जगराओं में अपनी कुर्सी का नाजयाज फायदा उठाते हुए पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के पूर्व मैनेजर व फील्ड अफसर ने कृषि लोन का ऐसा खेल खेला कि 10 सालों तक किसी को भनक तक नहीं लगी। इस का खुलासा उस समय हुआ जब लोन के पैसे वापस नहीं आए तो अधिकारियों ने इस की जांच शुरू कर दी। जांच दौरान अधिकारियों के पैरो तले जमीन उस समय खिसक गई जब उन्हें पता चला कि इन मामलों में दो लोन फर्जी किए गए हैं। इसके अलावा 10 केसो में गबन किया गया है। जिसके बाद पुलिस ने पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह की शिकायत पर पूर्व प्रबंधक अशोक कुमार और फील्ड ऑफिसर सरबजीत सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए थाना सिटी रायकोट में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी। कृषि लोन में की गड़बड़ी थाना प्रमुख इंस्पेक्टर दविंदर सिंह के अनुसार दो अलग-अलग मामलों की विभागीय जांच के बाद जिला पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह के आदेशानुसार उप पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपी फरार हैं, जिनको पकड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि रिटायर मैनेजर अशोक कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन फील्ड ऑफिसर सरबजीत सिंह के साथ मिलीभगत कर वर्ष 2013-14 के दौरान कृषि ऋण के 10 केसों में गबन किया। जबकि दूसरी शिकायत में आरोप लगाया है कि बैंक मैनेजर रहते हुए अशोक कुमार मैनेजर ने वर्ष 2013-14 में 21 कृषि ऋण मामले स्वीकृत किए थे और जो फर्जी निकले। इस संबंध में जिला लुधियाना (ग्रामीण) के पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह बैंस को शिकायत की गई। पुलिस जांच के दौरान भी दोनों मामलों में आरोपों की पुष्टि होने पर केस दर्ज कर लिया गया है। जगराओं में अपनी कुर्सी का नाजयाज फायदा उठाते हुए पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के पूर्व मैनेजर व फील्ड अफसर ने कृषि लोन का ऐसा खेल खेला कि 10 सालों तक किसी को भनक तक नहीं लगी। इस का खुलासा उस समय हुआ जब लोन के पैसे वापस नहीं आए तो अधिकारियों ने इस की जांच शुरू कर दी। जांच दौरान अधिकारियों के पैरो तले जमीन उस समय खिसक गई जब उन्हें पता चला कि इन मामलों में दो लोन फर्जी किए गए हैं। इसके अलावा 10 केसो में गबन किया गया है। जिसके बाद पुलिस ने पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह की शिकायत पर पूर्व प्रबंधक अशोक कुमार और फील्ड ऑफिसर सरबजीत सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए थाना सिटी रायकोट में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी। कृषि लोन में की गड़बड़ी थाना प्रमुख इंस्पेक्टर दविंदर सिंह के अनुसार दो अलग-अलग मामलों की विभागीय जांच के बाद जिला पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह के आदेशानुसार उप पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपी फरार हैं, जिनको पकड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि रिटायर मैनेजर अशोक कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन फील्ड ऑफिसर सरबजीत सिंह के साथ मिलीभगत कर वर्ष 2013-14 के दौरान कृषि ऋण के 10 केसों में गबन किया। जबकि दूसरी शिकायत में आरोप लगाया है कि बैंक मैनेजर रहते हुए अशोक कुमार मैनेजर ने वर्ष 2013-14 में 21 कृषि ऋण मामले स्वीकृत किए थे और जो फर्जी निकले। इस संबंध में जिला लुधियाना (ग्रामीण) के पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह बैंस को शिकायत की गई। पुलिस जांच के दौरान भी दोनों मामलों में आरोपों की पुष्टि होने पर केस दर्ज कर लिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के शैलर मालिक आज केंद्र सरकार से मिलेंगे:धान लिफ्टिंग के मामले को लेकर होगी बैठक, कई मंत्री रहेंगे मौजूद
पंजाब के शैलर मालिक आज केंद्र सरकार से मिलेंगे:धान लिफ्टिंग के मामले को लेकर होगी बैठक, कई मंत्री रहेंगे मौजूद पंजाब में धान की लिफ्टिंग का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बीच आज केंद्र सरकार पंजाब के राइस मिलर्स के साथ बैठक करने जा रही है। यह बैठक केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई है। इसमें राइस मिलर्स अपना मुद्दा उठाएंगे। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री मेघवाल और वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण चुंग भी मौजूद रहेंगे।
हालांकि इससे पहले इस मामले को लेकर राजनीति भी जोरों पर चल रही है। विपक्षी दल राज्य सरकार को घेर रहे हैं। जबकि सरकार के मंत्री इस पूरे मामले के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पंजाब सरकार ने मामले हल करने के लिए यह प्रयास किए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की
पंजाब में धान खरीद से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सीएम भगवंत मान ने 22 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की थी। उन्होंने राइस मिलरों के मामलों को उनके समक्ष उठाया है। इस दौरान मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में दिक्कत का मामला उठाया था। स्टोरेज स्पेस की कमी है, हाइब्रिड क्वालिटी का मुद्दा और सेलर्स को होने वाले घाटे के बारे में विस्तार से गृह मंत्री को बताया था।
शैलर मालिकों के हक में लिए चार फैसले
21 अक्टूबर को पंजाब सीएम ने सारे जिलों के अधिकारियों और विभाग के मंत्री से मीटिंग की थी। इसमें तय हुआ था कि पहले सरप्लस पैडी की आरओ जब दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती थी। उस आरओ फीस को 10 रुपए तय किया गया था।
वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी उसे नहीं देनी होगी। बीआरएल शैलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर्स जिले की किसी भी जगह से धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी।
दिल्ली में केंद्रीय सरकार से मीटिंग की थी सीएम भगवंत मान और पंजाब के अधिकारियों चावल की लिफ्टिंग के मामले में नौ दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मीटिंग की थी। मीटिंग में जोशी ने आश्वासन दिया है कि पंजाब के गोदामों में पड़ा 120 लाख मीट्रिक टन चावल 31 मार्च तक उठा दिया जाएगा।
मीटिंग में तय हुआ है कि किसी शेलर को अगर किसी जगह अनाज अलॉट होता है, लेकिन बाद उसे स्टेशन से अनाज उठाने के आदेश होते है, , तो इस दौरान होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार की तरफ से उठाया जाएगा।
बठिंडा की रमन गोयल को हाईकोर्ट से राहत नहीं:अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई, अदालत ने खारिज कर याचिका
बठिंडा की रमन गोयल को हाईकोर्ट से राहत नहीं:अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई, अदालत ने खारिज कर याचिका बठिंडा में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नगर निगम बठिंडा के मेयर के पद से हटाई गई रमन गोयल के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिका खारिज कर दी है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में बुधवार को सुनवाई थी, इसमें हाईकोर्ट ने तत्कालीन मेयर को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया और पूर्व में जरनल हाउस की तरफ से पारित अविश्वास प्रस्ताव को सही ठहराते उनकी तरफ से उठाई आपत्ति को खारिज कर दिया। इस तरह से नगर निगम में पिछले 9 माह से मेयर को लेकर चल रही अनिश्चितता का माहौल भी समाप्त हो गया है। इससे पहले नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर अशोक कुमार मेयर का कार्यकारी पदभार संभाल रहे थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद नए मेयर का चयन करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। 15 नवंबर को लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव इससे पहले स्थानीय निकाय विभाग ने भी नगर निगम अधिकारियों को हिदायत दी थी, कि जब तक मामला कोर्ट के विचाराधीन है तब तक यथास्थिति को बनाए रखे और नए मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को अमल में लाने से गुरेज करे। गौरतलब है कि बीती 15 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए मेयर पद से हटाई गई रमन गोयल ने इस फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी दी थी। उन्होंने अदालत में उक्त प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग रखी थी। इसे लेकर 8 माह से हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मेयर की याचिका पर सुनवाई करते दूसरे पक्ष को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने नहीं दिया स्टे ऑर्डर हाईकोर्ट की तरफ से किसी तरह का स्टे ऑर्डर जारी नहीं किया गया था। मामला अदालत में चलने के कारण नगर निगम में नए मेयर के चयन को लेकर पूरी प्रक्रिया अगले आदेश तक अमल में नहीं लाई जा रही थी। इस बाबत पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से निगम अधिकारियों को जारी किए गए एक पत्र में भी आग्रह कर दिया था।
शादी से मना किया तो सिंगर ने एनआरआई के पिता की हत्या की, बोला- माफ करना
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