भास्कर न्यूज | फतेहाबाद कृषि विभाग के गुण नियंत्रण निरीक्षक द्वारा वर्ष 2020 में मैसर्ज बेस्ट क्रॉप साइंस, गोविंदसर, कठुआ द्वारा निर्मित कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजो एटे 5 प्रतिशत एसजी का नमूना मैसर्ज श्रीराम पेस्टीसाइड, अनाज मंडी फतेहाबाद से लिया गया था जोकि जांच उपरांत मिस ब्रांड पाया गया। जांच रिपोर्ट में कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजो एटे 5 प्रतिशत एसजी की मात्रा निम्न स्तर की पाई गई जिस पर विभाग द्वारा उपरोक्त कंपनी तथा डीलर के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए घटिया किस्म की कीटनाशक बनाने व बेचने के आरोप में उपरोक्त निर्माता कंपनी मैसर्ज बेस्ट क्रॉप साइंस, गोविंदसर, कठुवा, इंडो-स्वीस केमिकल लिमिटेड, सेक्टर 3 सी मध्य मार्ग, चंडीगढ़ मार्केटिंग फर्म व डीलर मैसर्ज श्रीराम पेस्टीसाइड, अनाज मंडी फतेहाबाद को दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। भास्कर न्यूज | फतेहाबाद कृषि विभाग के गुण नियंत्रण निरीक्षक द्वारा वर्ष 2020 में मैसर्ज बेस्ट क्रॉप साइंस, गोविंदसर, कठुआ द्वारा निर्मित कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजो एटे 5 प्रतिशत एसजी का नमूना मैसर्ज श्रीराम पेस्टीसाइड, अनाज मंडी फतेहाबाद से लिया गया था जोकि जांच उपरांत मिस ब्रांड पाया गया। जांच रिपोर्ट में कीटनाशक इमामेक्टिन बेंजो एटे 5 प्रतिशत एसजी की मात्रा निम्न स्तर की पाई गई जिस पर विभाग द्वारा उपरोक्त कंपनी तथा डीलर के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए घटिया किस्म की कीटनाशक बनाने व बेचने के आरोप में उपरोक्त निर्माता कंपनी मैसर्ज बेस्ट क्रॉप साइंस, गोविंदसर, कठुवा, इंडो-स्वीस केमिकल लिमिटेड, सेक्टर 3 सी मध्य मार्ग, चंडीगढ़ मार्केटिंग फर्म व डीलर मैसर्ज श्रीराम पेस्टीसाइड, अनाज मंडी फतेहाबाद को दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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शव ठिकाने लगाने के लिए अंधेरे की फिराक में थे मां-बेटा
शव ठिकाने लगाने के लिए अंधेरे की फिराक में थे मां-बेटा मनोज मिश्रा | यमुनानगर पिता की हत्या कर सलाखों के पीछे पहुंचे सुमित व पत्नी यशोदा ने पूछताछ में जो भी कुछ बताया, वह खौफनाक था। शराब पीकर रोजाना मां-बेटे को पीटने वाले ललन को मारने वाले इकलौते बेटे सुमित ने कत्ल करने का मन गुरुवार सुबह ही बना लिया था, क्योंकि बुधवार रात भी ललन ने उनके साथ मारपीट की थी। पिता की हत्या कर 24 घंटे तक वह अपनी मां के साथ शव के पास इसलिए बैठा रहा था, क्योंकि वह शुक्रवार रात को पिता के ऑटो रिक्शा में उनके शव को रख कर ठिकाने लगाने का योजना बना चुका था। पुलिस पूछताछ में सुमित ने बताया कि वह अपने पिता से बहुत प्यार करता था, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ और पिता ने शराब के नशे में परिवार की सुख-शांति खत्म कर दी तो उसे नफरत होने लगी। पिता से घृणा तब हुई जब पिछले कुछ माह से पिता ने उसकी मां को पीटना शुरू कर दिया। घर से निकाल देने की धमकी देने लगे। वह बीच-बचाव करता तो पिता उस पर भी हाथ उठा देते थे। ज्यादा गुस्सा तो इसी सप्ताह उस रात आया जब नशे में धुत होकर उसके पिता पहले तो उसकी मां को पीटा और रोती हुई पांच साल की बहन को भी धक्का दे दिया था। मां पर हाथ उठाया तो बेटे का गुस्सा फूटा 24 अक्टूबर बुधवार रात को भी ललन ने नशे में मारपीट की थी, लेकिन उस समय सुमित घर पर नहीं था। पिता के सोने के बाद जब वह घर पहुंचा तो रोते हुए यशोदा ने उसे पूरा किस्सा बताया। गुरुवार सुबह ही उसने सोच लिया था कि अगर अब पापा ने इस तरह की हरकत की तो वह उन्हें मार देगा। गुरुवार रात को जब ललन ने नशे में झगड़ा करते हुए यशोदा पर हाथ उठाया तो उसने फायर सिलेंडर से पहला वार ही इतनी ताकत से किया कि ललन अधमरा हो कर गिर पड़ा, जिससे वह चीख भी न सका और इसके बाद उसने ताबडतोड़ वार करता रहा…। इसके बाद धारदार हथियार से कई वार किए। ललन की मौत के बाद यशोदा ने खाना बनाया और वहीं बैठ कर खाना खाया। 24 घंटे तक शव के पास सुमित इसलिए बैठा रहा, क्योंकि शुक्रवार रात अंधेरे में वह पिता की ऑटो रिक्शा में ही शव को रख कर ठिकाने लगाता, लेकिन अचानक किसी ने खून देख कर मकान मालकिन को कॉल कर दी और भेद खुल गया।

हरियाणा चुनाव से जुड़ी याचिका SC में खारिज:कांग्रेस ने जल्दी सुनवाई की मांग की थी; CJI बोले– क्या नई सरकार का शपथग्रहण रोकना चाहते हैं
हरियाणा चुनाव से जुड़ी याचिका SC में खारिज:कांग्रेस ने जल्दी सुनवाई की मांग की थी; CJI बोले– क्या नई सरकार का शपथग्रहण रोकना चाहते हैं हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़ी याचिका पर आज (17अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यह याचिका कांग्रेस की ओर से दायर की गई थी। जिसमें वोटिंग-काउंटिंग के दौरान EVM में गड़बड़ी का आरोप लगाकर 20 विधानसभा सीटों पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की गई थी। कांग्रेस ने इस याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसी याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आप कागजात सौंपिए, हम देखेंगे।’ मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए पूछा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम चुनी हुई नई सरकार का शपथग्रहण रोक दें?’ बता दें कि हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनने पर आज नई सरकार के मुख्यमंत्री और 13 मंत्रियों ने शपथ ले ली है। 16 अक्टूबर को दी गई याचिका
गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को कांग्रेस की ओर से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर वोटिंग-काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने EVM से हरियाणा में चुनाव कराए हैं। उसी के आधार पर रिजल्ट भी घोषित किए हैं। मगर, कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कुछ EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99 प्रतिशत बैटरी थी। वोटिंग के दौरान ही पकड़ी थी EVM की गड़बड़ी
याचिका में कहा गया कि कुछ पोलिंग स्टेशन पर वोटिंग और काउंटिंग के दौरान ही EVM की गड़बड़ी पकड़ ली गई थी। मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने EVM की गड़बड़ी को वहां मौजूद चुनाव अधिकारी को बताया भी था, लेकिन कांग्रेस के लोग ज्यादा नहीं थे, इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि हरियाणा की 20 सीटों पर EVM में गड़बड़ी की संभावना है। उन पर दोबारा चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग ने वोटिंग के बाद काउंटिंग के एक दिन पहले तक वोटिंग प्रतिशत को लगातार अपडेट किया था। इसकी जांच की जाए। याचिका में कहा गया कि मामले में सुनवाई जल्द की जाए। इसी पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई है। मुख्य चुनाव आयुक्त कह चुके- EVM में कोई गड़बड़ी नहीं
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि EVM की बैटरी कैलकुलेटर बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है। आयुक्त ने ये भी कहा था कि EVM में एक प्रावधान है कि मशीनों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। कमिशनिंग के बाद जब मॉक पोल होता है तो शुरू में 99% बैटरी दिखती है। इसके साथ ही जब यह 7.4% से कम वोल्टेज होता है तो यह कम बैटरी दिखाता है। चुनाव आयोग को शिकायत कर कांग्रेस नेताओं ने लगाए थे आरोप… प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था- खास EVM , जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी
हरियाणा चुनाव रिजल्ट के बाद कांग्रेस शिकायत करने दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर में पहुंची थी। जिसके बाद हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा था कि हमारे पास 20 शिकायतें आईं। जिनमें 7 लिखित हैं। मतगणना के दिन कुछ खास EVM थीं, जिनकी बैटरी 99% चार्ज दिखा रही थी। इनसे BJP को ज्यादा वोट मिले। मतगणना के बाद बैटरी इतनी चार्ज नहीं रह सकती। हमारे संदेह का यह सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा था कि बाकी जो सामान्य EVM थी, उनकी बैटरी 60 से 70% थी। उसमें BJP नहीं जीत रही थी। इस बारे में हमने आयोग को बता दिया है। उन्होंने जांच पूरी होने तक EVM सील करने की मांग की थी। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा- 20 सीटों पर गड़बड़ी हुई
दिल्ली में चुनाव आयोग से शिकायत के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमारे उम्मीदवारों ने EVM की बैटरी की शिकायत की। हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि इसकी जांच करके बताइए। इस बारे में कैंडिडेट्स ने रिटर्निंग अफसर को काउंटिंग सेंटर में ही लिखित शिकायत भी दी है।

राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे
राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में घमासान मचा हुआ है। BJP के गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल बेल्ट में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के मामले में खुद को पूरी तरह एक्टिव किया हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीटों पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। BJP शीर्ष नेतृत्व जिन्हें मजबूत कैंडिडेट मानकर चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार है वह अहीरवाल की 3 सीटें हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी पसंद और संगठन दोनों को तवज्जो मिले। अहीरवाल बेल्ट से विरोधियों को निपटाना है असली लड़ाई
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी की पहली वजह उनकी बेटी आरती राव की टिकट को लेकर मानी जा रही थी, लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी नेतृत्व ने शुरू से ही आरती राव को टिकट देने में कोई संकोच नहीं रखा। राव इंद्रजीत सिंह की असली लड़ाई अहीरवाल बेल्ट में अपने राजनीतिक विरोधियों को निपटा कर ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की रही है। BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी नहीं होती तो 27 या 28 अगस्त को ही कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी हो सकती थी। कई सीटों पर राव ने दी जीत की गारंटी
राव की नाराजगी को BJP ने पहले से ही भांप लिया था। उसके बाद राव को तवज्जो दी गई। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगी उन पर उन्होंने जीत की गारंटी भी पार्टी नेतृत्व को दी है। अहीरवाल बेल्ट की 2 सीटें उनकी साख का सवाल बनी हुई हैं। इनमें एक पटौदी और दूसरी बावल सीट है। ये दोनों ही सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं और इन पर रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है। इन चार सीटों में राव की खास रुचि
नारनौल, बावल, कोसली, पटौदी ऐसी सीट हैं, जहां पर मौजूदा विधायकों की टिकट कटना लगभग तय ही माना जा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह की इन चारों ही सीटों पर खास रुचि है। पिछले दिनों गुरुग्राम में हुई BJP की मीटिंग में 90 सीटों के कैंडिडेट को लेकर लंबी चर्चा हुई थी, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों का पैनल में नाम ही नहीं होने से नाराज हो गए थे। जिसके बाद पूरे मामले में शीर्ष नेतृत्व ने हस्ताक्षेप किया। वीटो का इस्तेमाल कर पैनल में शामिल कराए नाम
राव इंद्रजीत सिंह ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर न केवल अपने समर्थित नेताओं के नाम पैनल में शामिल कराए बल्कि एक दिन पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा भी हुई। BJP की तरफ से हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार के नाम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं। इनमें अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के कुछ कैंडिडेट भी शामिल हैं। हालांकि उम्मीदवारों की लिस्ट को अमित शाह की रैली के चलते रोका गया है। बादशाहपुर में सुधा टॉप पर
गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी अहीरवाल बेल्ट में ही आती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान सीएम नायब सैनी के सबसे करीबी राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव, मनीष यादव भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह इस सीट पर खुद के समर्थक नेता को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में हैं। गुरुग्राम में 4 दिन पहले हुई बैठक में BJP पार्लियामेंट्री बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव द्वारा सीनियर नेताओं के सामने राव नरबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। BJP सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ाना चाहता था, जिस पर राव इंद्रजीत सिंह ने भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इससे साफ ही कि राव नरबीर का टिकट काटकर BJP सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 2019 के चुनाव में भी BJP ने राव नरबीर सिंह की टिकट काट दी थी। नरबीर सिंह उस वक्त मनोहर लाल की कैबिनेट में तीसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे। नरबीर सिंह के समर्थकों ने टिकट कटवाने का आरोप राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया था। 2019 में भी इस्तेमाल की थी वीटो पावर राव इंद्रजीत सिंह 2014 में BJP में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में BJP की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद मनोहर लाल से उनके रिश्तों में खटास बनी रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर जिन्हें चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन पर वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट ही कटवा दी थी। इसमें बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास, अटेली से संतोष यादव के अलावा कुछ अन्य नेता थे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी पसंद के मुताबिक रेवाड़ी और बादशाहपुर में प्रत्याशी उतारे, लेकिन इन दोनों ही सीट पर BJP को हार मिली। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।