भास्कर न्यूज| लुधियाना सर 15-20 स्ट्रे डॉग्स का झुंड रिहायशी इलाके में घूमता रहता है। स्कूल से आने और बच्चों के सड़क पर होने के दौरान डर बना रहता है। यह कभी भी हमला कर देते हैं, जिससे शहरवासी काफी परेशान हैं। इनके आतंक से कब छुटकारा मिलेगा। यह बात रविंद्र सिंह निवासी सेक्टर 32ए ने नगर निगम कमिश्नर से कही। उन्होंने नगर निगम कमिश्नर और प्रशासन से स्ट्रे डॉग्स पर कार्रवाई की मांग की। भले ही कोर्ट ने स्ट्रे डॉग्स को लेकर नगर निगम को सख्त हिदायतें जारी की हो, लेकिन नगर निगम स्ट्रे डॉग्स को लेकर योजना बनाने में नाकाम रहा है। स्ट्रे डॉग्स का झुंड रिहायशी इलाकों में शहरवासियों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। वाहनों के पीछे स्ट्रे डॉग्स दौड़ने से हादसे का खतरा बना रहता है। चंडीगढ़ रोड, सेक्टर 32 ए, राजगुरुनगर, हैबोवाल, मॉडलटाउन, सराभानगर, पक्खोवाल रोड आदि क्षेत्रों में स्ट्रे डॉग्स के झुंड घूमते रहते हैं जो सड़क से आने जाने वाले पर कभी हमला कर देते हैं। निवासियों ने बताया कि दिसंबर 2023 में लुधियाना के हैबोवाल इलाके में सुनील पार्क में स्ट्रे डॉग्स ने 4 साल की बच्ची पर हमला किया था। बच्ची अकेले ही गली से अपने घर की ओर जा रही थी। इस दौरान चार से पांच स्ट्रे डॉग्स के झुंड ने बच्ची पर हमला किया था और उसे प्लॉट में घसीटकर ले गए थे। स्ट्रे डॉग्स के काटने के कारण बच्ची के शरीर पर कई जगह जख्म हो गए थे। इस हादसे के बाद भी लोगों ने नगर निगम ने स्ट्रे डॉग्स पर कार्रवाई करने की मांग उठाई थी लेकिन निगम अफसरों के आदेश हवाई साबित हुए। भास्कर न्यूज| लुधियाना सर 15-20 स्ट्रे डॉग्स का झुंड रिहायशी इलाके में घूमता रहता है। स्कूल से आने और बच्चों के सड़क पर होने के दौरान डर बना रहता है। यह कभी भी हमला कर देते हैं, जिससे शहरवासी काफी परेशान हैं। इनके आतंक से कब छुटकारा मिलेगा। यह बात रविंद्र सिंह निवासी सेक्टर 32ए ने नगर निगम कमिश्नर से कही। उन्होंने नगर निगम कमिश्नर और प्रशासन से स्ट्रे डॉग्स पर कार्रवाई की मांग की। भले ही कोर्ट ने स्ट्रे डॉग्स को लेकर नगर निगम को सख्त हिदायतें जारी की हो, लेकिन नगर निगम स्ट्रे डॉग्स को लेकर योजना बनाने में नाकाम रहा है। स्ट्रे डॉग्स का झुंड रिहायशी इलाकों में शहरवासियों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। वाहनों के पीछे स्ट्रे डॉग्स दौड़ने से हादसे का खतरा बना रहता है। चंडीगढ़ रोड, सेक्टर 32 ए, राजगुरुनगर, हैबोवाल, मॉडलटाउन, सराभानगर, पक्खोवाल रोड आदि क्षेत्रों में स्ट्रे डॉग्स के झुंड घूमते रहते हैं जो सड़क से आने जाने वाले पर कभी हमला कर देते हैं। निवासियों ने बताया कि दिसंबर 2023 में लुधियाना के हैबोवाल इलाके में सुनील पार्क में स्ट्रे डॉग्स ने 4 साल की बच्ची पर हमला किया था। बच्ची अकेले ही गली से अपने घर की ओर जा रही थी। इस दौरान चार से पांच स्ट्रे डॉग्स के झुंड ने बच्ची पर हमला किया था और उसे प्लॉट में घसीटकर ले गए थे। स्ट्रे डॉग्स के काटने के कारण बच्ची के शरीर पर कई जगह जख्म हो गए थे। इस हादसे के बाद भी लोगों ने नगर निगम ने स्ट्रे डॉग्स पर कार्रवाई करने की मांग उठाई थी लेकिन निगम अफसरों के आदेश हवाई साबित हुए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पटियाला में इलेक्ट्रानिक डिवाइस चोर गिरोह का खुलासा:सीआईए टीम ने पकड़े 8 चोर, 16 साल से मेंटेनेंस करता था मास्टर माइंड 16 साल तक मोबाइल टावर की मेंटेनेंस का काम करने वाले ने शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने के लिए टॉवर से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चोरी करना शुरू कर दिया। इस अपराध को अंजाम देने के लिए आरोपी ने अपने साथ अन्य लोगों को भी जोड़ लिया। पटियाला पुलिस ने इस गिरोह के 8 सदस्यों को तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए कीमत के चोरी किए हुए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सहित अरेस्ट किया है। एसएसपी पटियाला वरुण शर्मा ने बताया कि सीआईए स्टाफ के इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह और उनकी टीम ने इस गिरोह को पकड़ा है। अरेस्ट किए गए आरोपियों से चोरी करने के लिए तैयार किया गया टूल किट, हेलमेट और अन्य उपकरण रिकवरी किए हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड सुभाष अरेस्ट किए गए आरोपियों में शामिल सुभाष कुमार निवासी सारन बिहार गिरोह का मास्टरमाइंड है, जो इन दिनों राजपुरा के श्याम नगर इलाके में रह रहा था। इसके अलावा दादा चौहान कॉलोनी राजपुरा के रहने वाले जितेंद्र कुमार, ग्वालियर, मध्य प्रदेश के रहने वाले नवाजिश मौजूदा निवासी राजपुरा, राजपुरा के रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ जस्सी बठिंडा के गांव मेहता के रहने वाले हरबंस सिंह, हरियाणा के सिरसा जिला के गांव पनीवाला के रहने वाले भिंदा सिंह यूपी के जिला बिजनौर के गांव बाजितपुर के रहने वाले मोहित कुमार उर्फ मोनू राजपुरा के रहने वाले गौरव सूद उर्फ दीपू को गिरफ्तार किया गया है। 100 मीटर की ऊंचाई पर जाकर निकालते थे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एसएसपी ने बताया कि सुभाष कुमार साल 2004 से लेकर 2020 तक मोबाइल टावर की मेंटेनेंस का काम करता था। जिस वजह से उसे जानकारी थी कि टावर पर बीटीएस और आरआरयू नामक दो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगे होते हैं, जो मोबाइल टावर की रेंज को कंट्रोल करते हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की कीमत लाखों रुपए में होती है। इन डिवाइस को चोरी करने के लिए आरोपियों ने टूल किट, हेलमेट, कटर, सेफ्टी जैकेट वगैरह तैयार किया। जिसके बाद आरोपी जसविंदर सिंह, भिंदा सिंह, हरबंस और मोहित टावर के ऊपर 100 मीटर ऊंचाई पर जाने के बाद इन डिवाइस को निकाल लाते थे। इन सभी आरोपियों ने पटियाला, राजपुरा, फरीदकोट, अबोहर, फाजिल्का, बठिंडा से 60 से अधिक मोबाइल टावर से यह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चोरी किए हैं। इन लोगों से रिकवर की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की कीमत तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए बनती है। विदेश में भेजते थे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अरेस्ट किया गया आरोपी नवाजिश खान कबाड़ी का काम करता है जो इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को खरीदने वाले लोगों को संपर्क करता था। जिसके बाद इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रिफ्रेश करने के बाद इन्हें ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए विदेश में बेच रहा था। इस पूरे गिरोह को राजपुरा रोड स्थित गांव कौली के अंडर ब्रिज से अरेस्ट किया गया है।
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सिद्धू के समर्थन में आए SC के वकील:HS फुल्का बोले- नवजोत सिद्धू ने सही कहा, आहार ही सबसे अच्छी दवा पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी डॉ. नवजोत कौर के कैंसर का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से करने के दावे पर डॉक्टरों के खंडन किया था। अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील HS फुल्का ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का धन्यवाद भी किया है कि उन्होंने अपने इस संघर्ष का अनुभव लोगों के साथ शेयर किया। सीनियर वकील एचएस फुल्का ने कहा- नवजोत सिद्धू सही कह रहे हैं, आहार ही सबसे अच्छी दवा है। हमने कोविड को भी सिर्फ आहार से ही ठीक किया। कोई एलोपैथी दवा नहीं ली। यह सिर्फ तब नहीं है, जब आप बीमार हों। बल्कि अपने नियमित आहार को ऐसा बनाए कि वह दवा की तरह काम करें और शरीर को फिट रखें। फुल्का बोले- सिद्धू ने अपना अनुभव साझा किया, मैंने अपना आगे फुल्का ने कहा- नवजोत अपना अनुभव साझा कर रहे हैं और मैं अपना अनुभव साझा कर रहा हूं। कैसे आहार ने हमें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने और दवा से बचने में मदद की है। यह उन लोगों के लाभ के लिए है जो इस पर विश्वास करते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने में आहार की भूमिका सर्वविदित और प्रलेखित है। सुबह की चाय से दिन की शुरुआत करना शरीर के लिए ज़हरीला होता है। हम दिन की शुरुआत पानी और फिर नींबू और फिर फलों से करते हैं। फलों के बाद ही चाय पीनी चाहिए। हर नैचुरोपैथी की किताब में यही बताया गया है। सुबह की इस दिनचर्या से आधा काम हो जाता है। ज्यादा चीनी, मैदा, रिफाइंड तेल, तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें। इनके बिना भी खाना बहुत स्वादिष्ट बन सकता है। क्षारीय रक्त को बनाए रखने के लिए आहार में 5 से 7 भाग फल और सब्जियां शामिल करें। शरीर में खुद को ठीक करने की शक्ति होती है। दवा का इस्तेमाल आखिरी उपाय होना चाहिए पहले नहीं। इस पर कई किताबें हैं जिनका उल्लेख नवजोत सिंह सिद्धू ने भी किया है। खुद पर और अपने शरीर की ताकत पर और खुद को ठीक करने की शक्ति पर भरोसा रखें। सिद्धू दंपती ने आयुर्वेद से इलाज का किया गया दावा डॉ. नवजोत कौर ने कहा था कि डॉक्टर होते हुए मैं यही समझती थी कि इलाज पहले है और आयुर्वेद सबसे बाद में। मुझे लगता था कि मैं बीमार हूं और मुझे कोड़ी-कोड़ी चीजें देने लग गए। कुछ समय बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं ये चीजें खाने लगी। मेरा वेट कम होना शुरू हो गया। शरीर में जो फुलावट थी, वो ठीक होने लगी। मैं 30 किलो वजन कम कर चुकी हूं। हमें ठीक होने के बाद भी फॉलो करनी है। अगर मेरा पेट स्कैन हो गया, इसका मतलब ये नहीं कि मैं ठीक हो गई। वो सैल हमारे शरीर में ही होते हैं। उन्हें दोबारा पनपने से रोकना है। ये लाइफ स्टाइल चेंज करने का तरीका है, जिसे मैं फॉलो करती हूं। सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल ने जारी की एडवाइजरी नवजोत सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल को एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के दावों को खारिज किया। इस एडवाइजरी को टाटा मेमोरियल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सीएस परमेश ने खुद अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस एडवाइजरी में लिखा- सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पूर्व क्रिकेटर ने अपनी पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बारे में जानकारी दी है। इस वीडियो में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद, चीनी छोड़ने और हल्दी और नीम का सेवन करने से उनकी पत्नी का कैंसर ठीक हो गया। इन दावों के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। हल्दी, नीम, या अन्य घरेलू उपायों के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल पर स्टडी जारी है। हालांकि, इनसे कैंसर ठीक होने का कोई क्लिनिकल डेटा उपलब्ध नहीं है। हम जनता से अपील करते हैं कि इन असत्यापित घरेलू उपचारों का पालन करने से पहले सही चिकित्सा सलाह लें। कैंसर के लक्षण दिखने पर योग्य डॉक्टर या कैंसर विशेषज्ञ से संपर्क करें। कैंसर का इलाज प्रारंभिक अवस्था में पता लगने और प्रमाणित पद्धतियों (सर्जरी, कीमोथैरेपी, और रेडिएशन) के माध्यम से संभव है।
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