हिमाचल सरकार में 5 सितंबर यानी आज अध्यापक दिवस पर प्रदेश के राज्यपाल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करेंगे । इस बार 27 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। शिक्षा विभाग ने मंगलवार देर शाम सम्मानित होने वाले अध्यापकों की सूची जारी कर दी थी। बता दें कि, राज्य सरकार ने स्टेट टीचर अवॉर्ड के लिए पहली बार अध्यापकों के इंटरव्यू लिए हैं। इसके अलावा सम्मानित होने वाले शिक्षकों ने 5 मिनट की प्रेजेंटेशन भी दी। जिसमें बताया कि वह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या करना चाहते हैं। इसके आधार पर राज्य स्तरीय चयन कमेटी द्वारा पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन किया गया। इनके सम्मान में शिमला के राजभवन में 5 सितंबर को सुबह 11 बजे कार्यक्रम होगा। जिसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सभी शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। यह अवॉर्ड तीन कैटेगरी में दिए जाएंगे। पहली जनरल एरिया कैटेगरी में 13 टीचर का चयन किया गया है। हार्ड व ट्राइबल एरिया कैटेगरी में 5 तथा स्पेशल अवॉर्ड में 9 टीचर को स्टेट अवॉर्ड मिलेगा। इन शिक्षकों को मिलेगा राज्यस्तरीय पुरस्कार जनरल कैटेगरी में स्टेट टीचर अवॉर्ड गवर्नमेंट मिडिल स्कूल जोगेंद्म नगर के प्रिंसिपल डा. सुनील दत्त, गवर्नमेंट मिडिल स्कूल आनी के लेक्चर कुंदन लाल, सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन के लेक्चर कॉमर्स संजय कुमार, सुंदरनगर स्कूल के DPE संजय कुमार, ऊना के तयूरी स्कूल के टीजीटी (मेडिकल) हरदीप सिंह, सुबाथू स्कूल के भाषा अध्यापक नरेश कुमार, सुलतानपुर स्कूल के भाषा अध्यापक प्रेम सिंह ठाकुर, मंडी धनिगायरा स्कूल के भाषा अध्यापक हेमराज, चकमोह स्कूल के पीईटी सुनील कुमार, भरंगी स्कूल की पीईटी मधुबाला, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल निहारी के पीईटी उपेंद्र ठाकुर, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल करसोग-1 के पीईटी सुरेंद्र कुमार और सोलन के पुंज विला स्कूल के पीईटी भागीरथी शर्मा को यह शिक्षक अवॉर्ड दिया जाना है। कठिन एवं जनजातीय क्षेत्रो में सेवाएं देने वाले इन शिक्षकों को मिलेगा सम्मान हार्ड एंड ट्राइबल एरिया कैटेगरी में यह अवॉर्ड चंबा के रेई स्कूल के लेक्चरर हिंदी केदारनाथ शर्मा, लाडा स्कूल के भाषा अध्यापक सुभाष चंद, जिसकून स्कूल की भाषा अध्यापिका चंदन देवी, पांगी स्कूल के जेबीटी संत कुमार नेगी और किनौर के ब्रीलांगी स्कूल की रीता बाला को मिलेगा। हार्ड एंड ट्राइबल एरिया कैटेगरी में यह अवॉर्ड चंबा के रेई स्कूल के लेक्चरर हिंदी केदारनाथ शर्मा, लाडा स्कूल के भाषा अध्यापक सुभाष चंद, जिसकून स्कूल की भाषा अध्यापिका चंदन देवी, पांगी स्कूल के जेबीटी संत कुमार नेगी और किनौर के ब्रीलांगी स्कूल की रीता बाला को मिलेगा। 9 शिक्षकों को स्पेशल कैटेगरी श्रेणी में में मिलेगा अवॉर्ड स्पेशल कैटेगरी श्रेणी में इस अवॉर्ड के सोलन जिला के नारग स्कूल के प्रिंसिपल रोहित वर्मा, मशोबरा स्कूल के लेक्चरर बायोलॉजी दीपक शर्मा, चौपाल स्कूल की जेबीटी कांता शर्मा, गानागुघाट सोलन के गनागूघाट स्कूल के इंग्लिश लेक्चरर पुष्पेंद्र कौशिक, सिरमौर के चोगतली स्कूल के लेक्चरर इंग्लिश सुरेंद्र पुंडीर, डाइट शिमला के लेक्चर इंग्लिश संजीव कुमार, किन्नौर को चौरा स्कूल के हेडमास्टर उपेंद्र सिंह नेगी, कांगड़ा के इंदौर स्कूल के प्रिंसिपल मोहन शर्मा और शिमला जिला के थरोच स्कूल के प्रिंसिपल भूपेंद्र सिसोदिया को यह पुरस्कार दिया जाएगा। हिमाचल सरकार में 5 सितंबर यानी आज अध्यापक दिवस पर प्रदेश के राज्यपाल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करेंगे । इस बार 27 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। शिक्षा विभाग ने मंगलवार देर शाम सम्मानित होने वाले अध्यापकों की सूची जारी कर दी थी। बता दें कि, राज्य सरकार ने स्टेट टीचर अवॉर्ड के लिए पहली बार अध्यापकों के इंटरव्यू लिए हैं। इसके अलावा सम्मानित होने वाले शिक्षकों ने 5 मिनट की प्रेजेंटेशन भी दी। जिसमें बताया कि वह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या करना चाहते हैं। इसके आधार पर राज्य स्तरीय चयन कमेटी द्वारा पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन किया गया। इनके सम्मान में शिमला के राजभवन में 5 सितंबर को सुबह 11 बजे कार्यक्रम होगा। जिसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सभी शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। यह अवॉर्ड तीन कैटेगरी में दिए जाएंगे। पहली जनरल एरिया कैटेगरी में 13 टीचर का चयन किया गया है। हार्ड व ट्राइबल एरिया कैटेगरी में 5 तथा स्पेशल अवॉर्ड में 9 टीचर को स्टेट अवॉर्ड मिलेगा। इन शिक्षकों को मिलेगा राज्यस्तरीय पुरस्कार जनरल कैटेगरी में स्टेट टीचर अवॉर्ड गवर्नमेंट मिडिल स्कूल जोगेंद्म नगर के प्रिंसिपल डा. सुनील दत्त, गवर्नमेंट मिडिल स्कूल आनी के लेक्चर कुंदन लाल, सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन के लेक्चर कॉमर्स संजय कुमार, सुंदरनगर स्कूल के DPE संजय कुमार, ऊना के तयूरी स्कूल के टीजीटी (मेडिकल) हरदीप सिंह, सुबाथू स्कूल के भाषा अध्यापक नरेश कुमार, सुलतानपुर स्कूल के भाषा अध्यापक प्रेम सिंह ठाकुर, मंडी धनिगायरा स्कूल के भाषा अध्यापक हेमराज, चकमोह स्कूल के पीईटी सुनील कुमार, भरंगी स्कूल की पीईटी मधुबाला, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल निहारी के पीईटी उपेंद्र ठाकुर, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल करसोग-1 के पीईटी सुरेंद्र कुमार और सोलन के पुंज विला स्कूल के पीईटी भागीरथी शर्मा को यह शिक्षक अवॉर्ड दिया जाना है। कठिन एवं जनजातीय क्षेत्रो में सेवाएं देने वाले इन शिक्षकों को मिलेगा सम्मान हार्ड एंड ट्राइबल एरिया कैटेगरी में यह अवॉर्ड चंबा के रेई स्कूल के लेक्चरर हिंदी केदारनाथ शर्मा, लाडा स्कूल के भाषा अध्यापक सुभाष चंद, जिसकून स्कूल की भाषा अध्यापिका चंदन देवी, पांगी स्कूल के जेबीटी संत कुमार नेगी और किनौर के ब्रीलांगी स्कूल की रीता बाला को मिलेगा। हार्ड एंड ट्राइबल एरिया कैटेगरी में यह अवॉर्ड चंबा के रेई स्कूल के लेक्चरर हिंदी केदारनाथ शर्मा, लाडा स्कूल के भाषा अध्यापक सुभाष चंद, जिसकून स्कूल की भाषा अध्यापिका चंदन देवी, पांगी स्कूल के जेबीटी संत कुमार नेगी और किनौर के ब्रीलांगी स्कूल की रीता बाला को मिलेगा। 9 शिक्षकों को स्पेशल कैटेगरी श्रेणी में में मिलेगा अवॉर्ड स्पेशल कैटेगरी श्रेणी में इस अवॉर्ड के सोलन जिला के नारग स्कूल के प्रिंसिपल रोहित वर्मा, मशोबरा स्कूल के लेक्चरर बायोलॉजी दीपक शर्मा, चौपाल स्कूल की जेबीटी कांता शर्मा, गानागुघाट सोलन के गनागूघाट स्कूल के इंग्लिश लेक्चरर पुष्पेंद्र कौशिक, सिरमौर के चोगतली स्कूल के लेक्चरर इंग्लिश सुरेंद्र पुंडीर, डाइट शिमला के लेक्चर इंग्लिश संजीव कुमार, किन्नौर को चौरा स्कूल के हेडमास्टर उपेंद्र सिंह नेगी, कांगड़ा के इंदौर स्कूल के प्रिंसिपल मोहन शर्मा और शिमला जिला के थरोच स्कूल के प्रिंसिपल भूपेंद्र सिसोदिया को यह पुरस्कार दिया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में आज से साहसिक गतिविधियां शुरू:गोबिंदसागर झील में दौड़ेगा 60 सीटर क्रूज, विशाखापट्टनम से लाया जा रहा, ब्यास में रिवर राफ्टिंग शुरू हिमाचल प्रदेश में आज से साहसिक गतिविधियां शुरू हो जाएगी। मानसून को देखते हुए 2 महीने पहले पर्यटन विभाग ने रिवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। अब यह रोक रोक हटा दी गई है। देशभर से पहाड़ों पर पहुंचने वाले सैलानी अब ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग और गोबिंदसागर झील में हाईस्पीड स्टीमर का आनंद उठा सकेंगे। गोबिंदसागर झील में स्टीमर का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है। इसी झील में 10 से 12 दिन बाद 60 सीटर क्रूज चलना भी शुरू हो जाएगा। स्टीमर और जेली गोबिंदरसागर झील में पहुंच गए है, जबकि क्रूज पांच से छह दिन बाद विशाखापट्टनम से बिलासपुर पहुंच जाएंगा। भाखड़ा बांध के पीछे 15 किलोमीटर एरिया में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी पर्यटन विभाग ने गोबिंदसागर झील को बिलासपुर के कंदरौर से भाखड़ा बांध के 15 किलोमीटर पीछे तक के एरिया को वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए अधिसूचित किया है। बिलासपुर पर्यटन विभाग ने स्टीमर, क्रूज, जेटी आदि के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए एक कंपनी के साथ करार किया है। गोवा की तरह हिमाचल में भी क्रूज का आनंद प्रदेश में यह पहला मौका होगा, जब गोवा की तर्ज पर पर्यटक गोबिंदसागर झील में भी क्रूज का आनंद ले सकेंगे। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन से आने-जाने वाले पर्यटक जेटी, स्टीमर और क्रूज का का आनंद उठा सकेंगे। इनका संचालन मंडी भराड़ी पुल के पास से किया जाएगा। आज से पैराग्लाइडिंग होगी शुरू वहीं कांगड़ा के बीड़ बिलिंग और बंदला साइट पर पैराग्लाइडिंग भी शुरू हो जाएगी। पैराग्लाइडिंग पर भी दो महीने पहले ही रोक लगा दी गई थी। हिमाचल की विभिन्न साइट पर पैराग्लाइडिंग के लिए न केवल देश बल्कि दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं। साहसिक गतिविधियां शुरू होने के बाद प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर फिर से रौनक बढ़ेगी। इससे पर्यटन व्यवसाय भी रफ्तार पकड़ेगा। 15 जुलाई को लगी थी रोक रिवर राफ्टिंग पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रतिबंध खत्म होने के बाद आज से कुल्लू की बबेली, रायसन, पिरड़ी में रॉफ्टिंग शुरू हो जाएगी। पिरड़ी से झिड़ी सबसे पहले पैच में पर्यटक राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं। बबेली से बैष्णों देवी माता मंदिर और रायसन से बैष्णों देवी माता मंदिर तक भी राफ्टिंग पर्यटक कर सकते हैं। कुल्लू-मनाली घूमने आने वाले सैलानी ब्यास की जलधार में रोमांच का सफर करना नहीं भूलते है और ब्यास की लहरों में रोमांच के सफर का आनंद उठाते हैं।
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मंडी में CM ने किया शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण:बोले- इस पर हिमाचल का हक, अंग्रेजों के जमाने में बना था बिजलीघर
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बता दें कि देश पर ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर के लिए जोगिंदरनगर में जमीन उपलब्ध करवाई थी। उस दौरान जो समझौता हुआ था। उसके अनुसार इसकी लीज अवधि 99 साल रखी गई थी, यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था। भारत की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था। 2024 में समाप्त हुई लीज अवधि
वैसे हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला था। उस समय पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन बिजलीघर पंजाब सरकार के स्वामित्व में ही रहा। पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की शर्तों के अनुसार इस बिजली प्रोजेक्ट को प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया गया था। लेकिन 2024 में इसकी लीज अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में लीज समझौते के अनुसार यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश को वापस मिलना चाहिए लेकिन यह कुमाऊँ पूत है, इससे 200 करोड़ की आय होती है।इसलिए पंजाब इसको छोड़ने के लिए आसानी से तैयार नही है और कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। आज होती है 200 करोड़ की कमाई
मंडी में जोगेंद्रनगर की ऊहल नदी पर स्थापित शानन बिजलीघर अंग्रेजों के शासन के दौरान साल 1932 में केवल 48 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला प्रोजेक्ट था। बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया, बिजलीघर शुरू होने के पचास साल बाद वर्ष 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया। अब इसकी क्षमता पचास मेगावाट और बढ़ाई गई है, जिससे ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है। कुल 200 करोड़ सालाना इनकम वाले इस कमाऊ पूत को पंजाब अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है।