मनोज मिश्रा | यमुनानगर पिता की हत्या कर सलाखों के पीछे पहुंचे सुमित व पत्नी यशोदा ने पूछताछ में जो भी कुछ बताया, वह खौफनाक था। शराब पीकर रोजाना मां-बेटे को पीटने वाले ललन को मारने वाले इकलौते बेटे सुमित ने कत्ल करने का मन गुरुवार सुबह ही बना लिया था, क्योंकि बुधवार रात भी ललन ने उनके साथ मारपीट की थी। पिता की हत्या कर 24 घंटे तक वह अपनी मां के साथ शव के पास इसलिए बैठा रहा था, क्योंकि वह शुक्रवार रात को पिता के ऑटो रिक्शा में उनके शव को रख कर ठिकाने लगाने का योजना बना चुका था। पुलिस पूछताछ में सुमित ने बताया कि वह अपने पिता से बहुत प्यार करता था, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ और पिता ने शराब के नशे में परिवार की सुख-शांति खत्म कर दी तो उसे नफरत होने लगी। पिता से घृणा तब हुई जब पिछले कुछ माह से पिता ने उसकी मां को पीटना शुरू कर दिया। घर से निकाल देने की धमकी देने लगे। वह बीच-बचाव करता तो पिता उस पर भी हाथ उठा देते थे। ज्यादा गुस्सा तो इसी सप्ताह उस रात आया जब नशे में धुत होकर उसके पिता पहले तो उसकी मां को पीटा और रोती हुई पांच साल की बहन को भी धक्का दे दिया था। मां पर हाथ उठाया तो बेटे का गुस्सा फूटा 24 अक्टूबर बुधवार रात को भी ललन ने नशे में मारपीट की थी, लेकिन उस समय सुमित घर पर नहीं था। पिता के सोने के बाद जब वह घर पहुंचा तो रोते हुए यशोदा ने उसे पूरा किस्सा बताया। गुरुवार सुबह ही उसने सोच लिया था कि अगर अब पापा ने इस तरह की हरकत की तो वह उन्हें मार देगा। गुरुवार रात को जब ललन ने नशे में झगड़ा करते हुए यशोदा पर हाथ उठाया तो उसने फायर सिलेंडर से पहला वार ही इतनी ताकत से किया कि ललन अधमरा हो कर गिर पड़ा, जिससे वह चीख भी न सका और इसके बाद उसने ताबडतोड़ वार करता रहा…। इसके बाद धारदार हथियार से कई वार किए। ललन की मौत के बाद यशोदा ने खाना बनाया और वहीं बैठ कर खाना खाया। 24 घंटे तक शव के पास सुमित इसलिए बैठा रहा, क्योंकि शुक्रवार रात अंधेरे में वह पिता की ऑटो रिक्शा में ही शव को रख कर ठिकाने लगाता, लेकिन अचानक किसी ने खून देख कर मकान मालकिन को कॉल कर दी और भेद खुल गया। मनोज मिश्रा | यमुनानगर पिता की हत्या कर सलाखों के पीछे पहुंचे सुमित व पत्नी यशोदा ने पूछताछ में जो भी कुछ बताया, वह खौफनाक था। शराब पीकर रोजाना मां-बेटे को पीटने वाले ललन को मारने वाले इकलौते बेटे सुमित ने कत्ल करने का मन गुरुवार सुबह ही बना लिया था, क्योंकि बुधवार रात भी ललन ने उनके साथ मारपीट की थी। पिता की हत्या कर 24 घंटे तक वह अपनी मां के साथ शव के पास इसलिए बैठा रहा था, क्योंकि वह शुक्रवार रात को पिता के ऑटो रिक्शा में उनके शव को रख कर ठिकाने लगाने का योजना बना चुका था। पुलिस पूछताछ में सुमित ने बताया कि वह अपने पिता से बहुत प्यार करता था, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ और पिता ने शराब के नशे में परिवार की सुख-शांति खत्म कर दी तो उसे नफरत होने लगी। पिता से घृणा तब हुई जब पिछले कुछ माह से पिता ने उसकी मां को पीटना शुरू कर दिया। घर से निकाल देने की धमकी देने लगे। वह बीच-बचाव करता तो पिता उस पर भी हाथ उठा देते थे। ज्यादा गुस्सा तो इसी सप्ताह उस रात आया जब नशे में धुत होकर उसके पिता पहले तो उसकी मां को पीटा और रोती हुई पांच साल की बहन को भी धक्का दे दिया था। मां पर हाथ उठाया तो बेटे का गुस्सा फूटा 24 अक्टूबर बुधवार रात को भी ललन ने नशे में मारपीट की थी, लेकिन उस समय सुमित घर पर नहीं था। पिता के सोने के बाद जब वह घर पहुंचा तो रोते हुए यशोदा ने उसे पूरा किस्सा बताया। गुरुवार सुबह ही उसने सोच लिया था कि अगर अब पापा ने इस तरह की हरकत की तो वह उन्हें मार देगा। गुरुवार रात को जब ललन ने नशे में झगड़ा करते हुए यशोदा पर हाथ उठाया तो उसने फायर सिलेंडर से पहला वार ही इतनी ताकत से किया कि ललन अधमरा हो कर गिर पड़ा, जिससे वह चीख भी न सका और इसके बाद उसने ताबडतोड़ वार करता रहा…। इसके बाद धारदार हथियार से कई वार किए। ललन की मौत के बाद यशोदा ने खाना बनाया और वहीं बैठ कर खाना खाया। 24 घंटे तक शव के पास सुमित इसलिए बैठा रहा, क्योंकि शुक्रवार रात अंधेरे में वह पिता की ऑटो रिक्शा में ही शव को रख कर ठिकाने लगाता, लेकिन अचानक किसी ने खून देख कर मकान मालकिन को कॉल कर दी और भेद खुल गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व मंत्री ने गिनाए कांग्रेस हार के कारण:बत्रा बोले- संगठन की कमी, सिटिंग-गैटिंग फार्मूला व ओवर कांफिडेंस से हारी हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष बत्रा ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हार के कारण गिनवाए। वहीं कहा कि जनवरी के लास्ट या फरवरी की शुरूआत में हरियाणा में नगर निकाय चुनाव होने जा रहे हैं। अगर संगठन नहीं होगा तो कांग्रेस की यही दशा होने जा रही है। पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कांग्रेस द्वारा विपक्ष का नेता नहीं चुने जाने पर कहा कि यह पार्टी का अंदरुनी मामला है। भाजपा अपनी सरकार कैसे चलानी है, किसानों को कोई सुविधा कैसे देनी है, प्रदेश की विकास की गति में तेजी को लाया जाए, उस पर तो विचार कम कर रहे हैं और कांग्रेस द्वारा सीएलपी का लीडर नहीं चुनने पर ज्यादा टिप्पणी देते हैं। चुन लिया जाएगा। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा काम तो कर रहे हैं, विधायकों का बहुमत उनके साथ है। सीएलपी का लीडर वही होता है, जिसके पास बहुमत के एमएलए होते हैं। पहले टिकटें उनके हिसाब से दी गई। जो कुछ भी सिस्टम कांग्रेस के अंदर है, वह भूपेंद्र हुड्डा के हिसाब से है। सुभाष बत्रा ने कहा कि “मेरे हिसाब से भूपेंद्र हुड्डा ही सीएलपी के लीडर दोबारा बनेंगे”। कोई ऐसा इश्यू नहीं है। संगठन की कमी का खामियाजा सीएलपी लीडर चुनने में देरी
सुभाष बत्रा ने सीएलपी लीडर चुनने में देरी होने के सवाल पर कहा कि “देरी का कारण यह नहीं हैं, देरी का कारण कुछ और है। जो मैं समझ पा रहा हूं। जैसा मैं समझ पा रहा हूं कि संगठन है ही नहीं। पीसीसी प्रेसिडेंट जिसकी लीडरशिप में चुनाव हुआ है, वह आज बादस्तुर कंटिन्यू कर रहा है।” उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो प्राथमिकता यह है कि संगठन बनाया जाए, जो पिछले 16 साल से संगठन है ही नहीं। बूथ व ब्लॉक लेवल की कोई कमेटी नहीं है। कांग्रेस हार के यह बताए कारण
पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि वे पिछले वे 17 साल से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण यही है कि संगठन ही नहीं है। दूसरा कारण यह भी है कि 16 साल से ज्यादा एक दलित लीडरशिप की रहनुमाई में चुनाव करवाया है। सबकुछ करके ट्राई कर लिया, लेकिन इस दौरान कभी भी पार्टी पावर (सत्ता) में नहीं आई। इस पर मंथन की जरूरत है। सिटिंग-गैटिंग फार्मूला किसने लागू करवाया, इस पर मंथन की जरूरत है। कुछ एमएलए ऐसे थे, जो भगोड़े घोषित हो रखे थे और कुछ के खिलाफ ईडी-सीबीआई के मुकदमें थे। उनको भी सिटिंग-गैटिंग के फार्मूले से टिकट देनी पड़ी। कांग्रेस की हार के मुख्य कारण ये हैं। कुछ ओवर कांफिडेंस भी कांग्रेस को ले डूबा। कांग्रेस तो यह सोच रही थी कि हम तो 70 पार है और सरकार बनाने वाले हैं। सरकार बनाने के लिए बैंड-बाजे भी आ गए। बीजेपी अपनी सीटें 30 से ऊपर नहीं मान रही थी। इसलिए कांग्रेस व भाजपा दोनों पार्टियां सकते में हैं। इसलिए भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा इस तरह के किसानों को लेकर उल्टे बयान दे रहे हैं।

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BJP की पहली लिस्ट आज आ सकती है:बड़े चेहरों समेत 40 नामों की चर्चा; JJP के बागी MLA-पूर्व जेल अधीक्षक पार्टी में शामिल होंगे हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा आज उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। इस लिस्ट में पार्टी के बड़े चेहरों समेत 35 से 40 नाम हो सकते हैं। इसके अलावा, जननायक जनता पार्टी (JJP) के बागी विधायक देवेंद्र बबली और जेल अधीक्षक के पद से इस्तीफा देने वाले सुनील सांगवान आज दिल्ली में BJP में शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर दोनों को पार्टी में शामिल कराएंगे। बबली ने रविवार रात को JJP से इस्तीफा दे दिया। पहले उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा थी, लेकिन कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कि देवेंद्र बबली ने उनसे मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें टिकट के लिए मना कर दिया गया। रात को मीटिंग में हुआ आखिरी मंथन रविवार रात को भाजपा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को दिल्ली बुलाया था। यहां चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और महासचिव सतीश पूनिया ने आखिरी मंथन किया। इसके बाद चर्चा शुरू हो गई है कि उम्मीदवारों की लिस्ट कभी भी आ सकती है। इसमें 40 के करीब नाम शामिल हो सकते हैं। इससे पहले गुरुवार रात को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में 55 नामों पर सहमति बन गई थी। वहीं बाकी बची 35 सीटों के लिए आज फिर केंद्रीय चुनाव समिति (CWC) की मीटिंग होने वाली है। CM सैनी की सीट पर फंसा पेंच सीएम नायब सैनी के लिए अभी सेफ सीट नहीं मिल पाई है। केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया। मोहन लाल बड़ौली सीएम के लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर चुके हैं। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद करनाल से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं।स्टेट इलेक्शन कमेटी (SEC) ने हाल ही में गुरुग्राम में हुई बैठक में कथित तौर पर मुख्यमंत्री के लिए 4 सीटें, करनाल, लाडवा, नारायणगढ़ और रादौर ‘रिजर्व’ की थीं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक अब सीएम का लाडवा से लड़ना तय है। करनाल में उनकी जगह रोहतक के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को भेजा जा सकता है। CM की सीट को लेकर आमने-सामने हो चुके बड़ौली-सैनी इन नामों पर भाजपा में बनी सहमति हरियाणा BJP की टिकट के लिए अभी तक जिन नामों पर सहमति बनी है उनमें लोहारू से जेपी दलाल, अंबाला कैंट से अनिल विज, पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, तोशाम से श्रुति चौधरी, बवानी खेड़ा विशंभर वाल्मीकि, आदमपुर से भव्य बिश्नोई, पलवल से दीपक मंगला, वल्लभगढ़ मूलचंद शर्मा, फरीदाबाद विपुल गोयल, सोहना संजय सिंह, महेंद्रगढ़ रामबिलास शर्मा, जींद कृष्ण मिड्डा, कैथल लीलाराम गुर्जर, जगाधरी कंवर पाल गुर्जर, थानेसर सुभाष सुधा, पानीपत ग्रामीण महिपाल ढांडा, नारनौंद कैंप्टन अभिमन्यु, बादली ओम प्रकाश धनखड़ के नाम शामिल हैं।सीएम नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली।

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रेवाड़ी में बुजुर्ग महिला से जेवर ले गए 3 युवक:दवाई लेकर घर लौट रही थी, बातचीत में उलझाया, नहीं आया कुछ भी समझ हरियाणा के रेवाड़ी में बुजुर्ग महिला से तीन युवक सोने के जेवर ले गए। रास्ते पूछने के बहाने में बातों में उलझा लिया। जिसके बाद बुजुर्ग महिला को कुछ समझ नहीं आया कि उसके साथ क्या हो रहा है। पीड़िता की शिकायत धारूहेड़ा सेक्टर -6 पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। द्वारकाधीश सेक्टर – 23 निवासी रिंपी राय ने बताया कि उसकी सास सीता देवी दवा लेने के लिए भिवाड़ी के सरकारी अस्पताल गई थी। दवा लेने के बाद वह पैदल घर आ रही थी। जब वह भिवाड़ी मोड़ से दवारकाधीश उपरवाले रास्ते से घ्रर की तरफ आने लगी। जब शराब ठेके से करीब 50 मीटर आगे दवारकाधीश की तरफ पहुंची तो तीन अंजान युवक उसकी सास से हनुमान मंदिर के बारे में पूछने लगे। उसकी सास को बातों में उलझाकर धोखे से गले की चेन व कानों की बालिया ले ली। कुछ देर बाद जब उसकी सास ने चेन और बाली के बारे मे सोचा तो वो युवक मौके से भाग गए। बुजुर्ग महिला ने बताया कि एक युवक के गाल पर कट का निशान था। धारूहेड़ा सेक्टर- 6 थाना पुलिस ने तीन अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। घटनास्थल के पास शराब ठेके व दूसरी दुकानों से CCTV फुटेज खंगाली जाएगी। SHO ने बताया कि जल्द ही आरोपितों काे पकड़ लिया जाएगा।