हरियाणा के करनाल में एक 34 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली। वह घर पर अकेला था। रात को परिजन घर लौटे तो युवक फंदे से लटका मिला। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। परिजनों का आरोप है कि युवक अपनी पत्नी से परेशान था। पत्नी बच्चा भी नहीं होने दे रही थी। इसके चलते दोनों में झगड़ा होता था। इसी के चलते परेशान होकर उसने सुसाइड किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी अनुसार करनाल में दयालपुरा गेट एरिया में रहने वाला रवि कुमार ड्राइवरी का काम करता था। अभी वह दो दिन की छुट्टी पर था। उसके पिता कालू राम का आरोप है कि रवि अपनी पत्नी से दुखी था। घरवाली ने सिटी थाने में इसकी शिकायत भी दी थी। चूंकि वह ड्राइवर था और थोड़ी बहुत शराब पीकर आ जाता था। इसके कारण पति-पत्नी में कलह होता था । घरवाली उसे घर से बाहर निकाल देती थी। 3 बजे तक फोन पर बात की पिता कालू ने बताया कि रवि सोमवार को पूरा दिन घर पर ही था। तीन बजे तक उसने फोन से बात भी की थी। तीन बजे के बाद उसने घर में ही फंदा लगा लिया। उसके पिता ने बताया कि उसकी चाय की दुकान है। दुकान से देर रात को लौटा तो दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांका तो पाया कि रवि फंदे पर लटक रहा था। दरवाजा तोड़ कर वे अंदर गए और उसे फंदे से नीचे उतारा। उसकी मौत हो चुकी थी। 8 साल हो चुके है शादी को पिता कालू राम ने बताया कि रवि की शादी को 8 साल हो चुके थे। अभी उनको कोई बच्चा नहीं था। पिता का आरोप है कि रवि संतान चाहता था, लेकिन उसकी पत्नी कभी बच्चा नहीं होने देती थी। बच्चा पैदा न हो, इसके लिए वह कोई दवाई खा लेती थी। इसकी वजह से झगड़े होते थे और रवि परेशान रहता था। जब पत्नी उसे घर से निकाल देती थी तो वह हमारे पास आकर रहता था। उम्मीद नहीं थी कि रवि ऐसा कदम उठाएगा। सिटी थाना पुलिस कर रही है जांच करनाल सिटी थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मृतक रवि का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। परिजनों की शिकायत के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा के करनाल में एक 34 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली। वह घर पर अकेला था। रात को परिजन घर लौटे तो युवक फंदे से लटका मिला। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। परिजनों का आरोप है कि युवक अपनी पत्नी से परेशान था। पत्नी बच्चा भी नहीं होने दे रही थी। इसके चलते दोनों में झगड़ा होता था। इसी के चलते परेशान होकर उसने सुसाइड किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी अनुसार करनाल में दयालपुरा गेट एरिया में रहने वाला रवि कुमार ड्राइवरी का काम करता था। अभी वह दो दिन की छुट्टी पर था। उसके पिता कालू राम का आरोप है कि रवि अपनी पत्नी से दुखी था। घरवाली ने सिटी थाने में इसकी शिकायत भी दी थी। चूंकि वह ड्राइवर था और थोड़ी बहुत शराब पीकर आ जाता था। इसके कारण पति-पत्नी में कलह होता था । घरवाली उसे घर से बाहर निकाल देती थी। 3 बजे तक फोन पर बात की पिता कालू ने बताया कि रवि सोमवार को पूरा दिन घर पर ही था। तीन बजे तक उसने फोन से बात भी की थी। तीन बजे के बाद उसने घर में ही फंदा लगा लिया। उसके पिता ने बताया कि उसकी चाय की दुकान है। दुकान से देर रात को लौटा तो दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांका तो पाया कि रवि फंदे पर लटक रहा था। दरवाजा तोड़ कर वे अंदर गए और उसे फंदे से नीचे उतारा। उसकी मौत हो चुकी थी। 8 साल हो चुके है शादी को पिता कालू राम ने बताया कि रवि की शादी को 8 साल हो चुके थे। अभी उनको कोई बच्चा नहीं था। पिता का आरोप है कि रवि संतान चाहता था, लेकिन उसकी पत्नी कभी बच्चा नहीं होने देती थी। बच्चा पैदा न हो, इसके लिए वह कोई दवाई खा लेती थी। इसकी वजह से झगड़े होते थे और रवि परेशान रहता था। जब पत्नी उसे घर से निकाल देती थी तो वह हमारे पास आकर रहता था। उम्मीद नहीं थी कि रवि ऐसा कदम उठाएगा। सिटी थाना पुलिस कर रही है जांच करनाल सिटी थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मृतक रवि का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। परिजनों की शिकायत के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल
हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल पंजाब के किसान जहां MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य ) गारंटी कानून के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और केंद्र सरकार से मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं तो वहीं हरियाणा सरकार ने अपने किसानों को 24 फसलों पर MSP गांटरी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार ने साफ मैसेज पंजाब के किसानों को देने की कोशिश की है कि MSP गारंटी केंद्र से नहीं अपनी पंजाब सरकार सरकार से मांगनी चाहिए। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री पंजाब के किसानों से अपील भी कर चुके हैं कि उनको पंजाब सरकार से बातचीत कर बॉर्डर से हट जाना चाहिए और पंजाब में आंदोलन करना चाहिए। बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से विधानसभा चुनाव से पहले 24 फसलों पर MSP देने की घोषणा की थी मगर इसका कोई लिखित में कोई प्रावधान नहीं था ऐसे में हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा के किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश की है। इन फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी सरकार
रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना। MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही एजेंसियां
MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही सरकारी एजेंसियां 10 और फसलों को खरीदेंगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में MSP पर जिन फसलों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, अधिसूचना जारी होने से उसे अब सिरे चढ़ाया जा सकेगा। 10 महीने से बॉर्डर पर डटे हैं किसान
बता दें कि पंजाब के किसान केंद्र सरकार से MSP पर गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और पिछले 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसके कारण हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर बंद पड़े हैं। हरियाणा में पंजाब की सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसानों के धरने-प्रदर्शन जारी हैं। जो फसलें नहीं उगाता हरियाणा उस पर भी एमएसपी
विशेष बात यह कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती है, फिर भी इन्हें प्रदेश सरकार ने सूचीबद्ध फसलों में शामिल किया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है। केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ), भारतीय कपास निगम (सीसीआई), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं।
जींद में छात्राओं से भरी ई-रिक्शा पलटी:स्कूल जा रही 8 छात्राएं घायल; ट्रैक्टर की हैरो उलझी थी, चालक की हालत गंभीर
जींद में छात्राओं से भरी ई-रिक्शा पलटी:स्कूल जा रही 8 छात्राएं घायल; ट्रैक्टर की हैरो उलझी थी, चालक की हालत गंभीर हरियाणा के जींद के सफीदों में असंध रोड पर स्थित गांव खेड़ा खेमावती के पास छात्राओं से भरी ई-रिक्शा को एक ट्रैक्टर ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे रिक्शा पलट गई और इसमें बैठी 8 स्कूली छात्राएं व रिक्शा चालक नीचे दब गए। पास ही खेतों में धान रोपाई कर रही महिलाएं मौके पर पहुंची और रिक्शा को सीधा कर छात्राओं को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि छात्राएं गांव मलिकपुर से सफीदों राजकीय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए आ रही थी। घायल छात्राओं में से 3 की पहचान रितु, रेनू व जन्नत निवासी मलिकपुर और ई-रिक्शा चालक की पहचान रघुवीर निवासी सिंगलपुरा कालोनी सफीदों के रूप में हुई है। मामले की सूचना सफीदों पुलिस को दी गई है। जानकारी के मुताबिक मलिकपुर से 11वीं कक्षा की छात्राएं हर रोज की तरह ई रिक्शा में बैठकर सफीदों के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए जा रही थी। जैसे ही उनकी ई-रिक्शा गांव खेड़ा खेमावती के नजदीक पहुंची तो पीछे से एक ट्रैक्टर आया और रिक्शा को टक्कर दे मारी। ट्रैक्टर के पीछे एक बड़ी हैरो बंधी हुई थी और उसमें तेज ध्वनि में गाने बज रहे थे। ट्रैक्टर ओवरटेक करते हुए ई-रिक्शा के बराबर से निकला तो हैरो ई-रिक्शा में उलझ गई और ई-रिक्शा पलट गई। घायलों को सफीदों के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया। यहां पर छात्राओं को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। गंभीर रूप से घायल ई-रिक्शा चालक को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। चालक रघुबीर के शरीर के एक हिस्से में अधिक चोटें बताई जा रही है। देखें हादसे से जुड़े कुछ PHOTOS…
हरियाणा में पूर्व विधायक ने बाबरिया को बताया BJP एजेंट:कांग्रेस की कमेटी पर उठाए सवाल, बोले- जो खुद हारे वो दूसरों की रिपोर्ट लेंगे
हरियाणा में पूर्व विधायक ने बाबरिया को बताया BJP एजेंट:कांग्रेस की कमेटी पर उठाए सवाल, बोले- जो खुद हारे वो दूसरों की रिपोर्ट लेंगे हरियाणा में करनाल जिले की असंध विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को बीजेपी का एजेंट बताया है। दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में गोगी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार का जिम्मेदार दीपक बाबरिया को ही ठहराया है। गोगी ने कहा कि हरियाणा में चुनाव के दौरान कांग्रेस का कोई प्रभारी नहीं था। कांग्रेस ने बाबरिया को प्रभारी बनाया हुआ था, लेकिन मेरे हिसाब से वह BJP का एजेंट था। कांग्रेस का सत्यानाश होने में बाबरिया का भी बहुत बड़ा योगदान है। वहीं उन्होंने हुड्डा गुट द्वारा हाल ही में बनाई गई 8 सदस्यीय कमेटी के गठन को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जो खुद ही हारे हुए हैं वे दूसरों की रिपोर्ट लेंगे, हाईकमान को इन्हीं से रिपोर्ट लेनी चाहिए, ये क्यों हारे? गोगी से की गई बातचीत के प्रमुख अंश… सवाल- क्या कांग्रेस के नेता आपको प्रदेश अध्यक्ष बनने देंगे? जवाब- मैं पार्टी का एक वफादार कार्यकर्ता हूं। मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए या नहीं, यह सिर्फ एक कल्पना है। पता नहीं क्या-क्या करेंगे लोग। फैसला हाईकमान का ही होगा। सब लोग मेरा समर्थन क्यों करेंगे? मेरा समर्थन वो लोग नहीं करेंगे जो लोग स्वार्थी हैं। क्योंकि मुझे सीधी बात करनी होती है। जो टिकट तक के कांग्रेसी होंगे उनको कभी मैं बढ़ावा नहीं दूंगा। जो कांग्रेस के लिए कांग्रेसी है उसी को बढ़ावा दिया जाएगा, बाकी के फैसले हाईकमान करेगा। सवाल- उदयभान द्वारा हाल ही में बनाई गई 8 सदस्यीय कमेटी पर आपकी क्या राय है? जवाब- मैंने कमेटी देखी है, लेकिन कमेटी की लिस्ट देखकर मुझे अच्छा नहीं लगा। कमेटी देखकर मुझे तो यही लगा कि अभी भी लीपापोती के प्रयास जारी हैं। जब फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट हाईकमान को पहले ही मिल चुकी है, तो यह कौन सी कमेटी है, जो जांच करेगी। इसमें तो आफताब को छोड़कर लगभग सभी हारे हुए कैंडिडेट हैं, इनसे जांच नहीं करवानी चाहिए, बल्कि इनसे तो रिपोर्ट लेनी चाहिए, ये क्यों हारे। सवाल- आपके हिसाब से पार्टी इस वक्त क्या गलती कर रही है? जवाब- जो लोग चुनाव लड़ रहे थे, उन्हीं के इशारे पर कमेटी बनाई जा रही है तो हार की समीक्षा कैसे होगी? सच्चाई को झुठलाने की कोशिश हो रही है। सच्चाई को मानकर आत्ममंथन करने की जरूरत है। सुधार करने की कोशिश तो हो ही नहीं रही। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई 8 सदस्यों की कमेटी
विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने एक कमेटी बनाई है। 8 सदस्यों की इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल हैं। कमेटी के सदस्यों में पार्टी के लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया और नूंह के विधायक आफताब अहमद के अलावा चुनाव हारने वाले पांच नेता शामिल हैं। इनमें घरौंडा सीट से कैंडिडेट रहे वीरेंद्र राठौड़, बड़खल से कैंडिडेट रहे विजय प्रताप सिंह, पानीपत सिटी से चुनाव हारे वीरेंद्र बुल्ले शाह, दादरी सीट से उम्मीदवार रहीं डॉ. मनीषा सांगवान और सोनीपत जिले की खरखौदा सीट से चुनाव हारे पूर्व विधायक जयवीर वाल्मीकि शामिल हैं। उदयभान की कमेटी में भी दिखी गुटबाजी
चौधरी उदयभान की ओर से बनाई गई ये कमेटी भी नेताओं की गुटबाजी से अछूती नहीं रही। कमेटी के सभी मेंबर हुड्डा गुट से जुड़े हैं और इसमें कांग्रेस सांसद सैलजा से जुड़े किसी नेता को जगह नहीं दी गई। यही नहीं, सैलजा के मौजूदा संसदीय क्षेत्र सिरसा और पुराने क्षेत्र अंबाला से ताल्लुक रखने वाला कोई नेता भी इस कमेटी में शामिल नहीं किया गया। 5 नवंबर को हुई मीटिंग, अगली बैठक 9 को
मंगलवार (5 नवंबर) को दिल्ली में इस 8 सदस्यीय कमेटी की मीटिंग हुई। मीटिंग की अध्यक्षता हरियाणा के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। मीटिंग में कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल भी मौजूद रहे। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में तय हुआ कि 9 नवंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली में दोबारा मीटिंग की जाएगी और इसमें चुनाव हारने वाले 53 नेताओं को बुलाया जाएगा। इन नेताओं से न केवल हार के कारण पूछे जाएंगे, बल्कि इनके सबूत भी मांगे जाएंगे। इन सबूतों का कांग्रेस की लीगल टीम अध्ययन करेगी और अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। कांग्रेस हाईकमान ने भी बनाई थी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
उदयभान द्वारा बनाई गई कमेटी से पहले भी कांग्रेस हाईकमान हार की समीक्षा के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बना चुका है, इसमें हरियाणा के सभी नेताओं से वन टू वन बात की गई थी। इस कमेटी में छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल थे। कमेटी ने हरियाणा में चुनाव हारे 53 नेताओं से बातचीत की थी। हर नेता से 4 तरह के सवाल पूछे थे, जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की। उसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई थी।