हरियाणा के करनाल के कर्ण विहार में एक रिटायर्ड सूबेदार की करंट लगने से मौत हो गई। सूबेदार अपने मुंह से कूलर की मोटर का तार छील रहा था और जैसे ही उसने तार छीलकर हटाया तो अचानक लाइट आ गई, उस समय तार उसके हाथ में था। जिससे उसे करंट का जोरदार झटका लगा और उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। आज दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घर पर चल रहा था निर्माण कार्य कर्ण विहार निवासी 51 वर्षीय रिटायर्ड सूबेदार राजेश कुमार के घर पर निर्माण कार्य चल रहा है। मृतक के भाई ने बताया कि कल शाम बारिश के कारण छत पर पानी भर गया था। छत से पानी निकालने के लिए उसने कूलर में इस्तेमाल होने वाले मोटर पंप का इस्तेमाल करना चाहा। जब उसने मोटर पंप लगाकर उसका तार बिजली के सर्किट में लगाया। उसने स्विच भी ऑन किया, लेकिन उस समय लाइट नहीं थी। पानी के कारण पूरी छत को करंट लग गया जब राजेश पंप की तार को मुंह से छील रहा था, उस समय लाइट नहीं थी। उसे शायद पता नहीं था कि लाइट कभी भी आ सकती है और वही हुआ। जैसे ही उसने तार को छीलकर हाथ में पकड़ा, तार का अगला हिस्सा उसके हाथ को छू गया, तभी उसे करंट लग गया और वह बेहोश हो गया। तार नीचे गिर गई और नीचे छत पर पानी भर गया और पूरी छत पर करंट फैल गया। उसे तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजेश कुमार मूल रूप से घरौंडा के गुढ़ा गांव का रहने वाला था। उसके दो बेटे हैं। उसका एक बेटा सेना में सेवारत है और दूसरा कनाडा गया हुआ है। सेना में तैनात बेटे को सूचना दे दी गई है और वह वहां से वापस आ रहा है। पूरा परिवार शोक में है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया सेक्टर 32,33 थाना पुलिस ने आज शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा के करनाल के कर्ण विहार में एक रिटायर्ड सूबेदार की करंट लगने से मौत हो गई। सूबेदार अपने मुंह से कूलर की मोटर का तार छील रहा था और जैसे ही उसने तार छीलकर हटाया तो अचानक लाइट आ गई, उस समय तार उसके हाथ में था। जिससे उसे करंट का जोरदार झटका लगा और उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। आज दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घर पर चल रहा था निर्माण कार्य कर्ण विहार निवासी 51 वर्षीय रिटायर्ड सूबेदार राजेश कुमार के घर पर निर्माण कार्य चल रहा है। मृतक के भाई ने बताया कि कल शाम बारिश के कारण छत पर पानी भर गया था। छत से पानी निकालने के लिए उसने कूलर में इस्तेमाल होने वाले मोटर पंप का इस्तेमाल करना चाहा। जब उसने मोटर पंप लगाकर उसका तार बिजली के सर्किट में लगाया। उसने स्विच भी ऑन किया, लेकिन उस समय लाइट नहीं थी। पानी के कारण पूरी छत को करंट लग गया जब राजेश पंप की तार को मुंह से छील रहा था, उस समय लाइट नहीं थी। उसे शायद पता नहीं था कि लाइट कभी भी आ सकती है और वही हुआ। जैसे ही उसने तार को छीलकर हाथ में पकड़ा, तार का अगला हिस्सा उसके हाथ को छू गया, तभी उसे करंट लग गया और वह बेहोश हो गया। तार नीचे गिर गई और नीचे छत पर पानी भर गया और पूरी छत पर करंट फैल गया। उसे तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजेश कुमार मूल रूप से घरौंडा के गुढ़ा गांव का रहने वाला था। उसके दो बेटे हैं। उसका एक बेटा सेना में सेवारत है और दूसरा कनाडा गया हुआ है। सेना में तैनात बेटे को सूचना दे दी गई है और वह वहां से वापस आ रहा है। पूरा परिवार शोक में है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया सेक्टर 32,33 थाना पुलिस ने आज शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी से लालू के दामाद चिरंजीव को टिकट:पिता अजय यादव 6 बार इस सीट से रहे विधायक; बीजेपी-कांग्रेस के बीच मुकाबला
रेवाड़ी से लालू के दामाद चिरंजीव को टिकट:पिता अजय यादव 6 बार इस सीट से रहे विधायक; बीजेपी-कांग्रेस के बीच मुकाबला हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर रेवाड़ी सीट पर प्रत्याशियों के बीच मुकाबले की स्थिति लगभग क्लियर हो चुकी हैं। शुक्रवार की देर रात कांग्रेस की तरफ से रेवाड़ी सीट पर विधायक चिरंजीव राव को दोबारा से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा गया है। चिरंजीव राव का सीधा मुकाबला लक्ष्मण सिंह यादव से होगा, जिन्हें बीजेपी ने कोसली से रेवाड़ी में शिफ्ट किया हैं। चिरंजीव राव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद हैं। इतना ही नहीं उनके पिता इस सीट से लगातार 6 बार 1989 से 2014 तक विधायक चुने गए। 2019 में पहली बार टिकट मिलने पर पिता की पैतृक सीट पर चुनाव जीता। पार्टी ने एक बार फिर से चिरंजीव राव पर ही दांव खेला है। टिकट की दावेदारी में कई अन्य नेता भी शामिल थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने चिरंजीव राव पर भी भरोसा जताया है। कांग्रेस-बीजेपी दोनों में बगावत के चांस टिकट वितरण के बाद बीजेपी में खूब घमासान मचा हुआ हैं। हालांकि शुक्रवार को कुछ हद तक रेवाड़ी से बीजेपी के कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह यादव ने डेमेज कंट्रोल करने की भी कोशिश की हैं। लक्ष्मण सिंह के मनाने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले हरियाणा परिवार पहचान पत्र के स्टेट कोआर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला अपने फैसले को वापस ले चुके हैं। इसके अलावा लक्ष्मण सिंह यादव ने पर्यटन निगम के चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव और 2019 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुनील मुसेपुर से भी मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की हैं। लक्ष्मण सिंह यादव की पहल पर सुनील मुसेपुर भी लगभग मान गए हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव राव के सामने भी कई चुनौतियां हैं। टिकट के दावेदार महाबीर मसानी, नगर परिषद के पूर्व कार्यकारी अधिकारी मनोज यादव, मंजीत जैलदार, दिनेश राजेंद्र ठेकेदार जैसे नेताओं को मनाना उनके लिए काफी मुश्किल हैं। अगर इन नेताओं ने बगावत की तो फिर चिरंजीव की राह भी मुश्किल हो सकती हैं। कैप्टन परिवार का शुरू से रहा दबदबा रेवाड़ी सीट पर कैप्टन अजय सिंह यादव के परिवार का शुरू से ही दबदबा रहा हैं। कैप्टन अजय यादव के पिता अभय सिंह इस सीट से विधायक रह चुके हैं। उनके बाद 1989 में हुए उप चुनाव में कैप्टन ने पहली बार जीत दर्ज की थी। जीत का ये सिलसिला 2009 तक जारी रहा लेकिन 2014 में बीजेपी लहर के चलते कैप्टन अजय यादव की इस सीट पर पहली बार हार हुई थी। हालांकि 5 साल बाद ही पिता की हार का बदला लेते हुए चिरंजीव राव ने 2019 में बीजेपी प्रत्याशी सुनील मुसेपुर को हरा दिया था।
हरियाणा निकाय चुनाव से पहले EVM की बैटरियां बदल रहीं:हैदराबाद से भेजी गई टेक्निकल टीमें, 14877 ईवीएम की चेकिंग की जा रही
हरियाणा निकाय चुनाव से पहले EVM की बैटरियां बदल रहीं:हैदराबाद से भेजी गई टेक्निकल टीमें, 14877 ईवीएम की चेकिंग की जा रही हरियाणा में निकाय चुनाव से पहले वोटिंग के लिए आई EVM की बैटरियां बदली जा रही हैं। प्रदेश के 8 नगर निगमों के अलावा नगर परिषद और नगर पालिकाओं में भी फरवरी में चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले EVM से जुड़ी टेक्निकल टीम पूरे प्रदेश में इन EVM की बैटरियां बदल रही है। विधानसभा चुनाव में EVM की बैटरी बड़ा मुद्दा रही। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जिन EVM की बैटरी 99% थी, उनमें भाजपा जीती। पूरे दिन यूज के बाद भी बैटरी 99% कैसे रह सकती है? हालांकि, आयोग ने बाद में इसे लेकर स्पष्टीकरण भी दिया था। पंचायत चुनाव वाली EVM यूज की जा रहीं
प्रदेश के 8 नगर निगमों फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल, मानेसर और यमुनानगर में पार्षद और मेयर के चुनाव होने हैं। इसके अलावा सोनीपत और अंबाला में मेयर का चुनाव होना है। इसके लिए यह EVM आई हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह EVM पंचायत चुनाव में इस्तेमाल की गईं थी। तब उनकी बैटरियां लगभग खत्म हो गईं थी। हिसार नगर निगम की बात करें तो हैदराबाद से चुनाव आयोग की तरफ से 10 इंजीनियरों की टीम भेजी गई है। यह टीम 3 टेक्निकल कर्मचारियों को EVM चलाने का प्रशिक्षण देगी और ये 3 कर्मचारी आगे जिले में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे। 8 दिन तक EVM की जांच करेगी टीम
नगर निगम में आई टेक्निकल टीम 8 दिन तक फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) करेगी। निगम इंजीनियरों के अनुसार इसके बाद द्वितीय लेवल चेकिंग शुरू की जाएगी। EVM का पुराना डेटा डिलीट किया जाएगा। उनके बटन काम कर रहे हैं या नहीं, यह भी चेक किया जाएगा। इसके अलावा टीम यह भी जांच कर रही है कि किसी EVM का बटन खराब या दूसरी कोई तकनीकी समस्या तो नहीं है। इसके बाद अधिकारियों के साइन करवाकर उनकी मौजूदगी में मशीनों को सील कर दिया जाएगा। हिसार से अंबाला, गुरुग्राम और सोनीपत भी भेजी EVM
निर्वाचन आयोग की ओर से हिसार के पंचायत भवन क्षेत्र में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी के अंतर्गत रखी EVM को अलग-अलग स्थानों पर भेजा गया है। हिसार में रखी EVM को निगम चुनावों के लिए प्रदेश के ओर भी जिलों में भेजा गया था। पंचायत भवन से हिसार नगर निगम में 1500 EVM (कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट) लाई गई थी। जिनकी अब फर्स्ट लेवल चेकिंग हो रही है। इनके अलावा हिसार से अंबाला में 400 EVM, सोनीपत में 450 EVM और गुरुग्राम में केवल 300 बैलट यूनिट भेजे गई थी। इसके अलावा फरीदाबाद से झज्जर, पलवल में EVM भेजी गई है। कांग्रेस ने EVM पर क्यों आरोप लगाए? चुनाव के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि 20 सीटों पर मतगणना के दौरान EVM में गड़बड़ी पाई गई थी। इन सीटों के उम्मीदवारों ने लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की थीं। खेड़ा ने कहा था कि यह अजीब है कि जिन मशीनों में 99% बैटरी चार्ज रही, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हारे। वहीं, 60-70% बैटरी चार्ज वाली मशीन वे हैं, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते। मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99% और बाकी सामान्य मशीनें 60-70% चार्ज थीं। इसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत दी थी। चुनाव आयोग ने कहा- आरोप गलत और तथ्यहीन कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने 1600 पेज का जवाब देते हुए आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था। आयोग ने कहा था, ‘मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है। एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरतें और बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचें।
हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में फैसला:सिरसा में गुरुद्वारा चिल्ला साहिब की जमीन गुरुद्वारे के नाम होगी, पुलिस को अब 20 दिन का भत्ता
हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में फैसला:सिरसा में गुरुद्वारा चिल्ला साहिब की जमीन गुरुद्वारे के नाम होगी, पुलिस को अब 20 दिन का भत्ता हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में गुरुवार को चंडीगढ़ में कैबिनेट मीटिंग हुई। मीटिंग में कुल 19 एजेंडे रखे गए। सभी एजेंडों पर कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट बैठक में जवानों और किसानों का खास ध्यान रखा गया है। सिरसा के पवित्र स्थल गुरुद्वारा चिल्ला साहिब की भूमि को गुरुद्वारा कमेटी को मालिकाना हक देने का फैसला लिया है। गुरुद्वारा की 70 कनाल 7 मरला जमीन गुरुद्वारा को दी जाएगी। फिलहाल यह जमीन रेवेन्यू डिपार्टमेंट के नाम है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि आज ही के दिन सिरसा में गुरु नानक देवी जी ने कदम रखे थे और आज ही कैबिनेट में यह जमीन गुरुद्वारा को दी जा रही है। इससे खुशी की बात और कोई नहीं हो सकती। शहीद परिवार के 2 सदस्यों को नौकरी
बैठक में दो शहीदों के परिवारों और अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का फैसला किया गया। शहीद कपिल कुंडू की बहन काजल को रोजगार विभाग में और शहीद सत्यवान की बहन मंजू रानी को मौलिक शिक्षा विभाग में लिपिक नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि हुड्डा सरकार में केवल 6 शहीद परिवारों को नौकरी दी गई थी जबकि भाजपा सरकार के कार्यालय में 371 शहीद परिवारों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई। स्टाम्प विक्रेताओं को पहुंचाया फायदा
बैठक में स्टाम्प विक्रेताओं को फायदा पहुंचाते हुए फैसला लिया गया कि 10 हजार स्टाम्प की पावर खत्म करके उसे 20 हजार स्टाम्प कर दिया गया है। इससे स्टाम्प विक्रता 20 हजार तक के स्टाम्प बेच सकेंगे। ई स्टाम्प आने से स्टाम्प विक्रेताओं की रोजी रोटी पर संकट पैदा हो गया था। सरकार ने प्रभावित स्टाप वैंडर्स को फायदा पहुंचाया है। यह फैसले भी लिए गए