालक: किसलिए? रिपोर्टर: आधार कार्ड बनवाना है।
केंद्र संचालक: कहां बनवाओगे। रिपोर्टर: ग्रामीण बैंक, डाकघर कहीं भी बनवा लेंगे।
केंद्र संचालक: यूको बैंक में बनवा लेना, जल्दी बन जाएगा। ग्रामीण और डाकघर वाले सरकारी अस्पताल में मुहर लगवाने के लिए भेजेंगे। रिपोर्टर: क्यों?
केंद्र संचालक: अस्पताल वाले 100 रुपए मांगते हैं। इसलिए यूको बैंक में जाना, मेरा नाम बता देना या बात करवा देना। 8 जनसेवा केंद्र में से 4 पर 2 मिनट में बना फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र इसी तरीके से हम एटा के अलीगंज में 8 जनसेवा केंद्र पर जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने गए। इनमें हम 4 जनसेवा केंद्रों पर फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनवा कर ले आए। कुलदीप जनसेवा केंद्र, नगला पड़ाव, मेन मार्केट में पुरानी तहसील के पास आन्या जनसेवा केंद्र, मैनपुरी रोड स्थित रामविलास जनसेवा केंद्र ने महज 2 मिनट में फर्जी जन्म प्रमाण उपलब्ध करवा दिए। कोतवाली अलीगंज से महज 50 मीटर दूर अंकित जनसेवा केंद्र ने वॉट्सएप के माध्यम से जन्म प्रमाण उपलब्ध करवाया। अलीगंज के मुख्य चौराहे पर SBI की CSP मिनी बैंक के संचालक सुभाष गुप्ता ने कौआटोला में अपने घर में बगैर जन्म प्रमाण-पत्र के आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी ले ली। हमसे 2 आधार कार्ड के लिए 800 रुपए मांगे। जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने अब हम इंडो-नेपाल बॉर्डर पहुंचे… फर्जी कागजात बनाने का सिंडिकेट अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी धड़ल्ले से चल रहा है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। आसान शब्दों में कहें तो नेपाल के रास्ते भारत आकर कोई भी जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के बाद आधार कार्ड हासिल कर सकता है। आधार कार्ड, पैनकार्ड, बैंक अकाउंट हो गया तो जमीन भी खरीद सकता है। अब हम जनपद सिद्धार्थनगर की बढ़नी नगर पंचायत पहुंचे। इस कस्बे से नेपाल का अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर सटा है। स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला फर्जी कागजात बनाने वाले ज्यादातर लोग जनसेवा केंद्र संचालक हैं। यहां हमने खुद को नेपाल में जॉब करने की बात कहकर जन्म प्रमाण-पत्र बनवाया। हम सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास स्थित मुस्कान फोटो स्टूडियो पहुंचे। मुलाकात अकरम से हुई। अकरम के बड़े भाई बढ़नी नगर पंचायत में सभासद हैं। अकरम के भाई ने हमारा जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया। रिपोर्टर: मुझे जन्म प्रमाण-पत्र तत्काल चाहिए।
केंद्र संचालक: दो दिन में बन जाएगा, अगर नहीं बनता है तो बताना बनवा देंगे। रिपोर्टर: हम नेपाल से बार-बार नहीं आ सकते, वहां सीमेंट फैक्ट्री में नौकरी करते हैं।
केंद्र संचालक: आपके पास नंबर है बात कर लेना और पैसे ट्रांसफर कर देना। हम बनवाकर भेज देंगे। इसके बाद हम जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने की जानकारी करते हुए दूसरी दुकान नूर जनसेवा केंद्र शोहरतगढ़ चौराहे पर पहुंचे। केंद्र संचालक: हां बताओ।
रिपोर्टर: जन्म प्रमाण-पत्र बनवाना है। केंद्र संचालक: ब्लॉक से बनेगा।
रिपोर्टर: एटा का बनना है, हम नेपाल में सीमेंट फैक्ट्री में जॉब करते हैं। केंद्र संचालक: किसलिए बनवाना है, किसका बनना है?
रिपोर्टर: मेरी बेटी का, जिसका जन्म 22 जून को हुआ है। आशा को देना है और आधार कार्ड बनवाना है। केंद्र संचालक: मैं बात करके बताता हूं…(फोन लगाते हुए) अभी फोन उठा नहीं है, जैसे ही बात होती है हम बनवा देंगे।
रिपोर्टर: आप जल्दी बनवा दीजिए… मुझे वापस नेपाल जाना है। केंद्र संचालक: आप वापस जाइए, हम वॉट्सएप कर देंगे।
रिपोर्टर: ठीक है। अब रात हो चुकी थी, हम अभी जन्म प्रमाणपत्र का इंतजार कर रहे थे। सुबह हमने वॉट्सएप कॉल के जरिए जनसेवा केंद्र के संचालक नूर से बात की। बात करने के करीब 20 मिनट बाद हमारे वॉट्सएप पर जन्म प्रमाण-पत्र कॉपी की पीडीएफ आ गई। अब हम फिर नूर से मिलने उसकी दुकान पहुंचे। यहां हमें जन्म प्रमाण-पत्र की हार्ड कॉपी भी मिल गई। इनके सामने पुलिस भी नतमस्तक, 9 महीने में नहीं हो पाई जांच
स्थानीय पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसे सिंडिकेट धड़ल्ले से फल-फूल रहे हैं। एटा के थाना राजा का रामपुर में 11 नवंबर, 2023 को अधिशासी अधिकारी ने एक जनसेवा केंद्र संचालक आशीष को फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाते हुए लैपटॉप के साथ धर दबोचा था। थाना कोतवाली में FIR दर्ज हुई थी। हालांकि, आरोपी थाने से ही जमानत पर छूट गया। पूरे मामले में पुलिस अभी तक विवेचना नहीं कर पाई है। ओरिजिनल जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने का ये है प्रोसेस
एटा की अलीगंज तहसील के उप जिलाधिकारी प्रतीत त्रिपाठी ने बताया शिशु के जन्म के बाद आवेदक को CRS पोर्टल पर अप्लाई करना होता है। जांच के बाद जन्म- मृत्यु रजिस्टार प्रमाण-पत्र जारी करता है। पुराने आवेदन में हमारे द्वारा (SDM) बीडीओ या अधिशासी अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी जाती है। विवरण सही होने पर रजिस्ट्रार प्रमाण-पत्र जारी करता है। फर्जी वेबसाइट से जारी होते जन्म-प्रमाणपत्र
जनसेवा केंद्र संचालक एक फर्जी वेबसाइट से ओरिजिनल जैसे लगने वाले फर्जी जन्मप्रमाण पत्र जारी कर देते है। हकीकत में ये जन्म प्रमाण-पत्र फर्जी होते है। जारी किए गए फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र पर एक क्यूआर कोड बना होता है। इस कोड को स्कैन करने के बाद आपको तुरंत एक वेबसाइट के जरिए पीडीएफ मिल जाएगी। दलाल इसी बात का फायदा उठा कर लोगों के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र को ओरिजिनल बताते हैं। इन फर्जी जन्म प्रमाण-पत्रों को अधिकारी भी पहचानने में चूक जाते हैं। फर्जी वेबसाइट: https://crsorgi.gov.in.1ii.dev ये भी पढ़ें: ट्रेनों में रिश्वत देकर लीजिए सीट…कैमरे पर देखिए वसूली:टीटीई और RPF जवान बोला- पैसे दे दो वर्ना जेल जाओगे, भास्कर स्टिंग… आज ट्रेन में DRM और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन जा रहे हैं। तुम्हारा दिन खराब है, जेल जाओगे। तुम्हें कोई नहीं बचा सकता। बचना है तो 5400 रुपए दे दो, एक आदमी को फ्री में ले चलेंगे। यह धमकी है मुंबई-दिल्ली राजधानी ट्रेन के टीटीई और RPF जवान की। देश की कई ट्रेनों में धमकी और फिर वसूली का यह धंधा चल रहा है। इसका खुलासा करने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने स्टिंग किया…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर