अमृतसर| थाना मकबूलपुरा के अधीन आते जसपाल नगर में घर के सील को तोड़कर कब्जा करने के आरोप में 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान गुरमीत सिंह, अभयजीत सिंह और गुरिंदर सिंह निवासी जसपाल नगर वल्लाह के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में रेखा आनंद ,लुधियाना ने बताया कि जसपाल सिंह निवासी हरगोबिंद नगर सुल्तानविंड ने आरोपी गुरमीत सिंह के पास से एक मकान 24 लाख रुपए में खरीदा था, यह रक्म जना समाल फाइनांस बैंक से लोन लेकर अदा की गई थी। जसपाल सिंह की तरफ से लोन के किस्ते नहीं भरी गई तो बैंक की तरफ से उक्त घर को सील किया गया था। गुरमीत सिंह ने सील को तोड़कर उस घर पर कब्जा कर लिया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच कर रहे हैं। अमृतसर| थाना मकबूलपुरा के अधीन आते जसपाल नगर में घर के सील को तोड़कर कब्जा करने के आरोप में 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान गुरमीत सिंह, अभयजीत सिंह और गुरिंदर सिंह निवासी जसपाल नगर वल्लाह के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में रेखा आनंद ,लुधियाना ने बताया कि जसपाल सिंह निवासी हरगोबिंद नगर सुल्तानविंड ने आरोपी गुरमीत सिंह के पास से एक मकान 24 लाख रुपए में खरीदा था, यह रक्म जना समाल फाइनांस बैंक से लोन लेकर अदा की गई थी। जसपाल सिंह की तरफ से लोन के किस्ते नहीं भरी गई तो बैंक की तरफ से उक्त घर को सील किया गया था। गुरमीत सिंह ने सील को तोड़कर उस घर पर कब्जा कर लिया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच कर रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत कांग्रेस पर भड़के:बोले-500 करोड़ के नशे सहित कांग्रेस का सर्किल प्रधान हुआ गिरफ्तार, पाकिस्तान से है लिंक
पंजाब के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत कांग्रेस पर भड़के:बोले-500 करोड़ के नशे सहित कांग्रेस का सर्किल प्रधान हुआ गिरफ्तार, पाकिस्तान से है लिंक चंडीगढ़ में आज आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने एक अहम प्रेसवार्ता की। जिसमें उन्होंने पंजाब में नशे की रोकथाम को लेकर अहम चर्चा की और कांग्रेस व बीजेपी पर निशाना साधा। ये प्रेसवार्ता चंडीगढ़ के सेक्टर-39 में रखी गई थी। सोंधी के साथ मार्कफेड के चेयरमैन अमनदीप सिंह मोहित भी मौजूद थे। जिन्होंने नशे के खातमें को लेकर चर्चा की गई। कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने सबसे पहले दैनिक भास्कर द्वारा छापी गई 105 किलो हेरोइन की खबर को दिखाया और उक्त मामले में कांग्रेस के नेता शामिल होने के आरोप लगाए। उक्त खबरों की कटिंग दिखाने के बाद तरुणप्रीत ने कहा- इन खबरों से बीजेपी और कांग्रेस की पोल खुलती है। 500 करोड़ के नशे की बरामदगी पर कांग्रेस पर साधा निशाना कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने कहा- बीते दिनों अमृतसर के बाबा बकाला में कांग्रेस के सर्किल प्रधान नवजोत सिंह लहौरिया को गिरफ्तार किया था। पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम द्वारा जब रेड की गई तो वहां से 105 किलो हेरोइन, 31.93 किलो कैफीन, 17 किलो डीएमआर, 5 विदेशी पिस्तौल और 1 देसी पिस्तौल बरामद किया था। तरुणप्रीत ने कहा- ये बहुत गंभीर मुद्दा है कि कांग्रेस जैसी पार्टी के साथ संबंध रखने वाले एक व्यक्ति से इतनी मात्रा में नशा मिला हो। मगर ये मामला तो तब संगीन हुई, जब जांच में पता चला कि पाकिस्तान से उक्त खेप पहले जम्मू पहुंची और वहां से पंजाब में। मंत्री ने कहा- उक्त नशे की मार्केट वैल्यू करीब 500 करोड़ रुपए की है। बीजेपी के पूर्व MLA सत्कार कौर के मामले में साधा निशाना नशा तस्करी के आरोप में बीते दिनों पंजाब पुलिस ने फिरोजपुर देहात की पूर्व विधायक सतकार कौर को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से सत्कार कौर को निष्कासित कर दिया था। इसे लेकर तरुणप्रीत ने जमकर बीजेपी पर निशाना साधा और उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।

एसकेएम और केएमएम आज घेरेंगे सीएम निवास:17 जगह मंत्रियों-विधायकों को भी घेरेंगे; शंभू-खनौरी मोर्चे पर हुए नुकसान की भरपाई की रखी मांग
एसकेएम और केएमएम आज घेरेंगे सीएम निवास:17 जगह मंत्रियों-विधायकों को भी घेरेंगे; शंभू-खनौरी मोर्चे पर हुए नुकसान की भरपाई की रखी मांग पंजाब और हरियाणा के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर 13 महीने आंदोलन चलाने वाले किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) आज सीएम भगवंत मान सहित कई कैबिनेट मिनिस्टर व विधायकों का घर घेरेंगे। बीते दिन दोपहर KMM के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने इस प्रदर्शन को करने की घोषणा की। जिसके बाद एसकेएम नॉन पॉलिटिकल के साथ ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें एसकेएम गैर-राजनीतिक ने भी साथ चलने की बात कही। बता दें कि, 19 मार्च को पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कर लिया था। इसके बाद दोनों बॉर्डरों पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। सरवण सिंह पंधेर को पुलिस रिहा कर चुकी है। जबकि अनशन कर रहे डल्लेवाल को पटियाला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 13 महीने बाद पुलिस ने खुलवाए थे दोनों बॉर्डर
13 फरवरी 2024 में किसानों ने मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया था। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया। किसानों ने 4 बार दिल्ली कूच की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया। 21 फरवरी को टकराव के दौरान खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई। 7 बार वार्ता का नहीं निकला हल 26 नवंबर 2024 को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। केंद्र और किसानों के बीच 7 बार वार्ता हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। 19 मार्च 2025 को सातवीं दौर की बातचीत के बाद पंजाब पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत अन्य किसान नेताओं को अलग-अलग जगह से हिरासत में ले लिया। इसके बाद दोनों बॉर्डर खाली करा लिए। 20 और 21 मार्च को दोनों बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।

पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले
पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर सकती है, जिसमें राज्य ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का विशेषकर अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एक मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र का जवाब था, यह बताना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार अपने बजट से रेड जोन पंचायतों के लिए शून्य पराली जलाने की दिशा में 1,00,000 रुपए और येलो जोन पंचायतों को 50,000 रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपए और धान की सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन कदमों से राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्र के पास स्पष्ट जवाब देने के लिए एक सप्ताह पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। लेकिन, केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है। पंजाब ने पुराने प्रोपोजल को फिर पेश किया केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार, कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है। सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80% सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं पर 65% सब्सिडी प्रदान की गई है। शिक्षा और संचार गतिविधियों के लिए राज्य और कृषि विज्ञान केंद्रों को भी फंड प्रदान किया गया है। पंजाब सरकार को दिए गए खर्च का ब्योरा दिया केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। राज्य में 1.46 लाख से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और 25,500 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है। पंजाब-दिल्ली सरकारों को सांझा खर्च करने थे 800 करोड़ 19 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने प्रस्तावित किया था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पंजाब ने इस राशि में से 400-400 करोड़ रुपए पंजाब और दिल्ली सरकार से साझा करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र से 1,200 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।