हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के नादौन कस्बे में ब्यास पुल पर मंगलवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। ब्यास पुल पर ट्रक की टक्कर से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। महिला के शरीर के 3 टुकड़े हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने महिला के क्षत विक्षत शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक महिला की पहचानरैल गांव की पूजा देवी (39) के तौर पर हुई है। पूजा देवी अपने पति दुनी चंद के साथ स्कूटी पर अपने रिश्तेदार के घर भड़ोली जा रहे थे। ओवरटेक करने के दौरान मारी टक्कर इस दौरान ब्यास पुल पर पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक न. एचपी 67-4067 ने ओवरटेक करते समय एचपी 23 ए-4999 नंबर स्कूटी को टक्कर मारी। इससे महिला ट्रक के पिछले टायर के नीचे आ गई, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। ट्रक महिला को लगभग 32 फीट तक घसीटते हुए ले गया, जिससे उसके शरीर के 3 टुकड़े हो गए। सड़क पर बिखरे महिला के शरीर के टुकड़े महिला के शरीर के टुकड़े सड़क पर अलग-अलग जगह बिखरे पड़े थे। पुलिस ने आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है। SHO बाबू राम शर्मा ने बताया कि महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और सरकाघाट निवासी आरोपी ट्रक चालक तिलक राज को गिरफ्तार कर लिया है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के नादौन कस्बे में ब्यास पुल पर मंगलवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। ब्यास पुल पर ट्रक की टक्कर से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। महिला के शरीर के 3 टुकड़े हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने महिला के क्षत विक्षत शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक महिला की पहचानरैल गांव की पूजा देवी (39) के तौर पर हुई है। पूजा देवी अपने पति दुनी चंद के साथ स्कूटी पर अपने रिश्तेदार के घर भड़ोली जा रहे थे। ओवरटेक करने के दौरान मारी टक्कर इस दौरान ब्यास पुल पर पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक न. एचपी 67-4067 ने ओवरटेक करते समय एचपी 23 ए-4999 नंबर स्कूटी को टक्कर मारी। इससे महिला ट्रक के पिछले टायर के नीचे आ गई, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। ट्रक महिला को लगभग 32 फीट तक घसीटते हुए ले गया, जिससे उसके शरीर के 3 टुकड़े हो गए। सड़क पर बिखरे महिला के शरीर के टुकड़े महिला के शरीर के टुकड़े सड़क पर अलग-अलग जगह बिखरे पड़े थे। पुलिस ने आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है। SHO बाबू राम शर्मा ने बताया कि महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और सरकाघाट निवासी आरोपी ट्रक चालक तिलक राज को गिरफ्तार कर लिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
CISF कॉन्स्टेबल के हक में उतरी बुजुर्ग महिला किसान:बोली- वह बहादुर बच्ची, मैं जेल जाने को तैयार, कंगना रनोट ने इन्हीं पर दिया था विवादित बयान
CISF कॉन्स्टेबल के हक में उतरी बुजुर्ग महिला किसान:बोली- वह बहादुर बच्ची, मैं जेल जाने को तैयार, कंगना रनोट ने इन्हीं पर दिया था विवादित बयान बॉलीवुड अभिनेत्री सांसद कंगना रनोट को यानी गुरुवार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने थप्पड़ मार दिया। महिला कर्मचारी ने थप्पड़ मारने का कारण भी बताया। उसने बताया कि कंगना ने महिला किसानों को 100-100 रुपए लेकर धरने पर बैठने वाली कहा था। उस वक्त मेरी मां वहां बैठी थी। हालांकि जिस महिला किसान मोहिंदर कौर की फोटो को लेकर कंगना ने ये बातें कहीं थी, वह अब मीडिया के सामने आई है। कंगना के थप्पड़कांड पर मोहिंदर कौर ने न केवल कुलविंदर का समर्थन किया, बल्कि ये भी कहा कि वे CISF कॉन्स्टेबल के लिए जेल जाने को भी तैयार है। यही नहीं, बुजुर्ग महिला किसान ने CISF कॉन्स्टेबल को बहादुर बेटी भी बताया। किसान मोहिंदर कौर की कही अहम बातें… 1. किसानों के लिए कानून मरने जैसा था
किसान महिंदर कौर ने कहा- सरकार किसानों की जायदाद खोना चाहती थी। किसान भूखे-प्यासे धरने पर जाते थे। न उन्हें दिन अच्छा लगता था न रात। बारिश-धूप सब कुछ सहा। किसान बहुत परेशान हुए। साल दिल्ली बैठे रहे। किसानों से खेत छीन लेते तो उनके पास क्या रह जाता?। यह तो मरने जैसा था। 2. केस किया तो कंगना बोली- मैं बहुत तगड़ी हूं
कंगना ने कहा कि 100 रुपए लेकर 80-80 साल की बुजुर्ग औरतें आ जाती हैं। मैंने केस किया था। कंगना कहती है कि वह बहुत तगड़ी है। अदालतों के काम लंबे होते हैं। वह भी सिरे चढ़ जाएगा। 3. थप्पड़ मारने वाली बहादुर बेटी
मोहिंदर कौर ने कहा- कंगना रनोट को थप्पड़ मारने वाली तो बहादुर बेटी है। उसे कोई तकलीफ नहीं आएगी। जिस मां ने ऐसी बेटी को जन्म दिया, बिल्कुल शेर बच्ची है। उसने सबक सिखाया कि अच्छा बोले। सांसद बन गई, अभी भी बोलना नहीं आता। वह कंगना को बोलना सिखा रही थी। 4. किसान तो मेहनत करता है, आतंकवादी कैसे?
मोहिंदर कौर ने कहा- कंगना अभी भी किसानों को आतंकवादी कह रही है। किसान तो खेतीबाड़ी करते हैं। किसान तो दिन-रात मेहनत करता है। किसानों को कुलविंदर का साथ देना चाहिए। जरूरत पड़ी तो उससे पहले जेल जाना चाहिए। मैं भी कुलविंदर कौर के लिए जेल जाने को तैयार हूं। पढ़िए, कंगना को वह बयान, जिसकी वजह से थप्पड़कांड हुआ
कंगना ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो को पोस्ट किया और लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। कंगना का वह पोस्ट, जिसमें महिला को 100 रुपए लेकर धरने पर बैठने वाली लिखा था जिस महिला पर कंगना ने कमेंट किया था, वे बठिंडा के गांव बहादुरगढ़ जंडिया की रहने वाली मोहिंदर कौर थी। उन्होंने इस मामले के बाद बठिंडा कोर्ट में कंगना के खिलाफ मानहानि का दावा कर दिया। 4 जनवरी 2021 को कोर्ट में केस दायर किया था। इसकी करीब 13 महीने सुनवाई चली और इसके बाद कंगना को इस मामले में समन भी किया गया था। याचिका में मानसिक परेशान करने के लगे थे आरोप
कंगना रनोट ने किसान आंदोलन में शामिल बुजुर्ग महिला किसान मोहिंदर कौर को बिलकिस बानो समझ लिया था, जो शाहीन बाग में एंटी CAA प्रोटेस्ट का चेहरा रहीं। मोहिंदर कौर ने कहा कि कंगना ने उनकी तुलना किसी दूसरी महिला से की। कंगना के ट्वीट से उन्हें मानसिक परेशानी हुई। परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, ग्रामीणों और आम लोगों के बीच उनकी छवि को ठेस पहुंची। कीरतपुर साहिब में हुआ था कंगना का विरोध
इससे 3 साल पहले कंगना रनोट को किसानों ने कीरतपुर साहिब में भी घेर लिया था। कंगना हिमाचल में अपने घर से मुंबई के लिए रवाना हुई थी। जब कंगना का काफिला चंडीगढ़-ऊना हाइवे पर पहुंचा तो वहां पहले से किसान जमा थे। उन्होंने पुलिस से पूछा और पता चला कि गाड़ी में कंगना रनोट भी बैठी हुई है। इसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कंगना की गाड़ी घेर ली। यह घेराव चंडीगढ़-ऊना नेशनल हाइवे पर कीरतपुर साहिब में किया गया था। जिसके बाद वहां कंगना गाड़ी से बाहर निकली और माफी मांगी। किसान फिर मोरिंडा टोल प्लाजा पर जमा हुए तो पुलिस ने उन्हें गांवों के रास्ते निकालकर चंडीगढ़ पहुंचाया था। कंगना ने कहा था- मेरी मॉब लिंचिंग हो रही
कंगना रनोट ने वीडियो जारी कर कहा था कि खुद को किसान कहने वालों ने मुझे घेर लिया है। मुझे गाली दे रहे हैं। सिक्योरिटी होने के बाद भी मेरे साथ यह सब हो रहा है। पुलिस होने के बावजूद मुझे रोका गया है। उन्होंने कहा कि भरोसा नहीं हो रहा कि मुझे यहां से नहीं निकलने दिया जा रहा। मेरे साथ सरेआम मॉब लिंचिंग हो रही है। मैं कोई नेता नहीं हूं और न ही कोई पार्टी चलाती हूं। ये भी पढ़ें… कंगना को थप्पड़ मारने वाली CISF कांस्टेबल गिरफ्तार:किसान नेताओं की मांग- एक्ट्रेस का डोप टेस्ट हो; महिला आयोग बोला- जिम्मेदार ही उल्लंघन कर रहे कौन है कुलविंदर कौर, जिसने कंगना रनोट को थप्पड़ मारा:कपूरथला की रहने वाली, जम्मू में शादी हुई, 2 छोटे बच्चे, पति भी CISF में
ऊना ITI में 22 अगस्त को रोजगार मेला:होंडा कार इंडिया में रोजगार का मौका, इंटरव्यू के बाद मिलेगी जॉब
ऊना ITI में 22 अगस्त को रोजगार मेला:होंडा कार इंडिया में रोजगार का मौका, इंटरव्यू के बाद मिलेगी जॉब हिमाचल के युवाओं के लिए होंडा कार इंडिया लिमिटेड कंपनी में नौकरी पाने का अच्छा अवसर है। कंपनी 22 अगस्त को ऊना आईटीआई में अप्रेंटिसशिपऔर फिक्स्ड टर्म एसोसिएटस के पदों के लिए इंटरव्यू का आयोजन करेगी। इंटरव्यू में फिटर, ऑटोमोबाइल, मशिनिस्ट, टर्नर, वेल्डर, डीजल मकैनिक इत्यादि ट्रेडों के अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। इस रोजगार मेले में हिमाचल प्रदेश और पंजाब के अभ्यर्थी इंटरव्यू दे सकते है। प्रिंसिपल ने दी जानकारी आईटीआई के प्रिंसिपल अंशुल भारद्वाज ने बताया कि होंडा कंपनी में 100 अप्रेंटिसशिप और 50 फिक्स्ड टर्म एसोसिएटस की जरूरत है। अप्रेंटिसशिप के लिए अभ्यर्थी की आयु 18 से 23 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, फिक्स्ड टर्म एसोसिएटस के लिए आयु 19 से 25 होनी चाहिए। इसके अलावा कम से कम 6 माह का अनुभव होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी हिमाचल प्रदेश या पंजाब का स्थाई निवासी होना चाहिए। साथ ही उसे कोविड की दोनों डोज लगी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में अप्रेंटिसशिप के लिए चयनित अभ्यर्थी को 12,850 रुपए प्रतिमाह वेतन मिला। जबकि फिक्स्ड टर्म एसोसिएटस के लिए चयनित अभ्यर्थी को 24,250 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा।
हिमाचल में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को बुलाई गेट मीटिंग:DA-एरियर पर फिर खोलेंगे मोर्चा; प्रिविलेज मोशन को लेकर सरकार से नाराज
हिमाचल में कर्मचारियों ने 17 सितंबर को बुलाई गेट मीटिंग:DA-एरियर पर फिर खोलेंगे मोर्चा; प्रिविलेज मोशन को लेकर सरकार से नाराज हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा सत्र से पहले DA और एरियर की मांग को लेकर मोर्चा खोल कर बैठे सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने एक बार फिर 17 सितंबर को गेट मीटिंग का ऐलान कर दिया है। सरकार कर्मचारी नेताओं के खिलाफ सख्ती में नजर आ रही है। वहीं कर्मचारियों ने भी फिर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। प्रिविलेज मोशन से डरने वाले नहीं कर्मचारी नेता
सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि महासंघ ने तय किया है कि कर्मचारियों के मुद्दों पर 17 सितंबर को गेट मीटिंग होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सचिवालय कर्मचारियों ने अपना काम पूरी निष्ठा से किया। लेकिन इसका इनाम उन्हें प्रिविलेज मोशन के रूप में दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार चुने हुए कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया। उन्होंने कहा कि प्रिविलेज मोशन आया है, लेकिन इससे वह डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो विधानसभा में विघ्न डाला न ही विधानसभा में किसी को गाली दी, फिर भी प्रिविलेज मोशन लाया गया। कर्मचारियों ने पूर्व में फूंके है सीएम के पुतले, किसी ने नहीं लाया प्रिविलेज मोशन प्रदेश में पहले भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किए है और प्रदर्शन ही नही कर्मचारियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के पुतले तक फूंके है. उनका घेराव घेराव तक किया है मगर फिर भी कभी किसी मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज पोस्ट मोशन हीं लाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों की बदौलत बनी है, मगर कर्मचारियों की गेट मीटिंग पर मेमो लाया गया. कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग वार्ता के लिए तैयार उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार के परिवार के लोग हैं। उन्होंने वार्ता का रास्ता खुला रखा है। प्रदेश सरकार वार्ता के लिए बुलाती है, तो कर्मचारी वार्ता के लिए तैयार हैं। मगर सरकार ने अभी तक बात नहीं सुनी। ऐसे में महासंघ ने तय किया है कि 17 सितंबर को गेट मीटिंग की जाएगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी। संजीव शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक अवकाश का भी एक रास्ता है, लेकिन वो नहीं चाहते नोबत यहां तक आए। क्या है कर्मचारियों का मामला? बता दें कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारियों की DA की तीन किश्त पेंडिंग है और चौथी देने को हो गयी है। ऐसे में लंबित DA एरियर की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विधानसभा मानसून सत्र से पहले प्रदेश सरकार के खिलाफ विशाल गेट मीटिंग की। जिसमें सरकार व कर्मचारियों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था जो टूटने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार ने विधानसभा में कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस लाए है। सरकार सख्ती में नजर आ रही और कर्मचारी एक बार फिर मोर्चा खोलने की तैयारी में है।