लखनऊ में अलीगंज क्षेत्र में शनिवार रात बीमारी से परेशान सेवानिवृत्त एफसीआई कर्मी ने खुद को गोली से उड़ा लिया। कमरे में कुर्सी पर वह मृत मिले। गोली गर्दन से आरपार निकल गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक, त्रिवेणीनगर के शंकर जी पुरम निवासी लक्ष्मी शंकर मिश्र (76) एफसीआई से सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। बेटे हरीश ने पुलिस को बताया, शनिवार खाना खाकर पिता अपने कमरे में चले गये थे। रात करीब 11 बजे कमरे से गोली चलने की आवाज आई। भागकर पहुंचे तो पिता कुर्सी पर खून से लथपथ पड़े थे। गोली गले के आरपार होने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पास में ही उनकी लाइसेंसी बंदूक पड़ी थी। परिवार में पत्नी व दो बेटे हैं। एसीपी अलीगंज के मुताबिक लक्ष्मी शंकर के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बीमारी के चलते आत्महत्या की बात सामने आ रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि लक्ष्मी शंकर ने अपनी ही बंदूक से खुद को गोली मारी है। बंदूक को कब्जे में लेकर लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ में अलीगंज क्षेत्र में शनिवार रात बीमारी से परेशान सेवानिवृत्त एफसीआई कर्मी ने खुद को गोली से उड़ा लिया। कमरे में कुर्सी पर वह मृत मिले। गोली गर्दन से आरपार निकल गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक, त्रिवेणीनगर के शंकर जी पुरम निवासी लक्ष्मी शंकर मिश्र (76) एफसीआई से सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। बेटे हरीश ने पुलिस को बताया, शनिवार खाना खाकर पिता अपने कमरे में चले गये थे। रात करीब 11 बजे कमरे से गोली चलने की आवाज आई। भागकर पहुंचे तो पिता कुर्सी पर खून से लथपथ पड़े थे। गोली गले के आरपार होने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पास में ही उनकी लाइसेंसी बंदूक पड़ी थी। परिवार में पत्नी व दो बेटे हैं। एसीपी अलीगंज के मुताबिक लक्ष्मी शंकर के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बीमारी के चलते आत्महत्या की बात सामने आ रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि लक्ष्मी शंकर ने अपनी ही बंदूक से खुद को गोली मारी है। बंदूक को कब्जे में लेकर लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
UP Police Exam के लिए गोरखपुर से गाजियाबाद तक छात्रों की भीड़, बसों के लिए मारामारी,सेंटर्स पर सख्ती
UP Police Exam के लिए गोरखपुर से गाजियाबाद तक छात्रों की भीड़, बसों के लिए मारामारी,सेंटर्स पर सख्ती <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Police Bharti Exam 2024:</strong> यूपी पुलिस कांस्टेबल पुनर्परीक्षा आज से शुरू हो रही है. इससे पहले प्रयागराज के सिविल लाइन रोडवेज बस स्टेशन पर अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी. वहीं गोरखपुर, लखनऊ, गाजियाबाद समेत कई जिलों में भी बस अड्डों पर भारी भीड़ देखने को मिली. न सिर्फ यहां से जाने वाले अभ्यर्थी बल्कि जिनके सेंटर्स पड़े हैं, वह छात्र भी इन जिलों में पहुंच रहे हैं. अभ्यर्थियों की भीड़ बढ़ने से बसों के लिए मारामारी हो रही है. यूपी सरकार ने अभ्यर्थियों के लिए नि:शुल्क रोडवेज की बसों का इंतजाम किया है ताकि अभ्यर्थी अपने सेंटर पर आसानी से पहुंच सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परीक्षा23 अगस्त से 31 अगस्त तक आयोजित होगी 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को भर्ती परीक्षा आयोजित होगी. प्रयागराज जिले में परीक्षा के लिए कुल 63 केंद्र बनाए गए हैं. 5 दिनों में कुल 10 पालियों में आयोजित होने वाली परीक्षा में 2 लाख 28 हजार 720 परीक्षार्थी शामिल होंगे. एक पाली में कुल 22 हजार 820 परीक्षार्थी शामिल होंगे. परीक्षा के लिए हर परीक्षा केंद्र पर एक सेक्टर और एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-police-constable-bharti-2024-candidates-got-emotional-before-exam-said-get-khaki-uniform-ann-2766927″><strong>’हर चुनौती स्वीकार बस खाकी वर्दी मिल जाए’, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले भावुक हुए अभ्यर्थी</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्चा लीक और नकल को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. नकल रोकने के लिए एसटीएफ यूपी एटीएस और एलआईयू अलर्ट मोड पर हैं. नकल माफियाओं पर भी नजर रखी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लखनऊ में बदली ट्रैफिक की व्यवस्था, एडवाइजरी जारी<br /></strong>राजधानी लखनऊ में परीक्षा के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया है. ट्रैफिक पुलिस की ओर से कहा गया है कि परीक्षा सामाग्री ले जाने वाले वाहन को छोड़कर समस्त प्रकार के वाहन नीलगिरी तिराहा से नारी निकेतन तिराहा के मध्य प्रतिबन्धित रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा परिवर्तन चौराहे से स्वास्थ्य भवन चौराहा तक वन-वे रहेगा. केवल स्वास्थ्य भवन चौराहा से परिवर्तन चौराहा की तरफ वाहन जा सकेंगे. वहीं कैसरबाग बस अड्डे से सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बरेली की तरफ जाने वाली बसे कैसरबाग बस अड्डा से चकबस्त की तरफ नही जा सकेंगी बल्कि यह बसे कैसरबाग बस अड्डे से बलरामपुर हास्पिटल, सिटी रेलवे स्टेशन, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था कार्यालय के सामने से डालीगंज पुल चौराहा होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर, कैसरबाग बस अड्डे से बाराबंकी, फैजाबाद, गोरखपुर की तरफ जाने वाली बसे चकबस्त की तरफ नही जा सकेंगे बल्कि यह वाहन कैसरबाग बस अड्डे से बलरामपुर हास्पिटल, सिटी रेलवे स्टेशन, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था कार्यालय के सामने से डालीगंज पुल चौराहा, सीडीआरआई तिराहा, क्लार्क अवध तिराहा, चिरैयाझील तिराहा होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेंगे.</p>
मुंबई के सट्टा किंग की यूपी में तीन हजार बीघा जमीन सीज, आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई
मुंबई के सट्टा किंग की यूपी में तीन हजार बीघा जमीन सीज, आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई <p style=”text-align: justify;”><strong>Amroha News:</strong> उत्तर प्रदेश के अमरोहा के गजरौला में मुंबई आयकर विभाग की टीम ने सट्टा किंग की संपत्ति को सील कर खरीद-बेच पर पाबंदी का बोर्ड लगा दिया. देश के चर्चित ऑनलाइन सट्टा किंग रमेश चौरसिया द्वारा अवैध रूप से एकत्र की लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को मुंबई आयकर विभाग की टीम ने अपने कब्जे में लेकर बोर्ड लगाए हैं. इसके साथ ही संबंधित जमीन को खरीदने-बेचने पर भी पाबंदी लगा दी है. कब्जे में ली गई जमीन तीन हजार बीघा से अधिक बताई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुंबई आयकर विभाग की महिला डिप्टी कमिश्नर कनिका नरूला के नेतृत्व कई सदस्य टीम गजरौला में पहुंची. यहां से पुलिस एवं राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ गंगा किनारे पर बसे गांव सिकरी खादर, हाशमपुर खादर, सिहाली मेव मुस्तकम, सिहली मेव ऐतमाली, तिगरी, रायअंदाजपुर उर्फ जलालनगर, हाशमपुर खादर में पहुंची. यहां पर सट्टा किंग रमेश चौरसिया की लगभग तीन हजार बीघा भूमि पर अलग-अलग स्थानों पर बोर्ड लगाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमीन की कीमत लगभग 50 करोड़</strong><br />कमिश्नर के माध्यम से ये सूचित किया गया कि ये जमीन पूरी तरह से अवैध है. इसलिए अब इस जमीन को मुंबई आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है. अब संबंधित जमीन पर न तो कोई ऋण मिलेगा और न ही इस जमीन को बेचा व खरीदा जा सकेगा, इस जमीन की कीमत लगभग 50 करोड़ से अधिक है. टीम ने तिगरी गांव के बाजार, मंडी धनौरा तहसील परिसर में भी बोर्ड लगाए हैं. टीम ने गांव के लोगों को इस संबंधित में जागरूक किया कि वे इस जमीन पर नजर रखेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 18 मई को भी इसी टीम ने संबंधित जमीनों पर पहुंचकर वीडियोग्राफी के बीच में बोर्ड लगाकर चिह्नित किया था. इसके बाद तहसील में पहुंचकर अभिलेख भी जुटाए थे. बता दें कि वर्ष 2017 में सट्टे के इस माफिया को इंदौर की क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. उस समय वह बीस हजार रुपये का इनामी भी थारमेश चौरसिया के खिलाफ देश के अलग-अलग 15 राज्यों में केस दर्ज हैं. जब इसके इस खेल का राजफाश हुआ तो आयकर विभाग इसकी कुंडली खंगालने में जुट गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोली डीएम निधि गुप्ता</strong><br />अमरोहा की जिला अधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि मुम्बई आयकर विभाग की टीम ने रमेश चौरसिया और अजय चौरसिया जो मुम्बई के निवासी हैं. उनकी अमरोहा जनपद में स्थित अवैध बेनामी संपत्तियों पर आयकर विभाग ने सीज कर बोर्ड लगाये हैं. ताकि इन ज़मीनों को कोई बेच या खरीद न सके आम लोगो को इसके प्रति जागरूक करने के लिए बोर्ड लगाए गये हैं. अभी हमारे द्वारा इसका आंकलन नहीं किया गया है और न कोई माप दंड किया गया है. ये इनकम टैक्स की रेड में कार्यवाही हुई हैइस संपत्तियां धनौरा तहसील इलाके के गांवों में स्थित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें:<strong><a href=”https://abplive.com/states/up-uk/tirupati-laddu-controversy-former-president-ramnath-kovind-statement-this-story-every-temple-2788671″> तिरुपति लड्डू विवाद: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले- ‘हर मंदिर की कहानी हो सकती है'</a></strong></p>
पंजाब में जूनियर खिलाड़ी भी नौकरी के हकदार:नौकरियों में कटौती का संशोधन खारिज, कहा- ऐसे नियमों को लागू नहीं किया जा सकता
पंजाब में जूनियर खिलाड़ी भी नौकरी के हकदार:नौकरियों में कटौती का संशोधन खारिज, कहा- ऐसे नियमों को लागू नहीं किया जा सकता पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब खिलाड़ी भर्ती (प्रथम संशोधन) नियम, 2020 के उस विवादास्पद प्रावधान को खारिज कर दिया है, जिसमें खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरियों के लिए पात्रता को केवल सीनियर स्तर के खिलाड़ियों तक सीमित करने की कोशिश की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि जूनियर स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी पाने का पूरा अधिकार है, जिसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2020 के संशोधन को दी थी चुनौती जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की बैंच ने अपने आदेश में कहा कि 2020 में किए गए संशोधित नियमों को उन एथलीटों पर लागू नहीं किया जा सकता जो मूल भर्ती नियम, 1988 के तहत पात्र हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे नियम खिलाड़ियों के करियर को प्रभावित कर सकते हैं, जो राज्य के लिए सम्मान अर्जित करते हैं। कोर्ट ने यह फैसला दिवराज सिंह, मनवीर सिंह और करणदीप सिंह ढींडसा द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुनाया, जिन्होंने नियम 2020 के संशोधन को चुनौती दी थी। इस महत्वपूर्ण फैसले से यह सुनिश्चित हुआ है कि जूनियर स्तर के खिलाड़ियों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और वे भी अपनी मेहनत और प्रतिभा के आधार पर सरकारी नौकरी के हकदार रहेंगे। कोर्ट का यह फैसला उन हजारों युवा खिलाड़ियों के लिए राहत की खबर है, जो भविष्य में सरकारी नौकरियों की आशा रखते हैं।