पंजाब में शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस के मद्देनजर संगरूर जिले में बुधवार को छुट्टी का ऐलान जिला प्रशासन की तरफ से किया गया है। इस दौरान सारे सरकारी व अर्ध सरकारी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, शिक्षण संस्थाओं व प्राइवेट संस्थानों में छुट्टी रहेगी। वहीं, इस दौरान शहीदी दिवस को लेकर राज्य स्तरीय समागम करवाया जाएगा। हालांकि परीक्षा ले रही संस्थाओं पर यह आदेश लागू नहीं होंगे। पंजाब में शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस के मद्देनजर संगरूर जिले में बुधवार को छुट्टी का ऐलान जिला प्रशासन की तरफ से किया गया है। इस दौरान सारे सरकारी व अर्ध सरकारी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, शिक्षण संस्थाओं व प्राइवेट संस्थानों में छुट्टी रहेगी। वहीं, इस दौरान शहीदी दिवस को लेकर राज्य स्तरीय समागम करवाया जाएगा। हालांकि परीक्षा ले रही संस्थाओं पर यह आदेश लागू नहीं होंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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होशयारपुर में दो टिप्परों में भीषण टक्कर:बाइक सवार युवक की मौत, अनियंत्रित होकर आपस में भिड़े, एक टिप्पर चालक घायल पंजाब में होशियारपुर के गढ़शंकर-नंगल रोड पर गांव शाहपुर के निकट दो टिप्परों की भीषण टक्कर हो गई। इसी दौरान दोनों टिप्परों के की चपेट में आने से एक बाइक सवार की मौत हो गई, जबकि एक टिप्पर चालक गंभीर घायल हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों टिप्परों के परखचे उड़ गए। बीच में फंसा बाइक सवार जानकारी के मुताबिक, गांव शाहपुर के पास पहाड़ी वाली साइड से दो टिप्पर आ रहे थे। दोनों के अनियंत्रित होकर आपस में टकरा गए। इसी दौरान वहां से गुजर रहा एक बाइक सवार दोनों टिप्परों की चपेट में आने से बीच में फंस गया। हादसे में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक टिप्पर चालक गंभीर रुप से घायल हो गया। लोगों ने घायल को सिविल अस्पताल गढ़शंकर में भर्ती करवाया। वहां पर डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक इलाज के बाद नवांशहर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद गांव वाले मौके पर एकत्र हो गए और मृतक को अस्पताल पहुंचाया। मृतक की पहचान परमजीत सिंह निवासी गांव शाहपुर, थाना गढ़शंकर के तौर पर हुई। गंभीर घायल टिप्पर चालक की पहचान अवतार सिंह निवासी गांव बारूपाल, जिला तरनतारन के तौर पर हुई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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पंजाब सरकार का हाईकोर्ट में दावा:खालिस्तान समर्थक सांसद-साथियों से CM भगवंत मान को ख़तरा, इसलिए दोबारा NSA लगाया, असम जेल में बंद अमृतपाल करीब डेढ़ साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों पर दोबारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने को लेकर पंजाब सरकार ने अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि आरोपी राज्य की कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है। वहीं, उनसे राज्य के सीएम भगवंत मान की जान को भी खतरा है। इस बात को मजबूती से पेश करने के लिए पुलिस की तरफ से कुछ वीडियो क्लिप का हवाला भी दिया गया है। जिसमें आरोपी कहते हुए दिख रहे हैं कि पंजाब के सीएम का हश्र पूर्व सीएम बेअंत सिंह की तरह करेंगे। जिनकी एक बम धमाके में आतंकियों ने जान ले ली थी। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को तय होगी। इस दौरान अमृतपाल सिंह पर NSA लगाने संबंधी सारा रिकॉर्ड अदालत में केंद्र और पंजाब सरकार पेश करेगी। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने दिया जवाब अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने दोबारा लगाए गए NSA को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इनमें से अभिनेता दलजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह भुक्कनवाला को लेकर जवाब दाखिल किया है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस की तरफ से यह हलफनामा दायर किया गया है। हलफनामे के अनुसार फरवरी 2023 में अजनाला स्टेशन की घटना के बाद वीडियो टेप किया था। जिसमें अमृतपाल सिंह कह रहा है कि हमने सीएम मान को सीएम बेअंत सिंह की राह न चलने की सलाह दी है। वह अभी भी बेअंत सिंह की राह पर चल रहे है। दिलावर ने मानव बम के रूप में काम किया और सीएम बेअंत सिंह काे उड़ा दिया। सीएम मान ने सुनिश्चित किया है आज इस भीड़ में कई दिलावर पैदा होंगे। कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं सरकार का कहना है कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी कभी भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकते हैं। वह उन लोगों को नुकसान पहुंचा सकते है। जो कि उनकी कट्टरपंथी विचारधारा से विपरीत बात करेंगे। वहीं, इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। वहीं, वह जिस तरह भड़काऊ बातें करते हैं। वह युवाओं को गुमराह कर सकते हैं। ऐसे में उन पर लगाया गया एनएसए उचित है। विधानसभा का उप चुनाव लड़ने की तैयारी अमृतपाल सिंह के जेल से ही चुनाव लड़ने और खडूर साहिब का सांसद बनने के बाद अब उसके साथी भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। दलजीत सिंह कलसी डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह सीट वहां के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने से खाली हुई है। इसी तरह कुलवंत सिंह राउके बरनाला सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि यह भी सीट भी गुरमीत सिह मीत हेयर के संगरूर से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा भी अब राजनीति में आना चाहता है। वह गिद्दड़बाहा से विधायक बनना चाहता है। उसके बेटे आकाशदीप सिंह की तरफ से इस बारे में ऐलान किया गया था।
पंजाब में प्रोमोशन के लंबित मामलों पर आदेश जारी:सरकार सख्त, 1 महीने में निपटाने को कहा, 3 लाख कर्मचारियों से जुड़ा मामला
पंजाब में प्रोमोशन के लंबित मामलों पर आदेश जारी:सरकार सख्त, 1 महीने में निपटाने को कहा, 3 लाख कर्मचारियों से जुड़ा मामला पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों या अधिकारियों की पदोन्नति के सभी लंबित मामले एक महीने में पूरे कर लिए जाएंगे। इस मामले को लेकर कार्मिक विभाग सख्त हो गया है। विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, मामलों के निपटारे के बाद उन्हें सरकार को रिपोर्ट भी देनी होगी। जालंधर उपचुनाव संपन्न होने के बाद राज्य सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। ऐसे में अब कर्मचारियों पर फोकस हो गया है। सरकार की ओर से दिसंबर 2023 में सभी विभागों को पत्र जारी किया गया था। इसमें विभिन्न कैडर के अधिकारियों को दो महीने में पदोन्नत करने को कहा गया था। लंबित मामलों को तय समय में निपटाने के आदेश विभाग के संज्ञान में आया कि कई विभागों में कर्मचारियों की पदोन्नति से संबंधित मामले अभी भी लंबित हैं। इन्हें सीएम भगवंत मान के आदेश पर जारी किया गया था। इसके बाद अब उक्त लंबित मामलों को तय नियमों का पालन करते हुए निपटाने के आदेश जारी किए गए हैं। कोर्ट केस से बचने की कोशिश राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में करीब 3 लाख कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 70 हजार अनुबंध पर और 60 हजार आउटसोर्स पर कार्यरत हैं। ऐसे में यह आदेश स्थायी कर्मचारियों पर भी लागू होगा। वहीं, समय पर पदोन्नति देने के पीछे सरकार की सोच कानूनी पेचीदगियों से खुद को बचाना है। क्योंकि पिछले दिनों मास्टर कैडर की पदोन्नति से जुड़े मामले भी हाईकोर्ट पहुंचे थे। ऐसे में वह इस मामले को निपटाने में जुटी है। 15 जुलाई से ट्रांसफर शुरू इससे पहले सरकार की तरफ से 15 जुलाई से 15 अगस्त सभी सरकारी विभागों में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है। विभाग ने तय किया है इस बार बार ट्रांसफर एक महीने में पूरी की जाएगी। इसके साथ ही अब 6635 ईटीटी अध्यापकों ने मांग की है उन्हें बदली का विशेष मौका दिया जाए। उन्होंने सरकार को भी पत्र भेजा है।