पटियाला में जांच कमेटी (एसआईटी) के समक्ष आज मंगलवार अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया के पेश होने पर संशय बना हुआ है। 20 जुलाई को भी मजीठिया को जांच के लिए बुलाया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देते हुए बिक्रम मजीठिया ने SIT के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। मजीठिया की ओर से पटियाला में एसआईटी को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि 23 जुलाई को नियमित जमानत को लेकर उनकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने की तैयारी करनी है और इसके लिए वह नई दिल्ली में हैं। जिसके चलते उनकी तारीख 23 जुलाई के बाद रखी जाए। जिसके बाद एसआईटी ने फिर 30 जुलाई के लिए दोबारा समन भेजा। एसआईटी पर भी सवाल उठा चुके बिक्रम मजीठिया वहीं, दो सप्ताह पहले मानहानी केस की सुनवाई के दौरान अमृतसर में कोर्ट में पहुंचने के बाद मजीठिया ने एसआईटी पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि एसआईटी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हाथों की कठपुतली है। गृह मंत्रालय भगवंत मान के पास है और पुलिस अधिकारियों के तबादले की जिम्मेदारी भी भगवंत मान के पास है। उनकी जांच डीजीपी स्तर से शुरू हुई और अब जांच इंस्पेक्टर स्तर तक पहुंच गई है। समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी पिछले महीने SIT ने बिक्रम सिंह मजीठिया को नोटिस जारी किया था, तब उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि उन्हें बार-बार समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। हालांकि, हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी। कोर्ट ने 8 जुलाई तक एसआईटी को उनसे पूछताछ करने से रोक दिया था। लेकिन जब, 8 जुलाई को दोबारा सुनवाई हुई तो SIT ने जारी समन वापस ले लिया। इसके बाद उन्हें 18 जुलाई के लिए दोबारा सम्मन जारी किया गया, लेकिन उस दिन भी उन्होंने अमृतसर में कोर्ट की तारीख की बात कह कर जाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज हुआ था मामला पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह मामला 3 साल पहले कांग्रेस सरकार के दौरान 20 दिसंबर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 5 महीने जेल में रहने के बाद मजीठिया को 10 अगस्त 2022 को जमानत मिल गई। मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में रहे हैं, उसमें अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। वहीं, मामले में उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है। पटियाला में जांच कमेटी (एसआईटी) के समक्ष आज मंगलवार अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया के पेश होने पर संशय बना हुआ है। 20 जुलाई को भी मजीठिया को जांच के लिए बुलाया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देते हुए बिक्रम मजीठिया ने SIT के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। मजीठिया की ओर से पटियाला में एसआईटी को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि 23 जुलाई को नियमित जमानत को लेकर उनकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने की तैयारी करनी है और इसके लिए वह नई दिल्ली में हैं। जिसके चलते उनकी तारीख 23 जुलाई के बाद रखी जाए। जिसके बाद एसआईटी ने फिर 30 जुलाई के लिए दोबारा समन भेजा। एसआईटी पर भी सवाल उठा चुके बिक्रम मजीठिया वहीं, दो सप्ताह पहले मानहानी केस की सुनवाई के दौरान अमृतसर में कोर्ट में पहुंचने के बाद मजीठिया ने एसआईटी पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि एसआईटी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हाथों की कठपुतली है। गृह मंत्रालय भगवंत मान के पास है और पुलिस अधिकारियों के तबादले की जिम्मेदारी भी भगवंत मान के पास है। उनकी जांच डीजीपी स्तर से शुरू हुई और अब जांच इंस्पेक्टर स्तर तक पहुंच गई है। समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी पिछले महीने SIT ने बिक्रम सिंह मजीठिया को नोटिस जारी किया था, तब उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि उन्हें बार-बार समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। हालांकि, हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी। कोर्ट ने 8 जुलाई तक एसआईटी को उनसे पूछताछ करने से रोक दिया था। लेकिन जब, 8 जुलाई को दोबारा सुनवाई हुई तो SIT ने जारी समन वापस ले लिया। इसके बाद उन्हें 18 जुलाई के लिए दोबारा सम्मन जारी किया गया, लेकिन उस दिन भी उन्होंने अमृतसर में कोर्ट की तारीख की बात कह कर जाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज हुआ था मामला पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह मामला 3 साल पहले कांग्रेस सरकार के दौरान 20 दिसंबर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 5 महीने जेल में रहने के बाद मजीठिया को 10 अगस्त 2022 को जमानत मिल गई। मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में रहे हैं, उसमें अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। वहीं, मामले में उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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