जालंधर पुलिस ने कनाडा में छिपे कुख्यात आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लांडा के 5 और साथियों को हथियारों सहित काबू किया है। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस संबंधी पोस्ट डालकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब तक इस गिरोह के 13 लाेग काबू किए जा चुके हैं। आरोपी कई जिलों में हत्या, जबरन वसूली और कई जघन्य अपराधों में शामिल है। पुलिस द्वारा मामले की पड़ताल की जा रही है। जालंधर पुलिस ने इन पर केस दर्ज किया है। 30 जून को भी 5 हथियारों समेत दबोचे थे जालंधर पुलिस लखबीर सिंह उर्फ लांडा के साथियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए गत काफी दिनों से जुटी हुई है। 30 जून को पुलिस ने गिरोह के पांच मेंबरों को काबू किया था। उस समय पता चला था कि आरोपी पाकिस्तान से आने वाले हथियारों और नशे की तस्करी में शामिल थे। उनसे कई हथियार भी बरामद हुए थे। इसके बाद आरोपियों पूछताछ में कई राज खुले । वहीं, अब पुलिस ने उक्त पांच लोगों को काबू किया है। इनके पास से तीन पिस्तौल व कारतूस बरामद हुए है। पुलिस द्वारा मामले की पड़ताल की जा रही है। जालंधर पुलिस ने कनाडा में छिपे कुख्यात आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लांडा के 5 और साथियों को हथियारों सहित काबू किया है। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस संबंधी पोस्ट डालकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब तक इस गिरोह के 13 लाेग काबू किए जा चुके हैं। आरोपी कई जिलों में हत्या, जबरन वसूली और कई जघन्य अपराधों में शामिल है। पुलिस द्वारा मामले की पड़ताल की जा रही है। जालंधर पुलिस ने इन पर केस दर्ज किया है। 30 जून को भी 5 हथियारों समेत दबोचे थे जालंधर पुलिस लखबीर सिंह उर्फ लांडा के साथियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए गत काफी दिनों से जुटी हुई है। 30 जून को पुलिस ने गिरोह के पांच मेंबरों को काबू किया था। उस समय पता चला था कि आरोपी पाकिस्तान से आने वाले हथियारों और नशे की तस्करी में शामिल थे। उनसे कई हथियार भी बरामद हुए थे। इसके बाद आरोपियों पूछताछ में कई राज खुले । वहीं, अब पुलिस ने उक्त पांच लोगों को काबू किया है। इनके पास से तीन पिस्तौल व कारतूस बरामद हुए है। पुलिस द्वारा मामले की पड़ताल की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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दिल्ली कूच के लिए किसानों के हरियाणा में 4 पड़ाव:पहली पंक्ति में किसान नेताओं के मरजीवड़े जत्थे होंगे; दिन में चलेंगे, रात सड़क पर सोएंगे
दिल्ली कूच के लिए किसानों के हरियाणा में 4 पड़ाव:पहली पंक्ति में किसान नेताओं के मरजीवड़े जत्थे होंगे; दिन में चलेंगे, रात सड़क पर सोएंगे शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है। रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने इसका खुलासा किया। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा है कि 6 दिसंबर को किसान पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसानों का नेतृत्व कर रहे नेता मरजीवड़ों (मरने को तैयार) के जत्थों के तौर पर पहली पंक्ति में चलेंगे। उनके पीछे अन्य किसान आएंगे। जहां रात होगी, किसान वहीं सड़क पर ही डेरा डालेंगे। सुबह होते ही फिर से दिल्ली की ओर चलना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के कई मंत्रियों और केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का बयान आया है कि अगर किसान पैदल जाते है तो उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं। ऐसे में हम आशा करते हैं कि वे अपने बयानों पर कायम रहेंगे। पंधेर ने कहा कि किसान अपने साथ जरूरी सामान लेकर जाएंगे। पहला पड़ाव जग्गी सिटी अंबाला में डालेंगे। इसके बाद मोहड़ा मंडी, खानपुर जट्टां के और पीपली में किसानों का जत्था पहुंचेगा। सभी किसान रोजाना सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही चलेंगे। केवल MSP कानून चाहते हैं किसान
पंधेर ने कहा कि 18 फरवरी के बाद सरकार की किसानों से बातचीत बंद की गई है। भाजपा प्रवक्ता सिर्फ मीडिया में ही बातें करते हैं। असलियत यह है कि खुद पीयूष गोयल कह चुके हैं कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग चाहते हैं जबकि, किसान MSP कानून चाहते हैं। पंधेर ने कहा कि इस समय सदन चल रहा है। देखना है कि कितने लोगों ने किसानों की बातों को सदन में उठाया? हम सिर्फ MSP कानून की बात कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया कि किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहा। इसलिए किसान MSP कानून की मांग कर रहा है। हिरासत से छोड़े डल्लेवाल की सुरक्षा में किसान तैनात
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लेने के बाद से किसान अलर्ट पर हैं। डल्लेवाल की सुरक्षा खुद किसानों ने संभाल ली है। फार्मर फोर्स की तरह करीब 70 किसान मोर्चे के दोनों तरफ तैनात हैं। डल्लेवाल के पास किसान 4-4 घंटे की शिफ्ट में पहरा दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि 26 नवंबर को पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल को हिरासत में लिया था। तब उनका वजन करीब 86.800 किलोग्राम था। वहां से आने के बाद उनका वजन 4 किलो घट गया है। वह 26 नवंबर से ही मरणव्रत पर हैं। डल्लेवाल के लिए मोर्च पर नई स्टेज बनाई गई है। आज से वह यहीं बैठकर अपना मरणव्रत जारी रखेंगे। स्टेज के आसपास भी किसानों की ड्यूटी लगाई गई है। किसान बोले- डल्लेवाल के पास किसी को नहीं पहुंचने देंगे
किसान नेताओं का कहना है कि सभी किसान सुरक्षा में हैं। जगजीत सिंह डल्लेवाल के पास अब किसी को भी पहुंचने नहीं दिया जाएगा। हमें मारकर या हमारी लाशों को लांघकर ही कोई आगे बढ़ सकता है। वहीं, महिला किसानों का कहना है कि जब डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी, तभी महिला किसानों ने भी संघर्ष में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। पहरों में पहले पुरुष ही होते थे, लेकिन सरकार की नाकामयाबी के कारण अब महिलाओं को भी आना पड़ा है। 6 राज्य के किसान नेताओं की मीटिंग हुई
एक दिन पहले शनिवार को किसान मजदूर मोर्चा ने 6 राज्यों के किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता केरल के किसान नेता पीटी जोन और पंजाब के गुरअमनीत सिंह मांगट ने की। किसानों ने कहा कि डल्लेवाल को हिरासत में लेना आम आदमी पार्टी सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की तैयारी को लेकर सभी संगठनों के बीच सहमति बन गई है। बैठक में लंगरों की व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और वालंटियर्स की संख्या पर चर्चा की गई। रिहा होने के बाद डल्लेवाल ने कहीं 3 अहम बातें… 1. मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी
लुधियाना DMC अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- मुझे रात खनौरी से उठाया और अस्पताल में दाखिल किया। मुझे जहां रखा, वहां मोबाइल ले जाने की परमिशन नहीं थी। दूसरे मरीजों को भी मोबाइल नहीं लाने दिया। सच्चाई ये थी कि मुझे यहां नजरबंद रखा गया। मैं किसानों की मेहनत की वजह से बाहर आया हूं। 2. टेस्ट करने की कई कोशिशें की
ये लोग बहुत कोशिश करते रहे कि मुझे ट्रीटमेंट दे दें। ब्लड टेस्ट, दवा देने, टेस्ट करने की कई कोशिशें की। अगर मुझे मरणव्रत पर नहीं बैठना होता तो पुलिसवालों की चाय पी लेता। 3. हमारा पंजाब से कोई झगड़ा नहीं
लड़ाई 13 फरवरी से शुरू हुई। ये लड़ाई किसानी का फ्यूचर बचाने के लिए है। इस लड़ाई को शांतिमय तरीके से ऊपर ले जाने का एक ही तरीका बचता है कि नेता अपने प्राणों की आहूति देने की तैयारी करें। पंजाब सरकार ने जो किया, वो केंद्र की बुक्कल में बैठकर किया। हमारा पंजाब से कोई झगड़ा ही नहीं है। पंजाब सरकार को हमसे कोई लेना देना ही नहीं है।
करोड़ों रुपए के ड्रग तस्करी केस की सुनवाई आज:मोहाली अदालत सुना सकती है फैसला, बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला है आरोपी
करोड़ों रुपए के ड्रग तस्करी केस की सुनवाई आज:मोहाली अदालत सुना सकती है फैसला, बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला है आरोपी पंजाब में 6 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की आज मंगलवार को ED की स्पेशल अदालत में सुनवाई होगी। इस मामले में पंजाब पुलिस के बर्खास्त DSP जगदीश भोला मुख्य आरोपी है। इस मामले में अदालत फैसला भी सुना सकती है। हालांकि पिछली सुनवाई पर भोला को फिजिकल रूप में पेश नहीं किया गया था। इसके बाद इस मामले की अगली तारीख पड़ गई थी। भोला पर ड्रग तस्करी की कमाई से करोड़ों रुनए की संपत्ति बनाने का आरोप है। वैसे ड्रग तस्करी मामले में भोला समेत 25 लोगों को सजा सुनाई जा चुकी है। 11 साल पहले सामने आया था मामला यह मामला साल 2013 में सामने आया था। जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद और पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला को गिरफ्तार किया था। तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है। इस केस के सामने आने से पंजाब की राजनीति से लेकर खेल जगत में भूचाल आ गया था। वहीं, राज्य के कई नेताओं पर भी सवाल उठे थे। जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ का है। साल 2019 में इस मामले में सीबीआई की अदालत ने 25 लोगों को एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई थी। करोड़ों की बनाई संपत्ति, नहीं भरा कोई टैक्स ईडी ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला था कि इस केस में शामिल आरोपियों ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बनाई हुई है। जबकि इन लोगों ने इनकम टैक्स तक नहीं भरा था। वहीं, उनकी आमदन से आय बहुत अधिक है। इससे साफ हो गया था कि उक्त लोग किसी अन्य कारोबार में शामिल थे। इसके बाद ईडी ने आरोपियों की प्रॉपर्टी काे अटैच किया था। इसमें मोहाली से लेकर कई जगह आलीशान कोठियां, इंडस्ट्रियल प्लॉट व अन्य संपत्ति शामिल थी। दोषी पाया गया तो फांसी दे देना जगदीश भोला के पिता बलशिंदर सिंह का 24 जुलाई को देहांत हो गया था। इस दौरान जब भोला 26 जुलाई उनके अंतिम संस्कार में जेल से अपने गांव पहुंचे थे तो उनका कहना था कि उसे इस मामले में फंसाने के पीछे सरकारें हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में अगर में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी दे दी जाए। वह कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।
बठिंडा में हादसे में दिव्यांग समेत 2 की मौत:तेज रफ्तार थार ने मारी एक्टिवा को टक्कर, दो युवक गंभीर घायल
बठिंडा में हादसे में दिव्यांग समेत 2 की मौत:तेज रफ्तार थार ने मारी एक्टिवा को टक्कर, दो युवक गंभीर घायल पंजाब के बठिंडा में मुक्तसर रोड पर गांव दियोंन के समीप तेज रफ्तार एक थार गाड़ी ने एक एक्टिवा को टक्कर मार दी, जिससे एक्टिवा सवार दो लोगों की मौत हो गई। जबकि थार सवार दो युवक गंभीर रुप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक एक्टिवा चालक दिव्यांग था। बताया जाता है कि थार गाड़ी बठिंडा की ओर से आ रही थी, जबकि एक्टिवा खेतों की तरफ से सड़क पर आई थी। इसी दौरान दोनों में टक्कर हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि थार की टक्कर से एक्टिवा के परखच्चे उड़ गए। वहीं थार गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हुई है। हादसा देर रात करीब 10 बजे हुआ। थार चालकों को कराया अस्पताल में भर्ती घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी के वालंटियर हर्षित चावला, यादविंदर कंग एंबुलेंस सहित मौके पर पहुंचे। थार चालक तथा दूसरे युवक को मौके पर जमा हुए लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। मृतक एक्टिवा चालक का शव बुरी तरह से कुचला जा चुका था तथा एक टांग शरीर से अलग हो चुकी थी। संस्था सदस्यों ने शव को पुलिस कार्रवाई के बाद सिविल अस्पताल पहुंचाया। मृतकों की पहचान गोरखा सिंह (55 वर्ष) पुत्र गुरा सिंह, मनिंदर सिंह (50 वर्ष) पुत्र मिडा सिंह निवासी गांव दियोंन तथा घायलों की पहचान आर्यन बांसल (21 वर्ष) पुत्र सुशील बांसल तथा यशु (22 वर्ष) पुत्र संदीप कुमार निवासी संगत मंडी के तौर पर हुई है।