लुधियाना| डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने वीरवार को 24/7 नहर आधारित जल आपूर्ति परियोजना को लेकर नगर परिषद क्षेत्र में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित करने के अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरी कर रिपोर्ट देने को निर्देशित किया है। डीसी ने कहा कि यह परियोजना मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है और इसे कार्यकारी एजेंसी के रूप में पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के साथ अमृत 2.0 योजना के तहत चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश परिषदों में डब्ल्यूटीपी के लिए भूमि को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है और संबंधित विभाग जल्द से जल्द जमीन सौंपने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने अगले मंगलवार तक जमीन को अंतिम रूप देने के लिए साहनेवाल और पायल नगर परिषदों में पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के साथ डीडीपीओ और ईओ द्वारा एक संयुक्त निरीक्षण के निर्देश दिए। परियोजना की साप्ताहिक समीक्षा की जाती है और डब्ल्यूटीपी पर काम जल्द ही शुरू होगा। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त (यूडी) रूपिंदर पाल सिंह, जिला विकास और पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) नवदीप कौर, पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड से कार्यकारी अभियंता बलराज सिंह गिल, सुपिंदर सिंह समेत खन्ना, दोराहा सहित नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारी आदि मौजूद थे। लुधियाना| डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने वीरवार को 24/7 नहर आधारित जल आपूर्ति परियोजना को लेकर नगर परिषद क्षेत्र में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित करने के अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरी कर रिपोर्ट देने को निर्देशित किया है। डीसी ने कहा कि यह परियोजना मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है और इसे कार्यकारी एजेंसी के रूप में पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के साथ अमृत 2.0 योजना के तहत चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकांश परिषदों में डब्ल्यूटीपी के लिए भूमि को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है और संबंधित विभाग जल्द से जल्द जमीन सौंपने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने अगले मंगलवार तक जमीन को अंतिम रूप देने के लिए साहनेवाल और पायल नगर परिषदों में पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के साथ डीडीपीओ और ईओ द्वारा एक संयुक्त निरीक्षण के निर्देश दिए। परियोजना की साप्ताहिक समीक्षा की जाती है और डब्ल्यूटीपी पर काम जल्द ही शुरू होगा। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त (यूडी) रूपिंदर पाल सिंह, जिला विकास और पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) नवदीप कौर, पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड से कार्यकारी अभियंता बलराज सिंह गिल, सुपिंदर सिंह समेत खन्ना, दोराहा सहित नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारी आदि मौजूद थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इमरजेंसी फिल्क की रिलीज अटकी:कंगना रनोट का फैंस को संदेश; बोली- सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद व ऐक्ट्रैस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक गई है। फिल्म की रिलीज तारीख 6 सितंबर थी, लेकिन सिख संगठनों व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोध के बाद सेंसर बोर्ड की तरफ से सर्टिफिकेट ही नहीं दिया गया। जिसके बाद कंगना ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर अपने समर्थकों व फैंस के लिए संदेश दिया है। कंगना ने सोशल मीडिया पर संदेश में लिखा- भारी मन से मैं घोषणा करता हूं कि मेरी निर्देशित इमरजेंसी को स्थगित कर दिया गया है, हम अभी भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, नई रिलीज की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी, आपकी समझ और धैर्य के लिए धन्यवाद। दरअसल, फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई बीते सप्ताह हुई। कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल पहले ही कह चुके हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था। कई स्टेट्स में याचिका दायर की गई हैं। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैं। उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। कंगना के बयान से भाजपा ने पल्ला झाड़ा फिल्म इमरजेंसी के विवाद के बीच दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू के बीच कंगना रनोट ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया। कंगना का कहना था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप हुए और कत्ल हुए। जिसके बाद कंगना एक बार फिर कंट्रोवर्सियों में फंस गई। अंत में भाजपा ने भी उनके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया। भाजपा को अलग से बयान जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।