अमृतसर| थाना राजासांसी की पुलिस ने दुकान के शट्टर का ताला तोड़कर नए कपड़े और 30 हजार रुपए चोरी करने के मामले में अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में सुखदेव सिंह निवासी कुकड़ावाला कॉलोनी ने बताया कि 17 अगस्त को वह रोजाना की तरह अपनी मनियारी की दुकान को ताला लगाकर बंद करके अपने घर चला गया। जब 18 अगस्त तड़कसार 4 बजे सैर करते हुए अपनी दुकान की ओर आया तो दुकान से एक युवक को निकल भागते हुए देखा। दुकान के शट्टर का ताला टूटा हुआ था। अमृतसर| थाना राजासांसी की पुलिस ने दुकान के शट्टर का ताला तोड़कर नए कपड़े और 30 हजार रुपए चोरी करने के मामले में अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में सुखदेव सिंह निवासी कुकड़ावाला कॉलोनी ने बताया कि 17 अगस्त को वह रोजाना की तरह अपनी मनियारी की दुकान को ताला लगाकर बंद करके अपने घर चला गया। जब 18 अगस्त तड़कसार 4 बजे सैर करते हुए अपनी दुकान की ओर आया तो दुकान से एक युवक को निकल भागते हुए देखा। दुकान के शट्टर का ताला टूटा हुआ था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

अमृतपाल का समर्थक प्रधानमंत्री बाजेके लड़ेगा चुनाव:बेटा बोला- मेरे पिता गिद्दड़बाहा सीट से होंगे उम्मीदवार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद है भगवंत सिंह
अमृतपाल का समर्थक प्रधानमंत्री बाजेके लड़ेगा चुनाव:बेटा बोला- मेरे पिता गिद्दड़बाहा सीट से होंगे उम्मीदवार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद है भगवंत सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रधान अमृतपाल सिंह के समर्थक भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनके बेटे आकाशदीप सिंह ने इंस्टाग्राम पर इसकी घोषणा की है। भगवंत सिंह ने यह फैसला अमृतपाल सिंह के खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लिया है। प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत होने जा रही है। बाजेके किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय रहे हैं। वह अक्सर किसान आंदोलन के वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों के साथ शेयर करते रहते थे। बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने गिद्दड़बाहा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। अब उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता वडिंग को इस सीट पर चुनाव लड़वा सकते हैं। अमृतपाल सिंह के साथ बाजेके भी है डिब्रूगढ़ जेल में बंद भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके अमृतपाल सिंह के साथ डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अगर बाजेके चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें भी जेल से ही चुनाव लड़ना होगा। पंजाब की खडूर साहिब सीट से लोकसभा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह और भगवंत सिंह बाजेके को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। अमृतपाल सिंह और भगवंत सिंह पर भी इसी तरह के आरोप हैं। दोनों के साथ अन्य साथियों को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था और सभी असम की जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह ने बिना प्रचार किए ही चुनाव जीत लिया है। अमृतपाल ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.9 लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। प्रधानमंत्री बाजेके के नाम की घोषणा के बाद माहौल गरमा गया पंजाब की गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से अब तक कांग्रेस के तेजतर्रार नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग विधायक थे। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके के बेटे के नाम की घोषणा ने पंजाब की सियासत गरमा दी है। इस सीट पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है। अब देखना यह है कि क्या भगवंत सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तरह जीतते हैं या नहीं? कुछ दिन पहले जेल में बंद बाजेके की तबीयत खराब होने की जानकारी भी सामने आई थी। कौन हैं भगवंत सिंह? एनएसए के तहत अमृतपाल के साथ डिब्रूगढ़ जेल में बंद बाजेके मोगा के धर्मकोट गांव के ही रहने वाले हैं। पिछले सप्ताह जब भगवंत सिंह की तबीयत खराब हुई थी, तब परिवार ने मांग की थी कि उन्हें पंजाब की जेल में रखा जाए। बाजेके के बेटे आकाशदीप ने डिब्रूगढ़ जेल प्रशासन पर उनके पिता को गलत खाना देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जेल में खाने में तंबाकू मिलाया जा रहा है, जिससे उनके पिता और अन्य लोग बीमार हो रहे हैं। परिवार ने तर्क दिया था कि असम जाने के लिए एक व्यक्ति का 35 से 40 हजार रुपये खर्च आता है। बाजेके की मां दिल की मरीज हैं। अब बेटे ने घोषणा की है कि उनके पिता चुनाव लड़ेंगे। 18 मार्च 2024 को भगवंत को किया गया था गिरफ्तार अमृतपाल सिंह के करीबी भगवंत सिंह बाजेके को पुलिस ने 18 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस बाजेके का पीछा कर रही थी, तब वह फेसबुक पर लाइव हो गया था। मोगा पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसे अमृतसर पुलिस को सौंप दिया गया, जहां से बाजेके पर एनएसए लगाया गया। इंस्टाग्राम और फेसबुक का शौकीन है बाजेके भगवंत सिंह बाजेके इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अक्सर रील बनाता था। पुलिस के मुताबिक वह एक इन्फ्लुएंसर भी है। वह फेसबुक पर प्रधानमंत्री बाजेके नाम से पेज भी चलाता है। जहां वह लोगों से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे साझा करता है। कैसे बना भगवंत सिंह प्रधानमंत्री बाजेके साल 2020 में एक स्थानीय वेब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत सिंह ने बताया था कि वह सोशल मीडिया पर पॉपुलर होना चाहता था, इसलिए उसने अपना नाम प्रधानमंत्री रख लिया। भगवंत सिंह ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के नाम से एक पेज देखा था। इसीलिए उसने अपने पेज का नाम प्रधानमंत्री रखा है। उसने यह भी कहा कि अगर मैं सोशल मीडिया के जरिए अपनी आजीविका चला रहा हूं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। भगवंत के खिलाफ 8 मामले दर्ज आपको बता दें कि भगवंत सिंह के फेसबुक पर करीब 6.11 फॉलोअर्स हैं। भगवंत सिंह के खिलाफ अब तक कुल 8 मामले दर्ज हो चुके हैं। जिसमें हत्या का प्रयास, एनडीपीएस एक्ट जैसे मामले शामिल हैं। साल 2015 में जमीन से जुड़े एक मामले में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। साल 2017 में कथित तौर पर 400 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। भगवंत सिंह 8वीं पास है, उसके पास 4 एकड़ जमीन पुलिस के दस्तावेजों के मुताबिक भगवंत सिंह 8वीं पास है। उसके पास 4 एकड़ जमीन है। साथ ही एक घर भी है। वह अक्सर सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देता नजर आता है। गांव के लोगों से उसका मेलजोल ठीक नहीं है। अमृतपाल सिंह के संपर्क में आने के बाद भगवंत सिंह के खिलाफ सरेआम हथियार लहराने का मामला दर्ज हुआ था। उसके पास किसी भी हथियार का लाइसेंस नहीं था। जब भगवंत सिंह ने अमृतपाल सिंह का समर्थन करना शुरू किया था, तब वह केवल टी-शर्ट, शर्ट और ट्राउजर में ही नजर आता था और पगड़ी भी नहीं पहनता था। लेकिन अमृतपाल के संपर्क में आने के बाद उसने खालसा रूप धारण कर लिया। वह अपने साथ राइफल और तलवार लेकर चलता था और अमृतपाल सिंह के हर कार्यक्रम में नजर आता था।

पटियाला में महिला टोलकर्मी को बस ड्राइवर ने मारा थप्पड़:बैरिकेड हटाने पर बढ़ा विवाद, घटना सीसीटीवी में कैद, चंडीगढ़ जा रही थी बस
पटियाला में महिला टोलकर्मी को बस ड्राइवर ने मारा थप्पड़:बैरिकेड हटाने पर बढ़ा विवाद, घटना सीसीटीवी में कैद, चंडीगढ़ जा रही थी बस पंजाब के पटियाला के बनूड़ में स्थित अजीजपुर टोल प्लाजा पर चंडीगढ़ डिपो की बस के ड्राइवर ने एक महिला कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया। पूरी घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। बस की पहचान उसके नंबर से हो गई है। अब सीसीटीवी पटियाला पुलिस को सौंप दिया गया है, जिसके आधार पर बनूड़ पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना कल दोपहर करीब 1 बजे की है। टोल प्लाजा पर काफी देर तक ट्रैफिक रहा। इस दौरान उक्त बस के कंडक्टर ने टोल प्लाजा का बैरिकेड हटा दिया और इस दौरान तीन से चार वाहन टोल से गुजरे। जिसके बाद उक्त बस टोल से निकलने लगी तो बस के कंडक्टर द्वारा एक महिला कर्मी को जाते जाते थप्पड़ जड़ दिया गया। जिसके बाद मौके पर विवाद बढ़ा तो उक्त बस चालक ने उक्त जगह से बस भगा ली। हालांकि टोल पर मौजूद मुलाजिमों द्वारा मौके पर पत्थर भी फेंका गया। पटियाला पुलिस जल्द मामले की जांच के बाद अगली कार्रवाई करेगी। मिली जानकारी के अनुसार बस पटियाला से चंडीगढ़ की ओर जा रही थी।

पंजाब भाजपा प्रधान ने इस्तीफे को लेकर तोड़ी चुप्पी:बोले- नैतिकता के आधार पर दिया था इस्तीफा, वोट प्रतिशत बढ़ा-सीट नहीं जीती
पंजाब भाजपा प्रधान ने इस्तीफे को लेकर तोड़ी चुप्पी:बोले- नैतिकता के आधार पर दिया था इस्तीफा, वोट प्रतिशत बढ़ा-सीट नहीं जीती पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफे को लेकर एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि दिल को बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है। लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत के मामले में हम छह फीसदी से 18 फीसदी पर पहुंच गए, बहुत बढ़िया रहे। लेकिन सीट तो एक भी नहीं आई। इसकी जिम्मेदारी मेरी बनती थी। ऐसे में मैंने पार्टी प्रधान जेपी नड्डा साहब और पीएम से मिलकर कहा था कि मुझे इस जिम्मेदारी से हटाया जाए। मैं नैतिक आधार पर इस पद पर नहीं रह सकता हूं। इस्तीफा उनके पास ही है, वह क्या फैसला लेते हैं, वह उनके हाथ में हैं। हालांकि मैं अपने मन से बड़ा क्लियर हूं कि इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। कांग्रेस के प्रधान पद से भी दिया था इस्तीफा जाखड़ ने कहा कि उन्होंने पहली बार इस्तीफा नहीं दिया। जब वह कांग्रेस के प्रधान पर पर थे तो 2019 में चुनाव रिजल्ट आए, वह गुरदासपुर से नहीं जीत पाए। उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया। उस समय भी सोनिया गांधी ने कहा आप प्रधानगी संभालो। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। एक दो महीने मामला लटका रहा। फिर जब तक नया प्रधान नहीं बनाया गया तब तक उन्हें प्रधान बनाए रखा गया। आज सरकार व विपक्ष मिले हुए हैं जब जाखड़ से पूछा गया कि वह काफी समय से पंजाब एक्टिव नहीं है। जाखड़ ने कहा कि जब प्रधान पद से इस्तीफा दिया था, तो उसके पास संदेह की स्थिति बनी हुई थी। पार्टी के पास लीडरशिप की कमी नहीं है। आज मसला यह नहीं है प्रधान कौन बनता है। मसला है किसानों के साथ क्या हो रहा है। सरकार व विपक्ष मिले हुए हैं। कल मैं सबके बयान सुन रहा था। भगवंत मान का ट्वीट सबके पास आया, लेकिन कोई नहीं सीएम भगवंत मान के खिलाफ नहीं बोल पाया। पॉलिसी बनाने के समय दिल्ली में थे नेता पंजाब सरकार की मिलर पॉलिसी को लेकर जाखड़ ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मिलर पॉलिसी बनने के बाद एक महीना उसे लागू करने में लग जाता है। गत साल 2 अगस्त को पॉलिसी आ गई थी। जबकि इस बार 24 सितंबर को पॉलिसी आई, छह दिन में खरीद शुरू हो गई। यह चीज साफ नहीं थी कि अनाज कहां जाना है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दिक्कत नहीं आई। पहले सारे दिल्ली घूम रहे थे। केजरीवाल जेल के अंदर थे। जाखड़ ने कहा कि किसानों को इस समय मदद की जरूरत है। सरकार उनकी बाजू कैसे पकड़े। उन्होंने कहा कि कम्युनिकेशन गैप को दूर किया जाना चाहिए। बिट्टू क्यों नहीं बन सकते हैं सीएम भाजपा प्रधान से जब पूछा गया कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि 2027 में बीजेपी सरकार बनेगी, वह पंजाब के सीएम बनेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले कह रहे कि नीटू शटरां वाले सीएम बनेंगे। नीटू वाले सीएम बन गए तो फिर बिटटू में क्या दिक्कत हैं। 2027 में दो साल बचे हैं। डटकर काम काम करने की जरूरत। लोग काम मांगते हैं। बिट्टू से नाराज नहीं, चीफ गेस्ट बुलाया है जाखड़ ने कहा कि लोग कहते हैं कि बिट्टू और सुनील नाराज हैं। जाखड़ ने कहा कि जिससे मेरी नहीं बनती है, उसके लिए मेरे दरवाजे हमेशा बंद रहते हैं। मेरा भतीजा विधायक संदीप जाखड़ मैराथन करवाता है, जो कि इस महीने होनी है। वहां पर चीफ गेस्ट बिट्टू को बुलाया है। उन्होंने कहा कि बिट्टू कहते हैं कि किसानों के खाते जांचेंगे। यह काम बाद में कर लेना। जिनके घर से दस करोड़ मिले हैं। बसों की बॉडी का मुद्दा इंटरस्टेट हैं। इनके खाते खुलवाएं। उन्होंने कहा कि कुछ काम करेंगे है तो लोग घर से ले जाएंगे। अकाली दल का मजबूत होना जरूर सुनील जाखड़ ने कहा वह पहले दिन से कह रहे कि अकाली दल का बना रहना बड़ जरूरी है। चाहे सीटे मिले या नहीं मिले। उन्होंने कहा कि इस चीज से ही राज्य का फायदा है। याद रहे कि उन्होंने भाजपा और बीजेपी में समझौता होने भी लगा था। लेकिन यह समझौता सिरे नहीं चढ़ पाया है।