लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान की डिग्री को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी केप्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला का दावा है कि चिराग के पास B.Tech की डिग्री नहीं है। उन्होंने यहां एडमिशन तो लिया, लेकिन सिर्फ पहले सेमेस्टर की परीक्षा ही दी थी। बृजेंद्र शुक्ला बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने साल 2005 में यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था। एडमिशन के बाद वो पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए। पहले सेमेस्टर के बाद चिराग पासवान व्यक्तिगत कारणों की वजह से बाकी के 8 सेमेस्टर एग्जाम में शामिल नहीं हुए। इससे उनका B.Tech यहां पर डिस्कंटीन्यू हो गया। चुनावी हलफनामे में चिराग ने खुद को B.Tech सेकेंड सेमेस्टर दिखाया दूसरी तरफ चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव 2024 के हलफनामे में खुद को कंप्यूटर साइंस से B.Tech (सेकेंड सेमेस्टर) दिखाया है। हलफनामे में लिखा है- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी साल 2005 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर) झांसी। केंद्रीय मंत्री चिराग की लोकसभा सदस्यता को चुनौती
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के हाजीपुर से लोकसभा सदस्यता को लेकर भी चुनौती दी गई है। उन पर रेप जैसे संगीन केस की जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस कारण उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। साथ ही चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है। तीनों ही जगह पर अपील कर हाजीपुर से उनकी लोकसभा की सदस्यता को खत्म किए जाने की मांग की गई है। यह आरोप पटना के रहने वाले राकेश सिंह ने लगाया है। राकेश खुद को बीजेपी नेता बताते हैं। हालांकि बीजेपी ने इसका खंडन किया है। आरोप है कि खगड़िया के शहरबन्नी में पैतृक संपत्ति की भी सही जानकारी चिराग पासवान ने अपने हलफनामा में नहीं दी है। सही तथ्यों को उन्होंने छिपाया है। आरोप लगाने वाले का कहना है कि उनकी अपील पर डायरी हो गई है और टोकन नंबर भी मिल गया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम और रिटर्निंग अफसर को रेस्पोंडेंट बनाया है। शिकायत में चिराग की बीटेक की डिग्री पर भी सवाल उठाया है। ये भी पढ़ें:- चिराग ने 5 बार BJP की नीतियों का विरोध किया:विधानसभा चुनाव से पहले क्या होगा कुछ बड़ा क्या मोदी के हनुमान का उनसे मोह भंग हो गया है? क्या विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव और चिराग पासवान में डील हो गई है? क्या चिराग पासवान के सांसदों को बीजेपी तोड़ने की प्लानिंग कर रही है? क्या जानबूझकर चिराग पासवान बीजेपी की नीतियों का विरोध कर रहे हैं? कई सवाल हैं, जो बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है- पिछले एक महीने में चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री रहते 5 बार मोदी सरकार की नीतियों का विरोध कर चुके हैं। मजबूरन सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर… लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान की डिग्री को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी केप्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला का दावा है कि चिराग के पास B.Tech की डिग्री नहीं है। उन्होंने यहां एडमिशन तो लिया, लेकिन सिर्फ पहले सेमेस्टर की परीक्षा ही दी थी। बृजेंद्र शुक्ला बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने साल 2005 में यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था। एडमिशन के बाद वो पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए। पहले सेमेस्टर के बाद चिराग पासवान व्यक्तिगत कारणों की वजह से बाकी के 8 सेमेस्टर एग्जाम में शामिल नहीं हुए। इससे उनका B.Tech यहां पर डिस्कंटीन्यू हो गया। चुनावी हलफनामे में चिराग ने खुद को B.Tech सेकेंड सेमेस्टर दिखाया दूसरी तरफ चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव 2024 के हलफनामे में खुद को कंप्यूटर साइंस से B.Tech (सेकेंड सेमेस्टर) दिखाया है। हलफनामे में लिखा है- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी साल 2005 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक (सेकेंड सेमेस्टर) झांसी। केंद्रीय मंत्री चिराग की लोकसभा सदस्यता को चुनौती
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के हाजीपुर से लोकसभा सदस्यता को लेकर भी चुनौती दी गई है। उन पर रेप जैसे संगीन केस की जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस कारण उनके खिलाफ पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। साथ ही चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है। तीनों ही जगह पर अपील कर हाजीपुर से उनकी लोकसभा की सदस्यता को खत्म किए जाने की मांग की गई है। यह आरोप पटना के रहने वाले राकेश सिंह ने लगाया है। राकेश खुद को बीजेपी नेता बताते हैं। हालांकि बीजेपी ने इसका खंडन किया है। आरोप है कि खगड़िया के शहरबन्नी में पैतृक संपत्ति की भी सही जानकारी चिराग पासवान ने अपने हलफनामा में नहीं दी है। सही तथ्यों को उन्होंने छिपाया है। आरोप लगाने वाले का कहना है कि उनकी अपील पर डायरी हो गई है और टोकन नंबर भी मिल गया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम और रिटर्निंग अफसर को रेस्पोंडेंट बनाया है। शिकायत में चिराग की बीटेक की डिग्री पर भी सवाल उठाया है। ये भी पढ़ें:- चिराग ने 5 बार BJP की नीतियों का विरोध किया:विधानसभा चुनाव से पहले क्या होगा कुछ बड़ा क्या मोदी के हनुमान का उनसे मोह भंग हो गया है? क्या विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव और चिराग पासवान में डील हो गई है? क्या चिराग पासवान के सांसदों को बीजेपी तोड़ने की प्लानिंग कर रही है? क्या जानबूझकर चिराग पासवान बीजेपी की नीतियों का विरोध कर रहे हैं? कई सवाल हैं, जो बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है- पिछले एक महीने में चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री रहते 5 बार मोदी सरकार की नीतियों का विरोध कर चुके हैं। मजबूरन सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर