हरियाणा की अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव 66 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति की मालकिन हैं। उनके पास दिल्ली में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के दो फ्लैट हैं। साथ ही 77 लाख रुपए से ज्यादा की सोने-चांदी और डायमंड की ज्वेलरी भी हैं। हालांकि आरती राव के नाम पर कोई वाहन रजिस्टर्ड नहीं है। अटेली विधानसभा के लिए बुधवार को आरती राव ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान जमा कराए एफिडेविट के मुताबिक, आरती राव ने वर्ष 2023-24 में 22 लाख 23 हजार 600 रुपए बतौर टैक्स अदा किया है। जबकि 19-20 में टैक्स की ये राशि सिर्फ 14 लाख 83 हजार 380 रुपए थी। आरती राव के पास कुल 1 लाख 1 हजार 200 रुपए कैश हैं। उन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। बैंक में 1.21 करोड़ से ज्यादा जमा आरती राव के पास नई दिल्ली की बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच में 23 लाख 8 हजार 63 रुपए, नई दिल्ली की ही पंजाब नेशनल बैंक शाखा में 87 लाख 6 हजार 458 रुपए, ICICI बैंक की ब्रांच में 9 लाख 4 हजार 518 रुपए हैं। रेवाड़ी के झज्जर रोड स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में 2 लाख रुपए जमा हैं। उनके पास बैंक में कुल डिपॉजिट 1 करोड़ 21 लाख 20 हजार 39 रुपए है। 3 करोड़ के बॉन्ड, शेयर और म्यूचुअल फंड आरती राव के पास 3 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर हैं। इतना ही नहीं 63 लाख 63 हजार 385 रुपए कीमत की 950 ग्राम सोने की ज्वेलरी, 7 लाख 41 हजार 270 रुपए कीमत की 10 किलो चांदी, के अलावा 6 लाख 40 हजार 500 रुपए के डायमंड के गहने हैं। इस ज्वेलरी की कीमत 77 लाख 45 हजार 155 रुपए है। पति के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी आरती राव के पति की चल-अचल संपत्ति भी करोड़ों रुपए हैं। उनके पति के पास 8 करोड़ 91 लाख 14 हजार 563 रुपए की संपत्ति हैं। आरती राव के खुद के पास कोई कृषि योग्य जमीन नहीं है, लेकिन पति के पास रेवाड़ी जिले में कृषि भूमि है, जिसकी कीमत 35 करोड़ 11 लाख 38 रुपए है। पति के पास पति के पास 13 करोड़ 94 लाख 50 हजार 92 रुपए की कॉमर्शियल प्रॉपर्टी भी हैं। जबकि आरती राव के पास कॉमर्शियल प्रॉपर्टी नहीं हैं। आरती के पास दिल्ली में फ्लैट आरती राव के पास रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बात करें तो उनके नाम पर नई दिल्ली के द्वारका एरिया के अलावा दिल्ली में ही एक अन्य जगह पर फ्लैट हैं। जिनकी कीमत 5 करोड़ 30 लाख रुपए है। आरती राव और उनकी पति की इनकम सोर्स कंपनी में उनकी कई कंपनियों में हिस्सेदारी, किराया और बैंक से मिलने वाला ब्याज है। आरती राव के पति पर 2 करोड़ 55 लाख रुपए का लोन भी है, लेकिन आरती पर कोई लोन नहीं है। पहली बार लड़ रही चुनाव राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा की राजनीति में बड़ा चेहरा हैं। उनके पिता हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके परिवार का अहीरवाल बेल्ट में खासा दबदबा है। पिता की राजनीतिक विरासत को पहले राव इंद्रजीत सिंह ने संभाला और अब राव इंद्रजीत सिंह अपनी राजनीति विरासत का उत्तराधिकारी एक तरह से आरती राव को बना चुकी हैं। आरती राव इस बार अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। जबकि उनके पिता लगातार तीसरी बार मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बार विधायक बन चुके हैं। हरियाणा की अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव 66 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति की मालकिन हैं। उनके पास दिल्ली में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के दो फ्लैट हैं। साथ ही 77 लाख रुपए से ज्यादा की सोने-चांदी और डायमंड की ज्वेलरी भी हैं। हालांकि आरती राव के नाम पर कोई वाहन रजिस्टर्ड नहीं है। अटेली विधानसभा के लिए बुधवार को आरती राव ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान जमा कराए एफिडेविट के मुताबिक, आरती राव ने वर्ष 2023-24 में 22 लाख 23 हजार 600 रुपए बतौर टैक्स अदा किया है। जबकि 19-20 में टैक्स की ये राशि सिर्फ 14 लाख 83 हजार 380 रुपए थी। आरती राव के पास कुल 1 लाख 1 हजार 200 रुपए कैश हैं। उन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। बैंक में 1.21 करोड़ से ज्यादा जमा आरती राव के पास नई दिल्ली की बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच में 23 लाख 8 हजार 63 रुपए, नई दिल्ली की ही पंजाब नेशनल बैंक शाखा में 87 लाख 6 हजार 458 रुपए, ICICI बैंक की ब्रांच में 9 लाख 4 हजार 518 रुपए हैं। रेवाड़ी के झज्जर रोड स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में 2 लाख रुपए जमा हैं। उनके पास बैंक में कुल डिपॉजिट 1 करोड़ 21 लाख 20 हजार 39 रुपए है। 3 करोड़ के बॉन्ड, शेयर और म्यूचुअल फंड आरती राव के पास 3 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, शेयर हैं। इतना ही नहीं 63 लाख 63 हजार 385 रुपए कीमत की 950 ग्राम सोने की ज्वेलरी, 7 लाख 41 हजार 270 रुपए कीमत की 10 किलो चांदी, के अलावा 6 लाख 40 हजार 500 रुपए के डायमंड के गहने हैं। इस ज्वेलरी की कीमत 77 लाख 45 हजार 155 रुपए है। पति के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी आरती राव के पति की चल-अचल संपत्ति भी करोड़ों रुपए हैं। उनके पति के पास 8 करोड़ 91 लाख 14 हजार 563 रुपए की संपत्ति हैं। आरती राव के खुद के पास कोई कृषि योग्य जमीन नहीं है, लेकिन पति के पास रेवाड़ी जिले में कृषि भूमि है, जिसकी कीमत 35 करोड़ 11 लाख 38 रुपए है। पति के पास पति के पास 13 करोड़ 94 लाख 50 हजार 92 रुपए की कॉमर्शियल प्रॉपर्टी भी हैं। जबकि आरती राव के पास कॉमर्शियल प्रॉपर्टी नहीं हैं। आरती के पास दिल्ली में फ्लैट आरती राव के पास रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बात करें तो उनके नाम पर नई दिल्ली के द्वारका एरिया के अलावा दिल्ली में ही एक अन्य जगह पर फ्लैट हैं। जिनकी कीमत 5 करोड़ 30 लाख रुपए है। आरती राव और उनकी पति की इनकम सोर्स कंपनी में उनकी कई कंपनियों में हिस्सेदारी, किराया और बैंक से मिलने वाला ब्याज है। आरती राव के पति पर 2 करोड़ 55 लाख रुपए का लोन भी है, लेकिन आरती पर कोई लोन नहीं है। पहली बार लड़ रही चुनाव राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा की राजनीति में बड़ा चेहरा हैं। उनके पिता हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके परिवार का अहीरवाल बेल्ट में खासा दबदबा है। पिता की राजनीतिक विरासत को पहले राव इंद्रजीत सिंह ने संभाला और अब राव इंद्रजीत सिंह अपनी राजनीति विरासत का उत्तराधिकारी एक तरह से आरती राव को बना चुकी हैं। आरती राव इस बार अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। जबकि उनके पिता लगातार तीसरी बार मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बार विधायक बन चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला की बेटी से हरिद्वार में दहेज प्रताड़ना:विवाहिता बोली- पति मारपीट करता, ससुर-देवर से संबंध बनाने का दबाव डालती थी सास
अंबाला की बेटी से हरिद्वार में दहेज प्रताड़ना:विवाहिता बोली- पति मारपीट करता, ससुर-देवर से संबंध बनाने का दबाव डालती थी सास हरियाणा के अंबाला की बेटी ने हरिद्वार में ससुरालियों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। विवाहिता का आरोप है कि सास अपने छोटे बेटे व पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाती थी। पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज करके मामला दर्ज कर लिया है। जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। नारायणगढ़ निवासी पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी 13 दिसंबर 2023 को उत्तराखंड के हरिद्वार निवासी विनय के साथ शादी हुई थी। शादी के बाद से उसके पास एक 6 महीने का बेटा भी है, लेकिन ससुराल वाले शादी के कुछ दिन बाद ही प्रताड़ित करने लगे थे। दहेज की मांग करते थे, मारपीट करते थे। कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन आरोपी पंचायत में माफी मांग लेते थे, उसके बाद फिर वही बर्ताव करते थे। अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव डालता पति उसके मायकेवालों ने अपना मकान गिरवी रखकर 8 लाख रुपए ससुराल वालों को दिए, लेकिन फिर भी ससुराल वालों की मांग अधूरी रही। उसका पति रोजाना घर पर शराब पीकर आता है। उसके साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने की कोशिश करता है। ऐस न करने पर मारपीट करता है। उसका पति 15 मई को जबरदस्ती अपने घर से अपनी कार में उसके ताऊ के घर अंबाला छोड़ गया। धमकी दी कि अगर तुम दोबारा मेरे घर रुड़की आई तो जान से मार देंगे। ससुर को कमरे में भेजती थी सास विवाहिता ने आरोप लगाए कि उसकी सास अपने पति (ससुर) व छोटे बेटे के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव देती थी। कई बार ससुर को उसके कमरे में भेजा। यही नहीं, उसका देवर भी अकेले का फायदा उठा गलत हरकत करने की कोशिश की। आरोपियों ने उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया है। महिला थाना नारायणगढ की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 323,406,498A व 506 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा चुनाव में बॉडी शेमिंग:BJP कैंडिडेट ने कांग्रेस उम्मीदवार के बढ़े वजन का मजाक उड़ाया; बोलीं- तराजू में मत तोलना
हरियाणा चुनाव में बॉडी शेमिंग:BJP कैंडिडेट ने कांग्रेस उम्मीदवार के बढ़े वजन का मजाक उड़ाया; बोलीं- तराजू में मत तोलना हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच आरोप प्रत्यारोप के दौर के बाद अब उम्मीदवार बॉडी शेमिंग पर उतर चुके हैं। रोहतक के कलानौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रेनू डाबला ने कांग्रेस उम्मीदवार शकुंतला खटक के वजन का मजाक उड़ाया है। दरअसल भाजपा प्रत्याशी रेनू डाबला शुक्रवार (20 सितंबर) को रोहतक के गांव लाहली में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंची थीं, इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए रेनू डाबला ने कहा, “मैं वजन करने के बारे में कुछ नहीं कहती, चाहे कुश्ती हो या दौड़, मैं पीछे नहीं रहूंगी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने तराजू तो कहा है, लेकिन हमें तोलना नहीं है। हमें अपने गुणों और काम को तोलना है। यह आपको तय करना है कि आपको सत्ता पक्ष का विधायक चाहिए या विपक्ष का’। इस मामले को लेकर जब शकुंतला खटक से पूछा गया कि उनका क्या कहना है तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना’। रेनू बोली- जो आपकी आत्मा कहे वही कीजिए
बता दें कि शकुंतला खटक कांग्रेस की कद्दावर नेता हैं, वह इस सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं जिस कारण यहां उनका काफी अच्छा होल्ड है। उधर रेनू पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। रोहतक में जनसभा को संबोधित करते हुए शकुंतला खटक के वजन का मजाक उड़ाते हुए रेनू ने कहा ‘वोट देते समय आंख बंद करके मन में सोचिए कि यह एक तराजू है, जिसके एक तरफ शकुंतला खटक हैं और दूसरी तरफ रेनू डाबला हैं। फिर जो आपकी आत्मा कहे, वही कीजिए’। बॉडी शेमिंग क्या होती है?
बॉडी शेमिंग एक तरह की बुरी आदत है, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को उसके शरीर के आकार, वजन, रंग, बाल या किसी अन्य शारीरिक रूप को लेकर अपमानित या कमजोर महसूस कराया जाता है। यह भी कह सकते हैं कि बॉडी शेमिंग एक तरह का मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न है। यह एक अपमानजनक व्यवहार है, जो सामने वाले व्यक्ति के आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। 2019 में शकुंतला खटक ने दर्ज की थी जीत
कांग्रेस की टिकट पर 2024 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी शकुंतला खटक ने 2019 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। उस समय उन्होंने 62151 वोट प्राप्त कर भाजपा के रामावतार बाल्मीकि को करारी शिकस्त दी थी। वहीं बीएसपी की कश्मीरी, इनेलो के बलराज खासा के साथ-साथ सीपीआई-एम के कमलेश भी शकुंतला के आगे फीके नजर आए थे। कौन हैं चौथी बार मैदान में उतरी शकुंतला खटक… पार्षद का चुनाव हारने के बाद भी मिली टिकट
कलानौर प्रदेश की 17 रिजर्व सीटों में से एक है। भाजपा ने 2014 और 2019 में रामावतार बाल्मीकि को यहां से टिकट दिया था। लेकिन दोनों ही बार शकुंतला खटक ने उन्हें हरा दिया। जिस कारण इस बार रामावतार का टिकट काट कर रेनु डाबला को टिकट दिया गया है। हालांकि रेनु डाबला के पास विधानसभा चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है। 2013 में जरूर वह मेयर चुनी गई थी लेकिन 2018 में वह खुद पार्षद का चुनाव हार गई थी। कौन हैं पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी रेनू डाबला…
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर हरियाणा के हिसार मे इसे संयोग कहा जाए या वर्करों-नेताओं की उदासीनता, जिसके चलते उन विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को हुई मतदान में मतदान प्रतिशत घट गया, जिन हलकों के नेताओं को पार्टियों ने टिकट नहीं दी। इसमें आदमपुर, उचाना और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन तीनों क्षेत्रों से कई बड़े नेता अपनी पार्टियों में टिकट के दावेदारों में थे। आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई और नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं उचाना से बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए हिसार से टिकट मांग रहे थे। मगर इन तीनों को ही कांग्रेस और भाजपा ने टिकट न देकर बाहर से उम्मीदवार लाकर उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि तीनों ही अपनी पार्टियों से नाराज होकर प्रचार से दूर हो गए। हालांकि भाजपा अपने नेताओं को मनाने में कामयाब रही, मगर बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई। बीरेंद्र और बृजेंद्र सिंह दोनों ही कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश के प्रचार से दूर ही रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। बाहरी उम्मीदवार से जनता नाराज दिखी
आपको बता दें कि हिसार में सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहर से कैंडिडेट लाकर मैदान में उतारे। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया। रणजीत चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं और सिरसा की रानियां सीट से विधायक थे। इन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया। जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा से आते हैं और यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार जजपा ने नैना को मैदान में उतारा जो सिरसा डबवाली की रहने वाली हैं। वहीं सुनैना चौटाला भी डबवाली से हैं। हालांकि नैना आदमपुर की दड़ौली और सुनैना दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। मगर लोगों में इसकी नाराजगी दिखी की चारों प्रमुख पार्टियों ने बाहरी लोगों को मैदान में उतारा। पहली बार चुनाव से दूर रहा बिश्नोई परिवार
हिसार लोकसभा में 2009 से लगातार बिश्नोई परिवार चुनाव लड़ता आया है। स्व. भजनलाल ने 2009 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई 2011 में हिसार से सांसद चुने गए। 2014 में कुलदीप ने फिर हिसार से चुनाव लड़ा मगर हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य को मैदान में उतारा मगर वह हार गए। मगर इस बार बिश्नोई परिवार चुनाव से दूर रहा। इसका असर भी वोटिंग में देखने को मिला। कुलदीप समर्थकों में उत्साह कम देखने को मिला। आदमपुर में 2019 के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला। आदमपुर में 2019 में पिछली बार लोकसभा में सबसे अधिक 77.74 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2024 में यह आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया है। वहीं अगर इससे पहले भी देखा जाए तो 2014 में आदमपुर में 78.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार दूर रहा
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार के चुनाव से दूर रहने और मौजूदा विधायक दुष्यंत चौटाला से हलका वासियों की नाराजगी का असर भी उचाना में देखने को मिला। बीरेंद्र सिंह उचाना से ही बसरों से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने इस बार भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बेटे के लिए हिसार से टिकट चाहते थे मगर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस में बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने से नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए और सिरसा में ही पिता-पुत्र प्रचार करते दिखे। इसका असर उचाना में वोटिंग पैटर्न पर भी पड़ा। उचाना में 2019 के मुकाबले 7.21 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में उचाना में 72.62 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं 2024 में 65.41 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं। उकलाना में सैलजा और नारनौंद में कैप्टन की बेरुखी रही
मूलत उकलाना के गांव प्रभुवाला की रहने वाली सैलजा हिसार के चुनाव से दूर रही। वह हिसार से अपने पसंदीदा कैंडिडेट को टिकट दिलाना चाहती थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सैलजा को खुद सिरसा से लड़ना पड़ा और हिसार से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जयप्रकाश जेपी को टिकट मिला। इसके कारण सैलजा व उसके समर्थक चुनाव से दूर रहे। वहीं नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से टिकट मांग रहे थे मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण कैप्टन कई दिनों तक प्रचार से दूर रहे। यहां तक की उनके समर्थक भी लगातार चुनाव प्रचार से दूर रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। उकलाना और नारनौंद में भी पिछली बार की तुलना में मतदान में गिरावट देखने को मिली। देखें हिसार लोकसभा में चार साल में मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में कहां कितना घटा मतदान हिसार लोकसभा में 2024 और 2019 का वोटिंग प्रतिशत