कर्ज की जिंदगी जी रही हिमाचल सरकार आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। एक तरफ केंद्र ने हिमाचल की कर्ज सीमा 5500 करोड़ रुपये घटा दी है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे 5 मामले सरकार के गले की फांस बन गए हैं। ये मामले नए वेतन आयोग के एरियर, दैनिक वेतन भोगियों के भुगतान, अनुबंध अवधि की पेंशन और अनुबंध के बाद मिलने वाली वरिष्ठता से जुड़े हैं। कोर्ट ने इन पांचों मामलों में कर्मचारियों और पेंशनरों को करोड़ों रुपये का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा है। कई मामलों में कोर्ट ने सरकार को सख्त टिप्पणियां और चेतावनी भी दी है। इससे सरकार और खासकर वित्त प्रबंधन देख रहे अधिकारी दबाव में हैं। कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकार की रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी भी आय के संसाधन बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने के लिए सक्रिय हो गई है। 80 हजार करोड़ सत्ता संभालने पर मिला: धर्माणी टीसीसी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। सरकार पर कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। इसलिए सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। साफ है कि आने वाले समय में सरकार पेट्रोल-डीजल पर राज्य कर बढ़ाने के साथ ही मुफ्त सेवाओं में कटौती करने के फैसले ले सकती है। राज्य में अमीर लोगों के लिए मुफ्त बिजली पहले ही बंद की जा चुकी है। आमदनी 50 पैसे और खर्च एक रुपये होने के चलते सरकार अब मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी में भी कटौती करने पर विचार कर रही है। हिमाचल पर 94 हजार करोड़ का कर्ज हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इससे प्रति व्यक्ति 1.17 लाख रुपए कर्ज चढ़ चुका है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। प्रदेश की पूर्व BJP सरकार ने सभी कर्मचारियों-पेंशनर को जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए। मगर इसका एरियर अभी भी बकाया पड़ा है। दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 30 से 40 हजार रुपए की एरियर की एक किश्त जरूर दी गई है। मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। कई कर्मचारियों व पेंशनर का तीन-चार लाख रुपए से भी ज्यादा का एरियर बकाया है। जिसका कर्मचारी-पेंशनर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इसी तरह GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। NPA के बदले हिमाचल को हर साल मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी केंद्र सरकार ने बंद कर दी है। राज्य सरकार हर साल मार्च में 1780 करोड़ रुपए NPA के तौर पर PFRDA के पास जमा कराता था, लेकिन बीते साल अप्रैल से हिमाचल में OPS बहाल कर दी गई है। इसलिए अप्रैल 2023 से NPA में स्टेट और कर्मचारियों का शेयर PFRDA के पास जमा नहीं होगा। इसे देखते हुए केंद्र ने इसकी मैचिंग ग्रांट भी रोक दी है। इन सब वजह से हिमाचल की अर्थव्यवस्था डगमगा लगी है। लोन लेने की सीमा 5% से 3.5% की पूर्व BJP सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को जीडीपी का 5% तक लोन लेने की छूट थी, जो अब घटाकर 3.5% कर दी गई है। यानी 2022 तक हिमाचल को 14,500 करोड़ रुपए सालाना का लोन लेने की छूट थी। मगर अब 9000 करोड़ रुपए सालाना लोन लेने की छूट है। इससे ज्यादा पैसा हर साल पुराना कर्ज लौटाने और ब्याज देने में खर्च हो रहा है। इससे कर्मचारियों-पेंशनर की सैलरी-पेंशन और विकासात्मक गतिविधियों के बजट जुटा पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। 4000 करोड़ की इनकम को कोर्ट का झटका हिमाचल सरकार ने आय के संसाधन बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाया था। इससे सरकार को लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना आय की उम्मीद थी। मगर इसे कोर्ट असंवैधानिक करार चुका है। ऐसे में हिमाचल सरकार अब केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गई है। केंद्र से मदद नहीं मिली तो आने वाले समय में सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों को पेंशन देना भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। कर्ज की जिंदगी जी रही हिमाचल सरकार आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। एक तरफ केंद्र ने हिमाचल की कर्ज सीमा 5500 करोड़ रुपये घटा दी है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे 5 मामले सरकार के गले की फांस बन गए हैं। ये मामले नए वेतन आयोग के एरियर, दैनिक वेतन भोगियों के भुगतान, अनुबंध अवधि की पेंशन और अनुबंध के बाद मिलने वाली वरिष्ठता से जुड़े हैं। कोर्ट ने इन पांचों मामलों में कर्मचारियों और पेंशनरों को करोड़ों रुपये का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा है। कई मामलों में कोर्ट ने सरकार को सख्त टिप्पणियां और चेतावनी भी दी है। इससे सरकार और खासकर वित्त प्रबंधन देख रहे अधिकारी दबाव में हैं। कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकार की रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी भी आय के संसाधन बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने के लिए सक्रिय हो गई है। 80 हजार करोड़ सत्ता संभालने पर मिला: धर्माणी टीसीसी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। सरकार पर कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। इसलिए सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। साफ है कि आने वाले समय में सरकार पेट्रोल-डीजल पर राज्य कर बढ़ाने के साथ ही मुफ्त सेवाओं में कटौती करने के फैसले ले सकती है। राज्य में अमीर लोगों के लिए मुफ्त बिजली पहले ही बंद की जा चुकी है। आमदनी 50 पैसे और खर्च एक रुपये होने के चलते सरकार अब मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी में भी कटौती करने पर विचार कर रही है। हिमाचल पर 94 हजार करोड़ का कर्ज हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इससे प्रति व्यक्ति 1.17 लाख रुपए कर्ज चढ़ चुका है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। प्रदेश की पूर्व BJP सरकार ने सभी कर्मचारियों-पेंशनर को जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए। मगर इसका एरियर अभी भी बकाया पड़ा है। दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 30 से 40 हजार रुपए की एरियर की एक किश्त जरूर दी गई है। मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। कई कर्मचारियों व पेंशनर का तीन-चार लाख रुपए से भी ज्यादा का एरियर बकाया है। जिसका कर्मचारी-पेंशनर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इसी तरह GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। NPA के बदले हिमाचल को हर साल मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी केंद्र सरकार ने बंद कर दी है। राज्य सरकार हर साल मार्च में 1780 करोड़ रुपए NPA के तौर पर PFRDA के पास जमा कराता था, लेकिन बीते साल अप्रैल से हिमाचल में OPS बहाल कर दी गई है। इसलिए अप्रैल 2023 से NPA में स्टेट और कर्मचारियों का शेयर PFRDA के पास जमा नहीं होगा। इसे देखते हुए केंद्र ने इसकी मैचिंग ग्रांट भी रोक दी है। इन सब वजह से हिमाचल की अर्थव्यवस्था डगमगा लगी है। लोन लेने की सीमा 5% से 3.5% की पूर्व BJP सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को जीडीपी का 5% तक लोन लेने की छूट थी, जो अब घटाकर 3.5% कर दी गई है। यानी 2022 तक हिमाचल को 14,500 करोड़ रुपए सालाना का लोन लेने की छूट थी। मगर अब 9000 करोड़ रुपए सालाना लोन लेने की छूट है। इससे ज्यादा पैसा हर साल पुराना कर्ज लौटाने और ब्याज देने में खर्च हो रहा है। इससे कर्मचारियों-पेंशनर की सैलरी-पेंशन और विकासात्मक गतिविधियों के बजट जुटा पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। 4000 करोड़ की इनकम को कोर्ट का झटका हिमाचल सरकार ने आय के संसाधन बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाया था। इससे सरकार को लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना आय की उम्मीद थी। मगर इसे कोर्ट असंवैधानिक करार चुका है। ऐसे में हिमाचल सरकार अब केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गई है। केंद्र से मदद नहीं मिली तो आने वाले समय में सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों को पेंशन देना भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल परिवहन निगम के ड्राइवरों के लिए रेस्ट रूम तैयार:निगम प्रबंध निदेशक ने किया निरीक्षण, दिल्ली में नहीं भटकना पड़ेगा ठहरने के लिए
हिमाचल परिवहन निगम के ड्राइवरों के लिए रेस्ट रूम तैयार:निगम प्रबंध निदेशक ने किया निरीक्षण, दिल्ली में नहीं भटकना पड़ेगा ठहरने के लिए हिमाचल प्रदेश के पथ परिवहन निगम (HRTC) के ड्राइवरों को देश की राजधानी दिल्ली में ठहरने व आराम करने के लिए अब इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा। दिल्ली रूट पर जाने वाले HRTC ड्राइवरों कंडक्टरों को अब गर्मी, सर्दी व बरसात में रात्रि ठहराव व रेस्ट करने के लिए दिल्ली में कोई परेशानी नही होगी। राजघाट में बनाया आलीशान रेस्ट रूम
HRTC ने चालक-परिचालकों की सुविधा के लिए दिल्ली के राजघाट में 128 एचआरटीसी रेस्ट रूम बनाकर तैयार कर दिए गए हैं। राजघाट में बने रेस्ट रूम का निगम प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर व प्रबंधन की टीम ने निरीक्षण किया और चालक-परिचालकों को मिलने वाली सुविधाओं की जांच की। वहीं यह भी जांच की कि चालक-परिचालकों को रेस्ट रूम में किसी तरह की परेशानी तो नहीं होगी। रिकॉर्ड चार में तैयार करवाए रूम
निगम प्रबंधन ने डी.टी.सी. (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) ने रेस्ट रूम बनाए जाने के लिए करार किया। वहीं इसी करार के चलते निगम प्रबंधन ने मात्र 4 माह में यह रेस्ट रूम तैयार करवाया है। खुद दिल्ली गए है MD HRTC
निगम प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर मंगलवार को खुद दिल्ली दौरे पर गए।उन्होंने बताया कि दिल्ली के राजघाट में 128 चालक-परिचालकों के लिए रेस्ट रूम बनकर तैयार हो गया है। वहीं इस रेस्ट रूम में 7 स्नानघर और 7 शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल से दिल्ली रूट पर आने वाले चालक-परिचालकों रूट के दौरान रात को ठहरने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन ने मात्र 4 माह में यह रेस्ट रूम बनाकर तैयार किया है। इस निरीक्षण में डी.एम. ट्रैफिक देवासेन नेगी सहित निगम के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हिमाचल में कल होगी मतगणना, तैयारियां पूरी:30 लोकेशन पर बनाए गए 72 काउंटिंग सेंटर, 4000 कर्मचारी रहेंगे तैनात
हिमाचल में कल होगी मतगणना, तैयारियां पूरी:30 लोकेशन पर बनाए गए 72 काउंटिंग सेंटर, 4000 कर्मचारी रहेंगे तैनात हिमाचल प्रदेश में कल (4 जून) को 30 लोकेशन पर बनाए गए 72 काउंटिंग सेंटर में एक साथ मतगणना शुरू होगी। चार लोकसभा और छह विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। दोपहर 2 बजे तक चारों सीटों पर रिजल्ट को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। विधानसभा उप चुनाव में लाहौल-स्पीति सीट का रिजल्ट सुबह 10 बजे तक डिक्लियर हो जाएगा। पांच अन्य विधानसभा के नतीजे 11.30 बजे तक और चारों लोकसभा के परिणाम एक से तीन बजे तक आ जाएंगे। किसी सीट पर क्लॉज-कॉटेस्ट की सूरत में रिकाउंटिंग हुई तो रिजल्ट आने में थोड़ी देरी हो सकती है। शिमला का रिजल्ट 12.30 तक हो सकता है घोषित वहीं चार संसदीय क्षेत्रों में शिमला लोकसभा सीट का रिजल्ट दोपहर 12.30 बजे तक आ सकता हैं। शिमला के बाद मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा का रिजल्ट भी दोपहर एक बजे तक संभावित है। ROने कहा-8 से 14 राउंड टेबल लगाए डीसी शिमला एवं आरओ अनुपम कश्यप और डीसी कांगड़ा एवं आरओ हेमराज बैरवा ने बताया कि वोटों की गिनती के लिए प्रत्येक विधानसभा के काउंटिंग सेंटर में कम से कम 8 राउंड टेबल और अधिकतम 14 टेबल लगाए गए हैं। ऐसे में जहां ज्यादा राउंड टेबल लगे है, वहां पर जल्दी रिजल्ट आ जाएगा। सभी 68 विधानसभा में पड़े मतों की गिनती अलग-अलग लोकेशन पर की जाएगी। ऐसे तय होते राउंड लोकसभा चुनाव में मतगणना राउंड में होती है। मानो किसी विधानसभा में 200 पोलिंग बूथ में चुनाव करवाए गए है और उस विधानसभा में 10 राउंड टेबल लगाए गए है तो प्रत्येक राउंड में उस विधानसभा में 20 ईवीएम की एक साथ गणना होगी। उस लिहाज से काउंटिंग के लिए स्टाफ तैनात किया जाता है। किसी भी काउंटिंग सेंटर पर राउंड टेबल वहां पर उपलब्ध जगह के हिसाब से होते है। जगह ज्यादा हो तो 13 से 14 राउंड टेबल लगाए जा सकते है। 9 बजे से रुझान आने शुरू होंगे सर्विस और पोस्टल बैलेट की गणना सबसे पहले की जाएगी। इसकी काउंटिंग पूरी होते ही सुबह 9 बजे से रुझान आने शुरू होंगे। इसके बाद EVM में पड़े मतों की काउंटिंग शुरू होगी। पोस्टल बैलेट की गणना का काम चारों संसदीय क्षेत्रों में रिटर्निंग ऑफिसर (RO) के टेबल पर होगा। इन 4 चार जगह पोस्टल व सर्विस वोट की गिनती कांगड़ा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले सभी 17 विधानसभा के पोस्टल व सर्विस वोटर की गिनती पीजी कालेज धर्मशाला की लाइब्रेरी बिल्डिंग में होगी। मंडी सीट की सभी 17 विधानसभा के पोस्टल व सर्विस वोट की गणना इंडोर ऑडिटोरियम हाल संस्कृत सदन मंडी, हमीरपुर के पोस्टल व सर्विस वोट गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल (छात्र) हमीरपुर और शिमला लोकसभा सीट पर सभी 17 विधानसभा हलकों के पोस्टल व सर्विस वोट गवर्नमेंट गर्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर के ऑडिटोरियम हॉल में की जाएगी। हिमाचल में कल ड्राइ-डे रहेगा। दिनभर शराब के ठेके, शराब परोसने वाले बीयर बार व होटल बंद रखने होंगे। निर्वाचन विभाग ने इसे लेकर एक्साइज डिपार्टमेंट को सख्त एडवाइजरी जारी की है। इन आदेशों का उलंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। ॉ 4000 कर्मचारी करेंगे मतगणना निर्वाचन विभाग ने मतों की गिनती के लिए लगभग 4000 कर्मचारी तैनात किए है। इन्हें कल की मतगणना से पहले आज पूर्वाभ्यास कराया जाएगा। स्ट्रांग रूम के बाहर थ्री लेयर सुरक्षा प्रदेश में मतदान के बाद मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। स्ट्रांग रूम के बाहर थ्री-लेयर सुरक्षा तैनात की गई है।स्ट्रांग रूम के ठीक बाहर पहली लेयर में सेंटर ऑर्म पुलिस फोर्स (CAPF), दूसरी लेयर में भी हथियार बंद हिमाचल की बटालियन और तीसरी लेयर में जिला का सुरक्षा पहरा है। प्रत्येक स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। मतगणना के दौरान ड्रोन से भी असामाजिक तत्व पर नजर रखी जाएगी। काउंटिंग के बाद वेयर हाऊस में रखी जाएगी EVM मतगणना पूरी होने के बाद EVM मशीनों को स्ट्रांग रूम से वेयर हाऊस के लिए शिफ्ट किया जाएगा। चुनाव आयोग ने EVM मशीनों के रखरखाव के लिए वेयर हाऊस भी बना रखे है। इन वेयर हाऊस में करीब 3 महीनों तक EVM को रखा जाएगा, ताकि चुनाव को चुनौती की सूरत में EVM को रिकॉर्ड के तौर पर पेश किया जा सके। काउंटिंग सेंटर वाले स्कूल-कालेज रहेंगे बंद प्रदेश में ज्यादातर लोकेशन पर काउंटिंग सेंटर स्कूल व कालेज के भवन में बनाए गए है। ऐसे सभी संस्थानों में मतगणना की वजह से आज व कल छुट्टी रहेगी। हिमाचल में इस बार 71 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। मंडी में मत प्रतिशत लगभग 73, हमीरपुर में 72, शिमला में 71 और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में 68 प्रतिशत रही। वहीं छह विधानसभा सीटों में कुटलैहड़ में लगभग 76 प्रतिशत, लाहौल-स्पीति में 75, गगरेट में 73 प्रतिशत, सुजानपुर में 74 प्रतिशत, धर्मशाला में 70 और बड़सर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 69 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। 41924 ने पोस्टल बैलेट से दिया वोट प्रदेश में 41924 मतदाताओं ने प्रपत्र 12डी के माध्यम से वोट दिया है। इनमें 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 29879, दिव्यांग मतदाता 10634 शामिल है। इन्होंने अपने घर से ही मतदान किया है। इसी तरह वोटिंग वाले दिन आवश्यक सेवाओं पर तैनात 1411 मतदाताओं ने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में स्थापित पोस्टल वोटिंग सेंटर (पीवीसी) पर मतदान किया।
PM मोदी की प्रतिक्रिया पर हिमाचल में चढ़ा सियासी पारा:कांग्रेस भाजपा आमने-सामने, हिमाचल को देश में बदनाम करने का आरोप
PM मोदी की प्रतिक्रिया पर हिमाचल में चढ़ा सियासी पारा:कांग्रेस भाजपा आमने-सामने, हिमाचल को देश में बदनाम करने का आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस शासित राज्य सरकारों पर टिपण्णी के बाद हिमाचल में सियासत गरमा गई है। प्रदेश में भाजपा कांग्रेस आमने- सामने हो गयी है। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पीएम मोदी की प्रतिक्रिया को कांग्रेस शासित राज्यों की जमीनी हकीकत करार दी है, वहीं सीएम सुक्खू के प्रधान सलाहकार नरेश चौहान ने भाजपा नेताओं पर हिमाचल प्रदेश को देश भर में बदनाम करने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता प्रधानमंत्री को सही जानकारी नही दे रहे हैं। चौहान ने पीएम मोदी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। क्या बोले नरेश चौहान?
नरेश चौहान ने शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के नेता हिमाचल को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं और देशभर में हिमाचल को बदनाम किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल को लेकर दिए गये बयान को भी उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं तो उन्हें इस तरह से किसी भी राज्य को लेकर बयान बाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार जब सत्ता में आई तो प्रदेश पर कर्ज के बोझ के साथ कर्मचारियों की काफी ज्यादा देनदारियां थी। साथ ही बीते वर्ष प्रदेश में भारी आपदा आई थी लेकिन उस समय देश के प्रधानमंत्री ने हिमाचल के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला और ना ही कोई राहत का पैकेज दिया था। देश के प्रधानमंत्री को यदि हिमाचल की चिंता होती, तो कुछ समय हिमाचल की मदद कर देते। हिमाचल की सरकार जनहित में काम कर रही है और जो वादे जनता से किए हैं उनमें से पांच वादों को पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल को कोई खास मदद नहीं कर रही है। EX सीएम जयराम ठाकुर ने दी CM सुक्खू को सलाह
वहीं हिमाचल प्रदेश के भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की गारंटियां आज झूठी साबित हुई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सच बोलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की हालत को बच्चा-बच्चा जानता है। ऐसे में अब तो मुख्यमंत्री को सच बोलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जनता को बड़ी-बड़ी गारंटियां दी थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन गारंटियों को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन अब इसमें शर्त लगा दी गई है। राज्य की 25 हजार महिलाओं को भी 1500 की सम्मान राशि नहीं दी जा रही है, जबकि सत्ता में आने से पहले हर महिला को बिना शर्त 1500 रुपए देने का वादा किया गया था। “कांग्रेस की सरकार से आम जनता परेशान”- पूर्व सीएम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस 680 करोड़ रुपए के स्टार्ट अप फंड की बात कही जा रही है, उससे भी अब तक किसी युवा को फायदा नहीं मिला है। इसी तरह गाय और भैंस के दूध पर एमएसपी को लेकर भी बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन चंद रुपए बढ़ाकर अब झूठ बोलने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी गारंटियों को लेकर झूठ बोल रही है और इसी वजह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस की झूठी गारंटियों का जिक्र किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज राज्य में ऐसे हालात पैदा हो चुके हैं कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को जब वक्त पर वेतन और पेंशन दी जाती है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां जनता परेशान हो रही है। पीएम मोदी ने क्या कहा था ?
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने अकाउंट पर कांग्रेस शासित राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि ”कांग्रेस पार्टी को यह बात अब समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल और नामुमकिन है। वे लगातार प्रचार अभियान के दौरान लोगों से ऐसे वादे करते रहते हैं, जिन्हें वे कभी पूरा नहीं कर पाते। अब वे लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आज कांग्रेस की सरकार वाले किसी भी राज्य को देख लीजिए- हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना। विकास की गति और वित्तीय स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उनकी तथाकथित गारंटियां अधूरी हैं, जो इन राज्यों के लोगों के साथ एक भयानक धोखा है। ऐसी राजनीति का शिकार गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें न केवल इन वादों के लाभों से वंचित किया जाता है, बल्कि उनकी मौजूदा योजनाओं को भी कमजोर किया जाता है।”