हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटें अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत को वन के साथ फाइनेंशियल कमिश्नर (अपील) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। इसको लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए हैं। यहां देखें किस अधिकारी को किस विभाग का दायित्व मिला है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटें अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत को वन के साथ फाइनेंशियल कमिश्नर (अपील) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। इसको लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए हैं। यहां देखें किस अधिकारी को किस विभाग का दायित्व मिला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में बागवान को बगीचा ठेके पर देना पड़ा महंगा:बिना पैसे दिए ठेकेदार फरार; फसल बेचने के बाद पूरी रकम देने का वादा था
शिमला में बागवान को बगीचा ठेके पर देना पड़ा महंगा:बिना पैसे दिए ठेकेदार फरार; फसल बेचने के बाद पूरी रकम देने का वादा था शिमला जिले के रोहडू क्षेत्र में बागवान को अपना बगीचा ठेके पर देना महंगा पड़ गया है। ठेकेदार बगीचे की फसल को बेचकर बागवान को पैसे दिए बगैर ही फरार हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना रोहड़ू में दी शिकायत में छत्तर सिंह ठाकुर ने बताया है कि गौरव कुमार नामक व्यक्ति को सेब का बगीचा 11 लाख रुपए में ठेके दिया। आरोपी ने फसल बेचने के बाद पूरी रकम देने का वादा किया। 100 पेटियां सीजन खत्म होने के बाद उन्हें देने की बात कही। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। 6,6 लाख में बेच दिए बगीचे के दो स्लॉट बागवान का आरोप है कि ठेकेदार ने बगीचे से लगभग 6,6 लाख के दो स्लॉट बेच दिए हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्हें उसने एक भी रुपया नहीं दिया है और उनकी सेब पेटियां बिना वापस किए भाग गया है।
शिमला में सर्वानुबंध कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग:दिवाली से पहले तोहफे की मांग, इस सिलसिले में CM से मिल चुके 12 बार
शिमला में सर्वानुबंध कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग:दिवाली से पहले तोहफे की मांग, इस सिलसिले में CM से मिल चुके 12 बार हिमाचल प्रदेश सर्वानुबंध कर्मचारी महासंघ ने कैबिनेट से पहले सरकार से मांग की है कि दिवाली से पहले अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सरकार नियमितीकरण का तोहफा दें। महासंघ ने सितम्बर तक अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग की है। अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने सरकार को चेताया है कि वह 12 बार सीएम सुक्खू से मिल चुके हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग को सरकार के समक्ष रखा है। मगर उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है, ऐसे में सरकार जल्दी कोई निर्णय नही लेती तो उनके पास दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं। कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा आर्थिक नुकसान
सर्वानुबंध कर्मचारी महासंघ जय प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि हुए 12 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। इसके अलावा मंत्रियों और सीपीएस से मिले लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पहले राज्य सरकार द्वारा वर्ष में दो बार अनुबंध कर्मचारियों को नियमित किया जाता था लेकिन अब नए नियमों के अनुसार एक बार ही नियमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये नियम पहले भर्ती हो चुके कर्मचारियों पर लागू नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है 22 अक्टूबर को प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक होने जा रही है सरकार इस एजेंडे को कैबिनेट में ले जाकर उनके नियमितीकरण की अधिसूचना जारी करें। कोर्ट का दरवाजा आखरी रास्ता
अध्यक्ष ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी सरकार के परिवार का हिस्सा है, मुख्यमंत्री परिवार के मुखिया हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार जब नियमित कर्मचारियों के लिए इतने बड़े फैसले ले सकती है, तो उनके पक्ष में भी जरूर कोई फैसला लेगी। वहीं उन्होंने कहा कोर्ट जाने के सवाल पर कहा कि बात मनवाने के लिए कई रास्ते है। कोर्ट और धरने प्रदर्शन आखिरी रास्ता है। परंतु उन्हें उम्मीद है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी सरकार पहले ही उनकी मांग पूरी करेगी।
हिमाचल में एक साथ जलेगी 9 चिताएं:पंजाब में इनोवा गाड़ी खड्ड में डूबने से हुई मौत; एक परिवार के 6 लोगों की गई जान
हिमाचल में एक साथ जलेगी 9 चिताएं:पंजाब में इनोवा गाड़ी खड्ड में डूबने से हुई मौत; एक परिवार के 6 लोगों की गई जान हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में सतलुज नदी किनारे आज 9 चिताएं एक साथ जलेगी। हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर जेजों हादसे में मृत लोगों के शव दोपहर बाद पैतृक गांव देहरा लोअर और भटोली लाए जा रहे हैं। इसके बाद भभौर साहिब में सतलुज नदी किनारे अंतिम संस्कार होगा। इनमें से 5 मृतक देहलां लोअर के एक ही परिवार (सुरजीत कुमार मुखिया) के हैं, जबकि इनके परिवार का एक सदस्य अभी लापता है। वहीं भटोली गांव के एक ही परिवार (सुरेंद्र कौर) के 3 मृतकों का भी आज ही सतलुज नदी किनारे अंतिम संस्कार होगा। सुरेंद्र कौर अभी खुद लापता है, मगर दो बेटियों और एक बेटे का आज ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। इनोवा गाड़ी का चालक भी देहलां लोअर का रहने वाला था। इसका भी भभौर साहिब में अंतिम संस्कार होगा। यानी भभौर साहिब में सतलुज नदी किनारे 9 चिताएं एक साथ जलेगी। जेजों खड्ड में इनोवा गाड़ी में बहे 9 लोगों के शवों का पंजाब के होशियारपुर स्थित सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम चल रहा है। इसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। सर्च अभियान जारी देहलां लोअर के सरूप चंद और भटोली की सुरेंदर कौर उर्फ सिन्नो का शव अभी बरामद नहीं हुआ है। देहलां अपर के प्रधान राजेंद्र पाल ने बताया कि सुबह 6 बजे से दोनों के शव तलाशने के लिए जेजों में सर्च अभियान चल रहा है। बता दें कि बीते रविवार को सुबह करीब 8 बजे देहलां लोअर से चालक समेत 12 लोग इनोवा गाड़ी में पंजाब के नवांशहर में साले की बेटी की शादी के लिए गए थे। मगर जेजों खड्ड में आए उफान में उनकी इनोवा गाड़ी फंस गई और सभी 12 लोग इनोवा सहित बह गए। इनमें से दीपक कुमार का स्थानीय लोगों ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। 9 को नहीं बचाया जा सका। हादसे में इनकी मौत हुई इस हादसे में सुरजीत कुमार पुत्र गुरदास राम, परमजीत कौर पत्नी सुरजीत कुमार, गगन कुमार पुत्र सुरजीत कुमार, सरूप चंद पुत्र गुरदास राम, पलविंदर कौर पत्नी सरूप चंद, नितिन पुत्र सरूप चंद (सभी देहलां लोअर निवासी) सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो पत्नी अमरीक सिंह, अमानत पुत्री अमरीक सिंह, भावना पुत्री अमरीक सिंह व हर्षित पुत्र अमरीक सिंह (सभी भटोली निवासी) के रहने वाले थे। ड्राइवर कुलविंद्र सिंह पुत्र हुकम सिंह देहलां लोअर का था। 3 सगी बहनों की मौत इस हादसे में तीन सगी बहनों की मौत हुई है। इनमें परमजीत कौर, पलविंदर कौर और सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो शामिल हैं। परमजीत कौर और पलविंदर कौर की दो सगे भाइयों सुरजीत कुमार और सरूप चंद के साथ शादी हुई थी, जबकि तीसरी बहन सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो का भटोली में सुसराल था। प्रवीण ने बचाई कुलदीप की जान जिस वक्त जेजों में हादसा हुआ, तब प्रवीण सोनी वहां मौजूद थे। जिन्होंने इनोवा से बहे कुलदीप कुमार की जान बचाई। प्रवीण ने कहा कि यदि इनोवा की चालक ने उनकी बात मानी होती तो हादसा नहीं होता। हमने उसे रोका भी, लेकिन उसने खतरा मोल लेकर खुद और दूसरों की जान गवाई।