कुरूक्षेत्र में अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने हत्या करने, षड्यंत्र करने तथा हत्या के सबूत मिटाने के मामले में 2 दोषियों को सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी प्रदीप निवासी जाणी जिला करनाल और गलेडवा जिला कुरूक्षेत्र निवासी एक महिला को आजीवन कठोर कारावास और क्रमशः 1 लाख 3 हजार व 48 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने जुर्माना नहीं भरने पर अधिक सजा का भी आदेश जारी किया है। अदालत ने दोषी व्यक्ति पर 1 लाख 3 हजार और दोषी महिला पर 48 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। 2020 में की थी महिला की हत्या उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि दिनांक 6 नवम्बर 2020 को रंजित सिंह निवासी पेहवा ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उसकी शादी गांव गलेडवा में हुई थी। उसकी ससुराल के सभी बच्चे विदेश में रहते हैं। उसके साले कृपाल सिंह की पत्नी परमजीत कौर अपनी पुत्रवधु के साथ गांव में ही मकान में रहती थी। दिनांक 6 नवम्बर को उसको सूचना मिली कि उसके साले की पत्नी परमजीत कौर की किसी ने रसोई में फंदा लगाकर हत्या कर दी है, तथा गैस की पाइप काटकर आग लगाने की कोशिश की गई है। मार्च 3023 को अदालत में गया था केस सूचना पर वह मौका पर पहुंचा तथा पुलिस को सूचना दी। जिसकी शिकायत पर थाना सदर पेहवा में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच की गई। तफ्तीश के दौरान आरोपी प्रदीप व गलेडवा जिला कुरूक्षेत्र निवासी एक महिला को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले का चालान दिनांक 2 मार्च 2023 को माननीय अदालत में दिया गया था। सजा के साथ लगाया जुर्माना मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी प्रदीप को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 120बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 201 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 8 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 8 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 452 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 15 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 10 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई है। महिला को ये सजा सुनाई आरोपी महिला निवासी गलेडवा जिला कुरुक्षेत्र को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 120बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 201 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 8 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 8 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई है। कुरूक्षेत्र में अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने हत्या करने, षड्यंत्र करने तथा हत्या के सबूत मिटाने के मामले में 2 दोषियों को सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी प्रदीप निवासी जाणी जिला करनाल और गलेडवा जिला कुरूक्षेत्र निवासी एक महिला को आजीवन कठोर कारावास और क्रमशः 1 लाख 3 हजार व 48 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने जुर्माना नहीं भरने पर अधिक सजा का भी आदेश जारी किया है। अदालत ने दोषी व्यक्ति पर 1 लाख 3 हजार और दोषी महिला पर 48 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। 2020 में की थी महिला की हत्या उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि दिनांक 6 नवम्बर 2020 को रंजित सिंह निवासी पेहवा ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उसकी शादी गांव गलेडवा में हुई थी। उसकी ससुराल के सभी बच्चे विदेश में रहते हैं। उसके साले कृपाल सिंह की पत्नी परमजीत कौर अपनी पुत्रवधु के साथ गांव में ही मकान में रहती थी। दिनांक 6 नवम्बर को उसको सूचना मिली कि उसके साले की पत्नी परमजीत कौर की किसी ने रसोई में फंदा लगाकर हत्या कर दी है, तथा गैस की पाइप काटकर आग लगाने की कोशिश की गई है। मार्च 3023 को अदालत में गया था केस सूचना पर वह मौका पर पहुंचा तथा पुलिस को सूचना दी। जिसकी शिकायत पर थाना सदर पेहवा में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच की गई। तफ्तीश के दौरान आरोपी प्रदीप व गलेडवा जिला कुरूक्षेत्र निवासी एक महिला को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले का चालान दिनांक 2 मार्च 2023 को माननीय अदालत में दिया गया था। सजा के साथ लगाया जुर्माना मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी प्रदीप को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 120बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 201 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 8 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 8 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 452 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 15 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 10 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई है। महिला को ये सजा सुनाई आरोपी महिला निवासी गलेडवा जिला कुरुक्षेत्र को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 120बी के तहत आजीवन कठोर कारावास व 40 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 13 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 201 के तहत 7 साल कठोर कारावास व 8 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 8 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सरकार से शहरी लोगों को राहत:500 गज के प्लाट की टुकड़ों में रजिस्ट्री करा सकेंगे; नो ड्यूज सर्टिफिकेट के लिए 2 चीज जरूरी हरियाणा सरकार शहरी लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार ने फैसला किया है कि 500 गज के प्लाट की लोग अब 100 और 50 गज के टुकड़ों में रजिस्ट्री करा सकेंगे। इसके अलावा नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) लेना भी आसान होगा। इसके लिए प्रॉपर्टी-ID और हाउस टैक्स जैसे दस्तावेजों को जरूरी किया गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से इसको लेकर पूरी कार्य योजना तैयार कर ली गई है। एक-दो दिन में यह कार्ययोजना मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने रखी जाएगी, जिसकी मंजूरी मिलते ही एक घोषणा कर दी जाएगी। अवैध कॉलोनियां होंगी वैध प्रदेश की अवैध कॉलोनियां भी वैध होंगी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से ऐसी कॉलोनियों की सूचना 30 जून तक जिलों से देने को कहा है। सूबे के सभी शहरी स्थानीय निकाय अधिकारियों से इस काम को जल्दी से जल्दी करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा शहरी स्थानीय निकाय प्रतिनिधियों की शक्तियों को भी बढ़ाने पर भी सरकार विचार कर रही है। शहरों में बंद पड़ी रजिस्ट्रियों पर लगी रोक हटाने के लिए भी सरकार जल्द फैसला ले सकती है। कल से 3 दिन नहीं मिलेगा रजिस्ट्री का टोकन हरियाणा में कल शाम से रजिस्ट्री का टोकन नहीं मिल पाएगा। इसकी वजह यह है कि सूबे में रजिस्ट्री से जुड़े काम ऑनलाइन किए जाने की तैयारी है। राजस्व विभाग का जमाबंदी पोर्टल शुक्रवार की शाम 6 बजे बंद हो जाएगा, जो रात 11 बजे के बाद ही खुलेगा। इससे लोगों को रजिस्ट्री का टोकन और इंतकाल, जमाबंदी नकल निकालने में दिक्कत आएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल को नियमित अपडेट के लिए 3 दिन के लिए बंद किया जा रहा है।
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गुरुग्राम में हुड्डा-सैलजा गुट में शह-मात का खेल:सैलजा कैंप लगातार 2 चुनाव हारने वालों को टिकट न देने के पक्ष में, पूर्व सीएम खेमे में बेचैनी हरियाणा प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी लगातार तेज होते जा रही है। कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर रणनीति बनाने का दौर जारी है। इसके साथ ही गुरुग्राम जिले की चारों विधानसभा सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनकी धुरविरोधी कुमारी सैलजा के ग्रुप में अंदरखाने शह-मात का खेल भी स्टार्ट हो गया है। विरोधी धड़े को कमजोर कर अपना कद बढ़ाने के लिए दोनों गुटों के नेता लगातार हाथ-पैर मार रहे है। कुमारी सैलजा और उनके साथी रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रुप इस कोशिश में है कि लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को इस बार टिकट ना मिल पाए। इसके लिए फील्डिंग जमाई जा रही है। यह धड़ा हाईकमान को इस बात के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों पर दांव लगाया जाए ताकि पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बना सके। अगर सैलजा खेमे की यह प्लानिंग सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुड्डा खेमे से जुड़े नेताओं को होगा। इसकी वजह से इस धड़े के नेताओं में थोड़ी बेचैनी दिख रही है। इन नेताओं की जगह अगर नए चेहरों को टिकट मिला और पार्टी सत्ता में आई तो सीएम चेहरे को लेकर भी सैलजा खेमे की दावेदारी मजबूत होगी। लोकसभा चुनाव नतीजों से उत्साह का माहौल लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीट जीतने के बाद कांग्रेसी वर्करों और नेताओं में उत्साह का माहौल है। यही कारण है कि ज्यादा नेता पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। इसके साथ ही पार्टी में हुड्डा और सैलजा कैंप के बीच आपसी खींचतानी भी बढ़ने लगी है। हालांकि हाईकमान ने दोनों गुटों को सार्वजनिक तौर पर एकजुटता दिखाने का सख्त संदेश दे रखा है लेकिन अंदरखाने दोनों ही गुट एक-दूसरे की जड़ खोदने में जुटे नजर आ रहे हैं। सैलजा-रणदीप गुट की कोशिश है कि 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को इस बार किसी सूरत में टिकट न मिलने पाए। ऐसे नेताओं में ज्यादातर हुड्डा कैंप से आते हैं। लगातार दो चुनाव हारने वाले ज्यादातर नेता हुड्डा कैंप से अगर सैलजा-रणदीप गुट की चली और लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट देने से पार्टी ने परहेज किया तो इसका सबसे अधिक नुकसान हुड्डा खेमे को होगा। हुड्डा गुट से जुड़े ऐसे नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी हैं जो 2014 और 2019 में पार्टी का टिकट मिलने के बावजूद जीत पाने में नाकाम रहे। सैलजा-रणदीप चाहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान जनता की ओर से खारिज किए जा चुके इन नेताओं की जगह नए चेहरों पर दांव लगाए ताकि जनता और पार्टी कैडर को यह संदेश दिया जा सके कि कांग्रेस में चेहरों से ज्यादा काबिलियत मायने रखती है। इसके लिए दोनों नेता दिल्ली में लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा फायदे में सैलजा कैंप ही रहेगा। सीएम चेहरे पर दावा ठोकने की तैयारी कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि हरियाणा में इस बार लोगों का झुकाव कांग्रेस की ओर है तथा वह राज्य में 10 साल से सत्ता में बैठी भाजपा से नाराज है। लोकसभा चुनाव नतीजों ने उसकी इस थ्योरी को और मजबूती दी है। ऐसे में हाईकमान को लगता है कि पार्टी के पास भाजपा से सत्ता से बाहर करने का इस बार सुनहरा मौका है। पार्टी नेतृत्व इस मौके को गंवाना नहीं चाहता इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाया जा रहा है। पार्टी में किसी तरह की नाराजगी से बचने के लिए राज्य में संगठन बनाने का काम भी होल्ड पर डाल दिया गया है। कांग्रेस के दिग्गज भी हालात को भांप चुके हैं इसलिए उनमें अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने की होड़ नजर आने लगी है। इन नेताओं को लगता है कि अगर पार्टी को बहुमत मिला तो चुनाव नतीजों के बाद संख्या बल के आधार पर सीएम पद पर मजबूती से दावा ठोका जा सके। कमलबीर की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री कांग्रेस हरियाणा में दलित चेहरे के रूप में सैलजा को आगे करके ओबीसी और दूसरे वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है। यदि दो बार चुनाव हारने वालों के टिकट कटे तो हुड्डा खेमा बैकफुट पर होगाा और एडवांटेज सैलजा कैंप के पास होगा। कांग्रेस में हुड्डा विरोधी कैंप की अगुवाई कर रही सैलजा के साथ पहले रणदीप सुरजेवाला के साथ किरण चौधरी भी थी लेकिन अब वह बीजेपी में जा चुकी हैं। ऐसे में सैलजा कैंप में किरण चौधरी की जगह लेने का दावा जनता दल के दिग्गज नेता रहे स्व. शरद यादव के समधी कमलबीर कर रहे हैं। शरद यादव की बेटी सुभाषिनी की शादी कमलबीर के बेटे राजकमल से हुई है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सुभाषिनी को अपनी बहन मानते हैं। इस नाते राव कमलबीर सिंह की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री है। जातिगत रूप से देखा जाए तो इस समय सैलजा कैंप में एक दलित, एक जाट और एक यादव नेता हो जाते हैं।