यूपी में चल रही खींचतान के बीच पूरी सरकार दिल्ली में है। यहां भाजपा मुख्यालय पर सीएम कॉनक्लेव हुई। इसमें भाजपा शासित सभी राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम ने हिस्सा लिया। सीएम योगी के पीछे वाली पंक्ति में डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक बैठे। इससे पहले पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक कॉनक्लेव में हिस्सा लेने भाजपा मुख्यालय पहुंचे। आपसी खींचतान के बीच इस कॉनक्लेव में योगी और केशव मौर्य का आमना-सामना हुआ। सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक यूपी भवन ‘त्रिवेणी’ में ठहरे हैं। लेकिन, दोनों डिप्टी सीएम वहां भी योगी से नहीं मिले। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी आज सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम के साथ मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात एक साथ होगी या अलग-अलग यह स्पष्ट नहीं है। सीएम योगी लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन की रिपोर्ट भी पीएम को सौंपेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत भी दिल्ली में हैं। चर्चा है, योगी उनसे भी मिल सकते हैं। यूपी में चल रही खींचतान के बीच पूरी सरकार दिल्ली में है। यहां भाजपा मुख्यालय पर सीएम कॉनक्लेव हुई। इसमें भाजपा शासित सभी राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम ने हिस्सा लिया। सीएम योगी के पीछे वाली पंक्ति में डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक बैठे। इससे पहले पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक कॉनक्लेव में हिस्सा लेने भाजपा मुख्यालय पहुंचे। आपसी खींचतान के बीच इस कॉनक्लेव में योगी और केशव मौर्य का आमना-सामना हुआ। सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक यूपी भवन ‘त्रिवेणी’ में ठहरे हैं। लेकिन, दोनों डिप्टी सीएम वहां भी योगी से नहीं मिले। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी आज सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम के साथ मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात एक साथ होगी या अलग-अलग यह स्पष्ट नहीं है। सीएम योगी लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन की रिपोर्ट भी पीएम को सौंपेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत भी दिल्ली में हैं। चर्चा है, योगी उनसे भी मिल सकते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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स्टैनफोर्ड की ग्लोबल लिस्ट में लखनऊ के दिग्गजों का जलवा:KGMU के 11,IIM के 3 प्रोफेसर ने बनाई जगह; दुनिया में 33वें नंबर पर डॉ.एसजेएस फ्लोरा
स्टैनफोर्ड की ग्लोबल लिस्ट में लखनऊ के दिग्गजों का जलवा:KGMU के 11,IIM के 3 प्रोफेसर ने बनाई जगह; दुनिया में 33वें नंबर पर डॉ.एसजेएस फ्लोरा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की दुनिया के टॉप-2% साइंटिस्ट की लिस्ट में लखनऊ के कई नामी साइंटिस्ट, प्रोफेसर और डॉक्टरों के नाम हैं। राजधानी के बड़े वैज्ञानिक और नाइपर के पूर्व निदेशक डॉ.स्वर्णजीत सिंह फ्लोरा का भी नाम है। खास बात ये है कि टॉक्सिकोलॉजी के क्षेत्र में उन्हें देशभर में पहली रैंक हासिल हुई हैं। वहीं, दुनिया भर में वे 33वें स्थान पर हैं। KGMU से जुड़े 11 फैकल्टी मेंबर्स का लिस्ट में नाम है। इनमें न्यूरोलॉजी के डॉ. आरके गर्ग, डॉ. राजेश वर्मा, माइक्रोबायोलॉजी की डॉ.अमिता जैन, साइकोलॉजी के डॉ.सुजीत कर, डॉ.सूर्यकांत का नाम भी शामिल है। इसके अलावा IIM लखनऊ के प्रो.सुरेश जाखड़ समेत कुल 3 प्रोफेसर का नाम भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस लिस्ट में शामिल है। लगातार 4 साल से नाम, टॉक्सिकोलॉजी की दुनिया में दबदबा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाइपर) के पूर्व डायरेक्टर प्रो. स्वर्णजीत सिंह फ्लोरा ने टॉक्सिकोलॉजी के क्षेत्र में दुनियाभर में डंका बजाया है। लगातार 4 साल से उनका नाम दुनिया के टॉप 2% साइंटिस्ट की लिस्ट में है। इस बार भी उन्हें भारत में पहली रैंक मिली हैं। दुनिया भर में वे 33वें स्थान पर हैं। उन्होंने हेवी मेटल इंड्यूस्ड ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पर काम किया है। पिछले साल उन्हें दुनिया में 44वीं रैंक मिली थी। एक साल में 9 रैंक ऊपर पहुंच गए हैं। प्रो.फ्लोरा नाइपर मोहाली और रायबरेली के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। उससे पहले कई सालों तक उन्होंने DRDO में रिसर्च की कमान संभाली थी। डॉ.आरके गर्ग लगातार 6 साल से टॉप पर
न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ.आरके गर्ग छठी बार इस सूची में शामिल हुए हैं। वो KGMU सहित लखनऊ के सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के बीच टॉप पर हैं। उनकी वर्ल्ड रैंकिंग 28,178 हैं। सालभर में उन्हें 13 हजार से ज्यादा साइटेशन्स मिले हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में KGMU में शोध करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। नई तकनीक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शोध को बढ़ावा मिला है, यही कारण है कि अब क्वालिटी रिसर्च वर्क पर ज्यादा फोकस है।इससे संस्थान की पहचान दुनिया भर में और मजबूत हुई है। 4 साल से लिस्ट में डॉ.सुजीत कर का नाम
दुनिया के करीब साढ़े 3 लाख विशेषज्ञ साइंटिस्ट के बीच, KGMU के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. सुजीत कर का भी नाम है। उन्हें चौथी बार स्टैनफोर्ड की रैंकिंग में शामिल किया गया है। उन्होंने भी KGMU में रिसर्च को लेकर आए बदलाव को बेहद अहम बताया। ब्रेन स्ट्रोक के एक्सपर्ट डॉ.राजेश वर्मा भी शामिल
KGMU के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश वर्मा का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। वो लगातार चौथे साल इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे। उनके रिसर्च पेपर्स को करीब 5 हजार से ज्यादा साइटेशन्स मिले हैं। डॉ.राजेश वर्मा डेंगू के कारण होने वाली न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के एक्सपर्ट हैं। उन्हें GB सिंड्रोम और ब्रेन स्ट्रोक के क्षेत्र में भी महारथ हासिल है। KGMU के इन दिग्गजों ने भी बनाई जगह
उनके साथ ही बाल रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी, पैथोलॉजी विभाग से सेवानिवृत्त डॉ.यूसी चतुर्वेदी, डॉ.रश्मि कुमार व न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ.राजेश वर्मा का नाम शामिल है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के हेड प्रो.सूर्यकांत भी सूची में शामिल है। सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के डॉ.शैलेंद्र सक्सेना, KGMU बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष रह चुके एरा मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अब्बास अली मेहंदी, डॉ.रमेश चन्द्र, डॉ.एके सिंह, दंत संकाय की स्व.डॉ दिव्या मेहरोत्रा भी सूची में शामिल हैं। दुनिया ने माना IIM लखनऊ के इन प्रोफेसर का लोहा
सप्लाई चेन मैनेजमेंट में महारथ हासिल करने वाले IIM लखनऊ के प्रोफेसर डॉ.सुरेश जाखड़ का नाम भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस लिस्ट में हैं। वो लगातार 4 साल से दुनिया में टॉप 2% रैंक हासिल करने में सफल रहे। डॉ. सुरेश जाखड़ को सप्लाई चेन मैनेजमेंट के क्षेत्र में महारथ हासिल है। दुनिया के अल्गोरिथम डिजाइनर और प्राइसिंग एक्सपर्ट उनकी मेधा का लोहा मानते हैं। इसके अलावा IIM लखनऊ के प्रो.समीर श्रीवास्तव और डॉ.चंदन शर्मा का भी इसमें नाम हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में माइक्रोबायोलॉजी की प्रो.अमिता जैन का नाम हैं। प्रो.जैन का नाम इस लिस्ट में चौथी बार आया हैं। उनके नाम माइक्रोबायोलॉजी के कई रिसर्च हैं। उनके अब तक 394 रिसर्च पेपर पब्लिश हैं। पिछले एक साल में 20 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए हैं। लगातार 6 साल से स्टैनफोर्ड की लिस्ट में डॉ.शैली अवस्थी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्टिंग में KGMU के रिटायर्ड पीडियाट्रिक विशेषज्ञ डॉ.शैली अवस्थी का इस बार भी नाम रहा। उनके शोध के 18994 साइटेशन्स हुए हैं। डॉ. शैली अवस्थी ने बच्चों में होने वाले इंसेफेलाइटिस और ब्रेन फीवर के इलाज में महारथ हासिल की हैं। BBAU के 13 फैकल्टी का भी नाम
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 13 फैकल्टी का नाम स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट में हैं। इनमें क्लीनिकल मेडिसिन के क्षेत्र में गौरव कैथवास, केमिस्ट्री के देवेश कुमार, इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन के अभिषेक वर्मा, इंजीनियरिंग के मुकेश कुमार अवस्थी, इंजीनियरिंग के बीएस भदौरिया, इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन के दिलीप कुमार, एनबलिंग एंड स्ट्रेटेजिक टेक्नोलॉजी में बालचंद्र यादव और राजेश कुमार का नाम हैं। इसके अलावा प्रो.रामचंद्र और राम नरेश भार्गव को अर्थ साइंसेज के क्षेत्र में नाम हैं। आदित्य खाम्परिया और जय शंकर सिंह,नवीन अरोड़ा भी शामिल हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की लिस्ट क्यों हैं बेहद खास?
साल 2019 से हर साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी दुनिया के टॉप 2% साइंटिस्ट और रिसर्चर की लिस्ट जारी करता है। कुल 174 कैटेगिरी जिनमें 22 साइंटिफिक कैटेगिरी शामिल हैं, की रैंक जारी की जाती हैं। पहले साल करीब दुनिया भर के 1 लाख 80 हजार से ज्यादा एक्सपर्ट्स का नाम इस लिस्ट में शामिल था। इस बार 3 लाख 90 हजार के करीब एक्सपर्ट को इस लिस्ट में जगह मिली हैं। पिछले साल भारत के करीब 3500 एक्सपर्ट्स को जगह मिली थी। इस बार ये संख्या 5 हजार तक होने की उम्मीद है। इनमें KGMU के कुल 11 प्रोफेसर सहित लखनऊ के कई एक्सपर्ट रिसर्चर का नाम हैं। ये खबर भी पढ़ें…
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में लखनऊ के साइंटिस्ट का नाम:लखनऊ विश्वविद्यालय के फिजिक्स और केमिस्ट्री के 5 प्रोफेसर ने बनाई जगह अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की टॉप 2% ग्लोबल साइंटिस्ट की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 7 प्रोफेसर को शामिल किया गया है। इसमें 5 लखनऊ विश्वविद्यालय के और 2 गोरखपुर की मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हैं। लिस्ट में लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग से प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला,डॉ.सीआर गौतम, डॉ.रोली वर्मा, रसायन विज्ञान विभाग से प्रोफेसर अभिनव कुमार और डॉ. विनोद कुमार वशिष्ठ शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें…
‘दिल्ली में प्रदूषण में 30 फीसदी की कमी’, मंत्री गोपाल राय का दावा, समर एक्शन प्लान पर कही ये बात
‘दिल्ली में प्रदूषण में 30 फीसदी की कमी’, मंत्री गोपाल राय का दावा, समर एक्शन प्लान पर कही ये बात <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए केजरीवाल सरकार लगातार काम कर रही है. पिछले वर्षों की तुलना में प्रदूषण में तीस फीसदी से ज़्यादा कमी देखी जा रही है. सर्दियों में बढ़ने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हम विंटर एक्शन प्लान (Winter Action Plan) के तहत काम करते हैं. पिछले साल से हमने समर एक्शन प्लान की शुरुआत की थी, ताकि दीर्घकालीक उपायों के अलावा ख़ासकर गर्मियों में डस्ट पॉल्यूशन को कम करने के लिए काम किया जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में 24 मई से 12 जून के बीच AQI मॉडरेट या पुअर कैटेगरी में रही है. इसे और कैसे कम किया जाए इसे लेकर काम कर रहे हैं. आज दिल्ली सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक करके हमने समर एक्शन प्लान-2024 को फ़ाइनल किया है. समर एक्शन प्लान-2024 के तहत पंद्रह बिंदुओं पर फ़ोकस किया जाएगा. 15 जून से 15 सितंबर तक इस समर एक्शन प्लान के प्रमुख बिंदुओं पर फ़ोकस करके सरकार काम करेगी. आज हुई बैठक में 30 विभाग शामिल रहे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पौधारोपण का लक्ष्य बढ़ाने का लिया फैसला</strong><br />मंत्री गोपाल राय ने कहा कि समर एक्शन प्लान का प्रमुख बिंदु पौधारोपण है. दिल्ली की सभी ग्रीनिंग एजेंसियों को उनका अपना प्लान बनाने को कहा गया है, उनकी मीटिंग 18 जून को होगी. सभी को कहा गया है कि पिछली बार की तुलना में इस साल पौधारोपण का लक्ष्य बढ़ाएं. प्लांटेंशन पॉलिसी को रिवाइव करने का भी निर्णय लिया गया है. ट्रांस्प्लांट प्लांट्स के सर्वाइवल रेट बढ़ाने के लिए अलग अलग स्टडी के हिसाब से कदम उठाया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कूड़े के पहाड़ कम करने के लिए MCD को दिया निर्देश</strong><br />उन्होंने बताया कि डस्ट पॉल्यूशन पर रोक लगाने के लिए 15 जून से 30 जून के बीच एंटी डस्ट कैम्पेन चलाया जाएगा. इसके लिए अलग अलग एजेंसियों की 580 टीमें फ़ील्ड में जाएंगी. ओपन बर्निंग रोकने के लिए 573 टीमें बनाई गई हैं. कूड़े के पहाड़ों पर आग न लगे इसके लिए अलग से प्लान बनाया गया है. कूड़े के पहाड़ों को कम करने का काम बहुत धीमी गति से हो रहा है. MCD को निर्देश दिया गया है कि मॉनिटरिंग का काम बढ़ाएं ताकि काम की रफ़्तार बढ़ सके. औद्योगिक कचरे को रोकने के लिए 33 टीमें बनाई गई हैं. पड़ोसी राज्यों से हम संवाद शुरू कर रहे हैं ताकि सर्दी में प्रदूषण न बढ़े इसके लिए अभी से ही वे कदम उठाएं. डीज़ल गाड़ियों को कम करके EV की संख्या बढ़ाई जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में लगी आग, बुझाने पहुंचीं दमकल की 30 गाड़ियां” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-fire-marwadi-katra-at-chandni-chowk-fire-tenders-rushed-to-site-2714316″ target=”_self”>दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में लगी आग, बुझाने पहुंचीं दमकल की 30 गाड़ियां</a></strong></p>
बरेली में डोमिनोज आउटलेट पर वेज ऑर्डर पर नॉन-वेज परोसा:ब्राह्मण लड़के को खाने के बाद पता चला; कंपनी के ई-मेल पर शिकायत की
बरेली में डोमिनोज आउटलेट पर वेज ऑर्डर पर नॉन-वेज परोसा:ब्राह्मण लड़के को खाने के बाद पता चला; कंपनी के ई-मेल पर शिकायत की बरेली के एक डोमिनोज आउटलेट में बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक ब्राह्मण युवक ने शाकाहारी पिज्जा का ऑर्डर दिया, लेकिन उसे मांसाहारी पिज्जा परोसा गया। युवक ने पिज्जा को खाया, तब उसे अहसास हुआ कि ये पिज्जा मांसाहारी पिज्जा है। युवक ने इज्ज़त नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई और डोमिनोज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बरेली में डोमिनोज का बड़ा फूड चेन सवालों के घेरे में है। यह मामला धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बन गया है। डोमिनोज कर्मचारियों ने माफी मांगी
यह घटना बरेली के थाना इज्जतनगर क्षेत्र में कर्मचारीनगर स्थित डोमिनोज आउटलेट पर हुई। लखन शर्मा ने बताया कि उसने वेजिटेरियन पिज्जा का ऑर्डर दिया था। पिज्जा पर वेज का स्टीकर लगा हुआ था, लेकिन खाने के बाद पता चला कि यह नॉन-वेज है। जब युवक ने शिकायत की तो डोमिनोज के कर्मचारियों ने माफी मांग ली। लेकिन सवाल यह है कि वेज स्टीकर लगाकर नॉन-वेज पिज्जा परोसना क्या केवल गलती थी या जानबूझकर की गई लापरवाही? लखन बोले- मेरी भावनाएं आहत हुईं
लखन शर्मा ने कहा कि इस घटना से उनकी धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराकर कार्यवाही की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल एक गलती नहीं है, बल्कि उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ है। लखन शर्मा का आरोप है कि डोमिनोज के मालिक ने मामले को दबाने के लिए उन्हें प्रलोभन देने की कोशिश की। उन्होंने इसे ठुकरा दिया और कहा कि वे न्याय के लिए लड़ेंगे। ….. ये भी पढ़ें : पाकिस्तानी दोस्त की मदद से आगरा लौटे अभिषेक की कहानी: आगरा में बोले- पासपोर्ट छीना, टॉर्चर किया; घर जाने के लिए मांगे 5 लाख ‘मुझे टॉर्चर किया जाता था। मामूली गलती पर पीट देते थे। 12-12 घंटे काम लेते। जमीन पर सुलाते थे। मोबाइल छीन लिया, ताकि परिवार को कुछ बता न सकूं। जब भारत वापस आने की इच्छा जाहिर की। तब मालिक ने कमरे में बंद कर दिया। मेरा पासपोर्ट भी छीन लिया।’ ये दर्द है साउथ अफ्रीका में 5 महीने 20 दिन फंसे रहे अभिषेक शर्मा का। वह आगरा में अपने परिवार के पास पहुंच चुके हैं। मगर जॉब और हैवी पैकेज के नाम पर साउथ अफ्रीका पहुंचने और फिर फंसने की कहानी दर्द भरी है। भास्कर एप टीम ने आगरा में उनके घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। पढ़िए रिपोर्ट…