हरियाणा के अंबाला कैंट में महिला ने सिविल अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। हैरत की बात ये है कि दोनों बच्चियों का शरीर अलग है, लेकिन दिल एक ही है। ऐसा अनोखा मामला गुरुवार की देर रात अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में हुई डिलीवरी के दौरान देखने को मिला। महिला की डिलीवरी नॉर्मल हुई, लेकिन बच्चियों की हालत को बिगड़ते देख डॉक्टरों ने नवजात बच्चियों को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया। हैरानी की बात है कि PGI चंडीगढ़ से नवजात बच्चियों को वापस अंबाला कैंट सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। यहां से फिर PGI रेफर किया, लेकिन डॉक्टरों ने चंडीगढ़ से फिर वापस अंबाला लौटा दिया। डॉक्टरों की हरकतों से परेशान हुए परिजन नवजात बच्चियों को अपने घर ले गए। दरअसल, मूलरूप से बिहार के गांव समस्तीपुर निवासी चुनचुन अपनी पत्नी शुकंतला के साथ अंबाला कैंट के हुड्डा सेक्टर-34 में किराये पर रहता है। प्रसव पीड़ा होने के चलते चुनचुन ने अपनी पत्नी शकुंतला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां, शुकंतला के गर्भ में जुड़वां बच्चे होने की संभावना डॉक्टर ने जताई थी। जब नॉर्मल डिलीवरी हुई तो पता चला कि दोनों बच्चियों की छाती,पेट जुड़े हुए हैं,लेकिन छाती से ऊपर का हिस्सा और पेट से नीचे का हिस्सा अलग-अलग है। अल्ट्रासाउंड में खुलासा दोनों में दिल एक सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, डिलीवरी के बाद नवजात बच्चियों का अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें खुलासा हुआ कि नवजात बच्चियों का शरीर अलग-अलग है, लेकिन दोनों का दिल एक है। नवजात बच्चियों को पहले डॉक्टरों ने देखभाल के लिए निक्कू वार्ड में रखा। जब हालत बिगड़ती दिखी तो PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने वापस अंबाला लौटा दिया। चुनचुन ने बताया कि उसके पास पहले एक बेटा और एक बेटी है। गुरुवार की रात पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई थी। वह रात को ही सिविल अस्पताल अंबाला कैंट लेकर पहुंचा। यहां डिलीवरी हुई तो पता चला जुड़वां बच्ची हुई है। दोनों छाती से जुड़ी हुई थी। यहां से डॉक्टर ने बच्चियों को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन PGI में किसी डॉक्टर ने नहीं देखा और उन्हें वापस अंबाला लौटा दिया। वह अंबाला सिविल अस्पताल पहुंचे,लेकिन शुक्रवार दोपहर 12 बजे फिर चंडीगढ़ रेफर कर दिया। वहां दाखिल करने की जगह उन्हें वापस अंबाला भेज दिया। जब बच्चियों को कहीं भर्ती नहीं किया तो वह अपने घर ले गए। हरियाणा के अंबाला कैंट में महिला ने सिविल अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। हैरत की बात ये है कि दोनों बच्चियों का शरीर अलग है, लेकिन दिल एक ही है। ऐसा अनोखा मामला गुरुवार की देर रात अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में हुई डिलीवरी के दौरान देखने को मिला। महिला की डिलीवरी नॉर्मल हुई, लेकिन बच्चियों की हालत को बिगड़ते देख डॉक्टरों ने नवजात बच्चियों को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया। हैरानी की बात है कि PGI चंडीगढ़ से नवजात बच्चियों को वापस अंबाला कैंट सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। यहां से फिर PGI रेफर किया, लेकिन डॉक्टरों ने चंडीगढ़ से फिर वापस अंबाला लौटा दिया। डॉक्टरों की हरकतों से परेशान हुए परिजन नवजात बच्चियों को अपने घर ले गए। दरअसल, मूलरूप से बिहार के गांव समस्तीपुर निवासी चुनचुन अपनी पत्नी शुकंतला के साथ अंबाला कैंट के हुड्डा सेक्टर-34 में किराये पर रहता है। प्रसव पीड़ा होने के चलते चुनचुन ने अपनी पत्नी शकुंतला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां, शुकंतला के गर्भ में जुड़वां बच्चे होने की संभावना डॉक्टर ने जताई थी। जब नॉर्मल डिलीवरी हुई तो पता चला कि दोनों बच्चियों की छाती,पेट जुड़े हुए हैं,लेकिन छाती से ऊपर का हिस्सा और पेट से नीचे का हिस्सा अलग-अलग है। अल्ट्रासाउंड में खुलासा दोनों में दिल एक सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, डिलीवरी के बाद नवजात बच्चियों का अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें खुलासा हुआ कि नवजात बच्चियों का शरीर अलग-अलग है, लेकिन दोनों का दिल एक है। नवजात बच्चियों को पहले डॉक्टरों ने देखभाल के लिए निक्कू वार्ड में रखा। जब हालत बिगड़ती दिखी तो PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने वापस अंबाला लौटा दिया। चुनचुन ने बताया कि उसके पास पहले एक बेटा और एक बेटी है। गुरुवार की रात पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई थी। वह रात को ही सिविल अस्पताल अंबाला कैंट लेकर पहुंचा। यहां डिलीवरी हुई तो पता चला जुड़वां बच्ची हुई है। दोनों छाती से जुड़ी हुई थी। यहां से डॉक्टर ने बच्चियों को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन PGI में किसी डॉक्टर ने नहीं देखा और उन्हें वापस अंबाला लौटा दिया। वह अंबाला सिविल अस्पताल पहुंचे,लेकिन शुक्रवार दोपहर 12 बजे फिर चंडीगढ़ रेफर कर दिया। वहां दाखिल करने की जगह उन्हें वापस अंबाला भेज दिया। जब बच्चियों को कहीं भर्ती नहीं किया तो वह अपने घर ले गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में 14 साल बाद सरकारी कर्मचारियों को राहत:मकान बनाने के लिए 25 लाख एडवांस मिलेगा, बेटा-बेटी की शादी के लिए लोन ले सकेंगे
हरियाणा में 14 साल बाद सरकारी कर्मचारियों को राहत:मकान बनाने के लिए 25 लाख एडवांस मिलेगा, बेटा-बेटी की शादी के लिए लोन ले सकेंगे हरियाणा सरकार ने 14 साल बाद सरकारी कर्मचारियों को एडवांस और लोन को लेकर बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार ने मकान के निर्माण, विवाह, वाहन और कंप्यूटर खरीदने के लिए एडवांस और लोन की सीमा में बढ़ोतरी की है। इससे पहले 22 नवंबर 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में यह बढ़ोतरी हुई थी। सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारी अब मकान बनाने के लिए 25 लाख रुपए तक एडवांस ले सकेंगे। पहले 20 लाख रुपए मिलते थे। बेटे-बेटी की शादी के लिए 3 लाख रुपए का लोन मिल सकेगा। वाहन और कंप्यूटर खरीदने के लिए भी लोन की राशि में बढ़ोतरी की गई है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने एडवांस राशि में बढ़ोतरी को लेकर सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, मंडल आयुक्तों, DC व उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को निर्देश जारी कर दिए हैं। जानिए, कब कितना एडवांस और लोन मिलेगा… मकान-प्लॉट के लिए ऐसे मिलेगा एडवांस सरकारी कर्मचारी को उसकी पूरी सेवा अवधि में 25 लाख रुपए तक केवल एक बार एडवांस मिलेगा। गृह आवास भत्ता केवल एक व्यक्ति (पति या पत्नी) को दिया जाएगा। ब्याज दर जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) के बराबर होगी। मकान खरीद के लिए 34 महीने का मूल वेतन या अधिकतम 25 लाख रुपए में जो भी कम होगा, वह दिया जाएगा। घर बनाने के लिए एडवांस की कुल मंजूर राशि का 60 प्रतिशत अर्थात किसी भी वेतन मैट्रिक्स में 20 महीने का मूल वेतन और अधिकतम 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके बाद शेष 10 लाख रुपए उसी भूखंड पर घर के निर्माण के लिए दिए जाएंगे। बेटे-बेटी की शादी के लिए 3 लाख मिलेंगे सरकारी कर्मचारी अपने बेटे-बेटी या बहन सहित किसी अन्य आश्रित के विवाह के लिए 10 माह का मूल वेतन और अधिकतम 3 लाख रुपए एडवांस ले सकेंगे। यह राशि पूरी सेवा के दौरान केवल 2 बार मिल सकेगी। ब्याज दर जीपीएफ के बराबर होगी। दूसरा एडवांस राज्य सरकार द्वारा प्रथम विवाह एडवांस के लिए निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। कार लोन के लिए ये होंगे नियम 45 हजार रुपए और उससे अधिक का संशोधित वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारी इस एडवांस के लिए पात्र होंगे। ऐसे कर्मचारियों को कार खरीदने के लिए 15 माह का मूल वेतन, जिसकी अधिकतम सीमा साढ़े 6 लाख रुपए या मोटर कार की वास्तविक कीमत का 85%, जो भी कम हो, लोन मिलेगा। प्रथम लोन पर ब्याज दर जीपीएफ के बराबर तथा दूसरी बार लोन लेने पर 2% अधिक तथा तीसरी बार लोन लेने पर 4% अधिक होगी। दूसरा एवं तीसरा लोन पिछले लोन का नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) जारी होने के बाद ही दिया जाएगा। कंप्यूटर और साइकिल भी खरीद सकेंगे कंप्यूटर और लैपटॉप खरीदने के लिए 50 हजार रुपए लोन लिया जा सकेगा। दूसरा एवं तीसरा लोन पिछले लोन की NDC जारी होने के बाद ही प्रदान किया जाएगा। ब्याज दर सामान्य भविष्य निधि के बराबर होगी। साइकिल खरीद के लिए 4 हजार रुपए या साइकिल की वास्तविक कीमत, जो भी कम हो, लोन दिया जाएगा। ब्याज दर सामान्य भविष्य निधि के बराबर होगी। दूसरा और तीसरा एडवांस राज्य सरकार द्वारा प्रथम साइकिल एडवांस के लिए निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
हरियाणा के 14 शहरों में ग्रैप टू लागू:प्रदूषण से गंभीर हो रही स्थिति, कुरुक्षेत्र में AQI 423 पर पहुंचा, पराली जलाने पर सख्ती
हरियाणा के 14 शहरों में ग्रैप टू लागू:प्रदूषण से गंभीर हो रही स्थिति, कुरुक्षेत्र में AQI 423 पर पहुंचा, पराली जलाने पर सख्ती हरियाणा में वातावरण में नमी की अधिकता के कारण प्रदूषण स्मॉग का रूप ले रहा है। इससे सांसों पर संकट पैदा हो गया है। औद्योगिक, वाहनों और पराली के धुएं से प्रदूषण बढ़ता रहा है। हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिले में मैक्सिमम एक्यूआई 423 पर पहुंच गया जो अति गंभीर श्रेणी में आता है। इसके अलावा हरियाणा के 14 शहरों में एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया। अगर प्रदूषण ऐसे ही बढ़ता गया तो हरियाणा में हेल्थ ईमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह 8 बजे से ग्रैप टू लागू कर दिया गया है। एनसीआर में हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी , महेन्द्रगढ, जींद और करनाल जिले आते हैं। जिसमें ग्रैप टू की पाबंदियां इन जिलों में भी लागू होगी। वहीं डॉक्टरों ने प्रदूषण में बाहर निकलने से पहले N-95 मास्क पहनने की सलाह दी है। इसके अलावा आंखों को नियमित रूप से बार-बार धोने को कहा है ताकि शरीर पर स्मॉग के पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके। बता दें कि एनसीआर में एक सप्ताह पहले एक्यूआई 200 पार पहुंच गया था जिससे ग्रैप वन की पाबंदियां लागू की गई थी। हिसार में फसल अवशेष जलाने पर 11 एफआइआर दर्ज
हिसार जिले में फसल अवशेष जलाने पर कृषि विभाग द्वारा 11 एफआइआर दर्ज करवाई गई है। बरवाला खंड के सरसाना गांव के वेदपाल व नया गांव के राजपाल व खरक गांव के गुरदीप पर और नारनौंद खंड के शाहपुर गांव के सुरजीत, बुढ़ाना गांव के बलजीत व संजीव तथा हांसी खंड के साला डेयरी गांव के सुरेन्द्र, उकलाना खंड के बिठमड़ा गांव के जयवीर, पाबड़ा गांव के बलवंत व अनिल, अग्रोहा गांव के हनुमान पर फसल अवशेष जलाने पर एफआइआर दर्ज हुई है। कुरुक्षेत्र में 39 किसानों के खिलाफ केस, 58 के फार्म रिकार्ड में रेड एंट्री दर्ज
कुरुक्षेत्र में अब तक 58 किसानों के फॉर्म रिकार्ड में रेड एंट्री दर्ज की है। 58 और किसानों पर कार्रवाई की तैयारी है। 39 किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए पुलिस को कागज सौंप दिए हैं। वहीं, अंबाला में फसल अवशेष जलाने पर 35 किसानों पर कार्रवाई करते हुए कृषि अभिलेखों में रेड एंट्री की गई। दो किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। जबकि जींद में 38 जगहों पर पराली में आग लगी है। 38 किसानों की रेड एंट्री हुई और 17 पर मामला दर्ज किया गया है। फतेहाबाद में तीन पटवारी सहित 16 को नोटिस जारी
फतेहाबाद में कार्रवाई में लापरवाही करने पर तीन पटवारी सहित 16 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। तीन एफआइआर दर्ज कर चार किसानों पर मामला दर्ज किया है। एक खेत के मालिक पर भी मामला दर्ज हुआ है। 23 किसानों की रेड एंट्री कर दी है। सिरसा में पराली जलाने पर भू मालिक तीन महिलाओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई। पानीपत में SDO सहित 11 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया। कैथल में 14 किसान गिरफ्तार, मिली जमानत
पराली जलाने के अलग-अलग 14 मामलों की जांच के दौरान 14 किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी को जमानत पर छोड़ दिया गया है। अब तक 123 मामले आ चुके हैं। इधर, करनाल में नौ गिरफ्तार किए गए और उन्हें जमानत भी मिल गई जबकि चार की तलाश जारी है। यमुनानगर में भी तीन और जगहों पर पराली जलाने के मामले सामने आए। डीडीए डा. आदित्य प्रताप डबास ने तीनों मामलों में संबंधित थाना में केस दर्ज कराया है।
पिता पुलिस अफसर, पति गैंगस्टर, खुद BJP उम्मीदवार:हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा को देंगी टक्कर; बोलीं- पति अब जनसेवा करते हैं
पिता पुलिस अफसर, पति गैंगस्टर, खुद BJP उम्मीदवार:हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा को देंगी टक्कर; बोलीं- पति अब जनसेवा करते हैं हरियाणा में भाजपा ने रोहतक की गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा सीट से जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा को उम्मीदवार बनाया है। यह वही सीट है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ते हैं। मंजू हुड्डा पुलिस अफसर की बेटी हैं, और उनके पति गैंगस्टर हैं। इसके कारण टिकट मिलने पर वह चर्चा में हैं। मंजू हुड्डा का कहना है कि उनके पिता दिवंगत प्रदीप यादव हरियाणा पुलिस में ASI के पद पर तैनात थे। उनकी SI पद पर पदोन्नति हो गई थी, लेकिन इससे पहले उनका देहांत हो गया। लव कम अरेंज मैरिज की
मंजू हुड्डा बताती हैं कि उन्होंने रोहतक के धामड़ गांव निवासी राजेश हुड्डा उर्फ राजेश सरकारी के साथ लव कम अरेंज मैरिज की थी। शुरुआत में दोनों को प्यार हुआ। बाद में दोनों ने अपने परिवार वालों से बातचीत कर 2020 में अरेंज मैरिज की। इसके बाद से दोनों खुशी-खुशी अपना गृहस्थ जीवन चला रहे हैं। राजेश सरकारी ने 13 साल की उम्र में किया था अपराध
मंजू हुड्डा के पति गैंगस्टर राजेश सरकारी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, लूट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज हैं। राजेश सरकार करीब 13-14 साल की उम्र में हत्या के केस में जेल गया था। इसके बाद वह अपराध के दलदल में फंसा। हत्या सहित अन्य आपराधिक मामलों में उसका नाम आया। इस कारण करीब 20 साल तक वह जेल में रहा। पति के आपराधिक बैकग्राउंड पर मंजू हुड्डा ने कहा, ‘यह उनका (राजेश सरकारी) अतीत था। अब वह ऐसा कुछ नहीं करते। मुझे अपने पति से भी बहुत कुछ सीखने को मिला है। चाहे वह जनता की बढ़-चढ़कर सेवा करना हो या मदद करना हो।’ मंजू हुड्डा 2 साल पहले आई राजनीति में
मंजू हुड्डा ने डबल MA और B.Ed. तक पढ़ाई की है। वहीं, Ph.D. की पढ़ाई फिलहाल जारी है। उन्होंने 2 साल पहले राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने रोहतक के वार्ड नंबर 5 से जिला परिषद का अपना पहला चुनाव लड़ा। जिसमें उन्हें 9333 वोट मिले और नजदीकी प्रतिद्वंद्वी अंजली को 6052 वोट मिले। मंजू हुड्डा ने 3281 वोट से जीत हासिल की। इसके बाद सर्वसम्मति से वह चेयरपर्सन भी चुनी गईं। चेयरपर्सन बनने के बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। मंजू हुड्डा की कुर्सी खतरे में
मौजूदा समय में मंजू हुड्डा की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। उनके खिलाफ रोहतक के 14 में से 10 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं। पार्षदों ने रोहतक के DC अजय कुमार को ज्ञापन भी सौंपा है। पार्षदों ने कहा है कि कि मंजू हुड्डा करीब पौने 2 साल से जिला परिषद की चेयरपर्सन हैं, लेकिन 10 पार्षद उनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। वह अपने पद से विश्वास खो चुकी हैं। वहीं, DC अजय कुमार से कहा कि हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 के तहत एक्शन लिया जाएगा। भूपेंद्र हुड्डा और मंजू हुड्डा के बारे में जानिए…