भास्कर न्यूज| जींद कैथल से आई कायाकल्प की टीम ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम में डॉ. हरकीरत (एमओ सीएचसी सीवन), डॉ. बीना (डीक्यूएम कैथल) व अनीता नैन (आईसीएनओ कैथल) शामिल रहे। टीम ने इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू, लैब, लेबर रूम व वार्ड तथा ओपीडी सहित अन्य वार्डों की जांच की। इमरजेंसी वार्ड से दौरे की शुरूआत हुई तो यहां कई तरह की खामियां मिली। वार्ड में बैड पर मरीज की जगह बैग रखा हुआ था। स्टाफ नर्स व एचकेआरएनएल कर्मियों को नेम प्लेट न लगाने पर फटकार भी लगाई गई। इमरजेंसी में कार्यरत नर्स की भी नेम प्लेट गायब थी। इसके अलावा सफाई भी नहीं थी। वहीं वार्ड में इलेक्ट्रिक बटनों पर धूल जमी हुई थी। वॉशरूम में सफाई नहीं थी। टीम जब नई बिल्डिंग में चलाए जा रहे सीटी स्कैन सेंटर की तरफ पहुंची तो वहां बाहर वाहनों को खड़ा पाया गया। इस पर टीम ने कहा कि यहां वाहनों को खड़ा नहीं करवाया जाए। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट से संबंधित जवाब तलब भी अधिकारियों से किया गया। इमरजेंसी वार्ड और मरीजों के वार्ड में खामियां मिली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल व पेशेंट केयर से संबंधित कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जो अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है उसे कैश अवॉर्ड दिया जाता है। अब टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर रैंक दिया जाएगा अगर जींद अस्पताल को 70 से अधिक अंक मिलते हैं तो कैश पुरस्कार मिलेगा। ब्लड बैंक में मेडिकल किट रखने वाले फ्रीज में किसी कर्मचारी का लंच बॉक्स रखा पाया गया। डस्टबीन में सीरिंज डाली हुई मिली, जबकि टीका लगाने के बाद सीरिंज को डिस्पोज करना होता है। लैब में भी गद्दे मिले तो कहा कि ये यहां क्यों रखे गए हैं। टेक्नीकल स्टाफ भी बिना नाम प्लेट के लगाए हुए पाए गए। इसके अलावा गायनी के लेबर रूम में तो व्यवस्था सही मिली और वार्ड में जाकर देखा तो बुरा हाल मिला। यहां पर सफाई का अभाव मिला और जच्चा बच्चा व गर्भवती महिलाओं के साथ आए अटेंडेंट फर्श पर नीचे बैठे मिले। बाहर भी इनके बैठने के लिए पर्याप्त मात्रा में बेंच आदि की भी सुविधा नहीं मिली। समय-समय पर टीम करती है निरीक्षण : सीएमओ ^स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए टीम द्वारा समय-समय पर विजिट की जाती है। कुछ योजनाओं के तहत गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं के आधार पर कैश अवॉर्ड भी स्वास्थ्य केंद्र को मिलता है। सिविल अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। – डॉ. गोपाल गोयल, सीएमओ, सिविल अस्पताल जींद। भास्कर न्यूज| जींद कैथल से आई कायाकल्प की टीम ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम में डॉ. हरकीरत (एमओ सीएचसी सीवन), डॉ. बीना (डीक्यूएम कैथल) व अनीता नैन (आईसीएनओ कैथल) शामिल रहे। टीम ने इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू, लैब, लेबर रूम व वार्ड तथा ओपीडी सहित अन्य वार्डों की जांच की। इमरजेंसी वार्ड से दौरे की शुरूआत हुई तो यहां कई तरह की खामियां मिली। वार्ड में बैड पर मरीज की जगह बैग रखा हुआ था। स्टाफ नर्स व एचकेआरएनएल कर्मियों को नेम प्लेट न लगाने पर फटकार भी लगाई गई। इमरजेंसी में कार्यरत नर्स की भी नेम प्लेट गायब थी। इसके अलावा सफाई भी नहीं थी। वहीं वार्ड में इलेक्ट्रिक बटनों पर धूल जमी हुई थी। वॉशरूम में सफाई नहीं थी। टीम जब नई बिल्डिंग में चलाए जा रहे सीटी स्कैन सेंटर की तरफ पहुंची तो वहां बाहर वाहनों को खड़ा पाया गया। इस पर टीम ने कहा कि यहां वाहनों को खड़ा नहीं करवाया जाए। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट से संबंधित जवाब तलब भी अधिकारियों से किया गया। इमरजेंसी वार्ड और मरीजों के वार्ड में खामियां मिली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल व पेशेंट केयर से संबंधित कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जो अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है उसे कैश अवॉर्ड दिया जाता है। अब टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर रैंक दिया जाएगा अगर जींद अस्पताल को 70 से अधिक अंक मिलते हैं तो कैश पुरस्कार मिलेगा। ब्लड बैंक में मेडिकल किट रखने वाले फ्रीज में किसी कर्मचारी का लंच बॉक्स रखा पाया गया। डस्टबीन में सीरिंज डाली हुई मिली, जबकि टीका लगाने के बाद सीरिंज को डिस्पोज करना होता है। लैब में भी गद्दे मिले तो कहा कि ये यहां क्यों रखे गए हैं। टेक्नीकल स्टाफ भी बिना नाम प्लेट के लगाए हुए पाए गए। इसके अलावा गायनी के लेबर रूम में तो व्यवस्था सही मिली और वार्ड में जाकर देखा तो बुरा हाल मिला। यहां पर सफाई का अभाव मिला और जच्चा बच्चा व गर्भवती महिलाओं के साथ आए अटेंडेंट फर्श पर नीचे बैठे मिले। बाहर भी इनके बैठने के लिए पर्याप्त मात्रा में बेंच आदि की भी सुविधा नहीं मिली। समय-समय पर टीम करती है निरीक्षण : सीएमओ ^स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए टीम द्वारा समय-समय पर विजिट की जाती है। कुछ योजनाओं के तहत गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं के आधार पर कैश अवॉर्ड भी स्वास्थ्य केंद्र को मिलता है। सिविल अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। – डॉ. गोपाल गोयल, सीएमओ, सिविल अस्पताल जींद। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चरखी दादरी में माइनिंग के खिलाफ प्रदर्शन:काम बंद, पहाड़ खिसकने से गिरे थे पत्थर और मिट्टी, निगरानी जारी रहेगी
चरखी दादरी में माइनिंग के खिलाफ प्रदर्शन:काम बंद, पहाड़ खिसकने से गिरे थे पत्थर और मिट्टी, निगरानी जारी रहेगी चरखी दादरी के गांव पिचौपा कलां में हादसा होने के चार दिन बाद भी ग्रामीणों का रोष बरकरार है। ग्रामीणों ने शुक्रवार को बैठक कर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोला है और माइनिंग क्षेत्र में काम नहीं करने का निर्णय लिया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि वहां जाना खतरे से खाली नहीं है इसलिए ग्रामीण वहां से दूरी बनाए। इसके बावजूद यदि कोई वहां जाता है और हादसा होता तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा। ग्रामीणों के अनुसार माइनिंग विभाग के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण कर खनन काम बंद करवाने की बात कही है। जिससे ग्रामीण कुछ शांत हुए है। विधायक करेंगे निरीक्षण
शनिवार दोपहर बाद बाढ़डा विधायक उमेद सिंह पातुवास अधिकारियों के साथ माइनिंग क्षेत्र पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि विधायक से बात हुई है और उन्होंने आने की बात कही है। काम बंद करवा दिया
पिचौपा कलां सरपंच प्रतिनिधि अशोक कुमार ने बताया कि शुक्रवार को माइनिंग विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी, उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि मिट्टी को परोपर तरीके से हटवा दिया जाएगा और जो भी कुछ उसके नीचे दबा होगा उसको बाहर निकाला जाएगा। इसके अलावा विभाग ने फिलहाल वहां काम बंद करवा दिया है। रात को नहीं दिया पहरा
ग्रामीणों ने वीरवार रात को माइनिंग क्षेत्र में पहरा दिया था, ताकि वहां नीचे जो कुछ दबा है उसको रातोरात निकालकर इधर उधर ना कर दिया जाए। लेकिन शुक्रवार रात को ग्रामीणों ने पहरा नहीं दिया। सरपंच प्रतिनिधि अशोक ने कहा कि अभी तक उनके गांव या दूसरे स्थान से कोई सामने नहीं आया है कि उनका कोई व्यक्ति गायब है या नीचे दबा हुआ है जिसके चलते ग्राम पंचायत ने भी पहरा नहीं दिया। ये था मामला
बुधवार शाम को पिचौपा कलां के माइनिंग क्षेत्र में पहाड़ी खिसक गई थी, जिसके मलबे के नीचे गाड़ी भी दब गई थी। घटना का वीडियो भी सामने आया था। दो हफ्ते में दूसरी घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों में इसको लेकर काफी रोष देखने को मिला और जिसके बाद वीरवार सुबह सरपंच प्रतिनिधि, पंच, नंबरदार सहित मौजिज लोग वहां पहुंचे थे और सरकार, प्रशासन, माइनिंग विभाग व माइनिंग कंपनी के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया और अवैध माइनिंग के आरोप लगाए। इसके बाद ग्रामीण पहाड़ की तलहटी में पहुंचे और मौके का मुआयना किया। वहां से ग्रामीण वापिस लौटे तो कंपनी के कर्मचारियों ने नीचे जाने पर एतराज जताया और उनका रास्ता रोक दिया। जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों में कंपनी कर्मचारियों के बीच हाथापाई हुई थी।
हरियाणा में जाट चेहरों के टिकट काटेगी कांग्रेस:जमानत जब्त, 2 बार हारे नेता बाहर होंगे; ब्राह्मण-पंजाबी समेत 4 जातियों का कोटा बढ़ेगा
हरियाणा में जाट चेहरों के टिकट काटेगी कांग्रेस:जमानत जब्त, 2 बार हारे नेता बाहर होंगे; ब्राह्मण-पंजाबी समेत 4 जातियों का कोटा बढ़ेगा हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकटों पर मंथन के बीच विधानसभा सीटों का गुणा-गणित तैयार कर लिया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर जाट वोट बैंक पर ज्यादा फोकस करेगी। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार टिकट आवंटन में जाट कोटे के चेहरों की टिकट भी काटेगी। इसके अलावा 2019 के विधानसभा चुनाव जमानत नहीं बचा पाने वाले उम्मीदवार भी पैनल से बाहर किए जाएंगे। साथ ही ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूत के टिकट कोटे में इजाफा करेगी। कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 27 हलकों में अपनी जमानत जब्त करवाई थी। इसके अलावा 15 प्रत्याशी ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने लगातार 2 हार अपने खाते में दर्ज करवा ली हैं। इनमें कई के नाम ये दोनों ही रिकाॅर्ड दर्ज हैं। इस कारण से कट सकते हैं जाट चेहरों की टिकट
कांग्रेस नेतृत्व लोकसभा चुनावों की तर्ज पर इस बार विधानसभा में भी सोशल इंजीनियरिंग के तहत टिकट देने के पक्ष में है। अगर इस तरह का निर्णय कांग्रेस ने लिया तो फिर प्रदेश में 2019 के मुकाबले इस बार जाट उम्मीदवारों की संख्या कम हो सकती है। आमतौर पर कांग्रेस 28 से 30 जाट नेताओं को टिकट देती रही है। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस चार जाट उम्मीदवार उतारती रही है लेकिन इस बार के चुनावों में दो ही जाट नेताओं को टिकट मिली। रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा और हिसार से जयप्रकाश ‘जेपी’ को टिकट मिली। दोनों ही चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे। प्रदेश में विधानसभा की नब्बे सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। सिटिंग-गैटिंग फॉर्मूला नहीं चलेगा
हरियाणा कांग्रेस में आमतौर पर मौजूदा विधायकों को लेकर ‘सिटिंग-गैटिंग’ का फार्मूला लागू होता रहा है। इसके तहत मौजूदा विधायकों और बड़े चेहरों के नेताओं के प्रिय नेताओं को टिकट मिल जाती थी। इस फार्मूले से हमेशा से ही पार्टी को नुकसान हुआ है, दस सालों से इस कारण से पार्टी प्रदेश की सत्ता से बाहर है। इस कारण से इस फार्मूले से भी पार्टी तौबा करेगी। अगर ऐसा होता है तो पार्टी के मौजूदा 28 विधायकों में से 8 से 10 की टिकट कट भी सकती है। 73 सीटों पर कर रही फोकस
कांग्रेस 73 सीटों को लेकर अपना गणित सैट करने में जुटी है। अभी तक के मंथन में ये बात सामने आई है कि पिछड़ा वर्ग-बी के अलावा बीसी-ए के अंतर्गत आने वाली जातियों को इस बार टिकट आवंटन में पहले से अधिक तवज्जो मिल सकती है। इसके लिए ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजूपत कोटे में इजाफा संभव है। रोड़ के अलावा सिख कोटे में भी इस बार बढ़ोतरी संभव है। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी नेतृत्व व हरियाणा इकाई सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर काफी गंभीरता से मंथन कर रही है। सैलजा-सुरजेवाला गुट भी एक्टिव
कांग्रेस में अभी दो गुट एक्टिव हैं। एक गुट भूपेंद्र हुड्डा तो दूसरा कुमारी सैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला का है। ये दोनों नेता अपने साथ जुड़े उनके समर्थक भी टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। उन्हें अपने नेताओं पर ‘विश्वास’ है कि वे टिकट के लिए उनकी पूरी मदद करेंगे। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस के टिकट आवंटन में कोटा सिस्टम चला था। उस समय प्रदेशाध्यक्ष रहे अशोक तंवर के समर्थकों को टिकट नहीं मिलने के चलते तंवर ने पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि सैलजा व रणदीप अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने में सफल रहे थे। हालांकि इस बार कोटा सिस्टम की बजाय मैरिट पर टिकट देने की बात नेतृत्व की ओर से की जा रही है। लोकसभा चुनाव में हुड्डा का रहा पलड़ा भारी
लोकसभा चुनावों में टिकट आवंटन में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पलड़ा भारी था। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा की सिरसा सीट को छोड़कर बाकी संसदीय सीटों पर हुड्डा की पसंद से ही टिकट मिली थी। रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा की टिकट तय थी। वहीं फरीदाबाद में महेंद्र प्रताप सिंह, गुरुग्राम में राज बब्बर, भिवानी-महेंद्रगढ़ में राव दान सिंह, हिसार में जयप्रकाश ‘जेपी’, सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी, करनाल में दिव्यांशु बुद्धिराजा और अंबाला में वरुण चौधरी को टिकट दिलवाने में हुड्डा कामयाब रहे थे। टिकट आवंटन अपने हाथ में ले चुका हाईकमान
कांग्रेस में टिकट आवंटन को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा के बीच खींचतान जारी है। यह नजारा कांग्रेस की दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी में भी दिखा। इसकी वजह से कांग्रेस हाईकमान ने टिकट आवंटन का काम अपने हाथ में ले लिया। स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन अजय माकन को कहा गया कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपनी अलग कमेटी बनाकर दावेदारों के बारे में पड़ताल करे। इसकी रिपोर्ट स्क्रीनिंग कमेटी से सीधे राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी जाएगी। हाईकमान की चेतावनी के बाद हुड्डा-सैलजा की सहमति की चर्चा
हरियाणा कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा को यह भी कह दिया कि अगर वे राजी नहीं होते तो फिर हाईकमान अपने स्तर पर टिकट बांटेगा। इसे देखते हुए दोनों के बीच सहमति की चर्चा है। जिसमें हुड्डा कुछ सीटें सैलजा के लिए छोड़ने पर राजी हो गए हैं। कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… कुमारी सैलजा बोलीं-हरियाणा में दलित CM क्यों नहीं: कहा- विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं हरियाणा चुनाव के बीच सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोक दिया है। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा- ”लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्वकांक्षा होती है, मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा (पूरी खबर पढ़ें)
यमुनानगर में श्रम विभाग दफ्तर में रेड:CM फ्लाइंग ने खंगाला मजदूरों से जुड़ी योजनाओं का रिकॉर्ड; उच्चाधिकारियों को जाएगी रिपोर्ट
यमुनानगर में श्रम विभाग दफ्तर में रेड:CM फ्लाइंग ने खंगाला मजदूरों से जुड़ी योजनाओं का रिकॉर्ड; उच्चाधिकारियों को जाएगी रिपोर्ट हरियाणा के यमुनानगर के आईटीआई चौक पर स्थित श्रम विभाग कार्यालय में शुक्रवार को पंचकूला CM फ्लाइंग की टीम ने रेड की। इस दौरान नायब तहसीलदार डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर उनके साथ रहे। रेड के दौरान श्रम विभाग में कर्मचारियों में व अधिकारियों से सरकार द्वारा मजदूरों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का रिकॉर्ड जांचा गया। टीम ने इसकी जांच की कि योजनाओं का लाभ मजदूरों को मिल रहा है या नहीं। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अमित कुमार को नियुक्त किया गया था। मजदूरों को इन योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है, इसको लेकर कर्मचारियों व मजदूरों से पूछताछ की गई। सीएम फ्लाइंग अधिकारी सुखविंदरसिंह ने बताया कि आज मुख्यमंत्री उड़न दस्ता की टीम ने नायब तहसीलदार अमित कुमार को साथ लेकर श्रम विभाग में रेड की है। उन्होंने यहां पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों से मजदूर को दी जा रही स्कीम के बारे में पता किया। मजदूरों को कितना लाभ मिल रहा है, इसकी जांच की गई। इसकी रिपोर्ट बना कर अधिकारियों को भेजी जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों का अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं और आगे भी जांच जारी है।