हिमाचल में मानसून लंबे समय बाद एक्टिव हो गया है। प्रदेश में बीते कल नॉर्मल से 83 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 जुलाई को 8.8 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन पिछले कल प्रदेश में औसत 16.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। मौसम विभाग की माने तो, अगले चार-पांच दिन में अच्छी व प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश होगी। इसे देखते हुए 31 जुलाई को छह जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है, जबकि एक अगस्त के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमौर जिला को यह चेतावनी जारी की गई। इस चेतावनी के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। 24 घंटे में 10 जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बारिश वहीं बीते 24 घंटे के दौरान लाहौल स्पीति और हमीरपुर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे है। कांगड़ा में सबसे ज्यादा 44.6 मिलीमीटर, चंबा में 29.5 मिलीमीटर और शिमला में 28.1 मिलीमीटर बारिश हुई। बिलासपुर में 15.4 मिमी,हमीरपुर में 15.5 मिमी, किन्नौर में 2.5 मिमी, कुल्लू में 7.1 मिमी, मंडी में 15.2 मिमी, सिरमौर में 25.1 मिमी, सोलन में 25 मिमी बारिश हुई। बीते 24 घंटे में तेज बारिश से शिमला, सोलन और किन्नौर में काफी नुकसान हुआ है। शिमला में तीन अलग अलग जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं पेश आई। मानसून सीजन में 35 प्रतिशत कम बारिश प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां पूरे सीजन में नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हो। एक जून से 29 जुलाई तक 339.7 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 35 प्रतिशत कम यानी 221 मिलीमीटर बादल बरसे है। 425 करोड़ की संपत्ति तबाह प्रदेश में इस मानसून सीजन में 425 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। भारी बारिश से 19 मकान पूरी तरह जमीदोज हुए हैं, जबकि 89 मकान को आंशिक क्षति हो चुकी है। इसी तरह 1 दुकान, 85 गौशालाएं और 5 लैबर शेड भी बरसात की भेंट चढ़ चुके हैं। हिमाचल में मानसून लंबे समय बाद एक्टिव हो गया है। प्रदेश में बीते कल नॉर्मल से 83 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 जुलाई को 8.8 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन पिछले कल प्रदेश में औसत 16.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। मौसम विभाग की माने तो, अगले चार-पांच दिन में अच्छी व प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश होगी। इसे देखते हुए 31 जुलाई को छह जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है, जबकि एक अगस्त के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमौर जिला को यह चेतावनी जारी की गई। इस चेतावनी के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। 24 घंटे में 10 जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बारिश वहीं बीते 24 घंटे के दौरान लाहौल स्पीति और हमीरपुर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे है। कांगड़ा में सबसे ज्यादा 44.6 मिलीमीटर, चंबा में 29.5 मिलीमीटर और शिमला में 28.1 मिलीमीटर बारिश हुई। बिलासपुर में 15.4 मिमी,हमीरपुर में 15.5 मिमी, किन्नौर में 2.5 मिमी, कुल्लू में 7.1 मिमी, मंडी में 15.2 मिमी, सिरमौर में 25.1 मिमी, सोलन में 25 मिमी बारिश हुई। बीते 24 घंटे में तेज बारिश से शिमला, सोलन और किन्नौर में काफी नुकसान हुआ है। शिमला में तीन अलग अलग जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं पेश आई। मानसून सीजन में 35 प्रतिशत कम बारिश प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां पूरे सीजन में नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हो। एक जून से 29 जुलाई तक 339.7 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 35 प्रतिशत कम यानी 221 मिलीमीटर बादल बरसे है। 425 करोड़ की संपत्ति तबाह प्रदेश में इस मानसून सीजन में 425 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। भारी बारिश से 19 मकान पूरी तरह जमीदोज हुए हैं, जबकि 89 मकान को आंशिक क्षति हो चुकी है। इसी तरह 1 दुकान, 85 गौशालाएं और 5 लैबर शेड भी बरसात की भेंट चढ़ चुके हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के बद्दी की हवा हुई खतरनाक:आज 329 पहुंचा AQI, 10 दिनों से खराब हुई हवा; सांस लेने में हो रही दिक्कत हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा बेहद खतरनाक हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 10 दिन से निरंतर 250 से 351 के बीच चल रहा है। आज भी सुबह AQI 329 रिकॉर्ड किया गया। रिचर्ड ए. मिलर और एलिजाबोथ मिलर की स्टडी के अनुसार, बद्दी की हवा दिन में 10 से 20 सिगरेट के धुएं जैसी खतरनाक हो गई है। जिस शहर में AQI जब 250 होता तो, वहां की लगभग 8 से 9 सिगरेट पीने जैसी खतरनाक होती है। जहां AQI 350 पहुंच जाता है, वहां 18 से 19 सिगरेट पीने जैसी खतरनाक होती है। 6 नवंबर से हवा खराब होनी शुरू हुई दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर को संतोषजनक हो गई थी। मगर 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और 3 दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। पिछले 10 दिन में सात बार AQI 300 से ज्यादा रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर के लोग करते हैं नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ-साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं। जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा और सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों ? AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पोल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 45 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनकर घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ या संतोषजनक बनी हुई है। पांटवा साहिब का AQI 119, कालाअंब का 145, बरोटीवाला 150 और नालागढ़ का AQI 130 है। वहीं शिमला में शिमला में 57, मनाली 30 और धर्मशाला में 73 है।
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