भास्कर न्यूज| करनाल घर में घुसकर व्यक्ति पर लोहे की रॉड से हमला करने का मामला सामने आया है। उसके सिर पर गंभीर चोट लगी हुई है। पुलिस ने आरोपी संदीप उर्फ सोनू व पिरथी वासी ललैण के खिलाफ केस दर्ज किया है। गांव ललैण वासी महेंद्र सिंह ने शिकायत दी कि 31 जुलाई रात को संदीप उर्फ सोनू व पिरथी उसके घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए। संदीप रॉड से उसके सिर पर वार किया, जो रॉड उसके सिर के बीच में लगी। पिरथी ने डंडों से व मुक्कों से उसके ऊपर वार किए। भतीजे नरेंद्र ने उसको अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस ने मंगलवार को केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। भास्कर न्यूज| करनाल घर में घुसकर व्यक्ति पर लोहे की रॉड से हमला करने का मामला सामने आया है। उसके सिर पर गंभीर चोट लगी हुई है। पुलिस ने आरोपी संदीप उर्फ सोनू व पिरथी वासी ललैण के खिलाफ केस दर्ज किया है। गांव ललैण वासी महेंद्र सिंह ने शिकायत दी कि 31 जुलाई रात को संदीप उर्फ सोनू व पिरथी उसके घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए। संदीप रॉड से उसके सिर पर वार किया, जो रॉड उसके सिर के बीच में लगी। पिरथी ने डंडों से व मुक्कों से उसके ऊपर वार किए। भतीजे नरेंद्र ने उसको अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस ने मंगलवार को केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटी:सरकार ने नए सेक्टरों पर शर्त लगा छूट दी; पहले बन चुकी ऐसी इमारतों का ऑडिट होगा
हरियाणा में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटी:सरकार ने नए सेक्टरों पर शर्त लगा छूट दी; पहले बन चुकी ऐसी इमारतों का ऑडिट होगा हरियाणा सरकार ने स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण को मंजूरी दे दी है। नगर एवं ग्राम नियोजन विकास मंत्री जेपी दलाल ने यह ऐलान करते हुए कहा कि राव कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने यह फैसला किया है। हालांकि इसके लिए सरकार की ओर से कुछ नियम एवं शर्तों को भी शामिल किया है। जो भी इनको पूरा करेगा, उसको ही स्टिल्ट प्लस चार मंजिला भवन निर्माण बनाने की इजाजत दी जाएगी। जेपी दलाल ने कहा कि सेक्टरों में जो पहले अवैध तरीके से 4 मंजिला भवन बनाए जा चुके हैं, उसको ढहाया नहीं जाएगा। हरियाणा के नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि स्टिल्ट +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कालोनियों, सेक्टरों में आवासीय भूखंडों के लिए दी जाएगी, जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के साथ अप्रूव है। एस +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति पहले से ही लाइसेंस प्राप्त DDJAY कॉलोनी में भी दी जाएगी, यदि प्रति प्लाट चार आवासीय इकाइयों के लिए संशोधित हो। इसके अलावा निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियां, सेक्टरों में भी दी जा सकती है, जिनका ले आउट प्लान प्रति प्लॉट 3 आवासीय इकाइयों के साथ मंजूर हैं, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों के लिए जो 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क से सुगम्य हैं। ये भवन होंगे अवैध जिन भवनों में 1.8 मीटर का साइड सेट बैक नहीं छोड़ा होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा। इसके अलावा भवन के आसपास रहने वाले लोगों की मंजूरी भी लेना जरूरी होगा, यदि वह परमिशन नहीं देंगे तो ऐसे भवनों को भी अवैध माना जाएगा। दलाल ने बताया कि 250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए PDR की दरें नियम से बढ़ाई जाएंगी। एस +4 विकल्प नहीं चुनने पर ये होगा नियम जहां मालिक एस +4 मंजिल का निर्माण नहीं करने का विकल्प चुनता है और PDR का फायदा पूरा नहीं उठाता है, ऐसे अप्रयुक्त पीडीआर की गणित राशि का रिफंड 8% ब्याज सहित के अनुरोध के लिए आवेदन की तिथि तक पात्रता होगी, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। यदि मामला अनुच्छेद 1 या 3 में नहीं आता है, तो आवंटी 8 % ब्याज के साथ भुगतान की गई पूरी नीलामी राशि की वापसी के लिए पात्र होगा, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। इस नियम को ऐसे समझिए… रिफंड राशि की गणना के लिए एक उदाहरण के रूप में समझिए। गुरुग्राम में स्थित 600 वर्ग मीटर के एक भूखंड के लिए, जिस पर आधार एफएआर 1.2 है और पीडीआर के साथ अधिकतम स्वीकार्य एफएआर 2.4 तक है, लेकिन आवंटी 1.9 का एफएआर प्राप्त करने में सक्षम है, तो शेष अप्रयुक्त एफएआर 0.5, यानी 300 वर्ग मीटर के लिए आवंटी गणना की गई राशि के प्रतिदाय के लिए पात्र होगा। शेष अप्रयुक्त एफएआर ( वर्ग मीटर में ) को प्लाट आकार के लिए पीडीआर ( रुपये प्रति वर्ग मीटर में ) उस क्षेत्र में जिसमें प्लाट स्थित है की लागू निर्धारित दर से गुणा किया जाता है। तदनुसार, यदि प्लाट गुरुग्राम ( हाइपर पोटेंशियल जोन ) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,21,000 रुपए होगी और यदि प्लाट पानीपत (हाई- पोटेशियल(जोन) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,53,500 रुपए होगी। 250 वर्ग मीटर से कम भूखंडों की अनुमति नहीं होगी मामलों में जहां दोनों में से किसी एक या दोनों को स्वामियों के साथ निष्पादित महत समझौते में सहमति दी जाती है, ऐसे में बेसमेंट का निर्माण और सार्वजनिक दीवार पर भार का स्थानांतरण करने की अनुमति है। इसके अलावा, आम दीवार के निर्माण की अनुमति दी जाएगी यदि आवासीय भूखंडों की पूरी पंक्ति को भवन योजनाओं को स्वीकृति और निर्माण के लिए एक बार में लिया जाता है। बेसमेंट मंजिल का निर्माण की अनुमति किसी भी मामले में 10 मीटर चौड़ाई और 250 वर्ग मीटर क्षेत्र से कम के भूखंडों पर अनुमति नहीं दी जाएगी। सुविधाओं का ऑडिट कराएगी सरकार पिछले साल मार्च में रिटायर्ड आईएएस पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था। लोकसभा चुनाव के बाद अब सरकार ने ये फैसला किया है। जिसके अनुसार जिन इलाकों में यह पार्किंग प्लस चार मंजिला भवनों का निर्माण हो चुका है, वहां सुविधाओं का ऑडिट भी कराएगी। ताकि किसी को कोई परेशानी न आए और वहां सुविधा बढ़ाई जा सके। इसके अलावा जिन सेक्टर्स में विरोध नहीं है, वहां भी निर्माण किया जा सकेगा। सरकार ने ये भी किया ऐलान शहर के सभी सेक्टरों के आधारभूत संरचना में वृद्धि, जहां भी आवश्यक हो, संबंधित एजेंसियों द्वारा एस +4 योजनाओं के अनुमोदन के विरुद्ध एकत्रित 1178.95 करोड़ रुपए ( टीसीपी 689.8 करोड़ रुपए, एचएसवीपी 466.3 करोड़ रुपए, एचएसआईआईडीसी 2.62 करोड़ रुपए यूएलबी 20.23 करोड़ रुपए की आईएसी निधि से तुरंत की जाएगी। ये निधियों तत्काल आधार पर एचएसवीपी को जारी की जाएगी, जो प्राथमिकता और निष्पादन के लिए नोडल कार्यालय होगा, और उसके बाद मासिक आधार पर उपार्जन के आधार पर जारी की जाएगी। शिकायतों के लिए समितियां बनेंगी दलाल ने बताया कि प्रत्येक विभाग एस- 4 मामलों से संबंधित मुद्दों के निपटान और समय-समय पर एस-4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं को अपलोड करने के लिए एस -4 पोर्टल ‘ स्थापित करेगा। स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के लिए भवन योजनाओं के अनुमोदन की जानकारी को एस -4 पोर्टल’ और संबंधित एजेंसियों की वेबसाइटों पर नियमित रूप से प्रदर्शित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। जेपी दलाल ने बताया कि शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत निवारण समितियों का गठन किया जाएगा। एस +4 मंजिलों के निर्माण के संबंध में संरचनात्मक क्षति, पार्किंग की समस्या, बुनियादी ढांचे के मुद्दों आदि से संबंधित सभी मामलों के लिए भूखंड मालिकों को सहायता दी जाएगी। सभी शिकायतों का निपटारा एस -4 पोर्टल पर किया जाएगा। इसलिए बढ़ी स्टिल्ट प्लस 4 की डिमांड कई मामलों में स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों का निर्माण सीमित जगह वाले क्षेत्रों में या जहां जमीन की कीमत अधिक है, वहां किया जाता है। स्टिल्ट फ्लोर का उपयोग कर, डेवलपर्स आवासीय या व्यवसायिक उपयोग के लिए मूल्यवान फ्लोर स्पेस का त्याग किए बिना पार्किंग या भंडारण के लिए अतिरिक्त स्थान बना सकते हैं। इसलिए हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में इसकी डिमांड बढ़ी है। ये होता है नुकसान यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्टिल्ट प्लस 4 मंजिलों के निर्माण से आसपास के बुनियादी ढांचे पर असर पड़ सकता है। इससे यातायात में वृद्धि, पार्किंग और जल निकासी संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।

सोनीपत में मंदिर विवाद में दो गुटों में संघर्ष Video:ईंट बरसाईं- कुल्हाड़ी चली; धार्मिक स्थल पर नेम प्लेट लगाने का विरोध, 5 गंभीर घायल
सोनीपत में मंदिर विवाद में दो गुटों में संघर्ष Video:ईंट बरसाईं- कुल्हाड़ी चली; धार्मिक स्थल पर नेम प्लेट लगाने का विरोध, 5 गंभीर घायल सोनीपत के एक गांव में धार्मिक स्थल पर निर्माण कार्य के दौरान नाम की प्लेट लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। दोनों पक्षों में विवाद के चलते लाठी-डंडे और तेजधार हथियार चले और ईंटें बरसाई गई। जिसमें गंभीर रूप से पांच लोग घायल हो गए, जिन्हें रोहतक रेफर किया गया। पुलिस मामले को लेकर जांच कर रही है। मामला क्या है शिकायतकर्ता प्रवीन निवासी निजामपुर माजरा ने बताया कि सुबह बिरादरी के लोग गांव निजामपुर माजरा में मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठे हुए थे। गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा करके मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर पर टाइल लगाने का जिम्मा ओमप्रकाश ने लिया था। ग्रामीण ओमप्रकाश मंदिर पर अपना और अपने पिता का नाम पत्थर पर अंकित कर लगाने लगा, जिसे बिरादरी के लोगों ने आपत्ति जताते हुए रोक दिया। लाठी -डंडों और तेजधार से हथियार से हमला प्रवीन के अनुसार, इसके बाद ओमप्रकाश ने अपने परिवार के लोगों को बुला लिया, जो हाथों में लाठी-डंडे लेकर पहुंचे। इनमें कृष्ण, अंकुश, रवि, सोमबीर, हवा सिंह, सचिन, नवीन, साहिल, आर्यन, दिनेश सहित कई लोग शामिल थे। आरोप है कि सचिन के पास कुल्हाड़ी भी थी। इन लोगों ने प्रवीन के साथ टिंकू, सोनू, रविकांत, कैलाशी देवी, अमन, राममेहर और भूप सिंह पर हमला कर दिया। दोबारा घेर कर पीटा प्रवीन ने कहा कि हमलावरों ने ईंटों से भी हमला किया और जब वह बचाव करते हुए घर लौटने लगा, तो रास्ते में उसे और टिंकू को दोबारा घेरकर पीटा गया। ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर घायलों को छुड़वाया और अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के लिए घायलों को CHC खरखौदा लाया गया, जहां प्रवीन, टिंकू और सोनू को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि रविकांत, कैलाशी देवी, अमन, रामेहर और भूप सिंह को अधिक चोटें आने के कारण PGI रोहतक रेफर कर दिया गया। पुलिस ने किया मामला दर्ज ASI देवेंद्र व कॉन्स्टेबल अनिल मौके पर पहुंचे और CHC खरखौदा में घायलों के मेडिकल करवाए। डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत थाना खरखौदा में दर्ज की गई। पुलिस ने मामले में धारा 191(3), 190, 115(2), 126(2), 351(2) BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया है।मामले की गंभीरता को देखते हुए SHO को अवगत कराया गया और जांच अधिकारी को तैनात कर दिया गया है। FIR की कॉपियां अफसरों को भेज दी गई हैं। वीडियो में नजर आया हंगामा और भगदड़ घटना से संबंधित एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें मंदिर निर्माण स्थल के नजदीक गली में अफरा-तफरी का माहौल नजर आ रहा है। लोग एक-दूसरे को लाठी-डंडों से मारते दिख रहे हैं। कुछ ग्रामीण बीच-बचाव करते दिखते हैं, वहीं कुछ लोग घायल जमीन पर पड़े नजर आते हैं। वीडियो में हाथों में लाठी डंडे और ईंट नजर आ रही है। एक बुजुर्ग व्यक्ति को ईट फेंक कर मारी गई है। जिसके चलते हुए जमीन पर गिर जाता है।

हरियाणा मुख्य सचिव दिल्ली रवाना:आज EC कार्यभार संभालेंगे; बोले- हरियाणा में सरकारी कार्यालयों में 50 साल में पहली बार सफाई हुई
हरियाणा मुख्य सचिव दिल्ली रवाना:आज EC कार्यभार संभालेंगे; बोले- हरियाणा में सरकारी कार्यालयों में 50 साल में पहली बार सफाई हुई हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी आज दिल्ली में चुनाव आयुक्त (EC) के रूप में कार्यभार संभालेंगे। जोशी ने दिल्ली जॉइनिंग से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए अप्लाई किया है। जॉइनिंग से पहले मुख्य सचिव जोशी ने कहा, “यह घोषणा अप्रत्याशित थी, लेकिन अपने गृह कैडर में वापस आना, भले ही थोड़े समय के लिए, एक अच्छा अनुभव था। पिछले साल दिसंबर में शुरू किया गया ‘स्वच्छ हरियाणा मिशन’ मेरे दिल के बहुत करीब की पहल थी। उन्होंने कहा, राज्य भर के सरकारी कार्यालयों में 50 साल में पहली बार सफाई की गई और मुझे केंद्र से मिली सीख को लागू करने का अवसर मिला।संयोगवश, जोशी के भाई विनीत जोशी 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं तथा वर्तमान में उच्च शिक्षा सचिव के पद पर कार्यरत हैं। जोशी EC बनने वाले हरियाणा के तीसरे अधिकारी डॉ विवेक जोशी भारतीय चुनाव आयोग में नियुक्त होने वाले हरियाणा कैडर के तीसरे अधिकारी हैं। पहले 1971 बैच के अधिकारी एसवाई कुरैशी थे, जो बाद में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बने, उसके बाद 1980 बैच के अधिकारी अशोक लवासा थे, जिन्होंने अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया था। 2029 का चुनाव कराएंगे प्रधानमंत्री के अधीन भारत के महापंजीयक (गृह मंत्रालय) और सचिव, डीओपीटी (कार्मिक) के रूप में कार्य करने के बाद, जोशी को पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की गुड बुक में से एक माना जाता है। सूत्रों से पता चलता है कि उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए खुद चुना गया है, क्योंकि 2029 का आम चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल जनवरी 2029 में समाप्त हो रहा है और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू 2028 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे में जोशी चुनावी प्रक्रिया को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। रस्तोगी मुख्य सचिव के रूप में जोशी का स्थान ले सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा उनका चयन किए जाने के बाद अब हरियाणा में उनके उत्तराधिकारी पर ध्यान केंद्रित हो गया है। 1990 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग रस्तोगी इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। जल्द ही एक स्पष्ट तस्वीर सामने आने की उम्मीद है, जिसमें अनुराग रस्तोगी वर्तमान में वित्त आयुक्त, राजस्व और अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), वित्त, प्रमुख दावेदार हैं। इसलिए रस्तोगी की दावेदारी मजबूत पिछले साल 31 अक्टूबर को टीवीएसएन प्रसाद के सेवानिवृत्त होने के बाद रस्तोगी ने तीन दिनों के लिए मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया, इससे पहले 4 नवंबर को जोशी ने कार्यभार संभाला था। 1990 बैच के आईएएस अधिकारियों के बीच वरिष्ठता विवाद के बावजूद, सरकार ने विवाद को अलग रखा और रस्तोगी को वित्त आयुक्त, राजस्व की भूमिका सौंपी – मुख्य सचिव के बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संभाला जाने वाला एक प्रमुख पद। 1990 बैच के अधिकारियों के बीच सीनियोरिटी विवाद 1990 बैच के आईएएस अधिकारियों के बीच वरिष्ठता का मुद्दा विवाद का विषय रहा है, अंकुर गुप्ता, अनुराग रस्तोगी और राजा शेखर वुंडरू ने मौजूदा ग्रेडेशन सूची को चुनौती दी है। उन्होंने तर्क दिया कि वरिष्ठ के रूप में सूचीबद्ध सुधीर राजपाल और सुमिता मिश्रा को वास्तव में नीचे रैंक किया जाना चाहिए क्योंकि वे क्रमशः हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर से स्थानांतरित हुए थे।गुप्ता सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि राजपाल और मिश्रा वर्तमान में क्रमशः एसीएस, स्वास्थ्य और एसीएस, गृह के पद पर कार्यरत हैं। जोशी के जाने से ये होगा फेरबदल डॉ विवेक जोशी के दिल्ली जाने से हरियाणा की टॉप ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल होगा। यदि रस्तोगी को मुख्य सचिव नियुक्त किया जाता है, तो प्रमुख विभागों में फेरबदल होगा, क्योंकि राजस्व और वित्त में उनकी मौजूदा भूमिका को फिर से सौंपना होगा। उम्मीद है कि सरकार आने वाले दिनों में जोशी के उत्तराधिकारी को अंतिम रूप देगी।