करनाल | एंटी बर्गलरी टीम पहले से चोरी के मामलों में जेल में बंद प्रदीप उर्फ कालू वासी सिंधवाली मेरठ, रामलाल वासी सौकड़ा और विक्की वासी धनसौली पानीपत को प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया है। सभी आरोपियों को थाना तरावड़ी में 6 जुलाई को दर्ज केस में अदालत के सामने पेशकर एक दिन के रिमांड पर लिए गए हैं। एंटी बर्गलरी टीम के इंचार्ज प्रदीप कुमार ने आरोपियों से पूछताछ कर उनके कब्जे से चोरीशुदा ट्राली बरामद की गई। ट्रैक्टर पहले ही बरामद किया जा चुका है। सभी तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले भी करीब 10 से 12 मामले चोरी की धाराओं के तहत दर्ज हैं, जिनमें भी वह गिरफ्तार हो चुके हैं। करनाल | एंटी बर्गलरी टीम पहले से चोरी के मामलों में जेल में बंद प्रदीप उर्फ कालू वासी सिंधवाली मेरठ, रामलाल वासी सौकड़ा और विक्की वासी धनसौली पानीपत को प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया है। सभी आरोपियों को थाना तरावड़ी में 6 जुलाई को दर्ज केस में अदालत के सामने पेशकर एक दिन के रिमांड पर लिए गए हैं। एंटी बर्गलरी टीम के इंचार्ज प्रदीप कुमार ने आरोपियों से पूछताछ कर उनके कब्जे से चोरीशुदा ट्राली बरामद की गई। ट्रैक्टर पहले ही बरामद किया जा चुका है। सभी तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले भी करीब 10 से 12 मामले चोरी की धाराओं के तहत दर्ज हैं, जिनमें भी वह गिरफ्तार हो चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
पानीपत में लव मैरिज विवाद में पिता को मारी गोली:7 नवंबर से फरार है बेटा, पड़ोसी गांव की लड़की को लेकर भागा
पानीपत में लव मैरिज विवाद में पिता को मारी गोली:7 नवंबर से फरार है बेटा, पड़ोसी गांव की लड़की को लेकर भागा पानीपत जिले के समालखा कस्बे के नामुंडा गांव में रविवार रात घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। आरोपी रंजिश के चलते बेटे की हत्या करने आए थे, लेकिन जब वह घर पर नहीं मिला तो पिता को गोली मारकर फरार हो गए। दरअसल, बेटे ने पड़ोसी गांव की बेटी से प्रेम विवाह किया था। इसी बात को लेकर लड़की पक्ष रंजिश रखता है। आशंका है कि इसी बात को लेकर आरोपी वहां आए थे। घायल ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पहले बेटे के बारे में पूछने आया, फिर 20 मिनट बाद आकर गोली मार दी समालखा थाने में दी शिकायत में सुरेश ने बताया कि वह गांव नामुंडा का रहने वाला है। उसके तीन बच्चे हैं। इनमें दो बेटियां और एक बेटा है। उसका बेटा दीपक 7 नवंबर से घर से लापता है। सुरेश ने बताया कि 1 दिसंबर को वह घर पर था। शाम करीब 7 बजे एक युवक उसके घर आया। उसने पूछा कि दीपक कहां है। उसे बताया गया कि दीपक के बारे में उसे कुछ नहीं पता। इसके बाद वह वहां से चला गया। करीब 20 मिनट बाद युवक अपने एक साथी के साथ पिस्तौल लेकर घर पर आया। उस समय वह अपने भतीजे रोहित के साथ बैठा था। एक युवक घर में घुस गया, जबकि दूसरा स्टार्ट बाइक पर बाहर बैठा रहा। घर में घुसे युवक ने उस पर गोली चला दी। उसने करीब 3-4 गोलियां चलाईं, जिसमें से एक उसके कंधे पर लगी। इसके बाद जब उसने शोर मचाया तो वह अपने साथी के साथ वहां से भाग गया। अज्ञात आरोपी ने दीपक से रंजिश रखते हुए उसे जान से मारने की नीयत से गोली मार दी और फरार हो गया। पड़ोसी गांव की लड़की के साथ अज्ञात स्थान पर रह रहा बेटा घायल सुरेश का इकलौता बेटा पड़ोसी गांव की लड़की के साथ भाग गया था। जिसके चलते लड़की के परिवार ने पंचायत भी की थी। लड़का और लड़की दोनों ही कहीं और अज्ञात स्थान पर रह रहे हैं। लड़की के परिवार ने दोनों को एक साथ जान से मारने की धमकी दी है। फिलहाल वारदात को अंजाम देने की यही वजह मानी जा रही है। लेकिन इसके अलावा पुलिस अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है।
अहीरवाल बेल्ट से हरियाणा CM बनाने की मांग:यादव सभा बोली- भाजपा की हैट्रिक में क्षेत्र का अहम रोल, इस बार 10 सीटें जिताईं
अहीरवाल बेल्ट से हरियाणा CM बनाने की मांग:यादव सभा बोली- भाजपा की हैट्रिक में क्षेत्र का अहम रोल, इस बार 10 सीटें जिताईं हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर अलग-अलग बेल्ट से आवाज उठनी शुरू हो गई है। ऐसी ही मांग भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल इलाके से उठी। रेवाड़ी के श्रीकृष्ण भवन में यादव कल्याण सभा ने प्रधान रामबीर यादव की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर इस बेल्ट से सीएम पद पर दावा ठोका। साथ ही साफ कह दिया कि अगर सीएम नहीं तो डिप्टी सीएम के पद पर इस इलाके का पूरा हक है, क्योंकि इस इलाके की वजह से ही तीनों बार भाजपा को हरियाणा की सत्ता पर काबिज होने का मौका मिला। यहां के लोगों ने सबसे ज्यादा भाजपा का समर्थन किया और इस बार तो 11 में 10 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को जिताने का काम किया। सभा के प्रवक्ता प्रोफेसर सतीश यादव ने बताया कि बैठक में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम बारे विशेष चर्चा की गई। यादव कल्याण सभा ने भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मांग की है कि हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल के गठन में अहीरवाल को मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण पद देकर इस क्षेत्र का सम्मान किया जाए। 2014 में 11 और 2019 में 8 सीट जीती भाजपा साल 2014 से पहले तक अहीरवाल इलाका एक तरह से कांग्रेस का गढ़ हुआ करता। उसके बाद अहीरवाल बेल्ट में भाजपा ने अपनी ऐसी जड़ें जमाई की 11 की 11 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए पहली बार प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 2019 के चुनाव में वितरित परिस्थितियों के बीच इस इलाके ने भाजपा का साथ दिया और 11 में से 8 सीटों पर भाजपा के कैंडिडेट जीत गए। हालांकि 2024 में किसी को अनुमान नहीं था कि अहीरवाल ही भाजपा को इतने बड़े स्तर पर समर्थन देगा। यहां भाजपा को 10 सीटों पर जीत मिली। पहली दो सरकार में अहीरवाल बेल्ट से सरकार में कोई खास प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से इस बार सरकार में अहम पद को लेकर यादव सभा एक्टिव हो चुकी है। 2 टर्म में कोई खास प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया नांगल चौधरी से लेकर गुरुग्राम तक 11 सीटें अहीर बाहुल्य हैं। रेवाड़ी, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ की इन 11 सीटों में बावल और पटौदी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2014 में जब पहली बार भाजपा की सरकार आई तो इस पूरे इलाके से 2 कैबिनेट मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और राव नरबीर के अलावा एक राज्यमंत्री बिक्रम ठेकेदार को बनाया गया। 2019 के चुनाव में रामबिलास शर्मा चुनाव हार गए और राव नरबीर सिंह को टिकट ही नहीं मिल पाई। दूसरे टर्म में मनोहर लाल कैबिनेट में डॉ. बनवारी लाल को कैबिनेट मंत्री और ओमप्रकाश यादव को राज्यमंत्री बनाया गया। ये दोनों ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थित नेता थे। हालांकि मनोहर लाल को सीएम पद से हटाए जाने के बाद राज्यमंत्री के रूप में ओमप्रकाश यादव की छुट्टी कर राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी कहे जाने वाले नांगल चौधरी से विधायक रहे डॉ. अभय सिंह को मंत्री बना दिया गया। राव इंद्रजीत सिंह ठोक चुके सीएम पद पर दावा अहीरवाल बेल्ट के कद्दावर नेता गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह सीएम पद को लेकर काफी बार बयान दे चुके हैं। 2014 में जब भाजपा सरकार आई तो उस वक्त भी उनका नाम सुर्खियों में था, लेकिन उनका सीएम बनने का सपना अधूरा रहा। इस बार के चुनाव में राव इंद्रजीत की सिफारिश पर भाजपा ने इस इलाके में 8 टिकटों का वितरण किया और राव इंद्रजीत सिंह इन सभी नेताओं को जिताने में भी कामयाब रहे। राव इंद्रजीत सिंह ने रिजल्ट आने के बाद सीएम पद पर भी दावा ठोक चुके हैं। हालांकि गृहमंत्री अमित शाह चुनाव से ठीक पहले ही कह चुके हैं कि नायब सैनी ही हरियाणा के सीएम होंगे। नायब सैनी का सीएम बनना लगभग तय है। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ही नहीं, बल्कि अन्य नेता भी सीएम पद को लेकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द शुरू हो सकता है। हालांकि अभी इसकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है मगर 25 नवंबर से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले इसे करवाया जा सकता है। सरकार की ओर से राज्यपाल को इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। बताया जा रहा है नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं और राज्यपाल का पत्र लिख दिया है। इससे पहले एक दिवसीय सत्र लगाया गया जिसमें सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया गया।
वहीं हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर सत्र बुलाया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा जब सदन की मुख्य कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के होगी। विधायकों के एजेंडों पर रहेगी नजर
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अपने एजेंडे रखेंगे। इस बार कई विधायक पहली बार निर्वाचित हुए हैं ऐसे में वह अपने क्षेत्र की मांगों व बातों को सदन में रखेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र दो दिन तक चल सकता है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शीतकालीन सत्र होने जा रहा है, लेकिन विधानसभा को पहली बार नेता प्रतिपक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। 20 साल में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुनने में इतना लंबा समय
हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम जारी हुए थे और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। 2009 में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई थी। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव परिणाम के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। नेता चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्तूबर को चार पर्यवेक्षक भेजे थे, लेकिन विधायक दल की बैठक में हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया गया। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान 2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।