हरियाणा के कैथल में करनाल रोड स्थित गांव अहमदपुर में एक बुजुर्ग को तेज रफ्तार कार चालक ने टक्कर मार दी, जिससे बुजुर्ग क मौत हो गई। मृतक व्यक्ति खेतों में मेहनत मजदूरी का कार्य करता था। हादसे के वक्त भी वह अपने बेटे के साथ खेत से कार्य करके घर लौट रहा था। पुलिस ने मृतक के बेटे की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पूंडरी थाना में दी गई शिकायत में अहमदपुर निवासी दीपक ने बताया कि वह मजदूरी करता है। उसका 60 वर्षीय पिता कर्मबीर पिछले करीब नौ साल से उसके ही गांव के जितेंद्र के खेत में काम करने के लिए नौकर लगा हुआ है। सोमवार की देर शाम वह और उसका पिता जितेंद्र के खेत में काम करके वापस घर लौट रहे थे। उसका पिता साइकिल पर और वह पीछे पीछे पैदल चल रहा था । जैसे ही उसका पिता करनाल कैथल रोड से उनके गांव अहमदपुर वाली सड़क की तरफ मुड़ने लगा तो करनाल की तरफ से एक तेज स्पीड से आ रही कार ने उसके पिता को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही उसका पिता साइकिल सहित सड़क पर गिर गया। जिससे उसके सिर में काफी चोट लगी। हादसे के बाद मौके पर काफी लोग जमा हो गए। जिनकी मदद से घायल पिता को नागरिक अस्पताल कैथल के लिए लेकर चले, लेकिन उसके पिता की रास्ते में ही मौत हो गई। पूंडरी थाना जांच अधिकारी इंस्पेक्टर महिपाल ने बताया कि एक्सीडेंट में लगी चोटों के कारण एक व्यक्ति की मौत हुई है। मृतक के लड़के की शिकायत पर गाड़ी चालक गगन निवासी फर्श माजरा हाल सेक्टर 19 कैथल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले में आगामी जांच की जा रही है। हरियाणा के कैथल में करनाल रोड स्थित गांव अहमदपुर में एक बुजुर्ग को तेज रफ्तार कार चालक ने टक्कर मार दी, जिससे बुजुर्ग क मौत हो गई। मृतक व्यक्ति खेतों में मेहनत मजदूरी का कार्य करता था। हादसे के वक्त भी वह अपने बेटे के साथ खेत से कार्य करके घर लौट रहा था। पुलिस ने मृतक के बेटे की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पूंडरी थाना में दी गई शिकायत में अहमदपुर निवासी दीपक ने बताया कि वह मजदूरी करता है। उसका 60 वर्षीय पिता कर्मबीर पिछले करीब नौ साल से उसके ही गांव के जितेंद्र के खेत में काम करने के लिए नौकर लगा हुआ है। सोमवार की देर शाम वह और उसका पिता जितेंद्र के खेत में काम करके वापस घर लौट रहे थे। उसका पिता साइकिल पर और वह पीछे पीछे पैदल चल रहा था । जैसे ही उसका पिता करनाल कैथल रोड से उनके गांव अहमदपुर वाली सड़क की तरफ मुड़ने लगा तो करनाल की तरफ से एक तेज स्पीड से आ रही कार ने उसके पिता को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही उसका पिता साइकिल सहित सड़क पर गिर गया। जिससे उसके सिर में काफी चोट लगी। हादसे के बाद मौके पर काफी लोग जमा हो गए। जिनकी मदद से घायल पिता को नागरिक अस्पताल कैथल के लिए लेकर चले, लेकिन उसके पिता की रास्ते में ही मौत हो गई। पूंडरी थाना जांच अधिकारी इंस्पेक्टर महिपाल ने बताया कि एक्सीडेंट में लगी चोटों के कारण एक व्यक्ति की मौत हुई है। मृतक के लड़के की शिकायत पर गाड़ी चालक गगन निवासी फर्श माजरा हाल सेक्टर 19 कैथल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले में आगामी जांच की जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस MLA अधिकारी से बोले-बंदे बन जाओ:तहसीलदार से कहा- पटवारी ने इंतकाल के 10 हजार लिए, ऐसे चला तो रेड करूंगा हरियाणा में सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने विधायक बनते ही अफसरों को सख्त मैसेज देना शुरू कर दिया है। गुरुवार को गोकुल सेतिया ने तहसीलदार को फोन कर पटवारी की शिकायत की। गोकुल सेतिया ने कहा कि पटवारी इंतकाल के लिए चक्कर कटवा रहा है। इसके लिए 10 हजार रुपए भी लिए। अब वो विधायक हैं और अब ऐसा नहीं चलेगा। सेतिया ने तहसीलदार को इशारों में कहा कि अगर ऐसे चलेगा तो वह एंटी करप्शन ब्यूरो के साथ रेड करवाएंगे नहीं तो खुद भी आकर चेक करेंगे। इससे पहले गोकुल ने एक नंबर जारी कर पानी की समस्या का हल करवाने की बात कही थी। गोकुल ने दोनों ही वीडियो सोशल मीडिया अपलोड किए हैं। गोकुल सेतिया सिरसा सीट से गोपाल कांडा को हराकर विधायक बने हैं। अब गोकुल की तहसीलदार के साथ पूरी बातचीत पढ़िए…
नमस्कार जी, क्या हाल हैं। मैं गोकुल सेतिया बोल रहा हूं। तहसीलदार साहब, अशोक कुमार के नाम से एक काम है। पटवारी ने 10 हजार रुपए लिए हैं। 4 महीने हो गए। इनको बोल दो बंदे बन जाओ और अब इस तरीके का काम किया तो सरकार बेशक नहीं है। इनको बोल दो बंदे बन जाओ। इनको बोल दो जो पहले कर लिया वो कर लिया और अब ये चीजें ना बर्दाश्त होंगी और जो इस तरीके का काम करेगा मैं विधानसभा में उसका जुलूस निकालूंगा। इसको समझा लेना आपके इस पटवारी को। मैं किसी दिन विजिलेंस में कहकर और भी कहीं कहकर चेकिंग करवाऊंगा और खुद भी चेकिंग करूंगा। उन्होंने कहा कि कौन ये किस प्रकार से काम कर रहा है। इसको मैं भेजूंगा यह मेरा आदमी है। इसका काम करवाओ जल्दी से जल्दी। वीडियो जारी कर कहा- पानी की समस्या हल करवाएंगे
इससे पहले सेतिया ने वीडियो जारी कर कहा कि आज मैं काम की शुरुआत कर रहा हूं। सरकार बेशक कांग्रेस की नहीं बनी मगर मैं अपने बिहाफ पर आपके लिए क्या करवा सकता हूं, उसके लिए मैंने सोचा कि आज शुरुआत करनी चाहिए। क्यों ना एक-एक दिन बचाया जाए और अपने इलाके के विकास के लिए लगाया जाए। मैं आप सभी से यह अनुरोध करता हूं कि जहां पर पानी की सप्लाई नहीं है, जहां शहर में गंदे की सप्लाई हो रही है वो लोग अपना नाम, पता और नंबर के साथ एक नंबर मैं दे रहा हूं उस पर फोन कर समस्या लिखवा सकते हैं। 8295042301 पर पानी की समस्या लिखवा सकते हैं। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं पानी की समस्या हल करवा सकूं। गोपाल कांडा तो 7234 वोटों से हराया
सिरसा सीट पर कांग्रेस के गोकुल सेतिया ने हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा को 7234 वोटों के अंतर से हराया। सेतिया को 79,020 वोट और कांडा को 71,786 वोट मिले। जबकि जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार पवन शेरपुरा को 1762 वोट मिल, जो तीसरे स्थान पर रहे। वहीं 1115 लोगों ने नोटा दबाया।
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हांसी में बाइक मेकैनिक ने की आत्महत्या:2 साल पहले छोड़ कर मायके चली गई थी पत्नी; परिजन बोले- दुखी रहता था हरियाणा के हिसार जिले के हांसी में 32 वर्षीय युवक ने फांसी का फंदा लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त की। युवक काफ़ी समय से मानसिक तौर पर परेशान रह रहा था। देर रात को घर में अकेला पाकर गले में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। परेशानी का नहीं बताया कारण जानकारी के अनुसार 32 वर्षीय प्रदीप हांसी की ढाणी राजू का निवासी था। प्रदीप बाइक मेकैनिक का काम करता था। प्रदीप के परिजनों ने बताया कि प्रदीप काफ़ी समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। प्रदीप से बार-बार पूछने पर भी उसने कभी परेशानी का कारण नहीं बताया। प्रदीप शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी पीछे 2-3 सालों से उसको छोड़ कर अपने मायके में रह रहीं थीं। डॉक्टरों ने मृत किया घोषित प्रदीप के परिजनों ने बताया कि प्रदीप अपने अलग घर ने रहता था, देर शाम उनको पता चला कि प्रदीप ने फांसी लगा ली है। जिसके बाद सभी परिजन उसके घर पर पहुंचे और उसको हांसी के नागरिक अस्पताल लाए जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद उसके शव को हांसी के नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवा गया। जहां पर आज दोपहर में उसके शव का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई। पुलिस ने परिजनों के बयां पर मामला दर्ज़ कर लिया है। आज प्रदीप के शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।।
झज्जर से तीन महिला विधायक बनी, इस बार भी गीता भुक्कल को छोड़ कोई महिला मैदान में नहीं
झज्जर से तीन महिला विधायक बनी, इस बार भी गीता भुक्कल को छोड़ कोई महिला मैदान में नहीं भास्कर न्यूज | झज्जर बीते 52 सालों में झज्जर सीट से यहां की जनता ने तीन महिलाओं को विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजा है। गीता भुक्कल लगातार तीन बार विधायक के रूप में उभर कर आईं हैं। इस बार भी 2024 के चुनाव में 12 प्रत्याशियों में से गीता भुक्कल को छोड़कर किसी भी महिला ने झज्जर सीट से नामांकन नहीं भरा है, जबकि एक महिला विधायक निर्दलीय के तौर पर झज्जर से चुनी गई है। झज्जर की सीट 1982 से आरक्षित घोषित हो गई थी तब से लेकर आज तक दलित समाज के विधायक बनते आए हैं जबकि 1972 और 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां जाट जाति के विधायक चुने गए थे। 1972 में सबसे पहले मांगेराम नेशनल कांग्रेस की टिकट पर झज्जर के पहले विधायक बने थे इसके बाद मांगेराम 1977 में जनता पार्टी के विधायक बने। झज्जर सीट से कांग्रेस की ओर से 2009 से 2019 तक गीता भुक्कल यहां से िवजय रही। अब तक ये बने विधायक 1.2019 गीता भुक्कल कांग्रेस 2. 2014 गीता भुक्कल कांग्रेस 3. 2009 गीता भुक्कल कांग्रेस 4. 2005 हरिराम कांग्रेस 5. 2000 दरियाब सिंह निर्दलीय 6. 1996 रामप्रकाश दहिया हविपा 7.1996 कांता देवी हविपा 8.1991 दरियाव सिंह जनता पार्टी 9.1987 मेधावी कीर्ति निर्दलीय 10.1982 बनारसी दास लोकदल 11.1977 मांगेराम जनता पार्टी 12.1972 मनफूल सिंह नेशनल कांग्रेस पिता के निधन के बाद बेटी बनीं थीं झज्जर की विधायक झज्जर सीट चुने गए विधायक के निधन के बाद परिवार के सदस्य के बाई इलेक्शन में विधायक बनने की भी अपवाद के रूप में झज्जर सीट जानी जाती है। इस सीट से 1996 में हरियाणा विकास पार्टी की ओर से राम प्रकाश दहिया विधायक बने थे उन्हें 22286 वोट मिले। वे चंडीगढ़ में शपथ ग्रहण करने के लिए जा रहे थे कि रास्ते में एक्सीडेंट से उनकी मौत होने पर उनकी बेटी कांता देवी बाय इलेक्शन में झज्जर की विधायक बनी और हविपा की सरकार बनने पर पार्टी ने उनके पिता की मौत को शोक में मंत्री का पद भी दिया। झज्जर सीट से बीते 52 सालों में एकमात्र निर्दलीय विधायक 1987 में मेधावी कीर्ति निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी गई। उन्हें 26518 वोट मिले थे। तब उस समय यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री देवीलाल के प्रभाव वाली हुआ करती थी। एक नेता के द्वारा देवीलाल से बगावत करने से देवीलाल इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने बाबू जगजीवन राम की पोती को दिल्ली से रातों-रात बुलाकर टिकट दिया और चुनाव प्रचार किए बिना ही उन्हें जीत मिल गई उसके बाद से कोई भी महिला यहां निर्दलीय नहीं चुनी गई।