ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में मंदिर की घंटी बजाने पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस भेजा है। ध्वनि प्रदूषण का हवाला देकर नोटिस भेजी गई। लोगों ने कहा हद कर दी… सोशल मीडिया पर विरोध जताया। मंदिर की घंटी धीमी बजाने के आदेश को बुधवार देर रात वापस ले लिया गया। सोसाइटी के लोगों के विरोध के बाद पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पहले जारी किया आदेश को वापस ले लिया। मामला ग्रेटर नोएडा के गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी का है। यहां दो टावरों के बीच कॉमन एरिया में ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ मंदिर बना है। यहां रोजाना सोसाइटी के लोग पूजा करने जाते है। मंदिर में एक घंटी लगी है। पूजा के समय लोग घंटी बजाते है, लेकिन घंटी की तेज आवाज से सोसाइटी के एक लोग को परेशानी हो रही थी। इसकी शिकायत मुदित बंसल नाम की मेल आईडी से यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को की गई। जांच में आवाज 72 डेसिबल मिली, 55 से कम चाहिए
30 जुलाई को शिकायत मिली, फिर 5 अगस्त को जांच हुई तो घंटी की आवाज मानकों से अधिक मिली। आवाज 72 डेसिबल थी, जबकि 55 डेसिबल से कम होनी चाहिए। जांच अफसरों ने बताया कि कई बार निगरानी करने के बाद अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (AOA) को नोटिस जारी कर आवाज कम करने का आग्रह किया गया है। इसके बाद भी वैसी की स्थिति थी। फिर नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि मंदिर की घंटी की आवाज दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक हो रही है। AOA की अपील- घंटी धीरे और कम समय तक बजाएं
AOA के पदाधिकारियों का कहना है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पत्र के बाद सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप और बोर्ड पर एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे घंटी को धीरे बजाएं और ज्यादा देर तक न बजाएं। मंदिर में पूजा के दौरान घंटी को धीमी आवाज पर बजाने की अपील की। क्षेत्रीय अधिकारी बोले- विरोध के बाद आदेश वापस ले लिया
नोटिस भेजने पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डीके गुप्ता ने कहा- गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी के कुछ निवासियों ने मंदिर की घंटी की तेज आवाज की शिकायत की थी। जांच की तो घंटी की आवाज मानकों से अधिक मिली। जिस पर AOA को ध्वनि प्रदूषण के मानकों का पालन करने का नोटिस जारी किया गया। लोगों के विरोध के बाद आदेश को वापस ले लिया है। नोटिस पर लोगों ने नाराजगी जताई
नोटिस की कॉपी वायरल होने पर लोगों ने नाराजगी जताई। यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का नोटिस बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लोगों का कहना है कि विभाग प्रदूषण पर नियंत्रण करने में नाकाम साबित हो रहा है। फैक्ट्रियों आदि के प्रदूषण की जगह मंदिर की घंटी पर नोटिस जारी कर रहा है, जो गलत हैं। मंदिर की घंटी से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है। X पर अखिलेश तिवारी ने लिखा- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हद कर दी… लगता है कि नोएडा को प्रदूषण मुक्त कर दिया है। इनको तो सम्मानित किया जाना चाहिए। क्योंकि साहब ने मंदिर में घंटी बजाने पर पाबंदी लगाई है। ये भी पढ़ें:- यूपी पुलिस भर्ती…पेपर प्रिंट से रिजल्ट तक 4 एजेंसियां, पहली बार हर कमरे में CCTV यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में गड़बड़ी रोकने के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रश्नपत्र से लेकर केंद्र की सुरक्षा में एसटीएफ-जिला पुलिस तैनात रहेगी। पहली बार परीक्षा केंद्र के हर रूम में सीसीटीवी से निगरानी होगी। हर सेंटर पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट होगा। मजिस्ट्रेट गजेटेड अधिकारी होगा। पेपर लीक रोकने के लिए 1541 अपराधियों की निगरानी की जा रही है। इनमें ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक बेदीराम भी शामिल हैं। पेपर प्रिंट से लेकर रिजल्ट बनाने तक की जिम्मेदारी पहली बार चार एजेंसियों को दी गई है। पढ़ें पूरी खबर… ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में मंदिर की घंटी बजाने पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस भेजा है। ध्वनि प्रदूषण का हवाला देकर नोटिस भेजी गई। लोगों ने कहा हद कर दी… सोशल मीडिया पर विरोध जताया। मंदिर की घंटी धीमी बजाने के आदेश को बुधवार देर रात वापस ले लिया गया। सोसाइटी के लोगों के विरोध के बाद पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पहले जारी किया आदेश को वापस ले लिया। मामला ग्रेटर नोएडा के गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी का है। यहां दो टावरों के बीच कॉमन एरिया में ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ मंदिर बना है। यहां रोजाना सोसाइटी के लोग पूजा करने जाते है। मंदिर में एक घंटी लगी है। पूजा के समय लोग घंटी बजाते है, लेकिन घंटी की तेज आवाज से सोसाइटी के एक लोग को परेशानी हो रही थी। इसकी शिकायत मुदित बंसल नाम की मेल आईडी से यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को की गई। जांच में आवाज 72 डेसिबल मिली, 55 से कम चाहिए
30 जुलाई को शिकायत मिली, फिर 5 अगस्त को जांच हुई तो घंटी की आवाज मानकों से अधिक मिली। आवाज 72 डेसिबल थी, जबकि 55 डेसिबल से कम होनी चाहिए। जांच अफसरों ने बताया कि कई बार निगरानी करने के बाद अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (AOA) को नोटिस जारी कर आवाज कम करने का आग्रह किया गया है। इसके बाद भी वैसी की स्थिति थी। फिर नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि मंदिर की घंटी की आवाज दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक हो रही है। AOA की अपील- घंटी धीरे और कम समय तक बजाएं
AOA के पदाधिकारियों का कहना है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पत्र के बाद सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप और बोर्ड पर एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे घंटी को धीरे बजाएं और ज्यादा देर तक न बजाएं। मंदिर में पूजा के दौरान घंटी को धीमी आवाज पर बजाने की अपील की। क्षेत्रीय अधिकारी बोले- विरोध के बाद आदेश वापस ले लिया
नोटिस भेजने पर यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डीके गुप्ता ने कहा- गौड़ सौंदर्यम सोसाइटी के कुछ निवासियों ने मंदिर की घंटी की तेज आवाज की शिकायत की थी। जांच की तो घंटी की आवाज मानकों से अधिक मिली। जिस पर AOA को ध्वनि प्रदूषण के मानकों का पालन करने का नोटिस जारी किया गया। लोगों के विरोध के बाद आदेश को वापस ले लिया है। नोटिस पर लोगों ने नाराजगी जताई
नोटिस की कॉपी वायरल होने पर लोगों ने नाराजगी जताई। यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का नोटिस बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लोगों का कहना है कि विभाग प्रदूषण पर नियंत्रण करने में नाकाम साबित हो रहा है। फैक्ट्रियों आदि के प्रदूषण की जगह मंदिर की घंटी पर नोटिस जारी कर रहा है, जो गलत हैं। मंदिर की घंटी से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है। X पर अखिलेश तिवारी ने लिखा- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हद कर दी… लगता है कि नोएडा को प्रदूषण मुक्त कर दिया है। इनको तो सम्मानित किया जाना चाहिए। क्योंकि साहब ने मंदिर में घंटी बजाने पर पाबंदी लगाई है। ये भी पढ़ें:- यूपी पुलिस भर्ती…पेपर प्रिंट से रिजल्ट तक 4 एजेंसियां, पहली बार हर कमरे में CCTV यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में गड़बड़ी रोकने के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रश्नपत्र से लेकर केंद्र की सुरक्षा में एसटीएफ-जिला पुलिस तैनात रहेगी। पहली बार परीक्षा केंद्र के हर रूम में सीसीटीवी से निगरानी होगी। हर सेंटर पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट होगा। मजिस्ट्रेट गजेटेड अधिकारी होगा। पेपर लीक रोकने के लिए 1541 अपराधियों की निगरानी की जा रही है। इनमें ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधायक बेदीराम भी शामिल हैं। पेपर प्रिंट से लेकर रिजल्ट बनाने तक की जिम्मेदारी पहली बार चार एजेंसियों को दी गई है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर