हरियाणा के अंबाला जिले में गब्बर कहे जाने वाले पूर्व गृह मंत्री अनिल विज एक बार फिर से एक्शन मोड़ में दिखाई दिए। इस एक्शन के दौरान अनिल विज का गुस्सा अधिकारियों पर फूटता हुआ नजर आया और उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। गृह मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यदि काम नहीं करना है, तो बता दो, जनता को परेशान करने का काम न करें। उन्होंने ताला जड़ने की चेतावनी भी दी। बता दें कि हरियाणा पूर्व गृह मंत्री अनिल विज बुधवार को अंबाला छावनी नगर परिषद में शहर के विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान नगर परिषद में मौजूद सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हडकंप मच गया। वहीं रूके हुए कार्यों की जानकारी मिलने पर अनिल विज का गुस्सा फूटता हुआ नजर आया और उन्होंने अधिकारियों को रिकॉर्ड न मिलने पर फटकार लगा डाली। वहीं फटकार लगाने के बाद विज ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए 3 दिन का समय दिया। बताया कि तीन दिन के बाद फिर से इन कार्यों का जायजा लिया जाएगा। हरियाणा के अंबाला जिले में गब्बर कहे जाने वाले पूर्व गृह मंत्री अनिल विज एक बार फिर से एक्शन मोड़ में दिखाई दिए। इस एक्शन के दौरान अनिल विज का गुस्सा अधिकारियों पर फूटता हुआ नजर आया और उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। गृह मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यदि काम नहीं करना है, तो बता दो, जनता को परेशान करने का काम न करें। उन्होंने ताला जड़ने की चेतावनी भी दी। बता दें कि हरियाणा पूर्व गृह मंत्री अनिल विज बुधवार को अंबाला छावनी नगर परिषद में शहर के विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान नगर परिषद में मौजूद सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हडकंप मच गया। वहीं रूके हुए कार्यों की जानकारी मिलने पर अनिल विज का गुस्सा फूटता हुआ नजर आया और उन्होंने अधिकारियों को रिकॉर्ड न मिलने पर फटकार लगा डाली। वहीं फटकार लगाने के बाद विज ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए 3 दिन का समय दिया। बताया कि तीन दिन के बाद फिर से इन कार्यों का जायजा लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सीएम का सोनीपत दौरा:CM सैनी 2690 को देंगे 100 गज प्लाट की रजिस्ट्री; ढांडा बोले- हम बादशाह बनकर काम नहीं करेंगे लोकसभा चुनाव खत्म होते ही हरियाणा सरकार एक्टिव हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी सोनीपत दौरे पर पहुंच गए हैं। गरीबी बीपीएल परिवारों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सोनीपत में लाभार्थियों को 100-100 गज के प्लाटों की रजिस्ट्री बाटेंगे। दीन बंधू छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सीएम सोनीपत के 1794, करनाल के 108, रोहतक के 766 तथा पानीपत के 22 लाभार्थियों को प्लाटों की रजिस्ट्री का विरतण करेंगे। सीएम के पहुंचने पर पंचायत व सहकारिता राज्य मंत्री महिपाल ढ़ाडा ने स्वागत किया। ढांडा बोले- हम बादशाह बनकर काम नहीं करेंगे राज्य मंत्री महिपाल ढांडा मंच से बोले कि गरीबी को देखने वाला ही गरीब का दर्द समझता है।उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके कार्यकाल में सिर्फ लोगों को चक्कर कटवाए गए। कुछ को तालाब और कुछ झगड़ा वाली जगह पर प्लॉट काट कर दे दिए गए। 20 साल की प्लॉट की समस्या को भाजपा सरकार ने सुलझाकर जाकर झंडी फाड़ दी। नायब सैनी की सरकार में कोई भी चोरी, डकैती या घोटाला करने वाला कोई भी आदमी नहीं मिलेगा।ढांडा ने कहा कि हम बादशाह बनकर काम नहीं करेंगे। भाजपा ने एक संकल्प लिया हुआ है, अंतिम अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया है। मंत्री-MLA अपने हलको में बांटेंगे रजिस्ट्री मुख्यमंत्री के अलावा कैबिनेट मंत्री और विधायक भी इस योजना के तहत अपने हलको में बीपीएल लाभार्थियों को 100 गज के प्लाटों की रजिस्ट्री का आवंटन करेंगे। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में कैबिनेट मंत्री और विधायक 7000 से अधिक लाभार्थियों को प्लाट कब्जा आवंटन का पत्र देंगे। 15,356 मकानों को जल्द लोगों को मिलेंगी चाबियां इस योजना के ऐलान के बाद सीएम नायब सिंह ने चंडीगढ़ में बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान हरियाणा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 14,939 मकान बनाकर गरीब लोगों को दिए गए हैं। योजना के तहत लगभग 552 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। इसके अलावा, 15,356 मकान निर्माणाधीन है। इन मकानों की चाबियां भी जल्द ही लाभार्थियों को दी जाएंगी।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत भी हरियाणा में 29,440 मकान स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 26,318 मकान बनाए गए हैं। इस योजना के तहत प्रति लाभार्थी 1 लाख 38 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। इस प्रकार कुल 376 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। हरियाणा में शुरू हो चुकी मकान नवीनीकरण योजना सीएम ने बताया कि मकानों की मरम्मत के लिए भी हमारी सरकार डॉ भीमराव अंबेडकर नवीनीकरण योजना चला रही है, जिसके तहत 2138 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता भी सीधे उनके खातों में पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि हमारी डबल इंजन की सरकार गरीब के हित में मजबूती से फैसले लेकर उन्हें सशक्त करने का काम कर रही है।
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रोहतक MDU में एडमिशन शेड्यूल रिवाइज्ड:ऑनलाइन आवेदन की तिथि 10 जुलाई तक बढ़ाई गई, एमटेक, एम फार्मेसी और BPH छात्रों को राहत महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू), रोहतक में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में एमटेक और एम फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने बताया कि सत्र 2024-2025 में एमटेक और एम फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी 10 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इधर, एमडीयू में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सत्र 2024-2025 से संचालित किए जा रहे बैचलर ऑफ पब्लिक हेल्थ (बीपीएच) 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने बताया कि प्रवेश कार्यक्रम में संशोधन किया गया है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए समग्र अनंतिम मेरिट सूची 12 जुलाई को प्रदर्शित की जाएगी। पहली फिजिकल काउंसलिंग 15 जुलाई को होगी। प्रवेश होने की स्थिति में 16 जुलाई तक शुल्क जमा करना होगा। रिक्त सीटों की सूची 17 जुलाई को डिस्प्ले की जाएगी। दूसरी फिजिकल काउंसलिंग 19 जुलाई को आयोजित की जाएगी और फीस 20 जुलाई तक जमा करानी होगी। सीटें खाली रहने की सूरत में रिक्त सीटों की सूची 22 जुलाई को डिस्प्ले की जाएगी। तीसरी फिजिकल काउंसलिंग 23 जुलाई को आयोजित होगी, फीस 24 जुलाई तक जमा होगी। सीटें खाली रहने की सूरत में रिक्त सीटों की सूची 26 जुलाई को जारी की जाएगी। कक्षाएं 22 जुलाई से प्रारंभ होंगी। पीजी पाठ्यक्रमों में 14446 आवेदन एमडीयू में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों (पीजी प्रोग्राम्स) में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है। विभिन्न पीजी पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून तक विश्वविद्यालय को 14, 446 आवेदन प्राप्त हुए हैं। एम टेक तथा एम फार्मेसी पाठ्यक्रमों की छोड़कर बाकी सभी पाठ्यक्रम की आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून तक थी। विश्वविद्यालय की पीजी पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं 14 जुलाई से 18 जुलाई तक आयोजित की जाएगी। मेरिट लिस्ट 26 जुलाई को जारी की जाएगी।
कांग्रेस करेगी सर्वे रिपोर्ट देखकर टिकटों का फैसला:हरियाणा में पार्टी के 2 अलग-अलग सर्वे जारी, प्राइवेट एजेंसियां सीटवाइज सुझाएंगी 3-3 नाम
कांग्रेस करेगी सर्वे रिपोर्ट देखकर टिकटों का फैसला:हरियाणा में पार्टी के 2 अलग-अलग सर्वे जारी, प्राइवेट एजेंसियां सीटवाइज सुझाएंगी 3-3 नाम हरियाणा में लोकसभा की 5 सीटें जीत चुकी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद नजर आने लगी है। 10 साल से सरकार चला रही BJP के प्रति एंटी इन्कंबेंसी और सत्ताविरोधी रूझान को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व को लग रहा है कि बदलाव के इस माहौल में उसका नंबर लग सकता है। इसी क्रम में पार्टी ने हाल में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक अपने नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। कांग्रेस नेतृत्व को 90 सीटों पर 25 सौ से अधिक दावेदारों के आवेदन मिले हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने टिकट दावेदारों की लंबी-चौड़ी फौज के बीच सभी सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों का पता लगाने के लिए दो प्राइवेट एजेंसियों से सर्वे कराने का फैसला लिया है। ये दोनों सर्वे अलग-अलग होंगे और ग्राउंड जीरो पर इनका काम शुरू हो चुका है। दोनों एजेंसियां विधानसभा सीटवाइज सबसे मजबूत तीन-तीन दावेदारों के नाम पार्टी को सौंपेगी। ये नाम कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखे जाएंगे। उसके बाद कमेटी टिकटों पर फाइनल फैसला लेगी। जल्द से जल्द टिकट अनाउंस करने की कोशिश केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम दो दिन हरियाणा का दौरा कर, पुलिस-प्रशासनिक अफसरों और पार्टियों के साथ मीटिंग करके लौट चुकी है। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी समय किया जा सकता है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश है कि जल्द से जल्द टिकटों का ऐलान कर दिया जाए ताकि प्रत्याशियों को अपने-अपने एरिया में प्रचार करने के लिए अधिक से अधिक समय मिल पाए। एक सर्वे पूरा, दो का काम जारी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में टिकटों के ऐलान से पहले एक सर्वे पूरा करवा चुकी है। टिकट आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने और 25 सौ से अधिक दावेदारों के एप्लीकेशन मिलने के बाद पार्टी नेतृत्व किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। इसी वजह से अब दो अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियों से दो और सर्वे करवाने का फैसला लिया गया है। इन सर्वे का काम शुरू हो चुका है। पार्टी नेतृत्व ने फैसला लिया है कि दोनों एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट देखने के बाद ही टिकटों के बारे में आगे विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नए सिरे से सर्वे की जानकारी मिलते ही टिकट के लिए अप्लाई करने वाले नेता भी अपने-अपने इलाके में सक्रिय हो गए हैं। निष्पक्ष रिपोर्ट के लिए एजेंसियों के नाम सीक्रेट रखने की रणनीति कांग्रेस हाईकमान ने सर्वे के लिए जिन दो एजेंसियों को हायर किया है, उनसे जुड़ी डिटेल्स गोपनीय रखने पर खास फोकस है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि इन एजेंसियों की रिपोर्ट निष्पक्ष रहनी चाहिए इसलिए एजेंसियों के नाम भी गुप्त रखे गए हैं। जिताऊ उम्मीदवारों की पहचान के लिए एजेंसियां अपने सर्वे में कई प्वाइंट्स पर जानकारियां जुटा रही हैं। इसके बाद वह सीटवाइज तीन-तीन सबसे मजबूत नेताओं के नाम प्रपोज करेंगी। इन नामों पर कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में चर्चा होगी और उसके बाद टिकटों का ऐलान किया जाएगा। पहले सर्वे में पॉजिटिव रिस्पांस से पार्टी उत्साहित सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने हरियाणा में जो पहला सर्वे करवाया, उसमें राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर आम वोटर का मिजाज भांपने की कोशिश की गई। पार्टी नेतृत्व ने यह जानने का प्रयास किया कि आम लोग BJP सरकार के दस साल के कामकाज से कितने संतुष्ट और कितने नाखुश हैं। साथ ही वोटर इस बार के चुनाव को लेकर क्या सोचता है? इस सर्वे में कांग्रेस के प्रति पॉजिटिव रिस्पांस और BJP के खिलाफ बदलाव की लहर का संकेत मिलने से पार्टी नेतृत्व उत्साहित है। शुरुआती सर्वे में कांग्रेस को 55 से 60 सीट मिलने की उम्मीद जताई गई। पूर्ण बहुमत से 10-15 सीटें अधिक मिलने के संकेतों के बाद कांग्रेस में टिकट के लिए मारामारी बढ़ गई है। 2 चुनाव हारने वालों के नाम कटे तो हुड्डा होंगे कमजोर कांग्रेस में इस बात पर भी गंभीरता से विचार-मंथन चल रहा है कि 2014 और 2019 यानि लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को तीसरी बार टिकट दिया जाए या नहीं? पार्टी सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला समेत एक धड़ा इस पक्ष में है कि जनता की ओर से दो बार खारिज किए जा चुके नेताओं की जगह इस बार नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए। अगर सैलजा कैंप की ये मुहिम सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे बड़ा नुकसान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके खेमे के नेताओं को होगा। लगातार पिछले दो चुनाव हारने वाले दर्जनभर नेता हुड्डा खेमे से ही ताल्लुक रखते हैं। लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने वाले कांग्रेस नेताओं में नारनौल से राव नरेंद्र सिंह, कोसली से राव यादवेंद्र सिंह, पटौदी से सुधीर चौधरी, पृथला से रघुवीर तेवतिया, फतेहाबाद से प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, टोहाना से परमवीर सिंह, बाढ़ड़ा से रणबीर महेंद्रा, बवानीखेड़ा से रामकिशन फौजी, जुलाना से धर्मेंद्र सिंह ढुल, नरवाना से विद्यारानी, रतिया से जरनैल सिंह, गुहला से दिल्लूराम बाजीगर, पेहवा से मनदीप सिंह चट्ठा और लोहारू से सोमवीर सिंह शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर हुड्डा कैंप के हैं। BJP की बंद कमरों में मीटिंग्स जारी राज्य में 10 साल से सरकार चला रही भाजपा को भी ग्राउंड जीरो के हालात की भनक है और वह बदलाव के माहौल का तोड़ निकालने की कोशिश में जुटी है। हालांकि यह बात भी काफी हद तक सही है कि खुद बीजेपी के अंदर इस बार 2014 और 2019 जैसा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा। पार्टी के तमाम रणनीतिकार और बड़े नेता बंद कमरों में मीटिंग्स करने में व्यस्त हैं।