अयोध्या के 10 हजार मंदिरों में गुरुपूर्णिमा महोत्सव देर शाम तक चला।देश के अनेक प्रांतों से आए लाखों शिष्यों ने अपने चरण धोकर आरती की। माला पहनाकर अंग वस्त्र और दक्षिणा दी। इसके बाद गुरुओं ने शिष्यों को कल्याण भव का आशीर्वाद दिया। यह कल्याण संसार में जीतने और भगवान के प्रति अनुराग अर्थात प्रेम बढ़ाने का लिए था। मणिराम दास जी की छावनी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का उनके शिष्य महंत कमलनयन दास,पंजाबी बाबा,कथाचाक राधेश्याम शास्त्री आदि हजारों शिष्यों ने पूजन किया। दिल्ली स्थित मानव आश्रम के प्रमुख संजीव शंकर ने अपने सहयोगियों के साथ श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत रामशंकर दास का पूजन आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के साथ किया।उन्होंने गुरु की आरती पूजन कर समाज सेवा के प्रकल्प को और मजूबत करने का आशीर्वाद मांगा।संजीव शंकर दिल्ली में भव्य और बेहद आधुनिक कैंसर हास्पिटल का संचालन करते हैं।यह संस्था मरीजों को बेहद न्यूनतम मूल्य पर चिकित्सा के साथ बेहतर भोजन और आवास भी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अग्रणी है। रसिक उपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में महंत मैथिली रमण शरण ने उत्तर भारत में रामकथा के विशिष्ट व्याख्याता रहे महंत सीताराम शरण के चित्रपट और पादुका का पूजन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिना गुरू की कृपा के जीवन अंधकर का पुंज हैं।गुरू कृपा से ही जीवन में प्रकाश का संचार होता है।इसके बाद मनुष्य संसार से भगवान की प्राप्ति तक हर क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। सिद्ध संत बाबा गोमती दास की तपोस्थली हनुमत निवास के आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण से अयोध्या,मेरठ और लखनऊ सहित देश के अनेक स्थानों ेसे आए शिष्यों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सतर्क रहने का संकल्प दिलाया।उन्होंने कहा कि धर्म ही जीवन का मूल है और गुरु पूर्णिमा भी सनातन धर्म का एक विशिष्ट महापर्व है। धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास ने मानवता के लिए समर्पित रहने का संकल्प दिलाया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास का पूजन उनके शिष्य और संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय और हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने किया।इस अवसर पर महंत ज्ञानदास ने कहा कि धर्म चाहे जो भी वह गुरू परंपरा से ही समृद्ध हाेता है।हमारा अपने सभी शिष्यों और समर्थकों को संदेश है कि वे सच्ची मानवता के लिए समर्पित रहे।जो जीवन मानवता के काम न आया वह व्यर्थ है। रामानंद संप्रदाय की विंदु भावधारा की आचार्य पीठ दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का उनके शिष्य महंत रामभूषण दास कृपालु ने पूजन कर सनातन धर्म के विकास में विशिष्ट भागीदारी का आशीर्वाद मांगा।इस अवसर पर देश भर के 50 हजार से ज्यादा शिष्यों ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का पूजन किया। जबकि उन्होंने पूजन का आरंभ आश्रम के संस्थापक बाबा रामप्रसादाचार्य की मूर्ति का अभिषेक और पूजन से किया। गोस्वामी तुलसी दास की छावनी के रूप में प्रसिद्ध हनुमत पीठ के महंत महामंडलेश्वर बाबा जनार्दन दास ने अपने गुरू महंत रामबचन दास महाराज और हनुमान जी का पूजन किया।जबकि उनके शिष्यों ने बड़े ही भावपूर्वक उनका पूजन कर हनुमत कृपा का आशीर्वाद मांगा। राजगोपाल मंदिर के महंत सीताराम शरण और अधिकारी सर्वेश्वर दास शरद ने अपने गुरु और हनुमत तत्व के गूढ़ उपासक महंत कौशल किशोर शरण फलाहारी के चित्रपट और चरण पादुकाओं का पूजन किया।इस अवसर पर महंत सीताराम शरण ने आश्रम के शिष्यों को पीठ की परंपरा के विकास में योगदान देने का संकल्प दिलाया। अयोध्या के 10 हजार मंदिरों में गुरुपूर्णिमा महोत्सव देर शाम तक चला।देश के अनेक प्रांतों से आए लाखों शिष्यों ने अपने चरण धोकर आरती की। माला पहनाकर अंग वस्त्र और दक्षिणा दी। इसके बाद गुरुओं ने शिष्यों को कल्याण भव का आशीर्वाद दिया। यह कल्याण संसार में जीतने और भगवान के प्रति अनुराग अर्थात प्रेम बढ़ाने का लिए था। मणिराम दास जी की छावनी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का उनके शिष्य महंत कमलनयन दास,पंजाबी बाबा,कथाचाक राधेश्याम शास्त्री आदि हजारों शिष्यों ने पूजन किया। दिल्ली स्थित मानव आश्रम के प्रमुख संजीव शंकर ने अपने सहयोगियों के साथ श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत रामशंकर दास का पूजन आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के साथ किया।उन्होंने गुरु की आरती पूजन कर समाज सेवा के प्रकल्प को और मजूबत करने का आशीर्वाद मांगा।संजीव शंकर दिल्ली में भव्य और बेहद आधुनिक कैंसर हास्पिटल का संचालन करते हैं।यह संस्था मरीजों को बेहद न्यूनतम मूल्य पर चिकित्सा के साथ बेहतर भोजन और आवास भी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अग्रणी है। रसिक उपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में महंत मैथिली रमण शरण ने उत्तर भारत में रामकथा के विशिष्ट व्याख्याता रहे महंत सीताराम शरण के चित्रपट और पादुका का पूजन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिना गुरू की कृपा के जीवन अंधकर का पुंज हैं।गुरू कृपा से ही जीवन में प्रकाश का संचार होता है।इसके बाद मनुष्य संसार से भगवान की प्राप्ति तक हर क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। सिद्ध संत बाबा गोमती दास की तपोस्थली हनुमत निवास के आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण से अयोध्या,मेरठ और लखनऊ सहित देश के अनेक स्थानों ेसे आए शिष्यों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सतर्क रहने का संकल्प दिलाया।उन्होंने कहा कि धर्म ही जीवन का मूल है और गुरु पूर्णिमा भी सनातन धर्म का एक विशिष्ट महापर्व है। धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास ने मानवता के लिए समर्पित रहने का संकल्प दिलाया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास का पूजन उनके शिष्य और संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय और हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने किया।इस अवसर पर महंत ज्ञानदास ने कहा कि धर्म चाहे जो भी वह गुरू परंपरा से ही समृद्ध हाेता है।हमारा अपने सभी शिष्यों और समर्थकों को संदेश है कि वे सच्ची मानवता के लिए समर्पित रहे।जो जीवन मानवता के काम न आया वह व्यर्थ है। रामानंद संप्रदाय की विंदु भावधारा की आचार्य पीठ दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का उनके शिष्य महंत रामभूषण दास कृपालु ने पूजन कर सनातन धर्म के विकास में विशिष्ट भागीदारी का आशीर्वाद मांगा।इस अवसर पर देश भर के 50 हजार से ज्यादा शिष्यों ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का पूजन किया। जबकि उन्होंने पूजन का आरंभ आश्रम के संस्थापक बाबा रामप्रसादाचार्य की मूर्ति का अभिषेक और पूजन से किया। गोस्वामी तुलसी दास की छावनी के रूप में प्रसिद्ध हनुमत पीठ के महंत महामंडलेश्वर बाबा जनार्दन दास ने अपने गुरू महंत रामबचन दास महाराज और हनुमान जी का पूजन किया।जबकि उनके शिष्यों ने बड़े ही भावपूर्वक उनका पूजन कर हनुमत कृपा का आशीर्वाद मांगा। राजगोपाल मंदिर के महंत सीताराम शरण और अधिकारी सर्वेश्वर दास शरद ने अपने गुरु और हनुमत तत्व के गूढ़ उपासक महंत कौशल किशोर शरण फलाहारी के चित्रपट और चरण पादुकाओं का पूजन किया।इस अवसर पर महंत सीताराम शरण ने आश्रम के शिष्यों को पीठ की परंपरा के विकास में योगदान देने का संकल्प दिलाया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘स्कूल संचालक ने तंत्र-मंत्र में बेटे को मार डाला’:रामपुर में पिता बोले–नए कपड़े दिलाए, फिर नदी में डुबो दिया
‘स्कूल संचालक ने तंत्र-मंत्र में बेटे को मार डाला’:रामपुर में पिता बोले–नए कपड़े दिलाए, फिर नदी में डुबो दिया रामपुर में 11 साल के बच्चे की नदी में डूबने से मौत हो गई। सुबह घटनास्थल से 10 किमी दूर SDRF की टीम ने बच्चे के शव बरामद किया। परिजनों का आरोप है कि एक युवक बाइक से आया और खेत में खेल रहे दो बच्चों को बहला-फुसला कर अपहरण कर ले गया। आरोपी स्कूल संचालक है। उसका स्कूल नहीं चल रहा है। तंत्र-मंत्र करने के लिए दोनों मासूमों को अपने साथ नदी के किनारे ले गया। एक बच्चे को नदी में डुबाकर मार डाला। दूसरा बच्चा जान बचाकर वहां से भाग गया। घटना अजीम नगर थाना क्षेत्र के ढक्का हाजी नगर की है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया है। उससे घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है। मासूमों को पहले दिलवाए नए कपड़े
हाजी नगर निवासी साबिर हसन ने बताया कि उनका बेटा समी (11) 5वीं में पढ़ता था। गुरुवार सुबह घर के बाहर खेल रहा था। उसके साथ पड़ोस में रहने वाला शानिब (12) पुत्र अफसर अली भी खेल रहा था। इस दौरान ग्राम नगलिया आकिल निवासी सलमान बाइक से आया और दोनों मासूमों को फुसलाकर साथ ले गया। सलमान ने एक दुकान से दोनों को नए कपड़े दिलवाए। इसका पेमेंट गूगल पे से किया। इसके बाद दोनों मासूमों को दरिया गढ़ थाना भोट गांव की पीला खार नदी के पास ले गया। लोगों ने मासूम से रोने का पूछा कारण
सलमान जब बच्चों को नदी में डुबाने लगा, तो शानिब नदी से निकलकर भाग गया, जबकि समी को उसने डुबाकर मार दिया। शानिब कुछ दूर आकर रोने लगा। वहां से गुजर रहे लोगों ने उससे रोने का कारण पूछा, तो उसने पूरी बात बताई। तब तक सलमान वहां से फरार हो गया था। घटना का पता चलते ही गांव वालों के साथ बच्चों के परिजन मौके पर पहुंचे। समी की तलाश शुरू कर दी। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सुबह मासूम समी के शव को एसडीआरएफ ने पीला खार नदी से निकाला। पीला खार नदी में मिला शव
परिजनों ने बताया कि सलमान का दिल्ली में बिरयानी का होटल है। उसका स्कूल भी है। वह स्कूल को चलाना चाहता है। इसके लिए तंत्र-मंत्र के लिए बच्चों की बलि चढ़ाने के लिए मासूमों का अपहरण कर साथ लेकर गया था। सलमान ने एक मासूम को डुबाकर मार दिया। जिसका शव नदी में सुबह मिला। पुलिस ने आरोपी सलमान को हिरासत में लिया है। एएसपी अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे का शव बरामद कर लिया गया है। साथ ही आरोपी से पूछताछ की जा रही है। मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। ये भी पढ़ें… अयोध्या गैंगरेप केस…मोईद खान और राजू पर आरोप तय:सपा नेता से DNA मैच नहीं हुआ था, 15 अक्टूबर को पीड़िता की होगी गवाही अयोध्या गैंगरेप मामले में सपा नेता मोईद खान और उनके नौकर राजू पर आरोप तय हो गए हैं। गवाही के लिए 15 अक्टूबर की तारीख कोर्ट ने तय की है। 12 साल की पीड़ित बच्ची और मां के बयान इसी दिन दर्ज किए जाएंगे। घटना में विवेचक को कोर्ट से 25 दिन की रिमांड मिली थी। गुरुवार को सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निरुपमा विक्रम की अदालत में हुई। पढ़ें पूरी खबर…
Diwali 2024: दिवाली के दूसरे दिन यहां लगेगी सांपों की अदालत, पेशी पर आएंगे सांप, बताएंगे काटने का कारण!
Diwali 2024: दिवाली के दूसरे दिन यहां लगेगी सांपों की अदालत, पेशी पर आएंगे सांप, बताएंगे काटने का कारण! <p style=”text-align: justify;”><strong>Happy Diwali 2024:</strong> मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम लसूड़िया परिहार में दीपावली के दूसरे दिन पड़वा पर एक अनूठी अदालत का आयोजन होगा. दरअसल, यह अदालत इंसानों की नहीं, बल्कि सांपों के लिए लगाई जाएगी. इस अदालत में पेशी पर भी सांप आएंगे और काटने का कारण बताएंगे. यह परंपरा एक-दो साल से नहीं, बल्कि 100 सालों से जारी है. इस अनूठी अदालत में भोपाल-सीहोर नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों से सांप पीड़ित पहुंचते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दीपावली पर्व की अलग-अलग परंपराए हैं. इन्हीं परंपराए के बीच भोपाल से 30 किलोमीटर दूर इंदौर-भोपाल हाईवे पर एक गांव है, जिसका नाम है लसूड़िया परिहार. इस गांव में हनुमान जी का मंदिर है. ग्राम के वयोवृद्धों के अनुसार इस मंदिर पर बीते 100 सालों से दीपावली के दूसरे दिन पड़वा पर सांपों की अदालत लगाई जाती है. इस अदालत में ऐसे लोग पहुंचते हैं, जिन्हें कभी सांप ने काट लिया. इस पेशी पर सीहोर-भोपाल के नहीं, बल्कि संपूर्ण प्रदेश के जिलों से ग्रामीण पहुंचते हैं. साथ ही इस कोतुहल को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांडी की धुन पर लहराते हैं लोग</strong><br />ग्राम लसूड़िया परिहार के भोलाराम त्यागी बताते हैं कि 100 से भी अधिक समय से गांव में यह सांपों की अदालत का आयोजन हो रहा है. इस दौरान साल भर में जिन लोगों को सांप ने काट लिया है, वह लोग आते हैं. यहां जैसे ही कांडी की धुन बजना शुरू होती है, वैसे ही लोग लहराने लगते हैं. इस दौरान पंडा जी की ओर से उनसे काटने का कारण पूछा जाता है, जिस पर सांप ने जिस कारण डंसा हो वह पीड़ित व्यक्ति के शरीर में आकर कारण बताता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दोबारा न काटने का वचन</strong><br />सांपों की अदालत में जब पंडा जी पीड़ित व्यक्ति पर आए सांप से कारण पूछते हैं तो वह बताता है कि मैं खेत पर सुकून से रहता था, मेरा घर तोड़ दिया, इसलिए मैंने काटा तो कोई अन्य कारण काटने के बताते हैं. इसके बाद पंडा जी संबंधित सांप से वचन लेते हैं कि दोबारा इसे मत काटना और पीड़ित व्यक्ति के शरीर में आया सांप वचन देता है. इस माजरे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.</p>
NEET पेपर लीक का MP कनेक्शन:यूपी में विधायक बनने से पहले बेदीराम ने एमपी में PSC-2012 का पर्चा कराया था लीक
NEET पेपर लीक का MP कनेक्शन:यूपी में विधायक बनने से पहले बेदीराम ने एमपी में PSC-2012 का पर्चा कराया था लीक NEET-UG एग्जाम का पेपर लीक मामले का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है। 26 जून को यूपी की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात करते दिख रहे थे। बेदीराम यूपी की जखनियां सीट से विधायक है। पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने भी बेदी राम का नाम लिया है। बिजेंद्र पहले बेदी राम के साथ जेल भी जा चुका है। हालांकि अब तक बेदीराम को NEET पेपर लीक में आरोपी नहीं बनाया गया है। बेदीराम का नाम 12 साल पहले मप्र लोकसेवा आयोग के पेपर लीक से भी जुड़ा था। उस वक्त मामले की जांच करने वाली एसटीएफ ने बेदीराम, बृजेंद्र समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया था और उनकी गिरफ्तारी भी की थी। खास बात ये है कि जिस तरह से नीट एग्जाम का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से लीक होने की बात सामने आ रही है। ऐसे ही एमपीपीएससी का पेपर भी लीक करवाया गया था और छात्रों को रिसॉर्ट और होटल में बुलाकर उन्हें रटवाया गया था। यानी नीट का पेपर लीक होने का जैसा पैटर्न सामने आ रहा है वैसा एमपी में 12 साल पहले हो चुका है। पिछले 12 सालों से ये मामला कोर्ट में चल रहा है और इसी महीने की 16 तारीख को इसकी सुनवाई है। दैनिक भास्कर ने 12 साल पुराने इस मामले की पड़ताल की, एसटीएफ के अधिकारियों से बात कर समझा कि आखिर कैसे किया गया था पेपर लीक। अब जानिए कैसे पता चला था कि एमपी में पेपर लीक हुआ एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का यह बड़ा मामला था। 2014 में बेदीराम के गिरोह का नाम रेलवे भर्ती परीक्षा पेपर लीक में आया था। लखनऊ के आशियाना थाने में बेदीराम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो बेदीराम फरार हो गया। बाद में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ा। यूपी और दिल्ली पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आया कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस को दी। प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएफ ने जब बेदीराम और उसके साथियों से पूछताछ की तो पता चला कि यह गिरोह मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सिविल सेवा परीक्षा-2012 का प्री और मेन्स का पेपर भी लीक करा चुका है। तब तक एमपीपीएसी प्री और मेन्स की परीक्षा हो चुकी थी। इंटरव्यू होना बाकी था। पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद एमपीपीएससी ने इंटरव्यू स्थगित कर दिया था। आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था MPPSC का पेपर एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। देश के अलग-अलग हिस्सों से पेपर लीक गिरोह के लोगों और पेपर खरीदने वालों की गिरफ्तारी हुई। एसटीएफ के तत्कालीन जांच अधिकारी राकेश जैन बताते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा का पेपर आगरा के प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था। बेदीराम के गिरोह ने पीएससी में अपने सूत्रों के जरिए यह पता लगा लिया कि पेपर कहां छप रहा है। इस सूचना के बाद गिरोह के लोगों ने उस प्रिटिंग प्रेस के कर्मचारियों से सांठगांठ की। उन कर्मचारियों ने लोक सेवा आयोग के पेपर छपाई के दौरान खराब बताकर कुछ पेपर कचरे में फेंक दिया था। यहीं से पेपर गिरोह तक पहुंचे। हर पेपर के लिए 8 से 25 लाख तक की डील पेपर लीक का प्लान तय हो जाने के बाद गिरोह का एक बड़ा हिस्सा पेपर के लिए ग्राहक तलाशता और उनसे रुपए की डील करता था। बताया गया कि बिहार के बिजेन्द्र गुप्ता और अखिलेश पांडेय ने लोक सेवा आयोग परीक्षा का पेपर कैंडिडेट्स तक पहुंचाने में भूमिका निभाई। एसटीएफ ने दोनों को 2014 में गिरफ्तार किया था। मथुरा का हेमंत चौहान, पटना का अनिल कुमार भी दलाल बनकर ग्राहक जुटाने में शामिल पाए गए। मंदसौर का दलाल इलियास मोहम्मद तो आयुर्वेद परीक्षा में भी इस गिरोह के साथ शामिल था। पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया एसटीएफ भोपाल के अधिकारियों ने पेपर लीक गिरोह की जांच में अनुभव किया कि उनका सामना कितने हॉर्डकोर अपराधियों से पड़ा है। जांच टीम का हिस्सा रहे एक जूनियर अधिकारी ने बताया कि बेदीराम, बृजेंद्र गुप्ता, दीपक कुमार गौतम, अखिलेश कुमार पाण्डेय इस गिरोह के प्रमुख लोग थे। रिमांड पर इनसे सख्ती से पूछताछ हुई थी, लेकिन इन लोगों ने कभी पूरा नेटवर्क नहीं खोला। वे आरोप एक-दूसरे पर डालकर खुद की भूमिका सीमित बताते थे। इससे जांच इन तक और उनसे मिले दस्तावेजों के आसपास ही केंद्रित रह गई। हमें भी संदेह था कि इनका पूरा गिरोह कभी पकड़ा ही नहीं गया। छह महीने की जांच कर एसटीएफ ने चार्जशीट पेश की भोपाल एसटीएफ ने दोनों परीक्षाओं के पेपर लीक में लगभग समानांतर जांच की। आयुर्वेद अधिकारी मामले में 22 जुलाई 2014 को और सिविल सेवा परीक्षा मामले में 10 सितम्बर 2014 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में पुलिस ने अधिकतर आरोपियों के बयानों के आधार पर अपराध का ब्योरा पेश किया था। आयुर्वेद अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर 300 से अधिक लोगों तक पहुंचा था। इसमें 55 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें से अधिकतर डॉक्टर थे। सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी और सामान्य अध्ययन का वह पर्चा भी लगाया गया था जिसकी कॉपी इंदौर के एक होटल में आरोपियों से मिली थी। यह वही पर्चा था जो हूबहू परीक्षा में आया था। इस परीक्षा में लोक प्रशासन और समाज शास्त्र का पर्चा भी लीक कराने की बात आई थी, लेकिन उसका कोई सबूत एसटीएफ को नहीं मिला। सिविल सेवा परीक्षा मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस केस में अब तक 40 से अधिक लोगों की गवाही हो चुकी है। अब बेदीराम के बारे में जानिए… रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया बेदीराम के बारे में पुलिस रिकॉर्ड में जो जानकारी है उसके मुताबिक बेदीराम रेलवे में टिकट निरीक्षक हुआ करता था। नौकरी करते हुए बेदीराम ने अधिकारियों से साठगांठ कर भर्ती परीक्षाओं में धांधली का रैकेट खड़ा किया। 2006 में रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पेपर लीक में बेदीराम का नाम आया। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में बेदीराम के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद रेलवे ने बेदीराम को नौकरी से हटा दिया। इसके बाद बेदीराम पूरी तरह नकल माफिया बन गया। उसने 2008 में फिर रेलवे परीक्षा का पर्चा लीक कराया। पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन गिरोह अपना काम करता रहा। 2009 में जयपुर एसओजी ने बेदीराम के खिलाफ रेलवे पर्चा लीक का मामला दर्ज किया। इस बीच इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंध लगा दी। जौनपुर के मडियाहूं थाने में बेदीराम और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। एजेंसियों की निगरानी में था, बचने के लिए राजनीति में उतरा विधायक बेदीराम उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कुसिया गांव का निवासी है। जौनपुर के एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि 2010 के बाद से ही बेदीराम पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के लिए मुख्य संदिग्ध बन चुका था। जौनपुर के जलालपुर थाने में उसकी हिस्ट्री शीट बनाई गई, जिसमें उसको नकल माफिया लिखा गया था। उत्तर प्रदेश में कोई भी भर्ती अथवा पात्रता परीक्षा होती थी तो स्थानीय खुफिया एजेंसियां बेदीराम की निगरानी बढ़ा देती थीं। उसके आने-जाने पर निगाह रखी जाती। पुलिस जब-तब उसके ठिकाने पर पहुंचकर जांच करती। इससे बचने के लिए वह स्थानीय राजनीति में सक्रिय हुआ। इसकी शुरुआत उसने पंचायत चुनाव से की। उसने पत्नी को जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र पंचायत (मध्य प्रदेश में जनपद पंचायत) के सदस्य का चुनाव जितवाया। उसी चुनाव में उसने भाजपा को मात देकर ब्लॉक प्रमुख बनवा दिया। 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से जखनियां की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीता। पिछली सरकारों में गठबंधन की वजह से सुभासपा का कद बढ़ा हुआ था, जिसका फायदा बेदीराम को भी मिला और उसकी निगरानी लगभग हटा ली गई।