समेज में लापता महिला की हुई पहचान:दत्तनगर में 10 दिन पहले मिली थी बांई टांग, डीएनए के जरिए शिनाख्त

समेज में लापता महिला की हुई पहचान:दत्तनगर में 10 दिन पहले मिली थी बांई टांग, डीएनए के जरिए शिनाख्त

शिमला जिले में समेज त्रासदी में लापता लोगों की खोज के लिए सतलुज के किनारे तलाशी अभियान भी जारी है। 1 अगस्त को रामपुर के दत्तनगर में मिली महिला की टांग की शिनाख्त डीएनए से हो गई है। टांग की पहचान संतोष कुमारी गांव कानराहाड डाकघर, रामपुर के रूप मे हुई है। डीएसपी नरेश शर्मा ने कहा कि 1 अगस्त को दत्तनगर में एक महिला की बांई टाँग मिली थी, जिसका डीएनए मिलान किया गया। त्रासदी वाली रात को संतोष के घर पर निरमंड से मेहमान वेद राज भी आया था। जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। समेज खड्ड से लापता कई लोगों का नहीं लगा सुराग समेज खड्ड में पानी का बहाव अधिक होने से से कई लोग लोग बहकर सतलुज में समा गए। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन सतलुज में चलाया जा रहा है। जिससे लापता लोग किसी भी हालत में मिल जाएं। परिजनों ने कहा कि अब उनके लापता हुए अपनों के जीवित बचने की संभावना काफी कम है। ऐसे में अब वे ये ही उम्मीद कर रहे है कि लापता लोग किसी भी हालत में मिल जाएं। शिमला जिले में समेज त्रासदी में लापता लोगों की खोज के लिए सतलुज के किनारे तलाशी अभियान भी जारी है। 1 अगस्त को रामपुर के दत्तनगर में मिली महिला की टांग की शिनाख्त डीएनए से हो गई है। टांग की पहचान संतोष कुमारी गांव कानराहाड डाकघर, रामपुर के रूप मे हुई है। डीएसपी नरेश शर्मा ने कहा कि 1 अगस्त को दत्तनगर में एक महिला की बांई टाँग मिली थी, जिसका डीएनए मिलान किया गया। त्रासदी वाली रात को संतोष के घर पर निरमंड से मेहमान वेद राज भी आया था। जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। समेज खड्ड से लापता कई लोगों का नहीं लगा सुराग समेज खड्ड में पानी का बहाव अधिक होने से से कई लोग लोग बहकर सतलुज में समा गए। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन सतलुज में चलाया जा रहा है। जिससे लापता लोग किसी भी हालत में मिल जाएं। परिजनों ने कहा कि अब उनके लापता हुए अपनों के जीवित बचने की संभावना काफी कम है। ऐसे में अब वे ये ही उम्मीद कर रहे है कि लापता लोग किसी भी हालत में मिल जाएं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर