पंजाब के फिरोजपुर जिले में सरहद पार से नशे के साथ-साथ लगातार हथियारों की तस्करी भी बढ़ रही है। ऐसी ही एक तस्करी को समय रहते बीएसएफ के चौकस जवानों ने नाकाम बना दिया। चेकिंग के दौरान बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन को बरामद करने के साथ ही एक पिस्तौल को भी बरामद कर लिया है। ड्रोन के साथ भेजी पिस्तौल फिरोजपुर बॉर्डर रेंज की खुफिया विंग ने जिला फिरोजपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में एक संदिग्ध पैकेट के साथ एक ड्रोन की उपस्थिति के बारे में जानकारी सांझा की, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए बीएसएफ के जवान मौके पर पहुंचे और व्यापक तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान सैनिकों ने गांव-लाखा सिंह वाला से सटे एक कृषि क्षेत्र में एक पैकेट के साथ 1 ड्रोन को सफलतापूर्वक बरामद किया। पैकेट पीले रंग के चिपकने वाले टेप में लपेटा हुआ था और उसमें एक छोटी प्लास्टिक टॉर्च के साथ एक धातु की अंगूठी भी लगी हुई थी। पैकेट का निरीक्षण करने पर अंदर 1 पिस्तौल (बिना बैरल के) और एक खाली पिस्तौल मैगजीन मिली। जो ड्रोन बरामद हुआ है, उसकी पहचान चीन निर्मित डीजेआई माव के रूप में हुई है। बीएसएफ दल ने की खोज जानकारी के गहन विश्लेषण और बीएसएफ खुफिया विंग द्वारा पिछले हथियार बरामदगी मामलों के सूक्ष्म अध्ययन के साथ-साथ बीएसएफ खोज दल के दृढ़ प्रयासों के कारण सीमा क्षेत्र के पास यह महत्वपूर्ण बरामदगी हुई और यह पंजाब के सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने के लिए बीएसएफ की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। पंजाब के फिरोजपुर जिले में सरहद पार से नशे के साथ-साथ लगातार हथियारों की तस्करी भी बढ़ रही है। ऐसी ही एक तस्करी को समय रहते बीएसएफ के चौकस जवानों ने नाकाम बना दिया। चेकिंग के दौरान बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन को बरामद करने के साथ ही एक पिस्तौल को भी बरामद कर लिया है। ड्रोन के साथ भेजी पिस्तौल फिरोजपुर बॉर्डर रेंज की खुफिया विंग ने जिला फिरोजपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में एक संदिग्ध पैकेट के साथ एक ड्रोन की उपस्थिति के बारे में जानकारी सांझा की, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए बीएसएफ के जवान मौके पर पहुंचे और व्यापक तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान सैनिकों ने गांव-लाखा सिंह वाला से सटे एक कृषि क्षेत्र में एक पैकेट के साथ 1 ड्रोन को सफलतापूर्वक बरामद किया। पैकेट पीले रंग के चिपकने वाले टेप में लपेटा हुआ था और उसमें एक छोटी प्लास्टिक टॉर्च के साथ एक धातु की अंगूठी भी लगी हुई थी। पैकेट का निरीक्षण करने पर अंदर 1 पिस्तौल (बिना बैरल के) और एक खाली पिस्तौल मैगजीन मिली। जो ड्रोन बरामद हुआ है, उसकी पहचान चीन निर्मित डीजेआई माव के रूप में हुई है। बीएसएफ दल ने की खोज जानकारी के गहन विश्लेषण और बीएसएफ खुफिया विंग द्वारा पिछले हथियार बरामदगी मामलों के सूक्ष्म अध्ययन के साथ-साथ बीएसएफ खोज दल के दृढ़ प्रयासों के कारण सीमा क्षेत्र के पास यह महत्वपूर्ण बरामदगी हुई और यह पंजाब के सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने के लिए बीएसएफ की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल 5 साल करने की मांग:सांसद मनीष बोले- विकास गति को मिलेगी मजबूती, 1 साल पर्याप्त नहीं
चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल 5 साल करने की मांग:सांसद मनीष बोले- विकास गति को मिलेगी मजबूती, 1 साल पर्याप्त नहीं चंडीगढ़ के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने शहर के विकास को नई दिशा देने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर का कार्यकाल पाँच वर्ष करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष का कार्यकाल मेयर को शहर की गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यदि मेयर को पाँच वर्षों का समय दिया जाए, तो वे दीर्घकालिक योजनाओं पर काम कर सकेंगे, जिससे शहर की विकास गति को मजबूती मिलेगी। केंद्र सरकार से हर साल मिलते हैं 1 हजार करोड़
ऑल इंडिया राजीव मेमोरियल सोसाइटी द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में बोलते हुए मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ की वित्तीय स्थिति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ को केंद्र सरकार से हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपए मिलते हैं, जो कि मोहाली और पंचकूला के फंड्स से लगभग पाँच गुना अधिक है। इसके बावजूद शहर में फंड्स की तंगी बनी रहती है, जिसका प्रमुख कारण अफसरशाही द्वारा फंड्स का उचित उपयोग न होना है। चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी रहे मौजूद
उन्होंने अफसरशाही पर आरोप लगाते हुए कहा कि फंड का सही इस्तेमाल न होने से शहर की अनेक समस्याएं बरकरार हैं। तिवारी ने चंडीगढ़ के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन भी दिया। समारोह में चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की और ऑल इंडिया राजीव मेमोरियल सोसायटी के अध्यक्ष राज नागपाल ने भी शहर के विकास पर जोर दिया। इस अवसर पर संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी अशोक वालिया, बलजीत सिंह, विल्सन, रंजीव मल्होत्रा, तेजिंदर बसन, दलविंदर पॉल, आमिर, रचित नागपाल, प्रकाश सैनी, राहुल मल्होत्रा, और सतीश सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिन्होंने मनीष तिवारी के प्रयासों की सराहना की।
खन्ना में नहीं हुआ इंटरनेशनल खिलाड़ी का स्वागत:अमेरिका से गोल्ड मेडल जीतकर बस में लौटा, पंजाब सरकार के खिलाफ रोष
खन्ना में नहीं हुआ इंटरनेशनल खिलाड़ी का स्वागत:अमेरिका से गोल्ड मेडल जीतकर बस में लौटा, पंजाब सरकार के खिलाफ रोष खन्ना में इंटरनेशनल पैरा कराटे खिलाड़ी का अपमान हुआ। अमेरिका में पैरा वर्ल्ड कराटे चैंपियनशिप जीतकर शहर लौटे इस खिलाड़ी का कोई स्वागत तक नहीं किया गया। खिलाड़ी तरुण शर्मा ने पंजाब सरकार खिलाफ रोष जताया। अमेरिका में जीत का परचम फहराने वाले तरुण को उम्मीद थी कि जब वह शहर पहुंचेगा तो उसका मान सम्मान होगा। लेकिन तरुण जब बस स्टैंड पर उतरा तो वहां उस उपलब्धि की खुशी का कोई नामोनिशान नहीं था। तरुण को लेने उसके कुछ दोस्त ही पहुंचे थे। तरुण की नाराजगी का कारण तरुण शर्मा पैरा कराटे खिलाड़ी है। गरीब परिवार से संबंधित है। पिता के साथ सब्जी की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा चलाता था। कुछ समय पहले पिता की मौत हो गई। अब खुद रेहड़ी लगाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार देश और राज्य का नाम रोशन कर चुका है। लंबे समय से सरकार के पास नौकरी की गुहार लगा रहा है। किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। अपने खेल के शौक को पूरा करने के लिए तरुण ने घर तक गिरवी रखा है। 12 लाख रुपए का कर्ज है। इस बार भी आर्थिक मदद से अमेरिका खेलने गया। इतनी गरीबी है कि दिल्ली से वापस बस में खन्ना लौटा। शहर पहुंचने पर भी जब किसी को तरुण की जीत पर खुशी महसूस नहीं देखी गई तो वह मायूस हो गया। पिछले साल भी किया था नजरअंदाज पिछले साल भी तरुण शर्मा 21 से 23 जुलाई तक आयोजित दूसरी एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत की तरफ से भाग लेने मलेशिया गया था। इस चैंपियनशिप में 43 देशों के पैरा खिलाड़ी पहुंचे थे। भारत की तरफ से मात्र दो खिलाड़ी एक तरुण शर्मा और दूसरा दिल्ली से था। तरुण ने मलेशिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए भारत को ब्राँज मेडल दिलाया था। लेकिन उसे दिल्ली से बस खन्ना लौटना पड़ा था और किसी ने स्वागत नहीं किया था। इस खिलाड़ी का अपमान होने के बाद विभिन्न सियासी दलों के नेता तरुण के घर पहुंचे थे और सरकार से नौकरी दिलवाने का वादा किया था।
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