हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया आज कांग्रेस जॉइन करेंगे। इसके लिए दोनों दिल्ली पहुंच गए हैं। बजरंग पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए इसकी पुष्टि की। दोपहर करीब डेढ़ बजे उनकी जॉइनिंग हो सकती है। उनकी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात होगी। विनेश फोगाट विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उनकी जींद के जुलाना से टिकट तय मानी जा रही है। हालांकि चचेरी बहन बबीता फोगाट को भाजपा टिकट न मिलने से अब दादरी सीट का विकल्प भी उनके लिए खुला है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विनेश 11 सितंबर को नामांकन करेंगी। जबकि बजरंग पूनिया को स्टार प्रचारक बना प्रचार का जिम्मा मिल सकता है। असल में बजरंग झज्जर की बादली सीट मांग रहे थे। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट काटने से इनकार कर दिया। बजरंग को संगठन में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। वह पूरे हरियाणा में प्रचार करेंगे। वहीं इसको लेकर अब WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का बयान भी वायरल हो रहा है। जिसमें वे कह रहे हैं कि जब मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए तो मैंने तभी बोल दिया था कि यह साजिश कांग्रेस की है। दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा की है। मैंने पहले भी कहा था आज तो देश कह रहा है। अब मुझे इस बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है। वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि विनेश फोगाट देश की बेटी से कांग्रेस की बेटी बनना चाहती हैं। 2 दिन पहले राहुल गांधी से मिले थे दोनों रेसलर
4 सितंबर को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल से मिलने के बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। इसके बाद मीटिंग में क्या चर्चा हुई, कांग्रेस ने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। अपने राजनीतिक दांव के बारे में भी दोनों पहलवानों ने चुप्पी साध रखी है। भूपेंद्र हुड्डा टिकट की कर रहे थे पैरवी
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे। हुड्डा ने कहा था कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भर दी थी। हालांकि चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला विनेश और बजरंग पर छोड़ दिया गया गया था। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को 3 सीटों का ऑफर दिया गया था, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा थी। जबकि तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट का दिया गया। जहां उनका ससुराल है। बजरंग पूनिया झज्जर की बादली सीट मांग रहे थे लेकिन वहां कांग्रेस के पास मजबूत चेहरा कुलदीप वत्स हैं। इसके अलावा बजरंग को भिवानी, बहादुरगढ़ और सोनीपत की राई सीट का भी विकल्प दिया गया था। हालांकि अभी दोनों पहलवानों की टिकट फाइनल करने के लिए शाम को केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में मुहर लगाई जाएगी। एयरपोर्ट पर दीपेंद्र हुड्डा ने किया था स्वागत
पेरिस ओलिंपिक में एक दिन में 3 फाइट जीतने के बाद भी मेडल से चूकीं विनेश का 17 अगस्त को भारत लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट से उनके गांव बलाली तक ग्रैंड वेलकम हुआ था। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा एयरपोर्ट पर ही स्वागत करने पहुंचे और फिर उनके काफिले में भी गुरुग्राम तक चले। इसके बाद से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में खाप पंचायतें विनेश को बुलाकर उनका सम्मान कर रही हैं। झज्जर, रोहतक, जींद, दादरी जिले में उनका कई जगह सम्मान भी हो चुका है। विनेश केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में भी शामिल हो चुकी हैं। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे मेडल लौटा देंगी। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे मेडल लौटा देंगी। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था। हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया आज कांग्रेस जॉइन करेंगे। इसके लिए दोनों दिल्ली पहुंच गए हैं। बजरंग पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए इसकी पुष्टि की। दोपहर करीब डेढ़ बजे उनकी जॉइनिंग हो सकती है। उनकी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात होगी। विनेश फोगाट विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उनकी जींद के जुलाना से टिकट तय मानी जा रही है। हालांकि चचेरी बहन बबीता फोगाट को भाजपा टिकट न मिलने से अब दादरी सीट का विकल्प भी उनके लिए खुला है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि विनेश 11 सितंबर को नामांकन करेंगी। जबकि बजरंग पूनिया को स्टार प्रचारक बना प्रचार का जिम्मा मिल सकता है। असल में बजरंग झज्जर की बादली सीट मांग रहे थे। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट काटने से इनकार कर दिया। बजरंग को संगठन में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। वह पूरे हरियाणा में प्रचार करेंगे। वहीं इसको लेकर अब WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का बयान भी वायरल हो रहा है। जिसमें वे कह रहे हैं कि जब मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए तो मैंने तभी बोल दिया था कि यह साजिश कांग्रेस की है। दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा की है। मैंने पहले भी कहा था आज तो देश कह रहा है। अब मुझे इस बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है। वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि विनेश फोगाट देश की बेटी से कांग्रेस की बेटी बनना चाहती हैं। 2 दिन पहले राहुल गांधी से मिले थे दोनों रेसलर
4 सितंबर को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल से मिलने के बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। इसके बाद मीटिंग में क्या चर्चा हुई, कांग्रेस ने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। अपने राजनीतिक दांव के बारे में भी दोनों पहलवानों ने चुप्पी साध रखी है। भूपेंद्र हुड्डा टिकट की कर रहे थे पैरवी
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे। हुड्डा ने कहा था कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भर दी थी। हालांकि चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला विनेश और बजरंग पर छोड़ दिया गया गया था। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को 3 सीटों का ऑफर दिया गया था, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा थी। जबकि तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट का दिया गया। जहां उनका ससुराल है। बजरंग पूनिया झज्जर की बादली सीट मांग रहे थे लेकिन वहां कांग्रेस के पास मजबूत चेहरा कुलदीप वत्स हैं। इसके अलावा बजरंग को भिवानी, बहादुरगढ़ और सोनीपत की राई सीट का भी विकल्प दिया गया था। हालांकि अभी दोनों पहलवानों की टिकट फाइनल करने के लिए शाम को केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में मुहर लगाई जाएगी। एयरपोर्ट पर दीपेंद्र हुड्डा ने किया था स्वागत
पेरिस ओलिंपिक में एक दिन में 3 फाइट जीतने के बाद भी मेडल से चूकीं विनेश का 17 अगस्त को भारत लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट से उनके गांव बलाली तक ग्रैंड वेलकम हुआ था। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा एयरपोर्ट पर ही स्वागत करने पहुंचे और फिर उनके काफिले में भी गुरुग्राम तक चले। इसके बाद से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में खाप पंचायतें विनेश को बुलाकर उनका सम्मान कर रही हैं। झज्जर, रोहतक, जींद, दादरी जिले में उनका कई जगह सम्मान भी हो चुका है। विनेश केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में भी शामिल हो चुकी हैं। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे मेडल लौटा देंगी। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे मेडल लौटा देंगी। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर