हिमाचल की राजधानी शिमला के IGMC अस्पताल में मंगलवार देर शाम स्क्रब टाइफस से 2 युवतियों की मौत हो गई। दोनों युवतियों की उम्र 17 व 25 साल थी। IGMC में इस सीजन में स्क्रब टाइफस से मरने वालों की संख्या 4 हो गई है। सूचना के अनुसार, दोनों युवतियां दो दिन पहले ही आईजीएमसी में भर्ती की गई थी। यहां दोनों का उपचार चल लरहा था। मंगलवार दोपहर बाद दोनों की अचानक तबीयत बिगड़ी और शाम के वक्त दोनों की मौत हो गई। 17 वर्षीय युवती मंडी और 25 साल की दूसरी लड़की कुल्लू जिला की रहने वाली थी। इनकी मौत के बाद से अस्पताल में हड़कंप मच गया है। इसे पहले मंडी व शिमला के पंथाघाटी के 2 बुजुर्ग मरीजों ने स्क्रब टाइफस से मौत हो चुकी है। आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने दोनों युवतियों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है और इस बीमारी के लक्षण नजर आने पर अस्पताल आने को की सलाह दी है। स्क्रब टाइफस के लक्षण चिकित्सकों के मुताबिक, स्क्रब टाइफस से तेज बुखार आता है। इससे जोड़ों में दर्द के साथ साथ शरीर में अकड़न, शरीर टूटना, गर्दन में संक्रमण, बाजू के नीचे गिल्टियां आना शुरू होती है। इन लक्षणों के नजर आते ही मरीजों को अस्पताल आना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए शरीर में सफाई का ध्यान रखना होता है। घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें। कैसे होती है यह बीमारी यह बीमारी झाड़ियों यानी स्क्रब या बुश में पाए जाने वाले माइट यानी चींचड़ा के काटने से होती है। इसीलिए इसका नाम स्क्रब टाइफस रखा गया है। इसे बुश टाइफस भी कहते हैं। हिमाचल में हर साल बरसात खत्म होने के बाद स्क्रब टाइफस से मौत के मामले सामने आते है। हिमाचल की राजधानी शिमला के IGMC अस्पताल में मंगलवार देर शाम स्क्रब टाइफस से 2 युवतियों की मौत हो गई। दोनों युवतियों की उम्र 17 व 25 साल थी। IGMC में इस सीजन में स्क्रब टाइफस से मरने वालों की संख्या 4 हो गई है। सूचना के अनुसार, दोनों युवतियां दो दिन पहले ही आईजीएमसी में भर्ती की गई थी। यहां दोनों का उपचार चल लरहा था। मंगलवार दोपहर बाद दोनों की अचानक तबीयत बिगड़ी और शाम के वक्त दोनों की मौत हो गई। 17 वर्षीय युवती मंडी और 25 साल की दूसरी लड़की कुल्लू जिला की रहने वाली थी। इनकी मौत के बाद से अस्पताल में हड़कंप मच गया है। इसे पहले मंडी व शिमला के पंथाघाटी के 2 बुजुर्ग मरीजों ने स्क्रब टाइफस से मौत हो चुकी है। आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने दोनों युवतियों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है और इस बीमारी के लक्षण नजर आने पर अस्पताल आने को की सलाह दी है। स्क्रब टाइफस के लक्षण चिकित्सकों के मुताबिक, स्क्रब टाइफस से तेज बुखार आता है। इससे जोड़ों में दर्द के साथ साथ शरीर में अकड़न, शरीर टूटना, गर्दन में संक्रमण, बाजू के नीचे गिल्टियां आना शुरू होती है। इन लक्षणों के नजर आते ही मरीजों को अस्पताल आना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए शरीर में सफाई का ध्यान रखना होता है। घर व आसपास के वातावरण को साफ रखें। कैसे होती है यह बीमारी यह बीमारी झाड़ियों यानी स्क्रब या बुश में पाए जाने वाले माइट यानी चींचड़ा के काटने से होती है। इसीलिए इसका नाम स्क्रब टाइफस रखा गया है। इसे बुश टाइफस भी कहते हैं। हिमाचल में हर साल बरसात खत्म होने के बाद स्क्रब टाइफस से मौत के मामले सामने आते है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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