हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से सदर विधायक अनिल शर्मा ने कांग्रेस के लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी रहे और मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को उनके चुनावी वादे याद दिलाए। अनिल शर्मा ने कहा लोक निर्माण मंत्री ने लोकसभा चुनावों के दौरान मंडी के जनता से बहुत से वादे किए। जिसमें उन्होंने चुनाव समाप्त होते ही मंडी में पंडोह से कून का तर तक पिछली बरसात में क्षतिग्रस्त पुलों का शिलान्यास और तुरंत प्रभाव से कार्य शुरू करने की बात कही थी। विक्रमादित्य अपनी बात से पलटे उन्होंने कहा कि आज 3 विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने वाला कुन का तरह पुल नहीं बन पाया है। जिससे लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने चुनाव के नतीजे आने के दूसरे दिन ही इस पुल का निर्माण शुरू करने की बात कही थी। लेकिन आज तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। मंडी को स्मार्ट सिटी बनाने की बात विक्रमादित्य नहीं कही थी, बाद में इससे भी पलट गए। कांग्रेस के नेताओं का काम गुमराह करना है शनिवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केवल मात्र चुनावों के समय जनता को गुमराह करना ही कांग्रेस के नेताओं का काम है, और विकास के नाम पर कांग्रेस मात्र झूठे वादे करते हैं। भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने बताया कि इस बात का प्रश्न उन्होंने विधानसभा में भी उठाया जहां मंत्री और सरकार का कोई भी प्रतिनिधि संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बजट न होने से जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। इसके साथ ही अनिल शर्मा ने मंडी सदर में उनके द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों का ब्योरा भी दिया। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से सदर विधायक अनिल शर्मा ने कांग्रेस के लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी रहे और मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह को उनके चुनावी वादे याद दिलाए। अनिल शर्मा ने कहा लोक निर्माण मंत्री ने लोकसभा चुनावों के दौरान मंडी के जनता से बहुत से वादे किए। जिसमें उन्होंने चुनाव समाप्त होते ही मंडी में पंडोह से कून का तर तक पिछली बरसात में क्षतिग्रस्त पुलों का शिलान्यास और तुरंत प्रभाव से कार्य शुरू करने की बात कही थी। विक्रमादित्य अपनी बात से पलटे उन्होंने कहा कि आज 3 विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने वाला कुन का तरह पुल नहीं बन पाया है। जिससे लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने चुनाव के नतीजे आने के दूसरे दिन ही इस पुल का निर्माण शुरू करने की बात कही थी। लेकिन आज तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। मंडी को स्मार्ट सिटी बनाने की बात विक्रमादित्य नहीं कही थी, बाद में इससे भी पलट गए। कांग्रेस के नेताओं का काम गुमराह करना है शनिवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केवल मात्र चुनावों के समय जनता को गुमराह करना ही कांग्रेस के नेताओं का काम है, और विकास के नाम पर कांग्रेस मात्र झूठे वादे करते हैं। भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने बताया कि इस बात का प्रश्न उन्होंने विधानसभा में भी उठाया जहां मंत्री और सरकार का कोई भी प्रतिनिधि संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बजट न होने से जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। इसके साथ ही अनिल शर्मा ने मंडी सदर में उनके द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों का ब्योरा भी दिया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कांग्रेस की हार पर फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी करेगी मंथन:पुनिया-पाटिल CM सुक्खू-पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सहित पार्टी नेताओं से वन टू वन करेंगे मुलाकात हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर आज और कल शिमला में मंथन होगा। कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित दो सदसीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी शिमला पहुंच गई हैं। सीनियर कांग्रेस लीडर पीएल पुनिया और रजनी पाटिल आज हिमाचल सीएम सुखविंदर सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित दो संसदीय क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी, विधायक, 2022 में विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशी, जिला व ब्लाक अध्यक्ष से वन-टू-वन मुलाकात करेंगी। मंडी सीट से प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह और हमीरपुर से सत्तपाल रायजादा भी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के समक्ष अपनी हार के कारणों की वजह बताएंगे। फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने आज मंडी-हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोकसभा प्रत्याशी, विधायक, जिला व ब्लाक अध्यक्ष शिमला बुला रखे हैं। अगले कल पहले हॉफ में कांगड़ा और लंच के बाद शिमला जिला के नेता राजीव भवन शिमला बुलाए गए हैं। इस दौरान कमेटी पार्टी नेताओं से हार के कारण पूछेगी और इसकी रिपोर्ट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगी। इसलिए सत्तारूढ़ कांग्रेस से थी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद दरअसल, प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस चारों सीटों पर लोकसभा चुनाव हारी है,जबकि कांग्रेस हाईकमान और इंडी गठबंधन को हिमाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। मगर कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। नतीजा यह हुआ की छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जैसे दिग्गज भी लोकसभा चुनाव हार गए। आनंद शर्मा भी चुनाव हारे पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की भी इन चुनाव में हार हुई है। यही नहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू सहित उनके आठ मंत्री अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला सके। इससे कांग्रेस का हिमाचल में लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप हुआ है।
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बार बार हिमाचल की टैक्सियों को टूरिस्ट नहीं उठाने देने की खबरें आ रही है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भी यही कर रहे है और पंजाब व हिमाचल की सरकारें अभी गहरी नींद में सोई हुई है।
शिमला के संजौली कॉलेज में 5 छात्र नेता निष्कासित:शैक्षणिक माहौल खराब-प्रोसेसर को धमकियां देने का आरोप, आज फिर परिसर में प्रदर्शन
शिमला के संजौली कॉलेज में 5 छात्र नेता निष्कासित:शैक्षणिक माहौल खराब-प्रोसेसर को धमकियां देने का आरोप, आज फिर परिसर में प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली में प्रशासन ने 5 छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई बीते शुक्रवार को कॉलेज परिसर में हुए हंगामे के बाद की गई। कॉलेज प्रशासन ने छात्र नेताओं को अनिश्चित काल के लिए निष्कासित कर कैंपस में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इससे गुस्साए छात्र संजौली कॉलेज में फिर से प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र संगठन SFI का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है, जबकि कॉलेज प्रशासन SFI के छात्र नेताओं पर कॉलेज का शैक्षिक माहौल खराब करने का आरोप लगा रहा है। इन छात्रों को किया गया निष्कासित इसे देखते हुए कॉलेज प्रिंसिपल ने स्टाफ काउंसिल और कॉलेज के वूमेन सेल की सिफारिश पर 5 छात्र नेताओं को निष्कासित किया है। इनमें बीए तृतीय वर्ष के अंशुल मिन्हास, प्रवेश, बीनस रितांश व सुहानी और बीएस द्वितीय वर्ष के आर्यन ठाकुर शामिल है। प्रिंसिपल ऑफिस से जारी आदेशों के अनुसार ये अब कॉलेज के छात्र नहीं है। कोई भी प्रोसेसर इनकी हाजिरी नहीं लगाएगा और इन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। SFI वर्कर परिसर में माहौल खराब कर रहे: प्रिंसिपल कॉलेज प्रिंसिपल भारती भांगड़ा ने कहा कि कॉलेज परिसर में हंगामा करने वाले छात्रों की अगुआई कर रहे छात्र संगठन SFI के 5 छात्रों को निष्कासित किया है। उन्होंने बताया ये छात्र नेता लगातार परिसर में माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षकों के साथ बदतमीजी और कॉलेज प्रोफेसर को धमकियां देने में दोषी पाए गए हैं। प्रिंसिपल ने बताया, आज से कॉलेज कक्षाएं नियमित चलेगी। कॉलेज परिसर में कोई हंगामा न हो सके। इसके लिए पुलिस बुलाई गई है। पहचान पत्र चेक कर करने के बाद ही परिसर में प्रवेश मिलेगा। जाने पूरा मामला क्या है? SFI का दावा है कि संजौली कॉलेज की एक छात्रा ने लड़के पर उसको लेकर झूठी अफवाह फैलाने और छेड़ने का आरोप लगाते हुए वूमेन सेल से बीते वीरवार को शिकायत की थी, जिसके बाद कॉलेज प्रिंसिपल ने मामले की छानबीन करने का आश्वासन दिया और जांच रिपोर्ट आने तक इंतजार करने को कहा। कल शिक्षकों ने किया कक्षाओं का बहिष्कार इसे लेकर बीते कल कॉलेज में प्रदर्शन किया। इसके बाद शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया। कॉलेज में बिगड़े माहौल को शांत करने के लिए कैंपस में पुलिस बुलानी पड़ी। इसके बाद पुलिस ने कॉलेज कैंपस को खाली करवाया। देर शाम तक कॉलेज प्रशासन ने 5 छात्र नेताओं को निष्कासित करने के आदेश जारी किए। वहीं कॉलेज प्रिंसिपल के अनुसार, छात्रा से शिकायत का मामला छेड़छाड़ का नहीं है। इस मामले को परिसर के बाहर सुलझा दिया गया था। फिर भी SFI के कार्यकर्ता इसे बेवजह तूल दे रहे हैं। SFI ने मामले को दबाने का आरोप SFI इकाई अध्यक्ष प्रवेश ने कहा कि कॉलेज परिसर में लड़की से हुई छेड़छाड़ मामले को लेकर SFI का एक प्रतिनिधिमंडल कॉलेज प्रशासन से मिला। मामले पर वूमेन सेल द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। मगर प्रशासन इसे दबाने का प्रयास कर रहा है।